Author: Biharadmin

  • सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलता रहेगा 10% आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला..


    डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग EWS के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले 103वें संवैधानिक संशोधन को बरकरार रखने का फैसला किया है. आपको बता दें कि ये अनारक्षित कैटेगरी से अलग कैटेगरी है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को आज सही ठहराया है. 5 न्यायाधीशों में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन न मानते हुए ये फैसला दिया.

    इसका मतलब ये हुआ है कि EWS कैटेगरी के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण मिलना अब जारी रहेगा. CJI मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया है. हालांकि इसके अलावा जस्टिव दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने इस 10 फीसदी आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है.

    सुप्रीम कोर्ट में दी गयी थी चुनौती :

    सुप्रीम कोर्ट में दी गयी थी चुनौती : आपको बता दें कि सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. 3 वर्ष पहले जनवरी 2019 में संविधान संशोधन के तहत शिक्षा और नौकरी में EWS आरक्षण को लागू किया गया था, जिसके बाद तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK समेत कई अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ चुनौती दायर की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की डिविजनल बेंच ने इस पर अपना फैसला आज सुनाया है. इस बेंच में CJI मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित भी शामिल थे.

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  • गव्हाची पेरणी करताना कोणती खते द्यावीत? सोबत जाणून घ्या इतरही पिकांचे व्यवस्थापन

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: वर्तमान में राज्य के अधिकांश हिस्सों में कपास सोयाबीन की फसल की कटाई चल रही है और रबी फसलों की बुवाई चल रही है। ऐसे में वसंतराव नायक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना की विशेषज्ञ समिति ने कृषि मौसम के आधार पर कृषि सलाह की सिफारिश इस प्रकार की है।

    फसल प्रबंधन


    1)गेहूं – बागवानी गेहूं की समय से बुवाई की अवधि 01 नवंबर से 15 नवंबर है। समय पर बुवाई के लिए त्र्यंबक, गोदावरी, फुले साधन आदि किस्मों में से चुनना चाहिए। गेहूँ की बुवाई करते समय 50 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फोरस एवं 50 किग्रा पलाश प्रति हेक्टेयर देना चाहिए, इसके लिए 10 का 192 किग्रा: 26:26 + 67 किलो यूरिया या 109 किलो डायमोनियम फास्फेट + 66 किलो यूरिया या 313 किलो सिंगल सुपर फास्फेट + 84 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश + 109 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर डालना चाहिए।

    2) कपास : कपास की उस फसल में तुड़ाई करनी चाहिए जो समय पर बोई गई हो और तुड़ाई के लिए तैयार हो। चुनी हुई कपास को भंडारण से पहले धूप में सुखाना चाहिए ताकि कपास की गुणवत्ता खराब न हो। कपास की फसल में कपास की फसल का प्रकोप होने पर इसके प्रबंधन के लिए पन्द्रह दिनों के अंतराल पर 20 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति 10 लीटर पानी में दो छिड़काव करना चाहिए। कपास की फसल में रस चूसने वाले कीड़ों (बोतल, सुंडी, सफेद मक्खी) के प्रबंधन के लिए 5% निम्बोली का अर्क या लाइकेनिसिलियम लाइसेंसी (जैविक कवकनाशी) एक किलो या फालोनिकिमाइड 50% 60 ग्राम या डाइनेटोफ्यूरॉन 20% 60 ग्राम या पाइरीप्रोक्सीफेन 5% + डिफेंथ्यूरॉन 25 % (पूर्व मिश्रित कीटनाशक) का छिड़काव 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करना चाहिए। कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के लिए 5 हेक्टेयर गुलाबी सूंड के ट्रैप लगाए जाने चाहिए। यदि संक्रमण अधिक है तो प्रोफेनोफॉस 50% 400 मिली या एमेमेक्टिन बेंजोएट 5% 88 ग्राम या प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% 400 मिली या थियोडिकार्ब 75% 400 ग्राम प्रति एकड़ बारी-बारी से स्प्रे करें। यदि कपास की फसल में दहिया रोग का प्रकोप देखा जाता है तो एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 18.2% + डिफेनकोनाज़ोल 11.4% एससी 10 मिली या क्रेसोक्सिम-मिथाइल 44.3% एससी 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।


    3) तूर-उपरोक्त फली छेदक के प्रबंधन के लिए 5% निंबोली अर्क या क्विनॉलफॉस 25% 20 मिली या इमैमेक्टिन बेंजोएट 5% 4.5 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी का छिड़काव करें। अरहर की फसल में स्मट के प्रबंधन के लिए 3 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर एनएए का छिड़काव करना चाहिए।

    4) रब्बी मूंगफली – बुवाई के तीन से छह सप्ताह बाद दो निराई और एक निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।


    5) रब्बी माका- इस फसल की बुवाई नवम्बर तक की जा सकती है। बुवाई 60X30 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 15 किलो बीज का प्रयोग करना चाहिए। बुवाई से पहले बीजोपचार करना चाहिए।

    6) रबी ज्वारिक– पहली बुवाई फसल में बुवाई के 15 से 20 दिन बाद करनी चाहिए।


    7) रब्बी सूरजमुखी – अगर फसल को बोने के 20 दिन हो गए हैं तो पहली निराई करनी चाहिए.


  • पटना हाईकोर्ट में पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई 10 नवंबर,2022 तक टल गयी

    पटना हाईकोर्ट में पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई 10 नवंबर,2022 तक टल गयी है।जस्टिस संदीप कुमार द्वारा इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बिहार राज्य आवास बोर्ड को बताने को कहा था कि अब तक पटना में उसने कितनी कॉलोनियों का निर्माण और विकास किया हैं।

    साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को एमिकस क्यूरी संतोष सिंह द्वारा प्रस्तुत दलीलों का अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया था।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बिहार राज्य आवास बोर्ड के दोषी अधिकारियों और जिम्मेवार पुलिस वाले के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई की कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा था।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    कोर्ट ने कहा कि ये बहुत आश्चर्य की बात है कि इनके रहते इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर मकान बना लिए गए।इस मामलें पर अगली सुनवाई 10 नवंबर ,2022 को की जाएगी।

  • बेगूसराय : भारतीय सेना के जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही दर्शन को उमड़ा जनसैलाब, परिजनों में मचा कोहराम


    डेस्क : बेगूसराय जिले के बछवाड़ा थाना क्षेत्र के तीन पंचायत के रानी गांव में सोमवार को भारतीय सेना के शहीद जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा ।भारतीय सेना के जवान की मौत की खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गया। मौत की खबर सुनकर समूचे इलाके में शोक की लहर दौड़ गया । शहीद जवान अपने पीछे एक बूढ़ी माता एक पत्नी वह दो मासूम बच्ची को छोड़ गया है ।

    शहीद जवान के पार्थिव शरीर के रानी गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन को ले इलाके के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा । वहीं शहीद जवान के पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया । मां पत्नी व बेटी ने जवान के पार्थिव शरीर से लिपट कर दहाड़ने लगी । मां पत्नी और बेटी के समेत परिजनों के चित्कार से मौजूद लोग लोगों का दिल दहल गया व आंखें नम हो गई ।

    बताते चलें कि रानी तीन पंचायत के रानी गांव वार्ड संख्या 7 निवासी स्वर्गीय श्यामदेव राय के पुत्र शहीद जवान सरोज राय उर्फ गोरेलाल इंडियन आर्मी में वर्ष 2003 में अपना योगदान देकर देश की सेवा कर रहे थे । वर्तमान समय में मथुरा में पदस्थापित थे । ड्यूटी के दौरान ही एकाएक उनका तबीयत खराब हो गया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई । मौत के उपरांत इंडियन आर्मी के जवान व सम्मान उनके पार्थिव शरीर को लेकर उनके पैतृक आवास रानी गांव पहुंचे ।

    मामले को लेकर रानी 3 पंचायत के मुखिया अमरजीत राय ने बताया कि रानी गांव निवासी स्वर्गीय श्यामदेव राय के पुत्र शहीद सरोज राय उर्फ गोरेलाल इंडियन आर्मी में कार्यरत थे और वर्तमान समय में मथुरा में पदस्थापित थे । ड्यूटी के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद अन्य सेना के जवानों ने उन्हें लखनऊ स्थित कमांड हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई । जिसके बाद सेना के जवानों ने ससम्मान उनके पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचा । जहां सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा ।

    शहीद जवान के शरीर को रानी गांव स्थित उच्च विद्यालय के परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां ग्रामीण जनप्रतिनिधि समाजसेवी कार्यकर्ता खिलाड़ी अधिकारी समेत आम लोगों ने पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी ।वहीं ग्रामीण युवाओं के भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा सरोज जवान तेरा नाम रहेगा जैसे नारों के साथ सही जवान को श्रद्धांजलि दी ।

    शहीद जवान के शव यात्रा में हजारों की संख्या में इलाके के लोग शामिल हुए गांव से श्मशान तक भारत माता की जय जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद जवान सरोज तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से पूरा इलाका गुंजायमान बना रहा । शहीद जवान का अंतिम संस्कार तेघरा थाना क्षेत्र के अयोध्या गंगा तट पर ससम्मान के साथ किया गया । जहां सेना के जवानों ने सलामी देकर अंतिम विदाई दी ।

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  • बटाटे पेरण्यापूर्वी ‘ही’ महत्त्वाची बातमी वाचा, जाणून घ्या तज्ञांचा सल्ला

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: आलू की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। खासकर उत्तरी बिहार में किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं। ऐसे में अगर उत्तर बिहार के किसान आलू बोने की सोच रहे हैं तो उनके लिए यह अच्छी खबर है. आलू की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए खेतकिसान प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल बीज का प्रयोग करें।

    आलू के बीज कैसे चुनें?

    डॉ आशीष राय, मृदा वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, बिहार के अनुसार, किसानों को आलू बोने से पहले आलू की अच्छी किस्मों का उचित ज्ञान होना आवश्यक है। डॉ. राय के अनुसार, भारत में आलू की कुछ किस्में सबसे अधिक प्रचलित हैं। इनमें कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अलंकार, कुफरी बहार, कुफरी नवताल जी 2524, कुफरी ज्योति, कुफरी शीट मैन, कुफरी बादशाह, कुफरी सिंदूरी, कुफरी देवा, कुफरी लालिमा, कुफरी बली, कुफरी संतुलज, कुफरी अशोक, कुफरी चिप्सोना -1, कुफरी शामिल हैं। चिप्सोना। -1 शामिल हैं। चिप्सोना-2, कुफरी गिरिराज और कुफरी आनंदव प्रमुख हैं। ऐसे में किसान इनमें से किसी भी अच्छी किस्म को बीज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

    बुवाई की विधि

    किसान अक्सर अधिक उपज प्राप्त करने के लिए पौधों को कम जगह देते हैं। इससे प्रकाश, पानी और पोषक तत्वों के लिए उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। यह छोटे आकार के आलू पैदा करता है। वहीं अधिक दूरी रखने से प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या कम हो जाती है, जिससे आलू की कीमत तो बढ़ जाती है, लेकिन उपज कम हो जाती है। इसलिए पंक्तियों के बीच 50 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 20 से 25 सेमी रखें।

    कौन सा उर्वरक इस्तेमाल करना चाहिए?

    – 50-60 क्विंटल गाय के गोबर को 20 किलो निंबोली गोबर में मिलाकर समान मात्रा में प्रति एकड़ जमीन में मिलाकर जुताई के बाद बोया जा सकता है।
    – रासायनिक उर्वरकों के मामले में उर्वरक की मात्रा प्रति हेक्टेयर मृदा परीक्षण के आधार पर देनी चाहिए।
    – नहीं तो 45-50 किलो प्रति हेक्टेयर देना चाहिए।
    – फॉस्फोरस: 45-50 किलो प्रति हेक्टेयर। पोटैशियम 40 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से लगाया जा सकता है।
    बोने से पहले मिट्टी में गोबर, फास्फोरस और पलाश उर्वरकों को अच्छी तरह मिलाकर खेत की तैयारी करें।
    -नात्रा उर्वरक को दो या तीन भागों में बांटकर रोपण के 25, 45 और 60 दिन बाद लगाया जा सकता है।
    – नाइट्रोजन उर्वरक के दूसरे प्रयोग के बाद पौधों पर मिट्टी की एक परत लगाने से लाभ होता है।

    जलापूर्ति

    आलू की खेती में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका की व्याख्या कीजिए। आलू का पहला पानी अंकुरण के बाद देना चाहिए। इसके बाद 10-12 दिन के अंतराल पर हल्का पानी दें। आलू की कटाई से 10-15 दिन पहले पानी देना बंद कर दें। इससे आलू के कंदों की त्वचा सख्त हो जाती है। यह खुदाई के दौरान छीलने से रोकता है और कंदों की भंडारण क्षमता को बढ़ाता है।

    चिंता

    आलू की खेती में खरपतवार की समस्या मिट्टी में डालने से पहले ही अधिक होती है। खरपतवार इस हद तक बढ़ते हैं कि वे आलू के पौधों को उभरने से पहले ही ढक लेते हैं। इससे आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

  • Change Bank Branch:  अब घर बैठे बदल सकते हैं अपनी बैंक की ब्रांच, यहां जानें तरीका


    Change Bank Branch बैंक में हर किसी का अकाउंट होना काफी आम सी बात होती है। लेकिन कई बार व्यक्ति पढ़ाई,नौकरी, शादियां अन्य वजहों से अपना शहर छोड़ दूसरे शहरों में जहां बसते हैं।ऐसे में कभी-कभी कुछ काम बैंक संबंधित ऐसे भी आ जाते हैं जिन्हें करवाने के लिए उन्हें अपने शहर वापस आना ही पड़ता है क्योंकि उन्होंने अकाउंट अपने शहर में ही से खुलवाया होता है और वही उनका होम ब्रांच होता है। होम ब्रांच किसी बैंक के उस शाखा को कहा जाता है जहां व्यक्ति अपना अकाउंट खुलवाता है। इसके अलावा बैंक की दूसरी शाखाओं को नॉन होम ब्रांच कहा जाता है।

    SBI और PNB के ग्राहक सिर्फ इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बदल सकते हैं होम ब्रांच

    SBI और PNB के ग्राहक सिर्फ इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बदल सकते हैं होम ब्रांच पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भारत के दो ऐसे सबसे बड़े बैंक हैं जिन के सबसे ज्यादा ग्राहक है और इन दोनों में बैंक के ग्राहकों के पास यह सुविधा काफी आसान तरीके से उपलब्ध है कि वह जब चाहे अपना होम ब्रांच बदल सकते हैं और ऐसा ऑनलाइन भी किया जा सकता है।

    इसके लिए सिर्फ अकाउंट होल्डर को इंटरनेट बैंकिंग चालू होनी चाहिए और यूज़र आईडी तथा पासवर्ड क्रिएट होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो होम ब्रांच बदलने के लिए इंटरनेट बैंकिंग से पहले रजिस्टर्ड होना जरूरी है। साथ ही अकाउंट होल्डर के मोबाइल नंबर बैंक के साथ रजिस्टर होना भी जरूरी रहता है।

    किस तरह SBI के ग्राहक ले सकते हैं होम ब्रांच बदलने का फ़ायदा

    किस तरह SBI के ग्राहक ले सकते हैं होम ब्रांच बदलने का फ़ायदा एसबीआई के अकाउंट होल्डर को अपना होम ब्रांच बदलने के लिए सबसे पहले एसबीआई की वेबसाइट www.onlinesbi.com पर जाना होगा। अगर इंटरनेट बैंकिंग पहले इस्तेमाल की जा रही हो तो पर्सनल बैंकिंग में लॉगिन करें और अगर इंटरनेट बैंकिंग नहीं है तो यूजर आईडी क्रिएट करनी होगी। फिर लॉगइन किया जा सकेगा।

    इसके बाद ई सर्विस का प्रयोग करके लेफ्ट साइड में दिए क्विक लिंक में ट्रांसफर ऑफ़ सेविंग अकाउंट सेक्शन में जाना होगा। नए खुले पेज में ट्रांसफर किया जाने वाला सेविंग अकाउंट सेलेक्ट करें। अगर एसबीआई में सेविंग अकाउंट है तो खुद सेलेक्ट हो जाएगा। उंसके बाद जिस ब्रांच में अकाउंट ट्रांसफर करना है। उसका कोड डालकर गेट ब्रांच नेम क्लिक करके नई ब्रांच सेलेक्ट की जा सकती है।

    उसके बाद रूल्स और डायरेक्शन पढ़कर एक्सेप्ट और सबमिट पर क्लिक करना होगा।इसके बाद डाली गई सारी जानकारी सो होगी। अगर किसी में कोई बदलाव करना हो तो वह भी किया जा सकता है। डिटेल्स कंफर्म होने के बाद बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर हाय सिक्योरिटी पासवर्ड आ जाएगा, जिसे निर्धारित जगह पर डालकर कंफर्म कर देना हो रहता है। फिर अकाउंट की ब्रांच बदले जाने की रिक्वेस्ट रजिस्टर्ड हो जाने का मैसेज मिल जाएगा तथा कुछ दिनों में अकाउंट होल्डर का होम ब्रांच भी ट्रांसफर हो जाएगा।

    PNB के ग्राहक किस तरह बदल सकते हैं अपना होम ब्रांच

    जिस ब्रांच को होम ब्रांच बनाना है। उसकी आईडी चुन कर लुक अप पर क्लिक करना होगा और ब्रांच का नाम डालकर सर्च करना होगा। ब्रांच आईडी सेलेक्ट करने के बाद कंटिन्यू पर क्लिक और ट्रांजैक्शन पासवर्ड डालना होगा। उसके बाद रिक्वेस्ट पर सबमिट करते ही होम ब्रांच बदले जाने की रिक्वेस्ट चली जाएगी और थोड़ी ही दिनों के बाद अकाउंट होल्डर का होम ब्रांच बदल जाएगा।

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  • PM Kisan: 13व्या हप्त्याचा लाभ घ्यायचाय ? ‘ही’ कागदपत्रे तयार करा, नाहीतर खात्यात पैसे नाही येणार

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अक्टूबर कोपीएम किसान सम्मान निधि’ (पीएम किसान) योजना की 12वीं किस्त जारी। इस मौके पर देश के करीब 8 करोड़ किसानों के खातों में दो हजार रुपये जमा किए गए. इसके लिए सरकार को 16 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। इस बीच किसान अब पीएम किसान की 13वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन 13वीं किस्त का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ खास जानकारी जाननी चाहिए, क्योंकि पीएम किसान को लेकर सरकार ने एक बड़ा अपडेट दिया है. अगर आप इस नए अपडेट के तहत नए नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आप 13वीं किस्त से वंचित हो सकते हैं।

    अगर आप भी पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। अब किसानों को पंजीकरण करते समय राशन कार्ड की कॉफी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। खास बात यह है कि राशन कार्ड की कॉपी पीएम किसान की वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले उसकी पीडीएफ बनानी होगी। इसके साथ ही ई-केवाईसी को भी अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में आप राशन कार्ड की कॉपी अपलोड करने और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही 13वीं किस्त का लाभ उठा सकते हैं।


    अपात्र किसान उठाएं पीएम योजना का लाभ

    अब तक पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को अपना पंजीकरण (पीएम किसान) करने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी और घोषणा पत्र की हार्ड कॉपी जमा करनी पड़ती थी। लेकिन अब सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. अब किसानों को हार्ड कॉपी की जगह सॉफ्ट कॉपी ही जमा करनी होगी। इससे सरकार को फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। क्योंकि हर साल लाखों अपात्र किसान झूठे माध्यम से प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठाते हैं।


  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का पुतला फूंका गया।

    अस्पताल चौराहा पर जनतांत्रिक विकास पार्टी एवं द ग्रेट भीम आर्मी के बैनर तले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का पुतला फूंका गया।इस पुतला दहन की अध्यक्षता कर रहे द ग्रेट भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष रजनीश कुमार पासवान ने कहा कि द ग्रेट भीम आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक जनतांत्रिक विकास पार्टी के बिहार प्रदेश के प्रधान महासचिव छात्र नेता अमर आजाद पासवान को महागठबंधन के कार्यकर्ता से उलझना महंगा पड़ गया। नीतीश कुमार की सरकार में सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है।

    संविधान का खुले तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है। महागठबंधन की सरकार में दलित, छात्र,गरीब पूरी तरह से असुरक्षित है। निर्दोष दलित छात्र नेता को झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। सरकार ने अगर निर्दोष अमर आजाद पासवान को रिहा नहीं किया तो आंदोलन के गति को और भी तेज किया जाएगा। पुतला दहन के माध्यम से अमर आजाद पासवान को अभलंब रिहा करने का मांग किया गया। राज्य की सरकार हमेशा से दलित समाज के साथ भेदभाव करने का काम किया है,जो भारत के संविधान के विरोधी कार्य है। अगर अमर आजाद पासवान को अविलंब रिहा नहीं किया गया तो जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।

  • बिहारशरीफ सिविल कोर्ट में 12 नवंबर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

    जिला विधिक सेवा प्राधिकार बिहार शरीफ नालंदा के द्वारा बिहारशरीफ सिविल कोर्ट में 12 नवंबर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी सुलहनिय फौजदारी मामले, सभी तरह के सिविल मामले, बिजली विभाग के मामले,वन विभाग के मामले, वाहन दुर्घटना क्लेम, बैंक ऋण मामले, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के मामले, माप तौल अधिनियम मामले राजस्व मामले आपदा प्रबंधन मामले समेत कई मामलों का समझौता के आधार पर निस्तार किया जाएगा। उक्त बातों की जानकारी नालंदा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रचना अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर दिया। मुकदमों का निस्तारण आपसी सुलह मध्यस्ता के माध्यम से बिना किसी न्यायिक शुल्क के किया जाएगा।

    चलंत लोक अदालत न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत निस्तारित मुकदमों का फैसला अंतिम दिन होगा। इस फैसले के विरुद्ध कोई अपील मान्य नहीं होगा। चलंत लोक अदालत शिविर में भाग लेकर अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित मुकदमों का निस्तारण कराने में आपसी सौहार्द स्थापित कर सुलह करके चलंत लोक अदालत का लाभ उठाएं। 17 नवंबर को बिहार शरीफ व्यवहार न्यालय में, 18 नवंबर को अनुमंडल कार्यालय कैपस राजगीर में और 19 नवंबर को ब्लॉक कैंपस हिलसा चलंत लोक अदालत शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विधिक जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो लोगों को घूम घूम कर कार्यक्रम के बारे में जानकारी देगी।

  • बैन हुई ​डीजल कारें, पकड़े जाने पर कटेगा ₹20 हजार का चालान..


    डेस्क : देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से हालात गंभीर हो गए हैं। दिल्ली NCR में पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को देखते हुए अब सरकार अब सख्त कदम उठा रही है। नोएडा से गैर-जरूरी ट्रकों, कारों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

    केजरीवाल सरकार ने अब दिल्ली में पुरानी डीजल कारों पर प्रतिबंध भी लग गया है। साथ ही अगर आप पकड़े जाते हैं तो आप पर भारी भरकम जुर्माना भी लगेगा। अब कहीं भी BSVI मानक से नीचे की कारें चलती पकड़ी गयी तो वाहन मालिक पर 20 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पंजाब की पराली के लिए हम जिम्मेदार हैं। अगले साल तक पराली की समस्या का भी हल निकाल लिया जाएगा।

    पकड़े जाने पर लगेगा 20 हजार रुपये का जुर्माना

    पकड़े जाने पर लगेगा 20 हजार रुपये का जुर्माना

    राजधानी में अब BSVI मानक से नीचे की कारों पर भी रोक लगा दी गई है। यदि डीजल की यह कारे कहीं चलती नजर आती है तो मालिक पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस संबंध में दिल्ली के परिवहन विभाग ने मैसेज भेजकर अलर्ट भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता तब तक ऐसी गाड़ियों को लेकर सड़क पर बिल्कुल ना निकलें। परिवहन विभाग के अनुसार, इसी तरह का संदेश करीब 5 लाख से अधिक वाहन मालिकों को भेजा गया है।

    इन कारों पर लगा हैं प्रतिबंध

    इन कारों पर लगा हैं प्रतिबंध

    परिवहन विभाग दिल्ली के अनुसार राजधानी में पंजीकृत जितनी भी गाड़ियां BS 6 मानक को पूरा नहीं करती, उन सभी के वाहन मालिकों को मैसेज भेज दिया गया है। मैसेज में ये बताया गया है कि दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। ऐसे में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली की सीमा में सभी प्रकार की BSVI से कम मानक वाली डीजल गाड़ियों को प्रतिबंधित किया गया है। एडवाइजरी के मुताबिक, BS-3 मॉडल के पेट्रोल और BS-4 मॉडल के डीजल चालित हल्के चार पहिया वाहनों के नोएडा से दिल्ली जाने पर रोक रहेगी।

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