Author: Biharadmin

  • बहुतजनों की आवाज के बैनर तले पदयात्रा निकाली गई।

    सत्येंद्र पासवान आयोजक अनुश्रवण समिति सदस्य श्री अनिल पासवान आयोजक श्री रवि कांत पासवान आयोजक श्री रामदेव चौधरी आयोजक श्री महेंद्र प्रसाद आयोजक श्री राकेश पासवान आयोजक श्री बालराम साहेब आयोजक इन सभी के द्वारा हम वहुजनों की आवाज के बैनर तले पदयात्रा का शुभारंभ बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के स्थापित मूर्ति पचासा में माल्यार्पण कर सामूहिक तरीके से करके किया गया पदयात्रा पचासा पार्क से चलकर सोहसराय होते हुए इतवारी बाजार हॉस्पिटल मोड़ होते हुए जिलाअधिकारी नालंदा को मांग पत्र सौंपा मांग पत्र में भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय से आग्रह किया कि आज की अनुसूचित जाति अत्याचार कानून के तहत थाना कांड संख्या 30/ 2019 में हत्या पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस कर्मी को जो सजा मिली है

    उस सजा को सुनाने के लिए मूर्ति साहिबा को हम बहुजन तहे दिल से आभार प्रकट करते हुए राष्ट्रपति महोदय राज्यपाल महोदय माननीय श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री माननीय श्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मांग करते हैं कि हत्यारे को फांसी हो समाहरणालय के गेट पर सभा को संबोधित श्री अनिल पासवान जी करते हुए तमाम अनुसूचित जातियों का हौसला बुलंद रखने के लिए अपने भाषण के माध्यम से कहा कि हम वहुजनों को डरने की जरूरत नहीं है न्यायपालिका व कानून पर विश्वास रखने की जरूरत है अगले वक्ता श्री रामदेव चौधरी ने कहा कि दीपनगर कांड संख्या 334/ 2022 में अभिलंब हत्यारों की गिरफ्तारी हो और परिजनों का भरोसा दिलाया कि हम लोगों को पूरा भरोसा है न्यायपालिका पर सिने अभिनेता सह समाजसेवी श्री रवि कांत जी ने कहा आज जरूरत है संगठन एक होकर रहने की तथा सभा को संबोधित करते हुए शिक्षा पर जोर दिया लोगों के बीच में कहा कि अपने अपने बच्चों को शिक्षित बनाइए स्कूल भेजने की आवश्यकता है शिक्षा शेरनी का दूध है जो पिया वह दहाड़ेगा

    समाजसेविका कुमारी रजनीकांत ने कहा कि हमारी महिलाएं को आगे आने की जरूरत है समाज का विकास तभी हो सकता है जब महिला घर संभालती हैं तो घर का विकास होता है उसी प्रकार संगठन को जब तक महिलाएं नहीं संभालेंगे समाज का विकास संभव नहीं है वक्ता के रूप में श्री राकेश पासवान ने कहा कि अत्याचार करने वालों से बड़ा दोषी अत्याचार सहने वाला है श्री बलराम साहेब ने कहा कि हमारे मूल निवासियों का आज जो मजबूत हो गया है जो लोग नौकरी पेशा कर रहे हैं वाह घर का आनंद उठा रहे हैं वह बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का देना है आज हमारे परिवार के मजबूत साथी बाबासाहेब के संदेशों को भूल गए हैं उन्हें याद दिलाने की जरूरत है किसी तरह हम बहुजनों की आजादी के लिए क्या संघर्ष किए बाबासाहेब सामंती ताकतों से कैसे लड़ाई लड़ी।

    सत्येंद्र पासवान ने कहा कि इस पद यात्रा के द्वारा न्यायालय के समान में निकले मैदान में और मांग पत्र के माध्यम से निम्नलिखित बातों का जिलाधिकारी महोदय द्वारा राष्ट्रपति महोदय बिहार मुख्यमंत्री महोदय पुलिस कर्मी को फांसी की सजा हो जितने भी अनुसूचित जाति हत्या का मामला प्रकाश में आया है उन सभी पीड़ित परिवारों को एक माह के अंदर सरकारी नौकरी देने का कृपा की जाए स्कूल निरीक्षण कर जिलाधिकारी महोदय जिला शिक्षा पदाधिकारी महोदय को रिपोर्ट सौंप कर कार्रवाई करने की अनुशंसा का अधिकार प्राप्त हो। मांग

    नगरनौसा थाना कांड संख्या 30/ 2019 दिनांक 12/7/2019 में हुए अपराधियों को सजा आजीवन करावास को फांसी की सजा हो दीपनगर थाना कांड संख्या 344/ 2022 दिनांक 24 /7/2022 में अपहरण करके हत्या करने वाले दोषी को जल्द से जल्द पुलिस गिरफ्तार करें और स्पीड ट्रायल के तहत इसे भी फांसी की सजा हो सिलाव थाना कांड संख्या 186 /2022 रामकृष्ण रविदास की अपहरण कर हत्या के हत्यारे को फांसी की सजा हो। पैदल मार्च में महेंद्र प्रसाद रविशंकर दास मिंटू कुमार चौधरी शीला देवी सुनैना देवी धुरी चौधरी रंजीत कुमार चौधरी प्रशांत कुमार रणधीर रविदास लालती देवी जयंती देवी रामप्रवेश चौधरी मुकेश चौधरी सुभाष मांझी टुनटुन चौधरी नीतीश चौधरी राजकुमार चौधरी राकेश चौधरी राजेश मांझी नंदेलाल चौधरी नंदलाल रविदास जानो रविदास रामप्रसाद रविदास प्रमोद रविदास मालती देवी संगीता देवी गीता देवी बबीता देवी कुंती देवी मुन्नी देवी पूनम देवी संजू देवी आदि लोग उपस्थित थे।

  • जदयू विधायकों की टूट पर बिहार में सियासी घमासान, जल्द ही JDU-RJD का गठबंधन टूट जाएगा, BJP का दावा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद उठा सियासी बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जदयू-राजद और बीजेपी एक-दूसरे पर हमलावर है. इसी क्रम में मणिपुर में जदयू के पांच विधायक बीजेपी में शामिल हुए. इसके बाद से बिहार में सियासी तूफान आया हुआ है. इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि जनता सब देख रही है. वहीं जदयू के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने महागठबंधन की सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में जल्द ही जदयू-राजद का गठबंधन टूट जाएगा.

    बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इस सियासी घटनाक्रम को लेकर जदयू पर हमला करते हुए कहा कि मणिपुर में जदयू के पांच विधायक भाजपा में शामिल हुए, राज्य जेडीयू मुक्त हो गया है. उन्होंने कहा कि जदयू के सभी विधायक बीजेपी में शामिल होना चाहते थे. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. सुशील मोदी ने आगे कहा कि बहुत जल्द हम बिहार में जदयू-राजद गठबंधन को तोड़ देंगे और राज्य को जदयू मुक्त कर देंगे. उन्होंने कहा कि होर्डिंग और पोस्टर लगाकर कोई भी पीएम नहीं बन सकता है.

    बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि उनको लग रहा है कि हमलोगों का अस्तित्व खत्म करने पर लग गए हैं. अभी तो इनके दल (जेडीयू) से बहुत सारे लोग भागेंगे क्योंकि जो अपनी विश्वसनीयता बचा नहीं सके उस दल में लोगों को रहने का कैसे मानसिकता हो सकती है. विजय सिन्हा ने कहा कि उन्होंने विश्वास खो दिया है इसलिए अभी और करामात होगा. बहुत लोग भागेंगे. राष्ट्रवाद के साथ चलेंगे. अभी घबराने की जरूरत नहीं है अभी तो प्रारंभ हुआ है. वहीं पीएम के सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि जो अपने राज्य में विश्वास खो चुके हैं, अपने ही लोगों के विश्वास पर खरे नहीं उतरे हैं वो देश के विश्वास पर कितना खरा उतरेंगे यह समय बताएगा.

    मणिपुर के सियासी बवंडर मामले के लेकर सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा पर निशाना साघते हुए कहा कि बीजेपी किसी दूसरे राज्य में पार्टी के विधायकों को तोड़ रही है. ये क्या स्वभाव है. सभी देख रहे हैं. यह कौन सा स्वभाव है सभी देख रहे हैं. एक नए ढंग का काम किया जा रहा है. यह संवैधानिक काम है क्या, सभी बतावें. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे स्थिति में देश की विपक्ष एक साथ जुटकर काम करती है तो परिणाण बेहतर देखने को मिलेगी. वहीं सुशील मोदी के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां 2024 के चुनाव को लेकर एक मंच पर आ रही हैं तो वह भ्रष्टाचार है. जितने दागी लोग बीजेपी में चले जाएं, वह साफ सुथरे धुले हो जाएंगे. बीजेपी चाहे जितना प्रयास कर लें, लेकिन जेडीयू 2023 में राष्ट्रीय पार्टी बनेगी. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो कुछ हुआ है, वह पूरी तरह से धन बल का प्रयोग है.

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  • ऊस उत्पादक शेतकऱ्यांसाठी दिलासादायक बातमी, यावर्षी गळीत हंगाम लवकर सुरु होणार

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : ऊस उत्पादक शेतकऱ्यांसाठी एक चांगली बातमी आहे. यंदाच्या वर्षी उसाचे गाळप १ ऑक्टोबर पासूनच सुरु करण्यात येणार आहे. याबाबतची माहिती सहकार मंत्री अतुल सावे यांनी दिली आहे. त्यामुळे ऊस उत्पादक शेतकऱ्यांना दिलासा मिळणार आहे.

    याबाबत बोलताना अतुल सावे म्हणाले की, मागच्या वर्षी ऊस गाळप हंगाम संपल्यावर सुद्धा अनेक शेतकऱ्यांकडे ऊस शिल्लक होता. त्यामुळे यावर्षी अशी परिस्थिती उद्भवणारा नाही यासाठी लवकरच ऊस गाळप हंगाम सुरु करण्याचा आम्ही निर्णय घेतला आहे. त्यानुसार 15 सप्टेंबरला याबाबत एक बैठक घेऊन 1 ऑक्टोबरपासून गाळप सुरु करण्याचं ठरलं आहे. पंधरा दिवस अगोदरच गाळप सुरु केल्यास शेवटच्या टप्प्यात ऊस उरणार नाही असं सावे म्हणाले. सोबतच यामुळे शेतकऱ्यांचे नुकसान होणार आणि सरकारला सुद्धा नुकसानभरपाई देण्याची गरज पडणार नाही असेही सावे म्हणाले आहेत.

    पुढे बोलताना ते म्हणाले, यावर्षी आम्ही एक नवीन मोबाईल ॲप तयार केला आहे. ज्यात शेतकऱ्यांना नोंदणी करता येणार आहे. यावेळी नोंदणी करतांना शेतकऱ्यांना त्यांच्या जवळच्या कारखान्याचा पर्याय उपलब्ध करून दिला जाईल. सोबतच दोन कारखान्यात नोंदणी करता येणार असून, ज्यात आपला ऊसाची क्वालिटी काय आहे, आपला ऊस कधी लागलेला आहे, त्यानुसार ॲपच्या माध्यमातून ऊस कारखान्यात पाठवता येणार, असल्याचं सावे म्हणाले.

     

     

  • राष्ट्रीय उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को दी जा रही चहक के रोचक गतिविधियों का प्रशिक्षण


    तेघरा (बेगूसराय) चहक मॉड्यूल आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण तेघरा प्रखंड के कई प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रधानाध्यापकों को दी जा रही है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा बच्चों में भाषा, बुनियादी साक्षरता,संख्या ज्ञान के साथ ही आनंददायक माहौल में सीखने सिखाने की प्रक्रिया को विकसित करने के उद्देश्य से चहक मॉड्यूल आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण राष्ट्रीय उच्च विद्यालय तेघरा के प्रशिक्षण केंद्र पर विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक प्रशिक्षण ले रहे हें।

    जिसमें 29 प्रधानाध्यापक एवं 22 अन्य शिक्षक भाग ले रहे हें।प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों के संपूर्ण विकास में आनंददाई शिक्षा के साथ ही गतिविधियो को शामिल करना काफी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चों का भाषा विकास, शारीरिक विकास, सामाजिक एवं मानसिक विकास, संख्यात्मक ज्ञान की विकास के अलावे पर्यावरण के प्रति भी लगाव बढ़ेगा।

    प्रशिक्षण में भाग ले रहे प्रधानाध्यापकों को रुचिकर शिक्षा, एवं आनंददाई शिक्षा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। मौके पर प्रशिक्षक पंकज कुमार एवं शत्रुघ्न कुमार ने रोचक प्रशिक्षण देकर प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को उत्साहित किया। मौके पर प्रधानाध्यापक संजय कुमार, शमशेर आलम, मनोज सिंह, विजय कुमार, अरुण राम एवं संजीत कुमार आदि मौजूद थे।

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  • बार बार गलती कर रही है घोटाले बाज प्रधानाध्यापिका, विभाग बचाने में जुटा

     

    पूर्णिया विकास कुमार झा

    रुपौली प्रखंड क्षेत्र प्राथमिक विद्यालय हरिजन गिद्धा में एमडीएम चावल कालाबाजारी करने के मामले में फंस रही प्रधानाध्यापिका डोली कुमारी अब कुछ ग्रामीणों से अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए अब उसी समाज के लोगों पर परेशान करने का लिखित आरोप लगाई है। जबकि एमडीएम का चावल एक ग्रामीण के रखने की बात खुद कैमरे में कबूल चुकी है। वहीं प्रखंड साधनसेवी सुबोध ठाकुर के जाँच में निजी घर से स्कूल लाकर रखने पर दिये आवंटन से ज्यादा चावल निकल गया। जिससे और मामला पेचीदा हो गया। 

    वहीं अब बचने के लिए कुछ ग्रामीणों से रुपौली प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार सहनी के कार्यालय में आवेदन दिलवा कर अपने आपको पाक साफ साबित करने की फिराक में जुटी हैं।ही आपको बता दे कि आवेदन में एक गोविंद कुमार नाम के लड़के का भी नाम हसि, जिसपर विद्यालय प्रधानाध्यापिका डोली कुमारी आरोप लगा रही थी कि गोविंद कुमार सहित अन्य लोगों द्वारा परेशान किया जाता है। उसी गोविंद कुमार का हस्ताक्षर भी आवेदन में है। वही गोविंद कुमार नाम का लड़का सिटी हलचल न्यूज़ कैमरे के सामने प्रधानाध्यापिका डोली कुमारी पर चावल कालाबाजारी करने का आरोप लगा रहा था। वही मामले की जांच करने आएं एमडीएम साधन सेवी सुबोध ठाकुर के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में जांच रिपोर्ट सौंप दिया गया है।

     मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक ने बताया मामले की जांच कर रिपोर्ट हमें दे दिया गया है, अभी हम मीटिंग में है ,कार्यालय पहुंच जांच रिपोर्ट देख कार्रवाई की जाएगी।वही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार सहनी से जब फ़ोन पर बात की गई तो पहले मामले को रफा दफा करने के प्रयास में दिखे। लेकिन बाद में  प्राईवेट घरों में मिड-डे-मील की चावल रखना गंभीर मामला बताया। संबंधित पदाधिकारी के द्वारा जांच कर रिपोर्ट जिला को सौंप गया है। कारवाई के सवाल पर बोले बीईओ राजकुमार सहनी कार्रवाई करना जिला का काम है, लेकिन चावल प्राइवेट घरों में रखना ग़लत है।

  • नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा क्यों नहीं फहराएंगे?, मंत्री लेसी सिंह ने BJP को खूब लताड़ा, तानाशाह भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की चर्चा जोरों पर है. जदयू और आरजेडी के नेता लगातार नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बता रहे हैं. वहीं यहां तक कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा फहराए. इस बीच बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने फिर दुहराया है कि नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा क्यों नहीं फहराएंगे, इसमें क्या कमी है. सबको पता है वह बेदाग छवि के हैं. वहीं लेसी सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आठ वर्षों में जनता ऊब चुकी है. अब देश में सत्ता परिवर्तन होगा.

    नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा फहराएंगे क्या?, इस सवाल पर बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि क्यों नहीं फहराएंगे, इसमें क्या कमी है. हमारे नेता बेदाग छवि के हैं और बिहार में उन्होंने विकास का जो नजीर पेश किया है वह देश के लिए एक नजीर है. लेसी सिंह ने कहा कि हर क्षेत्र में विकास हुआ है. नीतीश कुमार ने बिहार को शून्य से शिखर पर पहुंचाने का काम किया है. जब केंद्र में मंत्री थे तब पूरे देश में विकास करने का काम किया. लेसी सिंह ने कहा कि विपक्ष की सारी पार्टियों को गोलबंद किया जा रहा है. बीते दिनों इसी सिलसिले में तेलंगाना सीएम केसीआर पटना आए थे.

    वहीं बीजेपी पर हमला करते हुए मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि अब केंद्र में तानाशाह सरकार है. महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी है भूखमरी है. सिर्फ सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर वोट लेना चाहते हैं, ये अब चलने वाला नहीं है. आठ वर्षों में जनता बीजेपी से ऊब चुकी है. बीजेपी द्वारा आरजेडी के साथ जदयू के जाने पर जंगल राज की बात कही जा रही है. इस सवाल पर लेसी सिंह ने कहा कि उनके साथ थे तो मंगल राज था, उनसे हटे तो जंगल राज हो गया. ये मुहावरा अपने मन से वो लोग फिट करते हैं इसलिए जनता सब देख रही है.

    बता दें कि महागठबंधन की सरकार में शामिल लगभग हर पार्टी कमोबेश नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के लिए बेहतर मान रही है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कई बार नीतीश कुमार को पीएम मेटेरियल कह चुके हैं. वहीं बुधवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी पटना में दिए बयान में नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के लिए सर्वोत्तम कहा था. दूसरी ओर बयानों से अलग देखें तो जदयू कार्यालय में लगाए गए पांच नए पोस्टर्स से यह दिख रहा है कि नीतीश कुमार को अगला पीएम उम्मीदवार बनाने की तैयारी जदयू जोर-शोर से कर रही है. एक पोस्टर पर मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ लिखा है कि प्रदेश में दिखा अब देश में दिखेगा.

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  • लम्पीची दहशत ! प्रशासन सतर्क, बीडसह नगरमध्ये जनावरांचे बाजार बंद ठेवण्याचे आदेश

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : परराज्यात दहशत माजविणाऱ्या लम्पी या रोजगाची महाराष्ट्रात देखील प्रकरणे वाढली आहेत. राज्यातल्या अनेक जिल्ह्यातील पशुधनाला या रोगाची लागण झाली आहे. या आजाराचा प्रादुर्भाव राज्यातील अहमदनगर, जळगाव, अकोला, धुळे, पुणे, औरंगाबाद, लातूर आणि बीड या जिल्ह्यातील जनावरांमध्ये दिसून येत आहे. म्हणूनच खबरदारी म्हणून बीड आणि अहदनगरच्या जिल्हा प्रशासनाने जनावरांचे बाजार बंद ठेवण्याचे आदेश दिले आहेत.

    या आजाराचा प्रादुर्भाव वाढू नये म्हणून जिल्हा प्रशासनं सतर्क झाले असून . जिल्ह्यातील अंबाजोगाई, परळी, आष्टी, शिरुर कासार आणि पाटोदा या तालुक्यातील जनावरांचे बाजार पुढचे काही काळ बंद ठेवण्याचे आदेश प्रशासनानं दिले आहेत. बीड जिल्ह्यातल्या धसवाडी येथे काही जनावरांमध्ये लंपी स्कीन आजार आढळून आल्याने जिल्हाभरातील इतर जनावरांना त्याची लागण होऊ नये म्हणून अंबाजोगाई, परळी, आष्टी आणि शिरुर तालुक्यासह पाटोदा येथील जनावरांचे बाजार भरवण्यास निर्बंध लावण्यात आले आहेत. यापूर्वी देखील या आजाराचा संसर्ग अनेक जनावरांना झाला होता. त्यामुळं हा संसर्ग रोखण्यासाठी प्रशासनाच्या वतीने हा निर्णय घेण्यात आला आहे. तसेच अहमदनगर जिल्ह्याधिकाऱ्यांनी देखील जनावरांचे बाजार बंद ठेवण्याचे आदेश दिले आहेत.

    अंबाजोगाई तालुक्यातल्या धसवाडीमध्ये काही जनावरांना या लम्पी आजाराची लागण झाली असून, गायी आणि बैलांमध्ये या आजाराचा संक्रमण जास्त प्रमाणात होत आहे. या आजारामुळं जनावरांना तीव्र ताप येतो तर तहान भूक आणि रवंत करण्याची क्षमता देखील कमी होते. जनावरांमध्ये अशी लक्षणे आढळून आल्यास तत्काळ ग्रामपंचायतीशी संपर्क साधावा असा आवाहन पशुसंवर्धन अधिकाऱ्यांनी केलं आहे.

     

  • चहक माड्यूल के प्रशिक्षण का अनुश्रवन दल ने लिया जायजा


    भगवानपुर (बेगूसराय) प्रखंड क्षेत्र स्थित माध्यमिक विद्यालय संजात में चहक मॉड्यूल के पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के तीसरे दिन शनिवार को जिला अनुश्रवन दल की ओर से बेगूसराय सदर प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह एवं मेंटर उमेश मिश्र ने निरीक्षण किया।उन्होंने कहा कि नियमित उपस्थिति के साथ-साथ विभिन्न बाल सुलभ गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर उपलब्ध कराना प्रशिक्षण का उद्देश्य है।

    बच्चे न सिर्फ विद्यालय आएं बल्कि वहां ठहरें और सीखकर पारंगत बनें। राज्य के सरकारी विद्यालयों में काफी संख्या में बच्चों का सीधा नामांकन कक्षा एक में किया जाता है। विद्यालय में बच्चों के लिए खुशनुमा समावेशी वातावरण तैयार करने एवं विद्यालय के साथ आत्मीय संबंध विकसित करने के उद्देश्य से कक्षा एक के बच्चों के लिए तीन माह का स्कूल रेडिनस माड्यूल चहक को विकसित किया गया है।

    मध्य विद्यालय संजात प्रशिक्षण केंद्र के मेंटर विजय कुमार राय ने बताया कि बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में प्रति वर्ष नव नामांकित होने वाले बच्चों को विद्यालय के प्रति सहज बनाना है। प्रशिक्षण मास्टर प्रशिक्षक राहुल विकास व पवन कुमार चौरसिया दे रहे हैं।

    यह एक से दस अगस्त तक संचालित हो रहा है। इसके बाद सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वर्ग एक के नामित शिक्षक तीन महीने तक गतिविधि के माध्यम से बच्चों को पढ़ाएंगे।मौके पर प्रधानाध्यापक अशोक कुमार सिंह,संजीव कुमार राय,प्रवीण कुमार,दिलीप कुमार,नितेश नंदन,शशिनाथ झा,शिक्षक मंजू,अजय,जानकी,प्रियंका,रुणा,ललिता, सुभद्रा, कविता आदि मौजूद थे।

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  • बिहार की संचिता बासु टिकटॉक स्टार से बनीं साउथ फिल्म की हिरोइन, पहली फिल्म रिलीज, सुपरस्टार चिरंजीवी ने किया प्रमोशन

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के भागलपुर की रहने वाली संचिता बासु की पहचान अब तक टिकटॉक स्टार के रूप में थी. हालांकि अब वह साउथ इंडियन फिल्म जगत की हिरोइन बन चुकी हैं. संचिता बासु की फिल्म ‘फर्स्ट डे फर्स्ट शो’ रिलीज हो गयी है. संचिता साउथ की इस फिल्म में लीड हीरोइन की भूमिका निभा रही हैं. संचिता बासु की फिल्म ‘फर्स्ट डे फर्स्ट शो’ दो सितंबर को रिलीज हो गयी है. दक्षिण भारत के सिनेमा घरों के साथ-साथ विदेश में भी ये फिल्म रिलीज हुई है. टिकटॉक स्टार संचिता बासु की यह पहली फिल्म है.

    संचिता बासु की फिल्म का प्रमोशन सुपरस्टार चिरंजीवी ने किया. इस दौरान चिरंजीवी ने संचिता की जमकर तारीफ की. वहीं फिल्म प्रमोशन के दौरान संचिता ने फिल्म के डायरेक्टर व सुपरस्टार चिरंजीवी को पांव छूकर मंच पर प्रणाम किया. जिसकी तारीफ बिहार में भी हर जगह लोग कर रहे हैं. इंटरनेट पर काफी सिद्ध हुई संचिता बासु टिकटॉक स्टार रही हैं. उन्होंने स्नेक एप पर एक्टिंग एवं डांसिंग के वीडियो डालकर लोकप्रियता हासिल की. वह अपनी मासूम अदाओं से सबको अपना दीवाना बना लेती हैं. फिलहाल वह इंस्टाग्राम पर रील्स वीडियो से लोगों का मनोरंजन करती हैं.

    टिकटॉक से अपनी पहचान बनाकर लोगों की चहेती बनी संचिता का घर बिहार के सहरसा जिले के सितुआहा पंचायत के महादेवमंठ है. अब वे साउथ फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचाने को तैयार हैं. लोगों को संचिता की सादगी भरे वीडियो काफी पसंद आए. अभी संचिता बासु के इंस्टाग्राम पर 2.2 मिलियन फॉलोवर्स हैं. संचिता को भोजपुरी और बॉलीवुड फिल्मों के भी ऑफर मिले हैं. फिलहाल वे साउथ फिल्में कर रही है. बताया जाता है कि यहां तक पहुंचने में उसकी मां बीना राय ने उनका खूब साथ दिया. शुरुआती दौर में उनकी मां ही वीडियो और रील्स बनाती थी. वे आज भी संचिता का बाखूबी साथ दे रही है.

    बता दें कि संचिता बासु का जन्म बिहार के भागलपुर में 24 मार्च 2003 को हुआ था. वर्तमान में संचिता बासु का परिवार भागलपुर में ही रहता है और संचिता वहीं से इंटर की पढ़ाई कर रही है. संचिता के परिवार में इनके माता-पिता और इनकी दो छोटी बहनें हैं. इनके पिता का नाम सुरेंद्र यादव और उनकी माता का नाम वीना देवी है. अपनी खूबसूरत अदाएं और कला से संचिता ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली है. संचिता बासु ने टीवी पर डांस वीडियो देखकर छोटा-छोटा वीडियो बनाना शुरू किया था. जब इसकी जानकारी उनके माता पिता को मिली तो दोनों ने इन्हें काफी ज्यादा सहयोग किया. इसकी वजह से आज संचिता एक जानी-मानी स्टार हैं और उनकी एक तेलुगू फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई है.

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  • सप्टेंबरमध्ये ‘या’ पिकांची लागवड करा, हिवाळ्यात मिळणार बंपर नफा

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : सप्टेंबर महिना सुरू झाला आहे. अशा स्थितीत येत्या काही दिवसांत कडाक्याचे ऊन पडते . या बदलत्या ऋतूचा परिणाम शेतकऱ्यांच्या शेतीच्या कामांवरही होत असल्याने सप्टेंबर महिन्यात कोणती शेती करावी, याचा सल्ला आम्ही शेतकरी बांधवांना देणार आहोत.

    सप्टेंबरमध्ये भाजीपाला व बागकाम करा

    भाजीपाला आणि बागायती पिकांसाठी सप्टेंबर हा महत्त्वाचा महिना मानला जातो. भाजीपाला पिके आणि बागकामासाठी हा महिना योग्य आहे, त्यामुळे तुम्हालाही भाजीपाला लागवड करायची असेल तर हे काम या महिन्यात पूर्ण करा. येथे आम्ही तुम्हाला अशाच काही भाज्यांची लागवड करण्याचा सल्ला देणार आहोत, ज्याची लागवड करून तुम्ही चांगला नफा मिळवू शकता. या लेखात खाली दिलेल्या भाज्या केवळ खाण्यासाठीच उत्तम नसतात, तर त्या आरोग्यासाठीही फायदेशीर मानल्या जातात, त्यामुळे त्यांची मागणी वर्षभर बाजारात राहते.

    १) टोमॅटो

    टोमॅटो लागवडीसाठी सप्टेंबर ते ऑक्टोबर या कालावधीत पेरणी केली जाते, त्यानंतर दोन महिन्यांनी म्हणजे डिसेंबर ते जानेवारीपर्यंत त्याचे पीक तयार होते. तुम्हाला सांगितल्याप्रमाणे बाजारात टोमॅटोची मागणी वर्षभर सारखीच असते. अशा परिस्थितीत शेतकऱ्यांनी मोठ्या प्रमाणावर लागवड केल्यास लाखो रुपयांपर्यंत उत्पन्न मिळू शकते.

    २)फुलकोबी

    फुलकोबी ही अशी भाजी आहे, जी क्वचितच कोणी खात नसेल. हिवाळा आला की त्याची भाजी, पकोडे, पराठे हे प्रत्येक घरात नक्कीच खाल्ले जातात. आता लोकांनी ते सूप आणि लोणच्याच्या स्वरूपातही वापरण्यास सुरुवात केली आहे. यासोबतच याच्या सेवनाचे अनेक आरोग्यदायी फायदे आहेत, त्यामुळे शेतकरी बांधवांनी या महिन्यात लागवड करण्याचा सल्ला दिला आहे. त्याची लागवड सप्टेंबर ते ऑक्टोबर दरम्यान केली जाते. यानंतर, पेरणीनंतर सुमारे 60 ते 150 दिवसांत फुलकोबीचे पीक विक्रीसाठी तयार होते.

    ३)मिरची

    सप्टेंबर ते ऑक्टोबर हे महिने मिरची लागवडीसाठी सर्वात योग्य मानले जातात. आता वर्षभर लागवड केली जात असली तरी. अशा परिस्थितीत प्रत्येक घरात वापरल्या जाणाऱ्या मिरचीची लागवड करून शेतकरी बांधव १४० ते १८० दिवसांत त्यातून नफा मिळवू शकतात.लाल मिरची, हिरवी मिरची, मोठी मिरची आणि बरेच काही मिरच्यांचे अनेक प्रकार. या सर्व वाणांची खास गोष्ट म्हणजे याचा वापर प्रत्येक घरात दररोज केला जातो, कधी लोणच्याच्या स्वरूपात, कधी कोशिंबीरच्या स्वरूपात तर कधी भाजीला तिखटपणा आणण्यासाठी दररोज वापरला जातो, त्यामुळे शेतकरी त्याची लागवड करतात.

    ४)कोबी

    सप्टेंबर ते ऑक्टोबर या कालावधीत शेतकरी कोबीची लागवड करू शकतात. त्याची पेरणी बेड तयार करून केली जाते. विविध जातींपासून २ ते ४ महिन्यांत उत्पन्न देते. फक्त 60 दिवसांनंतर, तुम्ही त्याचे पीक बाजारात नेऊन विकू शकता. त्यामुळे हिवाळ्यात शेतकऱ्यांना चांगला नफा मिळावा यासाठी सप्टेंबर महिन्यात लागवड करण्याचा सल्ला शेतकऱ्यांनी दिला आहे. ही एक भाजी आहे जी अनेक गोष्टींमध्ये कच्ची देखील वापरली जाते.

    ५)गाजर

    गाजराची लागवड ऑगस्टच्या अखेरीस सुरू होऊन नोव्हेंबरच्या अखेरपर्यंत केली जाते. अशा परिस्थितीत, सप्टेंबर नुकताच सुरू झाला आहे, त्यामुळे त्याच्या लागवडीसाठी हा सर्वोत्तम काळ आहे. आता पेरणी केली तर ३ ते ४ महिन्यांनी उत्पादन घेता येईल. सफरचंद गाजरात इतके पौष्टिक तत्व असते, ही म्हण तुम्हीही ऐकली असेल. होय, गाजर हे भारतातील प्रमुख भाजीपाला पिकांपैकी एक आहे, कारण ते केवळ बनवूनच नव्हे तर कच्चे देखील वापरले जाते. याच्या मदतीने लोणची, हलवा, सॅलडसह अनेक गोष्टी बनवल्या जातात. थंडीच्या मोसमात गाजराच्या हलव्याची सर्वाधिक चर्चा होते. थंडीचा हंगाम सुरू होताच त्याची मागणी गगनाला भिडू लागते. यासोबतच हे डाएट करणाऱ्या लोकांमध्येही खूप प्रसिद्ध आहे. त्यामुळे त्याची लागवड केल्यास शेतकऱ्यांना नफ्याची दारे खुली होतील.