पटना: पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह को मिलेगी सजा?, सुनवाई पूरी, बस कुछ ही समय में आएगा फैसला

लाइव सिटीज पटना: लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे कार्तिक सिंह की गुरुवार को अपहरण के एक मामले में कोर्ट में पेशी हुई. हालांकि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे. उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया. व्यवहार न्यायालय दानापुर पटना के ADJ 3 श्री सत्यनारायण शेवहारे के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. बताया जा रहा है कि आज शाम 4:00 से 4:30 के बीच फैसला आ सकता है. दरअसल दानापुर कोर्ट ने कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए 1 सितंबर तक राहत दी थी.

अपहरण मामले में पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह की सुनवाई पूरी हो गई है. कार्तिक सिंह की ओर से सरकारी वकील ने अपनी बात रखने का समय मांगा. जज ने उन्हें आज शाम तक अपनी बात रखने का समय दिया है. कोर्ट ने जजमेंट सुरक्षित रखा है. सरकारी वकील की बात सुनने के बाद शाम 4:00 से 4:30 के बीच जज अपना फैसला सुनाएंगे. इससे पहले 16 अगस्त को ही कार्तिक सिंह को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वो बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के 12 अगस्त की आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.

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दरअसल विवादों में घिरने के बाद कार्तिक़ सिंह को बुधवार को कानून मंत्री पद से हटाकर गन्ना विभाग दिया गया, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री कार्तिक सिंह ने बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. बिहार में महागठबंधन की सरकार में कानून मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कार्तिक कुमार ने 22 दिन बाद नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के करीबी कार्तिक कुमार साल 2014 के अपहरण के एक मामले में आरोपी हैं. इस केस को लेकर आज दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई.

बता दें कि नीतीश मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनते ही कार्तिक सिंह विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. दरअसल 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिक सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया था. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

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