भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं शिक्षक रहे सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर शिक्षक दिवस का आयोजन नालंदा कॉलेज के विभिन्न विभागों के द्वारा किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में विशेषकर महिला शिक्षा के लिए काम करने वाली एवं भारत की पहली महिला शिक्षिका के रूप मे प्रशिद्ध सावित्री बाई फुले के योगदान पर विमर्श करने के लिए इनके नाम पर स्टडी सर्किल की भी शुरुआत की गई। स्टडी सर्किल के कन्वेनर डॉ भावना ने इस मौके पर उनके योगदान को रेखांकित करते हुए महिला शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख वाहक बताया। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने इस अवसर पर सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा की हम शिक्षकों पर आज ज्यादा जिम्मेवारी बढ़ गयी है
की बदलते परिवेश में अपने छात्रों को समाज और देश की प्रगति में कैसे प्रासंगिक बनाये रखा जाए। इस अवसर पर शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ मंजु कुमारी, सचिव डॉ रतनेश अमन एवं अन्य शिक्षकों में डॉ श्याम सुंदर प्रसाद, डॉ प्रभास कुमार, डॉ शशांक शेखर झा, डॉ श्रवण कुमार, डॉ शाहिदुर् रहमान, डॉ सुमित कुमार, डॉ उपेन मंडल ने भी छात्रों को संबोधित किया। राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं ने भी शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के लिए सम्मान समारोह को आयोजित किया। इस अवसर पर बोलते हुए विभागाध्यक्ष डॉ बिनीत लाल ने सभी छात्रों को धन्यवाद देते हुए कहा की शिक्षक राष्ट्र पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं
पर इस प्रयास में विद्यार्थियों का योगदान ज्यादा महत्वपूर्ण है। स्टडी सर्किल की शुरुआत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा की भारत के महापुरुषों के नाम पर उनके जीवन एवं दर्शन पर विमर्श हो इसके लिए छः विभिन्न स्टडी सर्किल बनाये गए हैं जिसका आज पहला कार्यक्रम था। इसके अलावे शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार, बीसीए एवं एमसीए विभाग में समनवयक डॉ शशांक शेखर झा, बीबीएम एवं एमबीए विभाग में समन्वयक डॉ चंद्रिका प्रसाद, पुस्तकालय विभाग में समन्वयक डॉ श्याम सुंदर प्रसाद, अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आरपी कछवे ने अपने विभाग में शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों को संबोधित किया।