लाइव सिटीज पटना: जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. जिसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया, यह बेहद पीड़ादायक है. साथ ही अपने ऊपर लगे आरोप पर आरसीपी सिंह ने चुनौती देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं वो आरोप को सिद्ध करें. जेडीयू में जीरो टॉलरेंस की बात सिर्फ बयानों में है.
जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ लोगों से घिर गए हैं. नीतीश कुमार का काम सिर्फ भूंजा खाना है. 2010 तक ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास किया. 2010 के बाद फालतू की बातों में नीतीश कुमार उलझ गए हैं. वहीं आरसीपी सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत नहीं कि वह मेरे सामने बोलें. मेरा व्यक्तित्व ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जैसा नहीं है. साथ ही आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ उससे ज्यादा दुख नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया यह बेहद पीड़ादायक है.
दरअसल जदयू ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह के परिवार ने 9 साल में 58 प्लॉट खरीदा है. नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है खरीदी गई ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों (लिपि सिंह, लता सिंह) के नाम पर है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि सब कुछ का इलाज हो सकता है, ईर्ष्या का नहीं. आज मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन है उसके सारे दस्तावेज हैं. इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र है.
बता दें कि शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई. उमेश सिंह कुशवाहा ने सिंह को पत्र में लिखा है कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे नेता (नीतीश कुमार) भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं. वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं. लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है. पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी.
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