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  • भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर आयोजित शिक्षा दिवस कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

    पटना, 11 नवम्बर 2022। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर आयोजित शिक्षा दिवस कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि आज शिक्षा दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। हमलोगों ने वर्ष 2007 में स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षा दिवस मनाने की शुरूआत बिहार से की। जब राज्य में हमलोगों ने इसकी शुरुआत की तो उसके बाद केंद्र सरकार से भी हमलोगों ने अनुरोध किया कि इसे शुरु किया जाए। उस समय के मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने इसे स्वीकार किया और वर्ष 2008 से पूरे देश में इनके जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा ।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के दौरान स्व० मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी। समाज में आपसी एकता को बनाए रखने में उनका योगदान था। वे हिंदुस्तान और पाकिस्तान बंटवारा के खिलाफ थे। उस समय जो माहौल पैदा हो रहा था उसमें वे हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे। गांधी जी भी हिन्दु-मुस्लिम एकता के लिये काम कर रहे थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। देश की आजादी के बाद जब सरकार बनी तो मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को देश का प्रथम शिक्षा मंत्री बनाया गया । शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम हुआ है सब उन्हीं की देन है। देश को एकजुट करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विकास के लिये कई कदम उठाये गये। शिक्षकों की बहाली की गयी, नये-नये संस्थानों की स्थापना की गयी। कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाये गये। मुझे प्रसन्नता हो रही है कि आज यहां इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लड़कियां मौजूद हैं।

    पोशाक योजना, साईकिल योजना की शुरुआत कर लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया गया। बड़ी संख्या में लड़कियां स्कूल जाने लगीं और आज लड़कों के बराबर लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो रही हैं। सरकार में आने के बाद जब हमने अध्ययन कराया तो पता चला कि साढ़े 12 प्रतिशत बच्चे और बच्चियां स्कूल नहीं जाते हैं। मुस्लिम समुदाय और महादलित समुदाय के बच्चे इसमें सबसे ज्यादा थे, उसके बाद इनके लिए पढ़ने का इंतजाम हमलोगों ने कराया। अब 0.5 प्रतिशत से भी कम बच्चे-बच्चियां स्कूल से बाहर हैं लेकिन हमारा लक्ष्य है कि सभी पढ़ें।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वे से जानकारी मिली कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 और बिहार का प्रजनन दर भी 2 है लेकिन पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है। वर्ष 2011-12 में बिहार का प्रजनन दर 4.3 था जो घटकर आज 2.9 पर आ गया है। लड़कियाँ पढ़ेंगी तो राज्य का प्रजनन दर 2.9 से घटकर 2 पर आ जायेगा। लड़कियों को शिक्षित करने के लिये कई इंतजाम किये गये हैं।

    मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अन्तर्गत जन्म से स्नातक तक हर लड़की को पढ़ने के लिये 54 हजार 100 रुपये दिया जाता था लेकिन उसको बढ़ाकर 94 हजार 100 रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम तो एक पिछड़ा राज्य हैं लेकिन राज्य में विकास के कई काम किये जा रहे हैं। हर घर तक पक्की गली नाली का निर्माण, शौचालय का निर्माण, हर घर नल का जल पहुंचाने का काम किया गया। हम आप शिक्षकों से कहेंगे कि आपलोग स्कूल जायें और बच्चों को ठीक से पढ़ायें। जो शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं उन पर कार्रवाई करें। अभी सबसे अधिक खर्च शिक्षा पर किया जा रहा है। बजट का 21 प्रतिशत तक पढ़ाई पर खर्च हो रहा है।

    हमलोग 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर खर्च करेंगे। हमलोगों ने लड़कियों के पढ़ने के लिए पूरी व्यवस्था कर दी है। इंजीनियरिंग, मेडिकल के क्षेत्रों में लड़कियों के लिये एक तिहाई सीट आरक्षित कर दिया गया है। लड़कियां पढ़ेंगी तो प्रजनन दर कम होगा और अपने बच्चों को भी शिक्षित कर पाएंगी। स्कूलों में तीन से आठ वर्ग के बच्चों के लिये ‘बापू की पाती’ तथा 9 से 12 वर्ग के बच्चों के लिये ‘एक था मोहन’ पुस्तक बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ताकि बापू के बारे में बच्चे-बच्चियां ठीक से जान सकें। जिस प्रकार बापू के बारे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है उसी प्रकार उसी प्रकार मौलाना आजाद की कहानी भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। कभी-कभी देश में लोग झगड़ा पैदा करना चाहते हैं। जब आप बापू और मौलाना आजाद के बारे में लोग जानेंगे तो आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल रहेगा।

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    हमने कहा था बिहार में आई0आई0टी0 बनना चाहिए और उस समय के मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने इस पर काम कराया और उसके लिए हमलोगों ने जमीन उपलब्ध कराया था। श्रद्धेय अटल जी की सरकार में हम मंत्री थे उस वक्त हमने एन0आई0टी0 के लिये उस समय के मानव संसाधन मंत्री श्री मुरली मनोहर जोशी जी से कहा था और उन्होंने इसे स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि सब चीज लोग भूलते जा रहे हैं, नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी सभी चीजों की जानकारी नई पीढ़ी को मिले। नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी बिहार में किये गये कामों को लोग जानेंगे, आजादी की बातों को भी लोग जानेंगे। सबको एक दूसरे के साथ मिलकर चलना चाहिए। आपस में मिल्लत के साथ रहना चाहिए। आपस में प्रेम और भाईचारे का भाव रखें। पुनः मैं स्व० मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

    कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व० मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के जीवन पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री स्व० मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को स्कूल की छात्रा ने हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया तथा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार ने मुख्यमंत्री को पुस्तकों का सेट भेंटकर उनका स्वागत किया।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘बेस्ट प्लस ऐप’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने डी०बी०टी० के माध्यम से वर्ष 2022-23 के लिए छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन राशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री ने बिहार स्वच्छ विद्यालय 2022-23 पुरस्कार पोर्टल का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ‘बिहार स्वच्छ विद्यालय 2022-23 पुरस्कार’ मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। डॉ० मनेन्द्र कुमार और डॉ० रेखा कुमारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘दे बेसिक्स ऑफ एनिमल बिहेवियर का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। बैगलेस सुरक्षित शनिवार मार्गदर्शिका का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। कार्यक्रम में ‘बैगलेस सुरक्षित शनिवार पर आधारित एक लघु फिल्म तथा ‘अभिभावक – शिक्षक संगोष्ठी, 20 अक्टूबर 2022 पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।

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    कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो० चंद्रशेखर, विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह, प्रसिद्ध पत्रकार श्री दारेन शाहिदी ने भी संबोधित किया।

    इस अवसर पर विधान पार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति श्री गिरीश कुमार चौधरी, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति श्री के०सी० सिन्हा, शिक्षा विभाग के सचिव श्री असंगवा चुवा आओ, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक श्री मनोज कुमार, उच्च शिक्षा के निदेशक डॉ० रेखा कुमारी, बिहार राज्य शिक्षा बोर्ड एवं प्रशिक्षण के निदेशक श्री संजय आर्य, प्राथमिक शिक्षा के निदेशक श्री रवि प्रकाश, शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्री सतीश चंद्र झा सहित अन्य पदाधिकारीगण, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं ।

  • ये है देश की पहली CNG एसयूवी, महज ₹25,000 में करें बुकिंग, जानें – फीचर्स और माइलेज..


    डेस्क : कार लवर्स के लिए अच्छी खबर है। यदि आप सीएनजी कार लेने की सोच रहे हैं तो आपके के टोयोटा ने एक कार लॉन्च की है। इस सीएनजी कार का नाम Glanza CNG है। इसके अलावा कंपनी एक Toyota Urban Cruiser Hyryder लॉन्च करने जा रही है। सीएनजी किट के साथ आने वाली यह भारत की पहली मिडसाइज एसयूवी होगी। ऐसे में यह CNG वैरिएंट ग्राहकों को एक बेहतर विकल्प देगा।

    कंपनी ने इस गाड़ी की बुकिंग भी शुरू कर दी है। ग्राहक 25,000 रुपये की टोकन राशि के साथ वाहन को बुक किया जा सकते हैं। कंपनी ने कहा है कि सीएनजी वेरिएंट सिर्फ 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आने वाला है। टोयोटा के मुताबिक यह एसयूवी सीएनजी किट के साथ 26.10 किमी/किलोग्राम का माइलेज देने वाली है।

    ये है फीचर

    ये है फीचर

    टोयोटा ने यह भी खुलासा किया है कि Hyyder CNG एसयूवी के मिड-स्पेक S और G ट्रिम्स में पेश की जाएगी। जी ट्रिम फुल-एलईडी हेडलैंप, 17-इंच अलॉय व्हील, 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, एम्बिएंट लाइटिंग और साइड और कर्टन एयरबैग जैसी सुविधाओं के साथ आता है। Hyyder CNG के बाद Maruti अपनी Grand Vitara का CNG वर्जन भी लॉन्च कर सकती है।

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  • जयकवाड़ी में पानी का संचार नहीं होने से प्यासी पड़ी फसलें; शुरुआती सीजन में बंद हुई गन्ने की खेती

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: पथरी तालुका प्रतिनिधि

    बारिश का मौसम खत्म हुए तीन सप्ताह हो चुके हैं। इस दौरान पथरी (जिला परभणी) तालुक में रबी फसलों की बुवाई ने गति पकड़ ली है। लेकिन जयकवाड़ी के पानी पर निर्भर गन्ना किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. चूंकि कार्य क्षेत्र में सभी चीनी मिलें चालू नहीं हैं, गन्ना काटने तक गन्ने को पानी देना आवश्यक है, लेकिन हम गन्ने की फसल को खेत में कैसे उगा सकते हैं क्योंकि जयकवाड़ी द्वारा पानी के संचलन की कोई योजना नहीं है। विभाग? यह सवाल स्थानीय किसानों ने पूछा है।


    इस साल जयकवाड़ी के जलग्रहण क्षेत्र में शुरू से ही भारी बारिश के चलते जयकवाड़ी बांध अगस्त से पहले ही ओवरफ्लो हो गया. इसलिए गन्ना किसानों के साथ-साथ किसान रबी सीजन में मूंगफली, गेहूं आदि फसलों की कटाई के लिए तैयार हैं। फिलहाल रबी सीजन में ज्वार और चना की बुवाई अंतिम चरण में है और बुवाई चल रही है। आ गया है। तो किसान गेहूं बोने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा, मानसून समाप्त हुए तीन सप्ताह बीत चुके हैं और खेत में गन्ने की फसल को पानी की सख्त जरूरत है। पिछले साल गन्ना जाम होने के कारण गन्ने की कटाई देर से हुई थी। . इस गन्ने की खेती अभी कुछ महीने और करनी है, लेकिन कार्य क्षेत्र की सभी फैक्ट्रियां शुरू नहीं होने के कारण गन्ना अभी खेत में खड़ा है. इसमें से अधिकांश गन्ना किसानों द्वारा जयकवाड़ी के जल चक्र पर लगाया जाता है। अब जब इन सभी गन्ने को गाद में जाने तक पानी देना जरूरी हो गया है, तो जलचक्र छोड़ने को लेकर जयकवाड़ी विभाग की ओर से कोई हलचल नहीं है. समय पर पानी नहीं मिला तो गन्ने का वजन काफी कम हो जाएगा और किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। इस बीच, किसान वर्तमान में तालुका के शेत शिवारा में पूर्व-मौसम गन्ने की खेती की तैयारी कर रहे हैं, और इस खेती के लिए, पानी के संचलन की आवश्यकता है। स्थानीय किसान सवाल करने लगे हैं कि संबंधित विभाग कब जल चक्र जारी करने की योजना बनाएगा।

    जल चक्र जारी करने के लिए जहां किसानों का मांग आवेदन होना भी उतना ही जरूरी है, वहीं किसानों से मांग आवेदन संबंधित विभाग को देना भी जरूरी है. इसके अलावा जयकवाड़ी विभाग की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पानी के आवेदन को स्वीकार करने के लिए जरूरी व्यवस्था किसानों तक नहीं पहुंच पाई है, इसलिए किसानों और संबंधित विभाग के बीच तालमेल नहीं हो पा रहा है.


    जल योजना को लेकर विभाग की 14 नवंबर को बैठक होने की संभावना है और इस बैठक में जलसंचार को लेकर फैसला लिया जा सकता है. यह जानकारी जयकवाड़ी सिंचाई पथरी अनुमंडल पदाधिकारी पवार ने दी है.


  • भाजपा नेता हत्याकांड में पुलिस को मिली सफलता 2 गिरफ्तार

    मनीष कुमार / कटिहार

    भाजपा नेता संजीव मिश्रा हत्या के मामले में पुलिस को प्रारंभिक सफलता मिल गया है, कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कुल 11 लोगों को इस मामले में नामजद अभियुक्त बनाया गया है और इसमें 2 आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है प्रारंभिक जांच में मामला आपसी दुश्मनी से जुड़ा हुआ लग रहा है हालांकि पुलिस पॉलिटिकल हत्या

    और अन्य सभी बिंदुओं पर जांच कर रही हैं। आरक्षी अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने भरोसा देते हुए कहा कि जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा उधर घटना के बाद बड़े नेताओं का उनके घर तक पहुंचने का सिलसिला जारी हैं

    पूर्व डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद पीड़ित परिवार के घर पहुंच कर जल्द सभी आरोपियों के गिरफ्तारी का मांग किया हैं। पूर्व डिप्टी सीएम ने हत्या के पीछे पीएफआई कनेक्शन का भी आशंका जताते हुए प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग किया है।

  • सिविल सर्जन ऑफिस के प्रधान लिपिक का 50 हजार रूपए घुस मांगते वीडियो हुआ वायरल

    किशनगंज /सिटिहलचल न्यूज़

    बिहार में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है बावजूद इसके सरकारी बाबू सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित प्रधान लिपिक उमेश चौधरी का है जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल मामला सील किए गए एक्सरे सेंटर को खोलने का लाइसेंस से जुड़ा हुआ है। जिसके एवज में प्रधान लिपिक के द्वारा 50 हजार रुपए बतौर नजराना मांगा गया. जिसका वीडियो संचालक के द्वारा बना लिया गया और वायरल कर दिया गया। वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है

    सिविलसर्जन कार्यालय में प्रधान लिपिक उमेश चौधरी कार्यरत है. प्रधान लिपिक उमेश चौधरी के द्वारा एक्सरे संचालक से 50,000 रुपए घूस मांग रहे है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। यह मामला ठाकुरगंज प्रखंड पौवाखाली स्थित मरधुब डिजिटल एक्सरे से जुड़ा हुआ है. हालांकि सिविल सर्जन इस मामले को दबाने में लगे है. इस एक्सरे दुकान में बिना लाईसेंस के मरीजों का एक्सरे किया जाता था। जब जांच टीम ने जांच किया तो एक्सरे संचालन से संबंधित को कागजात नहीं मिलने के कारण एक्सरे दुकान को सील कर दिया गया। इसी एक्सरे दुकान के लाइसेंस व दुकान खोलने के नाम पर 50000 रुपये का मांग किशनगंज सिविलसर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक उमेश यादव के द्वारा मांगा गया। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक्सरे संचालक आशिफ अहमद से प्रधान लिपिक उमेश चौधरी लेनदेन की बात कह रहा है

    जिसमें एक्सरे संचालक आशिफ अहमद को दुकान खोलने की अनुमति देने के लिए पूरा पैसा यानी 50000 रुपये देने को कह रहा है। प्रधान लिपिक के द्वारा कहा जा रहा है कि 50000 में बात हुई है, 50000 ही चाहिए। वहीं आशिफ के द्वारा 40000 रुपये प्रधान लिपिक को दिया जा रहा था, लेकिन प्रधान लिपिक ने उससे एक बार में पूरा राशि देने को कह रहा है। वहीं प्रधान लिपिक उमेश चौधरी ने कहा कि मैने कोई राशि नहीं मांगी, जब उसका एक्सरे दुकान का लाइसेंस बन गया तो राशि क्यूं मांगता। उन्होंने कहा कि दुकान खोलने की अनुमति सिविलसर्जन सर देंगे जिसके लिए पत्र तैयार कर रखा है लेकिन कुछ नियम की पूर्ति नहीं होने के कारण दुकान खोलने की अनुमति नहीं दिया गया।

  • न्यूज नालंदा – सब्जी खरीदने घर से निकले बुजुर्ग की लौटी लाश, जानें हादसा…

    तेल्हाड़ा थाना क्षेत्र के महद्दीपुर गांव के समीप बाइक की चपेट में आने से बुजुर्ग की मौत हो गयी। मृतक की महद्दीपुर गांव निवासी स्वर्गीय राम चरित्र महतो का 70 वर्षीय पुत्र कामता प्रसाद कुशवाहा है।

    न्यूज नालंदा – सब्जी खरीदने घर से निकले बुजुर्ग की लौटी लाश, जानें हादसा…

    तेल्हाड़ा थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। बाइक को जप्त करते हुए नंबर के आधार पर वाहन मालिक पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है ।

  • अब चीन की बोलती बंद करेगी Indian Railway – सीमावर्ती क्षेत्र से भूटान तक बिछेंगी पटरियां..


    Indian Railway : देश के उत्तर पूर्वी भाग में रेल नेटवर्क के विस्तार में इंडियन रेलवे जुटा है. इसके लिए इंडियन रेलवे नॉर्थ ईस्ट तक पटरियां बिछाने की योजना भी बना रहा है. इसी कड़ी में इंडियन रेलवे ने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा तक सभी राज्यों की राजधानियों को जोड़ने हुए पटरियां बिछाने की योजनाए बना रहा है. न्यूज एजेंसी ANI में एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन रेलवे का प्लान है पड़ोसी देश भूटान तक रेलवे ट्रैक बिछाने का ताकी इन इलाकों में पहुंच को भी आसान किया जा सके.

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे चीन की सीमा पर भालुकपोंग से तवांग साथ ही सिलपाथर से अलॉन्ग वाया बामे तक रेलवे लाइन भी बनेगी. यह रेलवे लाइन तैयार होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों को भी जोड़ेंगी. इंडियन रेलवे की माने तो रेलवे ने परियोजनाओं के लिए स्थान सर्वेक्षण का भी काम जोर-शोर से शुरू कर दिया है. आपको बता दें, कि रेलवे लाइन के निर्माण हो जाने से इन क्षेत्रों का सामरिक महत्व काफी बढ़ जाएगा. क्योंकि रेलवे के जरिए ही सीमावर्ती क्षेत्रों तक काफी कम समय में पहुंचा जा सकता है.

    पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने रेलवे को लेकर यह बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन की ओर से अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर क्षेत्रों में नई रेलवे परियोजनाओं के निर्माण की योजना भी बनाई जा रही है. इस नयी योजना के तहत भालुकपोंग से तवांग और सिलापाथर से अलॉन्ग वाया बामे रेलवे लाइन बिछाने की भी योजना है.

    जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने कहा कि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद लगा हुआ है. ऐसे में यहां रेलवे लाइन के होने से इलाके का सामरिक महत्व और बढ़ जाएगा और कनेक्टिविटी में भी आसानी होगी. यह रेलवे लाइन कम समय में सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगी.

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  • संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किसान महापंचायत का कार्यालय उद्घाटन

    बिहारशरीफ के खंदक मोड़ स्थित अजीतघाट दायरापर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वधान में किसान महापंचायत के कार्यालय का उद्घाटन किया गया राजेंद्र प्रसाद के कर कमलों द्वारा कार्यालय का उद्घाटन किया गया इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि 26 नवंबर को राजगीर के मेला मैदान में लाखों लाख की संख्या में उपस्थित होकर किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए आवाहन किए। किसान महापंचायत के द्वारा मांग पत्र :-भारत सरकार पूरे देश में एमएसपी(msp)न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दे किसान आंदोलन में 785 शहीद हुए किसानों के परिजनों को 15/ 15 लाख रुपए दे एवं उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए तथा अंदोलन के तहत किसानों पर जो केस हुए उन्हें अविलंब वापस लिए जाएं अग्निपथ योजना को वापस लिया जाए बिहार में व्यापार बाजार समिति पुन:चालू किया जाए भारत के 60 वर्ष के ऊपर वाले किसानों के लिए ₹10000 प्रत्येक माह पेंशन योजना लागू हो। किसानों की कृषि ऋण माफ किया जाए। कृषि कार्य हेतु बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाए। जमीन सर्वे अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज एवं परिमार्जन व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए। दक्षिण बिहार को अकाल क्षेत्र एवं उत्तरी बिहार को दहाड़ क्षेत्र घोषित किया जाए ।गन्ना उत्पादकों को बकाया राशि का अविलंब भुगतान किया जाए। मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जाए। कोयल परियोजना को पूरा किया जाए। राजगीर के वर्षो से बंद पड़े कृषि महाविद्यालय को चालू किया जाए। इस मौके पर चंद्रशेखर प्रसाद शाहनवाज ररामदेव चौधरी अनील पासवान महेंद्र प्रसाद शिव कुमार यादव जाहिद अंसारी विनोद कुमार सिंह प्रोफेसर स्वधर्म परमेश्वर प्रसाद आदि लोग उपस्थित थे।

  • मूली की खेती: इन किस्मों की मूली की खेती करें; कम समय में 1.5 लाख तक कमाएं

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: सब्जियों की बात करें तो इसमें मूली की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। सलाद से लेकर सब्जियां, अचार, परांठे और भी बहुत कुछ मूली यह आम आदमी की थाली में है। मूली न केवल एक आम पसंदीदा है, बल्कि यह कृषि की दृष्टि से भी फायदेमंद है। इसकी खेती करने वाले किसानों को अच्छा लाभ मिलता है। इस फसल की अच्छी बात यह है कि इसकी फसल बुवाई के 40-50 दिनों में तैयार हो जाती है।

    सर्दी का मौसम आ गया है। मूली आमतौर पर सर्दियों की फसल (मूली की खेती) है, लेकिन विज्ञान के लिए धन्यवाद, कई उन्नत किस्में हैं जिन्हें साल भर उगाया जा सकता है। आइए आगे आपको बताते हैं कि मूली की खेती से एक किसान कितनी कमाई कर सकता है। आइए पहले जानते हैं मूली की उन्नत किस्मों के बारे में…


    ये हैं मूली की उन्नत किस्में

    जब आप मूली उगाने पर विचार करते हैं, तो क्षेत्र और जलवायु (मूली की खेती) के अनुसार किस्म का चयन करें, मूली को मुख्य रूप से दो प्रजातियों में विभाजित किया जाता है।

    * एशियाई प्रजातियां (फरवरी से सितंबर):
    इन किस्मों में पूसा चेतकी, पूसा देसी, पूसा सिल्क, काशी श्वेता, काशी हंस, अर्का निशांत, हिसार मूल नंबर 1 पंजाब एजेटी, पंजाब सफेद, कल्याणपुर-1, जौनपुरी आदि शामिल हैं।


    * यूरोपीय प्रजातियां (अक्टूबर से फरवरी):
    इस प्रजाति में रैपिड रेड व्हाइट टिप्ड, व्हाइट आइसकिल, स्कारलेट ग्लोब पूसा ग्लेशियल किस्में शामिल हैं।

    मूली की खेती अच्छी उपज देती है।


    मूली की खेती से किसानों को किस्म के अनुसार अच्छी आमदनी हो सकती है। इसकी देशी किस्में 250 से 300 क्विंटल तक और यूरोपीय किस्में 80 से 100 क्विंटल तक उपज दे सकती हैं। इसकी बिक्री की बात करें तो मंडियों में इसकी कीमत सबसे कम होने के बावजूद मूली 500 रुपये से 1200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. यानी मूली की फसल से किसानों को करीब डेढ़ लाख रुपये का लाभ मिल सकता है.


  • पटना हाईकोर्ट ने राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई के सम्बंध में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया

    11 नवंबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई के सम्बंध में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अधिवक्ता मयूरी द्वारा दायर जनहित याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई करते हुए ये आदेश को पारित किया।

    कोर्ट ने राज्य में स्टेट ड्रग कंट्रोलर की स्थाई नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम के संबंध में प्रधान सचिव को सूचित करने को कहा है। चूंकि वर्तमान ड्रग कंट्रोलर करीब विगत 5 वर्षों से अस्थाई रूप से कार्यरत हैं।

    स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने कथित रूप से कुछ प्रतिबंधित दवाओं बनाये जाने के लिए लाइसेंस की मंजूरी दी थी। इन दवाओं को भारत सरकार ने एक गज़ट अधिसूचना से वर्ष 2011 में ही प्रतिबंधित कर दिया था।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि स्टेट ड्रग कंट्रोलर की लापरवाही की वजह से कुछ दवाओं पर पूरे भारत में प्रतिबंध लगा दिए जाने के बावजूद इन दवाओं को बिहार राज्य में बनाया और बेचा जा रहा था।

    कोर्ट का यह भी कहना था कि मामले के प्रकाश में आने के बाद करीब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कि गई है, जोकि प्रथम दृष्टया राज्य में स्वास्थ के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों की उदासीनता को बतलाता है।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई 25 नवंबर,2022 को होगी।