पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : राज्य को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में बिहार का पहला फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर, पूर्णिया स्थित ओपीडी में काम करने लगा है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा, महाविद्यालय के अधीक्षक डॉ वरुण कुमार ठाकुर, जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ दिलीप कुमार झा, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक एवं डीपीओ चंदन कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से फ़ीता काटकर गुरुवार को इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर जीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ भरत कुमार, वीडीसीओ रवि नंदन सिंह, कालाजार सलाहकार सोनिया मंडल, कार्यालय सहायक रामकृष्ण, सिफार की डीसी ज्योति प्रिया सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे
एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा खाने के लिए किया जाएगा प्रेरित: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने कहा कि जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया संक्रमण को रोकने के लिए दवा खिलाई जाती है। फाइलेरिया के मरीजों को बेहतर सुविधा एवं क्लीनिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार द्वारा बिहार के सभी जिलों में मार्डीबिलिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी (एमएमडीपी) प्रीवेंशन क्लिनिक खोलने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। इसके आलोक में राज्य का पहला फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ किया गया है। फाइलेरिया के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए बिहार के चर्चित अभिनेता मनोज वाजपेयी के साथ वीडियो बनाया गया है। जिसमें एमडीए कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को नि:शुल्क दवा सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया है
सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक फाइलेरिया क्लिनिक रहेगा कार्यरत: डॉ आरपी मंडल
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपांव) मरीजों की देखभाल के लिए जीएमसीएच के ओपीडी में राज्य का पहला जिला स्तरीय रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारंभ किया गया है। यहां प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक हाथीपांव के मरीज अपना सलाह, उपचार एवं सफाई को लेकर जानकारी ले सकते हैं। ओपीडी के निचले तल पर कार्यरत क्लिनिक में अभय कुमार, सदानंद राय एवं मनीष कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है। ज़िले में 6 हजार 247 फाइलेरिया मरीज को चिन्हित किया गया हैं। वही 1 हजार 498 हाइड्रोसील के मरीज को चयनित किया गया है। यहां ऑपरेशन की व्यवस्था जल्द ही शुरू होने वाली है। हाथीपांव एवं हाईड्रोसिल दोनों फाइलेरिया के ही लक्षण होते हैं।