पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बियारपुर पंचायत में सोमवार की रात्रि एक मामले में पंचायत के मुखिया व सरपंच ने एक आदिवासी मजदूर के ऊपर तुगलकी फरमान जारी कर दिया और उन्हें गांव में ही पंचायत कर तीन लाख रुपया का जुर्माना उनके सर पर थोप दिया गया। इतना ही नहीं उस गरीब मजदूर को एक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए पेड़ से बांधकर पहले तो बुरी तरह पिटाई की उसके बाद उन तुगलकी फरमान जारी करते हुए तीन लाख का जुर्माना भी ठोक दिया गया। जिसके एवज में सरपंच के लोगों ने उस गरीब मजदूर के दरवाजे पर से एक भैंस को खोल कर ले आया जिसका ओने पौने दाम लगाकर चालीस हजार रुपया तथा दस हजार रुपया नगद भी वसूल लिया गया है। और उन्हें जबरदस्ती एक बॉन्ड पेपर पर हस्ताक्षर भी करवा लिया गया है। और शेष रुपया के लिए दवाब भी बनाए हुए हैं
अब सवाल यह उठता है कि आखिर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को यह अधिकार किसने दिया कि वह एक हत्या के मामले में पंचायत कर तीन लाख की राशि का जुर्माना वसूलने ? आखिर यह कानून को अपने हाथ में लेने का दुस्साहस कैसे किया, यह एक सवाल है । इस संबंध में पीड़ित बियारपुर पंचायत के उचितपुर संथाली टोला निवासी राजू टूडू ने बताया कि 25 जुलाई को समय करीब 10 बजे मैं उचितपुर मनीलाल मरैया के दुकान पर कचिया का धार कराने हेतु गया था। वहां मैंने दो कचीया का धार कराने उसे देकर अपने घर चले आए। मनीलाल मरैया बोला की दो घंटा के बाद अपना कचिया ले जाना। उस समय मनीलाल मरैया शराब पीए हुए था। दो घंटे के बाद मनिलाल फोन करके बोला की तुम्हारा कचिया बन चुका है लेकर जाओ। मैं मनिलाल के दुकान से कचिया लेकर अपने काम पर चले गए और पहुआ खेत में पटुआ काट रहे थे
तभी लगभग चार बजे चार से पांच व्यक्ति मेरे खेत पर आया और बोला कि मुखिया, सरपंच एवं पंच, वार्ड सदस्य बुला रहा है। उन लोगों के साथ हम चले गए। वहा पहुंचने के बाद मैंने देखा कि वियारपुर के मुखिया एवं सरपंच एवं पंच के सहयोगि व अन्य लोग बैठे हैं, और उनलोगों ने षडयंत्र कर मुझपर आरोप लगाया कि तुमने ही मनिलाल को दारू पीला कर मार दिया है। और हमे रस्सी से बांध कर बुरी तरह मारने लगा और बोला तीन लाख रुपया तुमको जुर्माना लगेगा तो हत्या के केस से बचा लेगे, नही तो तुम्हे हत्या के केस में फंसा देगे और तुम्हें जेल जाना होगा। मैं और मेंरी पत्नी व बच्चा सभी ने उपस्थित पंचों से न्याय की भीख मांगी। लेकिन किसी ने भी एक नहीं सुना और जबरदस्ती हत्या का आरोप मेरे ऊपर लगा दिया गया । जब कि इस हत्या से मेरा कोई भी लेना देना नहीं है। वहीं मेरे घर से सरपंच का आदमी भैंस खोलकर ले गया तथा दस हजार रूपया भी लिया और जबरन झूठा कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिया
और शेष रुपया देने का दबाव बना रहा है। कहा कि अगर तुम रुपया नहीं दिए तो घर द्वार तोड़ देंगे और गांव से निकाल देंगे। उन्होंने कहा कि हाल के पंचायत चुनाव में मैने वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ा था, जिसमें मैंने मुखिया और सरपंच का विरोध किया था। आज उन्हीं के बदला लेने के लिए मुझे षड्यंत्र रच कर फंसाने का काम कर रहा है। इसलिए मैंने इसको लेकर मुफस्सिल थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं मुफस्सिल थानाध्यक्ष संतोष कुमार झा ने बताया कि मामले को लेकर आवेदन मिला है, मामले की छानबीन की जा रही है।