एक कुशल शिक्षक के हीं जरिए शिक्षा और मानवता के गुण की बुनियाद रखी जा सकती है क्योंकि शिक्षा और मानवता के गुण के वगैर मनुष्य का जीवन अधूरा है। उक्त बातें शारदा वोकेशनल कॉलेज व माई छोटा स्कूल पटेल नगर सोहसराय के संस्थापक डॉ एसके शर्मा ने कॉलेज परिसर में आयोजित शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा नन्हे मुन्ने बच्चे को शिक्षा प्रदान करना तथा उन्हें आसपास के वस्तुओं से परिचित करवाना एवं उसे व्यवहार में लाए जाने के लिए सिखाना निश्चित तौर पर सराहनीय एवं प्रशंसनीय कार्य जिसे यहां के सभी शिक्षिका गण बखूबी रूप से निभा रहे हैं ये सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
मौके पर संस्थान के निदेशक सिया शरण सिंह एवं संस्थान संरक्षक राणा रणजीत कुमार ने संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि किसी के व्यक्तित्व या भविष्य को सही मोड़ देने में गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है। एक गुरु ही इंसान को जीवन का सही मार्ग चुनने की समझ दे सकता है। इसी के जरिए सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचा जा सकता है। यही वजह है कि हमारे देश में शिक्षकों का सम्मान है और उन्हें माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है। गुरु की अहमियत को बतलाने के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब शिक्षक से देश के सर्वोत्तम पद राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया, तब कुछ लोगों ने उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी।
इस पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने से बेहतर है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। इसी के बाद से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाए जाने का चलन है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रीति रंजन एवं मंच संचालन प्रबंधक नवीन कुमार ने किया मौके शिक्षिका विशाखा भारती, श्रुति कुमारी, सुनंदा भारती,और समीक्षा भारती एवं मंजू देवी आदि सभी मौजूद थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर मंगलाचरण के साथ किया गया मौके पर केक काटे गए। संस्थान संस्थापक डॉ एसके शर्मा की ओर से सभी अतिथियों समेत प्राचार्य शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को पुष्पगुच्छ एवं डायरी कलम भेंट कर सम्मानित किया गया । मौके पर शिक्षार्थी आर्यन ,शंकर,शिवा, आकृति ,अंजलि ,राखी, दिव्यांशु, प्रिंस, सत्यम आदि ने गीत, कविता, चुटकुले आदि के माध्यम से खुब तालियां बटोरी और लोगों को हंसाया।