मीरगंज को स्मैक मुक्त करना नए थानाध्यक्ष के लिए हो सकता है चुनौतीपूर्ण

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पूर्णियाँ/रौशन राही

 बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी के बाद शराब की होमडिलीवरी पर प्रशासन के द्वारा भले नकेल कस दिया गया हो । परन्तु विगत वर्षों से स्मैक से मीरगंज थाना क्षेत्र के दर्जनो जगहों पर स्मेक के करोबारी फल फूल रहे हैं । जिसपर शिकंजा कसना काफी चुनौतीपुर्न साबित होगा। स्मैक के लत में अधिकांश युवा दिन-रात चोरी डकैती में संलिप्त रहते हैं। विगत महीने में मीरगंज थाना क्षेत्र के दर्जनों जगहों पर चोरी व बाइक छीनने गोली चलने का मामला मीरगंज थाना में दर्ज हो चुका है

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नशे के आदि युवा नशा के लिए अपराध की चरम सीमा को पार करने पर उतारू होते हैं इस बात की पुष्टि विगत दिनों पुर्णिया एसपी आमिर जावेद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी मीडिया को कहा। हालांकि वरीय पुलिस पदाधिकारी द्वारा शिकायत मिलने पर थानाध्यक्ष या अन्य पुलिसकर्मी का तबादला तो कर दिया जाता है । परन्तु थाना के अंदर जो प्राइवेट कर्मी मौजूद होते हैं कहीं न कहीं उसके द्वारा इन नशेड़ियों का संगठन फलता फूलता रहता है। ये प्राइवेट कर्मी वाहन चालक के रूप में थाना का गाड़ी चलाते हैं जिसे गश्ती के दरम्यान हर तरह की गतिविधियों का पता रहता है। जो फोन के माध्यम, मैसेज के माध्यम से इन धंधेबाजों को अलर्ट कर देते हैं 

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जिससे धंधेबाज आसानी से नशीली पदार्ध का जहर युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में सफल होते रहे हैं। स्मैक के धंधेबाज स्मैक की होमडीलीवरी स्कूली छात्रों को प्रलोभन देकर करते हैं। डिलीवरी छात्र धीरे-धीरे स्माइक मेन बन जाता है। जिससे आमजनों को काफी परेशानी होती है। इन तमाम तथ्यों पर स्थानीयों बुद्धिजीवियों का मानना है की नशे की इस महाजाल को खत्म करना मीरगंज के नए थानाध्यक्ष अरविन्द कुमार के लिए चुनोतिपूर्ण रहेगा ।

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