नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने जातिगत जनगणना के मामले में पटना हाईकोर्ट के निर्णय को स्वागत योग्य बताया है। भाजपा-आरएसएस के सहयोगी संगठनों द्वारा बदनीयती से इसमें अडंगा लगाने का भरसक प्रयास किया गया है, परन्तु माननीय न्यायालय के समक्ष यह औंधे मुँह गिर गया। सांसद ने कहा कि हम माननीय न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हैं। यह निर्णय निश्चित ही बिहार के दलित, शोषित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, गरीब व वंचित समाज के हित में निर्णय सिद्ध होगा। माननीय न्यायालय के इस निर्णय से बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सोच को और बल मिलेगा उनकी दूरदर्शी सोच से बिहार के लोगों को जहां लाभ होगा वहीं देश के लिए यह मिसाल और मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले दिनों में अन्य राज्य भी इसका अनुकरण करेंगे। इतिहास साक्षी है जो पहले बिहार ने किया वही अन्य राज्यों ने भी बिहार मॉडल एवं नीतीश मॉडल को अपनाया।
क्योंकि हमारा देश जातिगत समाज है। संख्या बल ही समाज में उस जाति के अस्तित्व का निर्धारण करता है। यह संविधान की मूल व्यवस्था और भावना में भी निहित है। अगर देश में अजा/अजजा/ओबीसी और जनरल कैटेगरी की जाति आधारित जनगणना कर आँकड़े जुटा लिए जाएं, तो आगे यह आसान होगा कि आरक्षण व्यवस्था एवं अन्य सरकारी सुविधाओं में किसी कैटेगरी की अनेदेखी तो नहींे की जा रही है। इससे सारी स्थिति साफ हो जायेगी और किसी प्रकार का जो दुविधा (कंफ्युजन) लोगों में हो रहा है वह समाप्त हो जायेगा। इससे सरकार को योजना बनाने में भी सहायता मिलेगी। इसलिए माननीय न्यायालय के निर्णय का मैं तहेदिल से स्वागत करता हूँ।