डेस्क : देश के पुलिसिया सिस्टम में पिछले कई सालों से कई बदलाव भी हुए हैं. सिस्टम कुछ हद तक ऐसा बदला भी है लेकिन इसके बाद भी अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पुलिस कुछ केसेज में FIR यानी फर्स्ट इनफॉर्मेश रिपोर्ट को दर्ज करने से ही मना कर देती है.
भारतीय कानून के तहत हर आम नागरिक को कुछ ऐसे अधिकार भी दिए गए हैं जिनका प्रयोग करके वो FIR दर्ज न होने की स्थिति में शिकायत दर्ज करा सकता है. अगर पुलिस आपकी FIR को फाइल करने से मना कर देती है तो आपके पास उसके बाद भी अपनी FIR को दर्ज कराने के कई रास्ते हैं. आज हम आपको बताते हैं कि अगर पुलिस आपकी FIR दर्ज नहीं करती है तो आप क्या कर सकते हैं.
बिना एफआईआर के नहीं होगी कार्रवाई :
बिना एफआईआर के नहीं होगी कार्रवाई : जब भी कोई अपराध होता है या किसी तरह की कोई भी दुर्घटना घटित होती है तो सबसे पहले उस घटना की पूरी जानकारी आपको पास के पुलिस स्टेशन में देनी होती है. इसे हम First Information Report या FIRकहते हैं.FIR यानी वो लिखित दस्तावेज जिसे पुलिस जानकारी मिलने पर दर्ज करती है और फिर इसपे एक्शन लेती है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस रिपोर्ट को तैयार करती है. जब तक घटना या किसी अपराध की FIR नहीं दर्ज होगी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है.
एफआईआर दर्ज न हो तो क्या करें :
एफआईआर दर्ज न हो तो क्या करें : कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास अपनी शिकायत को लिखित या मौखिक तौर पर ही दर्ज करवा सकता है. हर बन्दे को इस बात का अधिकार है. लेकिन अक्सर ही पुलिस ऐसा करने से इनकार कर देती है. अगर पुलिस कभी आपकी शिकायत को दर्ज करने से इनकार भी कर देती है तो आपके पास अधिकार है कि आप किसी सीनियर पुलिस ऑफिसर के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
अगर इसके बाद भी FIR दर्ज नहीं होती है तो आप CRPC के सेक्शन 156 (3) के तहत मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत करने के अधिकारी भी हैं. आपकी शिकायत पर मजिस्ट्रेट पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने का अधिकार रखते हैं.यदि कोई अधिकारी आपकी FIR लिखने से मना करता है या FIR दर्ज नहीं करता है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार उन पर एक्शन भी लिया जा सकता है.