नालंदा से जुड़ा PFI का तार, SDPI से विधायकी लड़ चुका शमीम अख्तर फरार, अतहर की एक और तस्वीर आई सामने

नालंदा: पटना के फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र से पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के पास से मिले दस्तावेज के अनुसार इस मामले के तार नालंदा से जुड़ चुका है। समाजसेवा के नाम पर लोगों को गुमराह कर एक अच्छा खासा नेटवर्क तैयार करने वाला आरोपित सोहसराय थाना क्षेत्र के मोहम्मद वसीम उद्दीन के पुत्र शमीम अख्तर है। जिसके बाद आईबी की स्पेशल टीम (IB Investigation in Nalanda) ने शमीम के घर पर पहुंचकर जांच भी की. हालांकि शमीम की गिरफ्तारी नहीं हो सकी, क्योंकि वो घर पर मौजूद नहीं था.

फुलवारी शरीफ थाना पुलिस ने जांच करते हुए कई और लोगों को आरोपित किया है. FIR के तीसरे नंबर में नालंदा मुख्यालय के बिहारशरीफ स्थित सोहसराय थाना क्षेत्र के मोहम्मद वसीम उद्दीन के पुत्र शमीम अख्तर का नाम भी सामने आया है. फिलहाल वह फरार है. इस बीच अतहर परवेज और शमीम अख्तर की एक तस्वीर भी सामने आई है। 

NALANDA REPORTER

एसडीपीआई के नाम पर समाज सेवा कर लड़ा चुनाव

एसडीपीआई के एक मामूली कार्यकर्ता से राज्य स्तर पर पार्टी का नेतृत्व करने वाला शमीम अख्तर ने पहले एनआरसी में सक्रियता दिखा लोगों के बीच पैठ बनाई फिर कोरोना काल में जरूरतमंदों के बीच लाखों का राशन बांट खुद को रहनुमा के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की। हालांकि समाज के कुछ लोगों ने उसके मंसूबे पर पानी फेर दिया। बाद में शमीम अख्तर ने 2020 में विधान सभा चुनाव लड़ा जिसमें वह हार गया। शमीम अख्तर को देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि वह देश के खिलाफ साजिश रच रहा होगा।

इससे पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान इसका नाम काफी सुर्खियों में रहा था. कई बार सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में इसकी अहम भूमिका रहती थी. वर्तमान में यह एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष पर कार्यरत है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. इसकी गिरफ्तारी के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा. शमीम 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है जिसमें उसकी हार हुई थी.

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पेंटागन टावर मामले में भी जुड़ चुका है तार

बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व कागजी मोहल्ले से एक संदिग्ध आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य को आईबी की टीम ने गिरफ्तार किया था. इसके पूर्व अमेरिका में 2011 सितंबर में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन टावर पर हुए आतंकी हमले का भी तार बिहारशरीफ से जोड़ा गया था, क्योंकि गिरफ्तार आरोपी का पासपोर्ट बिहारशरीफ के एक साइबर कैफे से नकली दस्तावेज के आधार पर बनाया गया था.

10 जून 2022 को शमीम अख्तर के नेतृत्व में बिहारशरीफ के बड़ी दरगाह स्थित मैदान से भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नूपुर शर्मा (Noopur Sharma) के खिलाफ जुलूस निकाला था. इस दौरान शमीम अख्तर ने इस्लामिक झंडे के साथ-साथ एसडीपीआई (Social Democratic Party of India) के झंडे के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरे शहर में जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया था. यह भी कहा जा रहा है कि शमीम ने कई विवादित बयान भी दिए थे.

26 लोगों पर दर्ज हुई है FIR

आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वाले पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 और संदिग्ध हैं जो लोगों को बरगलाने का काम करते थे. उनमें पहला नाम शमीम अख्तर का ही है. जिन 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें शमीम अख्तर के अलावा रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसिफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-ऊर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब अलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जिशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकिन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), शामिल हैं, जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.

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नालन्दा जिले के सोहसराय थाना इलाक़े के खासगंज मोहल्ला निवासी शमीम अख्तर नालंदा जिले में SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) का कर्ताधर्ता है।

वह पूर्व में बिहार शरीफ विधानसभा से विधायक का चुनाव भी लड़ चुका है। हाल ही में नूपुर शर्मा के विवादित ब्यान के बाद शहर प्रदर्शन का वह नेतृत्व कर चुका है। शमीम एसडीपीआई का बिहार-झारखंड में बड़ा काम संभालता है। कई वर्षों से शमीम बिहारशरीफ में सक्रिय है।

अंदर ही अदंर पार्टी की जमीन मजबूत कर रहा था शमीम

अपनी बोली व व्यवहार से पहले शमीम ने लोगों का दिल जीता। युवाओं की सोच को बदलकर एसडीपीआई की सोच को थोपा। अंदर ही अंदर उसने पार्टी को नालंदा में मजबूत किया। इसके बाद अपनी समाजसेवा के बदले में विधान सभा चुनाव में वोट देने की अपील की लेकिन कुछ खास नहीं कर सका। 

SDPI का प्रदेश अध्यक्ष शमीम अख्तर

जब से आतंकी संगठन का भंडाफोड़ हुआ है तब से वह गायब हो गया है। उसके आवास पर सन्नाटा पसरा है। स्थानीय पुलिस भी इस मामले में कोई जानकारी से अनभिज्ञता जता रही है।

सूत्रों की माने तो आतंकी संगठन के भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में बिहारशरीफ पहुंची थी। हालांकि वह घर पर नहीं मिला। पटना पुलिस के द्वारा फुलवारी शरीफ में दर्ज कराए गए एफआईआर में सूबे के अलग-अलग शहरों के 26 लोग नामजद आरोपित बनाये गये हैं।

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दर्ज एफआईआर में गौर करने वाली बात यह है कि गिरफ्तार दो आरोपितों के बाद एफआईआर में तीसरा नाम शमीम का ही है। ऐसा लगता है कि इस पूरे प्रकरण में उसकी बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है। फिहलाल जिले के अधिकारी इस मामले में कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं।

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थाना में दर्ज है कई मामले

इसके ऊपर कई थानों मे 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमे नालंदा जिले के सोहसराय पुलिस स्टेशन के कांड संख्या -07/2016, 87/17, लहेरी थाना मे कांड संख्या -300/17, कटिहार नगर थाना मे कांड संख्या – 838/19 दर्ज हैं।

इनमे शमीम के खिलाफ हत्या के प्रयास,सरकारी अधिकारियों को काम करने से रोकने,धार्मिक भावना आहत करने व कई अन्य मामले दर्ज है। कटिहार में भी इसके ऊपर मामला दर्ज है।

हत्या के प्रयास से जुड़े 3 आरोप (आईपीसी धारा-307), चोरी की सजा से संबंधित 2 आरोप (आईपीसी धारा-379), आपराधिक धमकी के लिए सजा से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा -506), खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुँचाने से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-324), शील भंग करने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-354), लोक सेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाने से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-332), जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों से संबंधित 1 आरोप, जिसका उद्देश्य धार्मिक भावनाओं या किसी भी वर्ग को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है (आईपीसी धारा -295 ए) मुख्य रूप से है।

Source – ABP News, Dainik Bhaskar

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