डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66 वीं महापरिनिर्वाण दिवस पर कैंडल मार्च निकाला गया।

बिहारशरीफ के पचासा गांव में 6 दिसंबर को संध्या समय में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के बैनर तले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 66वीं महापरिनिर्वाण दिवस पर कैंडल मार्च निकाला गया सर्वप्रथम पचासा गांव में स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित तथा मोमबत्ती जला कर कैंडल मार्च निकाला गया जो पचासा गांव के हर गली से गुजर कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर समाप्त किया एंव सभा में तब्दील हो गया।कैंडल मार्च निकालने का उद्देश्य था, कि सोए हुए बहुजन को जगाना एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के संदेशों को जन जन तक पहुंचाना।

इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश उपाध्यक्ष एवं फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वरत्न संविधान रचयिता शिल्पकार अर्थशास्त्री राजनीतिज्ञ महामानव बोधिसत्व दलित शोषित के मसीहा थे। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू इंदौर में हुआ था।

इनका मानना था कि शिक्षा से ही सामाजिक परिवर्तन एवं जनकल्याण हो सकता है इसलिए उन्होंने शिक्षा का संदेश दिया। 20 वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिंतक तेजस्वी लेखक यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माण करता है विधि विशेषज्ञ एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।बाबा साहब के संघर्ष के बदौलत ही आज हम सबको संविधानिक रुप से समानता का अधिकार मिला है वह समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। इनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1955 को नईदिल्ली में हो गई थी तब से इस मौके पर पूरे देश में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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इस कैंडल मार्च में सामाजिक कार्यकर्ता बलराम दास डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश सचिव नंदलाल रविदास जिला उपाध्यक्ष लालती देवी जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार जिला महासचिव रंजीत कुमार चौधरी अधिवक्ता आशुतोष कुमार शशिकांत कुमार नवल रविदास सुशील कुमार तरुण रविदास जग दर्शन पिंकी रविदास उषा देवी शर्मिला देवी अन्य ग्रामीण जनता शामिल थे।

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