चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने महेंद्र यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष रखने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि कोशी नदी के बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने बताया कि कोसी पीड़ित विकास प्राधिकार का गठन 30 जनवरी,1987 को किया गया।लेकिन ये अबतक कागज पर ही दिख रहा है। कोर्ट ने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से कई बार जवाब तलब किया, लेकिन इसका कोई स्पष्ट जवाब अब तक नहीं दिया गया।
उन्होंने बताया कि कोसी नदी के बाढ़ से बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति होती रही है।ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पीड़ित जनता को मुआवज़ा, खाद्य सामग्री एवं अन्य जरूरत की चीजें मुहैय्या कराई जानी चाहिए थी, लेकिन राज्य सरकार इसमें असफल रही ।