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बिहार लोक सेवा आयोग के प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इनमें राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार शामिल है ।
अभी तक आर्थिक अपराध इकाई 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जबकि अभी तक अनुसंधान के दौरान 18 आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
लाइव सिटीज पटना: बिहार विधान परिषद में बीजेपी ने पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को नेता घोषित किया है. नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार को हर मुद्दे पर विरोधी दल घेरेगी. उन्होंने कहा कि जनता की समस्या को अगर सरकार दूर नहीं करेगी तो सड़क से सदन तक बीजेपी इसको उठाने का काम करेगी. वहीं आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई रेड पर सम्राट चौधरी ने कहा कि JDU नेताओं की मांग पर CBI की कार्रवाई हो रही है. अगर आप सही है तो घबराहट क्यों हो रही है.
आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई रेड पर सम्राट चौधरी ने कहा कि 1996 में पहली बार सीबीआई बिहार आई थी. तब दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड की सरकार थी और देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे. ऐसे में लालू जी को पहले देवगौड़ा से पूछना चाहिए कि उन्होंने सीबीआई को बिहार क्यों भेजा. सम्राट चौधरी ने कहा कि चारा से लेकर अभी तक नौकरी देकर जमीन लेने का जो मामला चल रहा है. इन सब में तो JDU नेताओं की मांग पर CBI की कार्रवाई हो रही है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को ललन सिंह और शिवानंद तिवारी से पूछना चाहिए. इस में हमलोग क्या कहें, सीबीआई तो उनके आवेदन पर काम कर रही है.
इससे पहले बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्षचुने जाने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार को हर मुद्दे पर विरोधी दल घेरेगी. बीजेपी के 23 और 2 निर्दलीय का समर्थन भी है. उन्होंने कहा कि जनता की समस्या को अगर सरकार दूर नहीं करेगी तो सड़क से सदन तक बीजेपी इसको उठाने का काम करेगी और मजबूती के साथ पूरा विपक्ष पूरे बिहार में आंदोलन भी करेगी. बता दें कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद में बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष का ऐलान भी हो गया है. बीजेपी ने मौजूदा स्पीकर विजय सिन्हा को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है जबकि सम्राट चौधरी को विधान परिषद का नेता चुना गया है.
बतातें चलें कि बुधवार को लालू परिवार के खास और आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह समेत कई राजद नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई (CBI) ने एक साथ छापा मारा. इनमें 2 राज्यसभा सांसदों के अलावा पूर्व विधायक और राजद के फाइनेंसर अबु दोजाना भी शामिल हैं. एमएलसी सुनील सिंह के अलावे सांसद आशफाक करीम,फैयाद अहमद, MLC पूर्व MLC सुबोध राय के घर भी छापेमारी हुई है. टीम गुरुग्राम के एक मॉल भी पहुंची है, जो तेजस्वी यादव का बताया जा रहा है. इसे दोजाना की कंपनी बना रही है. इनके अलावा लालू यादव के करीबी और बालू माफिया सुभाष यादव के घर भी छापा मारा गया है. यह मामला जमीन के बदले रेलवे में रोजगार घोटाले से जुड़ा है.
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नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दो माह के दौरान सीबीआई की यह दूसरी बड़ी रेड है इस बार राजद के दो राज्यसभा सांसद एक विधायक ,एक पूर्व विधान पार्षद और एक बालू कारोबारी के घर सीबीआई ने छापेमारी किया है ।छापेमारी देर रात को खत्म हुई है लेकिन सीबीआई को नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मुकदमा में ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिसके सहारे लालू परिवार पर शिकंजा कसा जा सके। हां यह जरुर है कि इस छापेमारी से राजद का जो अर्थतंत्र है वो जरुर प्रभावित हो सकता है ।
1–नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला
सीबीआई ने इसी वर्ष मई में लालू प्रसाद यादव पर 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले में जमीन लेने का आरोप लगाते हुए एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमें सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और हेमा के अलावे 13 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है ,इस तरह इस मामले में कुल 16 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
सीबीआई ने अभी तक इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें एक भोला यादव है जो लालू प्रसाद के निजी सहायक रह चुके हैं और दूसरी गिरफ्तारी नौकरी के बदले जमीन देने के एक आरोपि हृदयानंद चौधरी हैं।
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में हृदयानंद चौधरी पर आरोप यह है कि ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की. बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी. जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था. हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी।
रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें इसी तरह के सात ऐसे परिवार का नाम दर्ज है जिससे लालू प्रसाद पैसा लेकर रेलवे के डी ग्रुप में नौकरी दिये हैं ।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने इस वर्ष मई माह में दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 17 ठिकाने पर छापा मारा था और लालू प्रसाद और मीसा भारती से घंटो पुछताछ किया था।
2— सीबीआई की छापेमारी सवालों के घेरे मेंं
सांसद अशफाक करीम ,फैयाज अहमद,और विधान पार्षद सुनील सिंह के यहां छापेमारी से सीबीआई की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गया है क्यों कि जिस प्राथमिकी के आधार पर सीबीआई ने छापेमारी किया है (नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में ) उस प्राथमिकी में दर्ज घटना के वर्ष की बात करे तो यह खेल लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच हुआ है। मतलब घटना की तिथि 2004 से 2009 के बीच है लेकिन कल जिनके यहां भी छापेमारी हुई है उन सभी पर गौर करेंंगे तो सांसद अशफाक 2018 में राजद कोटे से राज्यसभा गये हैं और जिस दौर में लालू यादव रेलमंत्री थे उस दौर में अशफाक करीब लोजपा के बड़े नेता थे उनका राजद और लालू प्रसाद के परिवार से दूर दूर का रिश्ता नहीं था।
इसी तरह सांसद फैयाज अहमद की बात करे तो 2010 में ये पहली बार राजद के टिकट पर बिस्पी मधुवनी से विधायक बने थे और राजद में इसकी कोई हैसियत 2004 के 2009 के बीच कुछ भी नहीं था ।
वही बात विधान पार्षद सुनील सिंह की करे 2004 से 2009 के बीच राजद में इनकी हैसियत क्या थी किसी से छुपा हुआ नहीं है इनकी राजद मेंं सक्रियता 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार देखने को मिली इसी तरह पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय उस दौर मे ठीक से हाफ पैंट भी नहीं पहन पा रहा होगा जिस दौर में नौकरी के बदले जमीन का खेल हुआ था ।
इसी तरह से सीबीआई ने कृष्णापूरी में रेलवे के एक पूर्व इंजीनियर सुनील कुमार के घर भी छापा मारा था इसकी नौकरी उस समय रेलवे में हुई थी जिस समय रामविलास पासवान रेलमंत्री थे।
वैसे जो खबर आ रही है कि छापेमारी समाप्त होने के बाद इन लोगों को सीबीआई ने जो सीजर लिस्ट दिया है उसमें लिखा है कि नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी हुई कोई भी दस्तावेज या अन्य साक्ष्य बरामद नहीं हुआ है।
फिर भी इसमें कोई शंक नहीं है कि ये सभी लोग राजद के फंड रेजर हैं लेकिन इसमें भी कोई शंक नहीं है कि ये तीनों लालू परिवार के सम्पर्क में आने से पहले से ही बड़े कारोबारी रहे हैं।
3–आरजेडी विधायक सैयद अबू दोजाना और बालू माफिया सुभाष यादव
इन दोनों की हैसियत 2004 से 2009 के बीच क्या रही है कहने कि जरुरत नहीं है इन दोनों का राजद परिवार से रिश्ता 2015 में सत्ता वापसी के बाद हुई है इसलिए इनके यहां नौकरी ये बदले जमीन मामले में छापेमारी का कोई मतलब नहीं बनता है वैसे इन दोनों पर 2017 में आईआरसीटी घोटाला मामले में जब लालू प्रसाद पर मुकदमा दर्ज हुआ था उसके बाद इन दोनों के यहां भी छापेमारी हुई थी और करोड़ो के आयकर चोरी का मामले पकड़ाया था ।
ऐसी स्थिति में कहां जा सकता है कि कल की छापेमारी नौकरी के बदले जमीन मामले के बजाय राजद के आर्थिक स्रोत निशाने पर था ताकि राजद भाजपा को लेकर मुखर ना हो सके।
लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आप्त सचिव दिनेश कुमार राय समेत बिहार प्रशासनिक सेवा (Bihar Administrative Service) के 26 पदाधिकारियों को आईएएस (IAS) कैडर में प्रमोशन हुआ है. यानी कि बिहार प्रशासनिक सेवा के ये 26 अधिकारी अब IAS बन गए हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को प्रमोशन संबंधित अधिसूचना नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्मिक विभाग ने जारी कर दी है. बिहार प्रशासनिक सेवा की मौजूद रिक्तियों के आधार पर यह प्रोन्नति दी गई है.
बिहार प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को 2018 के रिक्तियों के आधार पर आईएएस में प्रोन्नति मिली है, उसमें दिनेश कुमार राय, अमरेंद्र कुमार, विजय कुमार सिंह, पंकज कुमार, एमएम कैसर सुल्तान, मिथिलेश कुमार साहू, सुमन कुमार, आशुतोष कुमार वर्मा, दुर्गानंद झा, राम शंकर, विनय कुमार, प्रवीण कुमार गुप्ता, रमेश कुमार झा और गजेंद्र कुमार मिश्रा का नाम शामिल हैं. वहीं 2019 की रिक्तियों के आधार पर जिनको प्रोन्नति मिली है, उनमें राजेश चौधरी, यशपति मिश्रा, सर्व नारायण यादव, कन्हैया प्रसाद, अरुण कुमार ठाकुर, नवल किशोर, रवि भूषण और राकेश कुमार शामिल हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के जिन पदाधिकारियों को आईएएस में प्रोन्नति दी गई है, सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से भी जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
बता दें कि पिछले महीने 25 अधिकारियों को प्रोन्नति मिली थी. पिछले महीने बिहार सरकार ने जिन 25 आईएएस अधिकारियों को प्रोन्नति दी है, उसमें कुछ 1 जनवरी 2016 से तो कुछ का 1 जनवरी 2017 के प्रभाव से प्रभावी होगा. जो अधिकारी रिटायर हो गए हैं, उन्हें जिस तिथि से प्रमोशन दी गई है उसी से वेतन का लाभ मिलेगा और अब उनका पेंशन भी बढ़ जाएगा. वहीं मृतक आईएएस अधिकारी के परिवार को भी लाभ मिलेगा. दरअसल लंबे इंतजार के बाद आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन मिला है.
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चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था।ये जनहित याचिकाएं गौरव सिंह व अन्य द्वारा की गई हैं।
एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।
कोर्ट को उन्होंने बताया था कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है।उन्होंने बताया कि छपरा के पास इसके लिए पर्याप्त और सस्ती भूमि उपलब्ध हैं।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अर्चना शाही ने बताया था कि गया एयरपोर्ट के विकास के लिए एक बड़ी धनराशि आवंटित की गई है।लेकिन अभी तक गया एयरपोर्ट का विकास कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।
कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,भागलपुर,फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं।लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 31अगस्त,2022 , को की जाएगी।
अमौर। शम्भु कुमार राय
पूर्णिया: सिविल सर्जन पूर्णिया डाक्टर एस.के.वर्मा ने सरकारी अस्पताल हफनिया का दौरा किया। इस दैरान उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के नवीनीकरण को लेकर चल रहे कार्य सहित गर्भवती महिला के लिए सुदूरवर्ती दूर-दूराज क्षेत्र में होने वाले लोगों की विभिन्न परेशानी संबंधी पूछताछ की। इसके अलावा अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन,लैब टेक्निशियन,फार्मेसी अफसर व अन्य माहिर डाक्टरों की कमी संबंधी जानकारी हासिल की
ग्रामीणों ने बताया कि स्टाफ़ की कमी व जरूरी टेस्टो का प्रबंध न होने से उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाहर जाकर महंगे इलाज़ व दवाएं खरीदने को मजबूर हैं।सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल की भवन नवीनीकरण का काम मुक्कमल बिजली फीटिग अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है
माहिर डाक्टरों को पूरा करके खासकर क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं,मरीजों को बेहतर सुविधाएँ दी जाएगी।इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों मुखिया मो.अरशद हुसैन, वार्ड अध्यक्ष सहित दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे।
मुरलीगंज संवाददाता
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर के विभिन्न नीजी शिक्षण संस्थानों में छात्र- छात्राओं के बीच सदस्यता अभियान चलाया। ग्रहण करवाया गया। अभाविप नगर मंत्री प्रकाश भगत ने कहा प्रत्येक साल अभविप द्वारा देशभर में सदस्यता अभियान चलाया जाता है। इस बार यह अभियान 20 अगस्त से लेकर 5 सितम्बर तक चलेगा। अभाविप दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है
यह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा छात्रहित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता व दृढ़ता से उठाते रहे हैं। अभाविप साल भर छात्रहित में कॉलेज व विश्वविद्यालय कैम्पस में संघर्षरत रहता है। किसी भी आपदा व जनजागरण के लिए विद्यार्थी परिषद समय समय पर कार्यक्रम करते रहता है। प्रांत एसएफएस सह प्रमुख राजू सनातन ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सदैव राष्ट्रहित छात्रहित समाजहित में सक्रिय रहता है
विद्यार्थी परिषद वृक्षारोपण, कोरोना काल में सेवा शिविर, छात्राओं के लिए मिशन साहसी व तिरंगा यात्रा व शैक्षणिक आंदोलन जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिये हर समय सक्रिय रहता है। समर राज और मनीष जायसवाल ने कहा कि इस बार मुरलीगंज के दो हजार छात्रों को अभाविप की सदस्यता दिलाई जाएगी। छात्र बढ़ चढ़ कर अभविप की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं ।