तत्कालीन तौर पर नगर निगम द्वारा चकरसलपुर में बिहार शरीफ नगर निगम का कचरा गिराया जा रहा था। यह एक तत्कालीन व्यवस्था है जिसमें कि जब तक कोई भूमि चिन्हित नहीं हो जाती तब तक नगर निगम द्वारा यहां पर नगर क्षेत्र का कचरा गिराया जाएगा।
इसी क्रम में 15 अगस्त के करीब कुछ लोगों के द्वारा नगर निगम के कार्य में बाधा डालना उत्पन्न कर दिया। इस विषय को लेकर के नगर निगम के पदाधिकारी, अंचल अधिकारी बिहारशरीफ एवं थानाध्यक्ष दीपनगर ने लोगों के साथ बैठक कर उन्हें समझाने का प्रयास किया।
बाधा डालने वाले लोगों को भी समझाया गया कि उपद्रव ना फैलाएं और किसी भी तरह से सरकारी काम में बाधा ना डालें। अगर किसी को किसी भी तरह की समस्या है, तो वह परिवाद के साथ पदाधिकारी से इसका शिकायत कर सकते हैं। जिसके आलोक में अग्रेतर कार्रवाई की जा सकेगी। परंतु वहां पर कुछ उपद्रवी तत्वों ने कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश की एवं उनके द्वारा सरकारी कर्मियों से दुर्व्यवहार किया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने थाना अध्यक्ष को निर्देश दिया कि उपद्रव तत्वों को चिन्हित कर उन पर धारा 107 के तहत कार्रवाई की जाए। उक्त आरोप में थाना अध्यक्ष, दीपनगर ने 7 लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव दिया।
नोटिस तमिला के बावजूद जब कल नगर निगम के कर्मचारी वहां पर कचरा गिराने के लिए गए तब फिर से उपद्रवी तत्व द्वारा उन्हें तंग और परेशान किया गया। जिसके आलोक में वहां पर पुलिस बल को भेजा गया। जिसका नेतृत्व नगर प्रबंधक, अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष कर रहे थे।
घटना की पुष्टि होने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने वैसे सभी व्यक्ति जिन पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी, उन सभी को हिरासत में लेते हुए उन्हें बंद पत्र भरवाने का निर्देश दीपनगर थाना अध्यक्ष को दे दिया।
हिरासत में आने के बाद आज दिनांक 24/08/2022 को उन दो व्यक्तियों द्वारा बंधपत्र भरा गया एवं उनके द्वारा क्षमा मांगी गई। उनके द्वारा अनुमंडल न्यायालय में अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष उनको भरोसा दिलाया गया, आगे से किसी भी तरह से इस तरह के कार्य में संलिप्त नहीं होंगे और किसी भी सरकारी काम में बांधा नहीं डालेंगे। उन्होंने अपने अधिवक्ता द्वारा एक आखरी मौका देने के लिए विनती की।
एक आखरी मौका देते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने उन सभी से ₹300000 का निजी बंध पत्र भरवाया, और चेतावनी दी कि अगर दोबारा ऐसी शिकायत आती है तो बंद पत्र को एग्जीक्यूट कर दिया जाएगा।
ज्ञातव्य हो कि अगर चकरसलपुर में नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्य में फिर से अगर यह बाधा डालते हैं तो उन्हें ₹300000 का जुर्माना भरते हुए 1 साल के अवधि के लिए जेल में अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर बिताना पड़ सकता है।