नालंदा जिले के आठ ब्लॉक के प्रखंड सह अंचल भवनों के दिन बहुरने वाले हैं। यहां इन भवनों के साथ ही अधिकारियों व कर्मियों के आवास बनाने की स्वीकृति सरकार ने दी है। इसके आलोक में जिला विकास शाखा ने संबंधित सीओ को पत्र भेजकर जमीन की तलाश करने का आदेश दिया है।
कहाँ-कहाँ होगा निर्माण
प्रखंड सह अंचल कार्यालय व आवास का निर्माण हरनौत, अस्थावां, रहुई, इस्लामपुर, चंडी, थरथरी, करायपसुसराय व गिरियक में कराया जाना है। इन स्थानों के प्रखंड ह अंचल कार्यालय काफी जर्जर हो चुके हैं। आवास के भी खस्ता हाल हो गये हैं।
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संबंधित सीओ से जमीन की पूरी विवरणी यथा मौजा, खाता नम्बर, खेसरा नम्बर, खेसरावार रकबा (एकड़ में) तथा नजरी नक्शा की मूल प्रति मांगी गयी है। जिला विकास शाखा का कहना है कि आठों सीओ को पांच साल से जमीन की तलाश के लिए कई पत्र लिखे जा चुके हैं। बावजूद, वे पत्र का उचित जवाब नहीं दे रहे हैं।
होगी सहूलियत: रहुई, हरनौत समेत अन्य कई प्रखंडों के जर्जर भवनों को मरम्मत कराकर किसी तरह कार्यालय चलाए जा रहे हैं। रहुई में बरसात में हाकिमों व कर्मियों के कमरों में पानी टपकता है। इसके कारण फाइल बचाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रखंड के कर्मियों के रहने के लिए जर्जर भवन झाड़ियों में तब्दील हो चुका है।
आवास नहीं रहने की वजह से कर्मी मुख्यालय में नहीं रह पाते हैं। ऐसे में प्रखंड व अंचल कार्यालय में काम से आने वाले लोगों को भी दिक्कत होती है। कभी-कभी स्थिति यह बन जाती है कि कई कर्मी समय से पहले ही दफ्तर छोड़ देते हैं।
45 सौ वर्ग फीट में बनना है भवन
कार्यालय के भवन व कर्मियों की आवास निर्माण के लिए 300 मीटर लंबी और 150 फीट चौड़ी जमीन की जरूरत होती है। लगभग 17 करोड़ की लागत से भवन निर्माण कराया जाना है। इधर सभी प्रखंड के भवन जर्जर होने से कर्मियों में भय का माहौल बना रहता है। बरसात में जगह-जगह से पानी टपकने से कर्मियों को परेशानी होती है।
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