लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार पर BJP हमलावर है. अब तो बीजेपी नेता यह भी कहने लगे हैं कि दो विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के बाद तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को हटाकर खुद CM बनने जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव राजनीतिक पिता के पुत्र हैं वो भी समझ रहे हैं कि बिहार में कौन-कौन नेता घात लगाए बैठा है. जीवेश मिश्रा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मोकामा और गोपालगंज का उपचुनाव होने दीजिए. इसके बाद देखिएगा तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे.
सीएम नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पर पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि उनके सहयोगी यही चाहते हैं कि नीतीश कुमार कुमार अभी लोटा कटोरा लेकर देश में निकल जाए अपने को प्रधानमंत्री बनाने के लिए और उनके पार्टी के कुछ लोग भी ऐसा ही चाह रहे हैं. जैसे उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हम मंत्री नहीं मुख्यमंत्री पद के काबिल हैं. जीवेश मिश्रा ने कहा कि राजद की मंशा होना स्वाभाविक भी है. कायदे से देखा जाए तो बहुमत के करीब हैं. 115 विधायकों के साथ तेजस्वी यादव इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं. चार विधायक यदि जीतन राम मांझी का ले लिया जाए तो 119 होता है. एक सुमित सिंह 120 होता है. कायदे से 120 के आंकड़े पर खड़े हैं. जरा मोकामा का चुनाव हो जाने दीजिए उसके बाद हो ना हो तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री हो जाए वह बहुमत से महज दो सीट पीछे हैं.
इससे पहले बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने भी कहा है कि दो विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के बाद तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को हटाकर खुद CM बन जाएंगे. उनका कहना है कि उपचुनाव के बाद बिहार की राजनीति की तस्वीर पूरी साफ हो जाएगी. अगर राजद की जीत हुई तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता. वहीं इन चर्चाओं ने कहीं ना कहीं जदयू की टेंशन भी बढ़ा दी है. ये तो हुई बयानबाजी लेकिन सियासी गणित के हिसाब से ऐसा संभव भी है. आने वाले दिनों में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं. अगर ये दो सीट आरजेडी के खाते में आ जाता है तो वह बहुमत के करीब पहुंच जाएंगे.
बता दें कि उपचुनाव में राजद अगर मोकामा और गोपालगंज, दोनों सीटों पर चुनाव जीतती है तो विधायकों की कुल संख्या 81 हो जाएगी. वहीं आरजेडी के साथ कांग्रेस के 19, माले-12, सीपीआई-2, सीपीएम-2 और एआईएमआईएम-1 विधायक हैं. इस तरह से यह संख्या 117 पर पहुंच रही है. 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 122 विधायकों का समर्थन रहना जरूरी है. यानी तेजस्वी यादव बहुमत से सिर्फ 5 विधायक कम हो रहे हैं. ऐसे में अगर जीतनराम मांझी की पार्टी हम के 4 और निर्दलीय-1 विधायक मिल जाते हैं तो सरकार बनाने के लिए जदयू के 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी. यानि कि तब तेजस्वी यादव बिहार में बिना जदयू-भाजपा के सहयोग के भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं. ऐसे में बीजेपी नेताओं के दावों में दम नजर आ रहा है. हालांकि इसकी उम्मीद कम ही है कि तेजस्वी यादव ऐसा कुछ करेंगे.
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