जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने मामलें को गंभीरता से लेते हुए बेगूसराय के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि इस संवेदनशील मामले पर किशोर न्याय अधिनियम और पोक्सो अधिनियम के प्रावधान और अभिलेखों के आधार पर उचित कार्रवाई करें ।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यदि यह प्रथम दृष्टया मामला बनता है ,तो जिला बाल कल्याण के सदस्यों ,बालिका गृह के पदाधिकारी, बच्ची की जांच करने वाली चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए।
कोर्ट ने कहा कि अभिलेखों से स्पष्ट होता है कि इस मामले में संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदार थे ।
कोर्ट ने अधिवक्ता विक्रम देव सिंह को पीड़ित बच्चे के हित में न्यायालय को उचित सहायता प्रदान करने के लिए “एमिकस क्यूरी” के रूप में नियुक्त किया है । इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर,2022 को होगी।