पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : कालाजार उन्मूलन अभियान को लेकर जिले के 13 प्रखंडों के चयनित गांवों में सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) कीटनाशक दवा का छिड़काव कार्य सोमवार से शुरू हो गया। इसके साथ ही कालाजार से बचाव को लेकर जागरूक करने के उदेश्य से विशेष रूप से प्रचार प्रसार भी चलाया जाएगा। फ़िलहाल ज़िले में कालाजार के मरीज़ों की संख्या मात्र 24 है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया की ज़िले के बायसी प्रखंड को कालाजार मुक्त घोषित किया गया है। वहां पर कालाजार एक भी मरीज नहीं है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के अलावा केयर इंडिया व पीसीआई के अधिकारी अपने-अपने स्तर से लगे हुए हैं। ज़िले के ईट भठ्ठा, दलित, महादलित व झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी कालाजार से बचाव के लिए ख़ास तौर से जागरूक किया जा रहा है
कालाजार छिड़काव अभियान का विधिवत उद्घाटन रानीपतरा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सीएस डॉ एसके वर्मा, डीएमओ डॉ आरपी मंडल, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह, पूर्णिया पूर्व पीएचसी के एमओआईसी डॉ शरद कुमार एवं बीएचएम विभव कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रवि नंदन सिंह, जिला वेक्टर जनित सलाहकार सोनिया मंडल, राम कृष्ण परमहंस सहित कई अन्य कर्मी उपस्थित थे
दो महीने तक चलने वाले अभियान में 81 टीमें करेगी 296 गांवों में छिड़काव: डॉ आरपी मंडल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया कि सिंथेटिक पैराथायराइड छिड़काव के लिए 1457389 जनसंख्या वाले क्षेत्रों में 81 टीम बनाए गए हैं। एक टीम में 6 सदस्यों को शामिल किया गया है। 5 सितंबर से 12 नवंबर तक चलने वाले इस छिड़काव अभियान के लिए 296 राजस्व गांवों का चयन किया गया है। वर्ष 2019 में 157, 2020 में 88, 2021 में 79 जबकि जून 2022 तक जिले में कालाजार के मात्र 24 मरीज को चिन्हित किया गया है
छिड़काव से पहले आशा कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि हमलोग पर्व त्योहार जैसे: दीपावली, छठ पर्व या शादी समारोह के दौरान जिस तरह से अपने घरों एवं आसपास में सफ़ाई करते हैं, ठीक उसी तरह से सफाई करने की आवश्यकता है। घर के आसपास या अगल-बगल में मवेशियों को रहने के लिए बनाए गए स्थान, बथान, दलान या नाले की सफाई को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छिड़काव से पहले संबंधित गांव की आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से छिड़काव से पहले व बाद में बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों को जानकारी दी गयी है और आगे दी जायेगी। ज़िले के बनमनखी, धमदाहा, बी कोठी प्रखंडों में विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।