नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। किसी भी क्षेत्र के विकास का आईना सड़क होती है। सड़क अच्छी हो तो घंटों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है सड़क गड्ढों से भरा हो तो मिनटों का सफर घंटे लगते हैं।
एक ओर सरकार गड्ढामुक्त सड़क होने का निरंतर दावा करती हैं लेकिन सरकार द्वारा किये जा रहे दावों के विपरीत धरातल पर यह असली नजारा रामघाट-रामपुर पथ का हैं। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारियों व विभाग की नजरों से ओझल होने से यह सड़क अपनी बदहाल स्थित पर आंसू बहाते हुऐ मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण की बाट जोह रहा है।
रंजीत कुमार, मनीष कुमार, रामाशीष प्रसाद, रविशंकर कुमार, जितेंद्र चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि रामघाट-रामपुर मार्ग बेहद ही जर्जर हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण दहशत के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं। बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
रामघाट-रामपुर पथ से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन गया है। देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो गया है और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा हैं। मजबूरी में जनता इस बदहाल सड़कों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर है।
खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं। पर वे भी पद में आने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। इस मार्ग पर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलते हैं। जहां यात्री व चालक यात्रा के पहले भगवान को याद करते हैं।
वहीं अधिकारी भी सड़क की हालत से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की उपेक्षा से यह साबित हो जाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।
ये गांव हो रहे प्रभावितः रामघाट-रामपुर से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे लोदीपुर, जागो बिगहा, कुकहरिया, बमपुर, रामपुर, अजयपुर, लक्ष्मी बिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस मार्ग पर पिछले वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है।
बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं।
बाइक चालक तो गढ्ढे में फसने के बाद गिर जाते हैं, जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थित में वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
पंचायत समिति सदस्या के लिखत शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कार्रवाईः इस संबंध में रामपुर पंचायत समिति सदस्या सुशील कुमारी ने कहा कि कार्यपाल अभियंता आर,डब्लू,डी हरनौत को जनवरी में ही पत्र लिखकर सड़क मरम्मत कराने का आग्रह किया गया था लेक़िन दस माह बीत जाने के बाद भी अबतक सड़क मरम्मत कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक द्वारा भी सड़क मरम्मत करने को लेकर विभाग को लिखा गया लेकिन सिर्फ़ हरनौत व चंडी प्रखंड के ग्रामीण सड़कों का ही चयन किया गया। नगरनौसा प्रखंड के एक भी सड़को का चयन नहीं किया गया।
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