सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था

एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सदर अस्पताल की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने को लेकर पिछले 1 महीने से लगातार सदर अस्पताल बिहारशरीफ जिर्णोधार काम चल रहा है,ताकि यहां इलाज कराने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना करना ना पड़े। हालांकि बिहार शरीफ सदर अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त तो की जा रही है लेकिन यहां डॉक्टरों की कमी हमेशा देखी रही है। तभी तो सोमवार को डॉक्टर की कमी का उदाहरण भी देखने को मिला। गौरतलब है कि सरमेरा थाना क्षेत्र इलाके में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक मजदूर मोहम्मद शमशेर आलम की मौत हो गई। बताया जाता है कि मोहम्मद शमशेर सरमेरा से काम करके अपने घर चेरो लौट रहा था इसी दौरान सरमेरा बिहटा स्टेट हाईवे पर अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई।। सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद उसे बिहार शरीफ सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। जहां अस्पताल की लचर व्यवस्था के कारण इनके परिजन को करीब 6 घंटे तक पोस्टमार्टम के लिए इंतजार करना पड़ा। कभी इस कार्यालय तो कभी उस कुर्सी के चक्कर काटते काटते कई घंटे बीत गए। तब जाकर मोहम्मद शमशेर का पोस्टमार्टम किया गया और उसके परिजनों को शव सौंपा गया।

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