डेस्क : समानांतर पुल बनाने वाली चयनित एजेंसी की नारजगी को दूर करने के लिए अब मिनिस्ट्री स्तर से बातचीत चल रही है. दिल्ली में मंत्रालय के अधिकारियों व एजेंसी के लोगों के साथ एक बैठक भी हो चुकी है. यह बैठक बेनतीजा रही. फिर एक दूसरी बैठक की अब तैयारी की जा रही है. ठेका एजेंसी अगर मान गयी, ताे समानांतर पुल निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होगा. नहीं तो फिर से रिटेंडर किया जायेगा.
इस वजह से फंसा हैं पेंच
इस वजह से फंसा हैं पेंच
हाल के कुछ दिन पहले मिनिस्ट्री ने ठेका एजेंसी से वर्क प्लान भी मांगा था. इसके बाद से यह पेच में फंस गया है. इस ठेका एजेंसी को वर्क ऑर्डर पहले ही जारी कर दिया गया है. लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस (LOA) भी साइन हो चुका है. सिर्फ चयनित एजेंसी के साथ ही एग्रीमेंट होना बाकी है. समानांतर पुल का निर्माण 994.31 करोड़ रुपये की लागत से ही होना है. दोबारा टेंडर में जुलाई माह में एसपी सिंघला चयनित हुए हैं. समानांतर पुल विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर पूर्व की दिशा में बनना है. यह पहले की तरह ही 29 मीटर चौड़ी एवं 4.455 Km लंबी बननी है.
पेच में फंसने से अब निर्माण में होगी देरी
पेच में फंसने से अब निर्माण में होगी देरी
यह पुल 1460 दिनों में यानी 4 साल में तैयार होना था मगर, पेच में फंसने से अब देरी भी होगी. जबकि, यह तय हुआ था कि पुल बनाने के बाद अगले 10 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एजेंसी की ही होगी.
मुद्दे पर बोले अधिकारी …
मुद्दे पर बोले अधिकारी …
पुल बनाने के मुद्दे पर अधिकारियों का कहना है कि चयनित एजेंसी ने सीधे तौर पर पुल बनाने से इनकार नहीं किया गया है. वह हाइकोर्ट तक चली गयी है. एजेंसी के साथ दिल्ली में एक बैठक भी हो चुकी है. जल्द ही इसका निस्तारण निकाल लिया जायेगा. चार माह में सभी तरह की दिक्कतें भी दूर हो जायेगी-