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लाइव सिटीज, किशनगंज: बिहार के किशनगंज में एक युवक ने चार साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना लिया. बताया जाता है कि चार वर्षीय बच्ची को गांव के ही एक 30 वर्षीय युवक ने टॉफी देने के बहाने सुनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. घटना जिले के पोठिया थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव की है.
मिली जानकारी के अनुसार बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. तभी गांव के ही एक युवक ने बच्ची को टॉफी देने के बहाने अपने पास बुलाया और सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. वहीं घर में बच्ची को न देख जब परिजन इधर-उधर ढूंढने लगे तो बच्ची घर से कुछ दूरी पर अचेत अवस्था में मिली. जिसके बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया.
घटना के बाद आनन-फानन में बच्ची को सिलीगुड़ी में बेहतर इलाज के लिए एडमिट कराया गया है. यहां बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है. इधर पोठिया थानाध्यक्ष संजय कुमार राम ने मामले में कांड संख्या 210/22 दर्ज करते हुए नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.
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लाइव सिटीज, पटना: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की देशभर में धूम है. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर प्रदेश और देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है.
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में पर्व त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं विविधता में एकता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी त्यौहार के रूप में धूमधाम से पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार लोग मनाते हैं. इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों और समृद्धि एवं सफलता की कामना करते हैं. मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह पर्व प्रदेश में सामाजिक समरसता, प्रेम और उत्साह के वातावरण को और मजबूत करेगा तथा बिहार सुखी, समृद्ध और विकसित प्रदेश बनेगा.
वहीं, राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में असीम भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. राज्यपाल ने कहा है कि श्री कृष्ण की जीवन लीला और संदेशों से हमें सत्य, प्रेम, त्याग, शांति, सेवा भाव और सद्भावना को आत्मसात करने की प्रेरणा मिलती है. राजपाल ने कहा है कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा श्रीमद् भागवत गीता में दिया गया उपदेश जीवन प्रबंधन का महानतम दर्शन है. हमें इसका अनुसरण करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए
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5249 वर्ष पूर्व आज की ही तरह विश्व के क्षितिज पर भादों की अँधेरी तमिस्रा अपनी निगूढ़ कालिमा के साथ छा गई थी। तब भी भारत में जन था, धन था, शक्ति थी, साहस था, पर एक अकर्मण्यता भी थी जिससे सब कुछ अभिभूत हो रहा था। महापुरुष तो इस पृथ्वी पर अनेक हुए है किन्तु लोक, नीति और अध्यात्म को समन्वय के सूत्र में गूँथ कर राजनीति, समाज नीति तथा दर्शन के क्षेत्र में क्रांति का शंखनाद करने वाले योगेश्वर कृष्ण ही थे।
हम भारतवासियों का यह दुर्भाग्य है कि हम कृष्ण भगवान के चरित्र को समझने में असमर्थ रहे। श्रीमद्भागवत आदि पुराणो हिन्दी संस्कृत के कवियों ने जिस कृष्ण का चित्रण किया है। वह हमारी श्रद्धा और भक्ति भावना का पात्र भले ही हो, अनुकरणीय नहीं हो सकता। हिन्दुओं की इस मनोवृत्ति को क्या कहा जाय? उन्होंने कृष्ण जैसे आदर्श व्यक्ति को परमात्मा का अवतार बता कर पूजा की वस्तु बना दी गोपाल सहस्र नाम के लेखक ने तो उन्हें ‘चोर जोर शिखामणि ऐसे उपयुक्त (?) सम्बोधनों से सम्बोधित किया।
हमारी यह आदत है कि वे अपने महापुरुषों को अवतार के पद पर बैठा कर सन्तोष कर लेते हैं, परन्तु उनके गुण ग्रहण करने का उद्योग नहीं करते। राम का मर्यादा पालन, कृष्ण का कर्म योग और बुद्ध की अहिंसा तथा वारुणा आदि सभी गुणों का हमारे आगे कोई महत्व नहीं। हमें तो बस अक्षत-चन्दन से उनकी पूजा भर कर सैनी और कर्तव्य पूरा हो चुका अस्तु आर्य जीवन का सर्वागीण विकास हम श्री कृष्ण में पाते हैं। राजनीति और धर्म, अध्यात्म और समाज-विज्ञान सभी क्षेत्रों में श्री कृष्ण को हम एक विशेषज्ञ रूप में देखते हैं। यदि हम राजनीतिज्ञ कृष्ण का दर्शन करना चाहते हैं तो हमें महाभारत के पन्ने टटोलने होंगे। महाभारत आर्य जाति का पतन युग कहा जाता है। उस समय भारतवर्ष में गाँधार (कंधार) से लेकर पाग ज्योतिष (आसाम) तक और काश्मीर से लेकर सह्याद्रि पर्वतमाला तक क्षत्रिय राजाओं के छोटे बड़े स्वतन्त्र राज्य थे। इन छोटे छोटे राज्यों का एक संगठन नहीं था। एक चक्रवर्ती सम्राट के न होने से कई राजा अत्याचारी और उच्छृंखल हो गये थे। मगध का जरासंध, चंदी देश का शिशुपाल, मथुरा का कस और हस्तिनापुर के कौरव सभी दुष्ट, विलासी और दुराचारी थे।
श्री कृष्ण ने अपने अद्भुत राजनैतिक चातुर्य के द्वारा इन सभी राजाओं का मूलोच्छेद कराया और युधिष्ठिर का एक छत्र साम्राज्य स्थापित किया। मानव जाति ने श्री कृष्ण के समान राजनीति निपुण व्यक्ति थोडे ही पैदा किए है। महाभारत के बाद चन्द्रगुप्त मौर्य के पथदर्शक विष्णुगुप्त चाणक्य में भी हम इसी विलक्षण प्रतिभा का दर्शन करते हैं।
भारत में अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। कुछ त्योहार ऋतु परिवर्तन के समय मनाए जाते हैं तो कुछ त्योहार महापुरुषों के जन्मदिन या महत्त्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण कराते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान् श्रीकृष्ण के संसार में अवतरित होने के पावन दिवस के रूप में मनाई जाती है। जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है यह त्योहार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
जन्माष्टमी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पुर्णिमा के बाद आठवे दिन मनाई जाती है, या यह भी कह सकते है कि भाई बहन के सबसे बड़े त्यौहार रक्षाबंधन के बाद ठीक आठवे दिन कृष्ण जन्म अष्टमी मनाई जाती है। ग्रेगोरियन पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अक्सर अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ती है, यह तिथि हर वर्ष बदलती रहती है।
श्रीकृष्ण का जन्म जिस परिस्थिति में हुआ, वह बड़ी कष्टकारक थी। भारतवर्ष खंड-खंड राज्यों में विभाजित था। दुष्ट और अमानुषिक प्रवृत्ति के राजाओं का बोलबाला था। उन्होंने अन्याय और अत्याचार से समस्त प्रजा को पीड़ित किया हुआ था। कंस, शिशुपाल, जरासंध, नरकासुर जैसे अहंकारी राजा नित नए तरीकों से जनता को कष्ट दे रहे थे। कंस ने तो अपने ही पिता का राज्य हड़पकर उन्हें कारागृह में डाल दिया था। कंस की बहन देवकी का विवाह सत्यवादी एवं धर्मात्मा राजकुमार वसुदेव से हुआ। बहन को विदा करने कंस स्वयं रथारूढ़ हुआ तो आकाशवाणी हुई या किसी विश्वसनीय ज्योतिषी ने बताया कि देवकी की आठवीं संतान तुम्हारा काल होगी। कंस दुष्ट तो था ही ऐसी बात सुनते ही वह क्रोध से बावला हो गया। वह बहन देवकी और बहनोई वसुदेव को तुरंत मारने को तैयार हो गया। वसुदेव ने विश्वास दिलाया कि वे अपनी आठवीं संतान कंस को सौंप देंगे तो कंस न उन्हें जीवित छोड़ दिया, परंतु कारागार में डाल दिया वसुदेव देवकी का पहला बच्चा हुआ और कंस ने देवकी के आग्रह पर उसे न मारने का निर्णय लिया। उसी समय नारदजी ने पहुँचकर कंस को यह समझा दिया कि ईश्वर का कुछ पता नहीं। अष्टदल कमल की कोई भी पंखुड़ी पहली हो सकती है तो कोई भी आठवीं हो सकती है। कंस के अत्याचार और बढ़ गए। उसने देवकी के सभी बालकों को मारने का निश्चय कर लिया। छह बालक कंस ने पैदा होते ही मार दिए। सातवाँ बालक समय से पूर्व गर्भ से लुप्त हो गया। आठवें पुत्र के होने से पूर्व सारी विचित्र घटनाएँ हुईं। सनातनी धर्म शास्त्रों के अनुसार अवतरण से पूर्व नारायण ने माँ को दर्शन दिए और फिर शिशु बनकर देवकी की बगल में लेट गए। रोने की आवाज से देवकी वसुदेव जागे। यह समय था भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की अर्धरात्रि भगवान् ने स्वयं सुझाया- तुम मुझे गोकुल पहुँचा दो। वहाँ नंद यशोदाजी की कन्या के रुप में योगमाया ने जन्म लिया है। उसे यहाँ उठा लाओ । धर्मशास्त्र के अनुसार वसुदेवजी ने देखा सभी पहरेदार सो गए हैं। सभी जंजीरे खुल गई हैं, ताले भी खुले हुए हैं। उन्होंने प्रभु की लीला जानकर उनकी आज्ञा का पालन किया। मार्ग में यमुना पड़ती थी। वसुदेवजी ने शिशु को सिर पर उठाया हुआ था। श्रीकृष्ण ने अपना एक पाँव नीचे लटका दिया फिर यमुना ने मार्ग दे दिया। गोकुल में श्रीकृष्ण को यशोदा के पास लिटाकर तथा बालिका को लेकर वसुदेव उलटे पाँव कारागार में लौट आए। पहरेदार जागे और कंस को सूचना मिली। कंस स्वयं कारागार पहुँचा। उसने बालिका को पत्थर पर पटककर मारने का विचार किया। पाँव पकड़कर जैसी ही कन्या को ऊपर उछाला वह आकाश में उड़ गई। बिजली कौंधी और आकाशवाणी हुई। “दुष्ट कंस तुझे मारने वाला संसार में अवतार ले चुका है।” श्रीकृष्ण नंद-यशोदा के घर पर गोकुल में ही पलने लगे। दुष्ट कंस के अत्याचार लगातार बढ़ते रहे। उसने अनेक राक्षसों को भेजकर श्रीकृष्ण को मरवाने की कोशिश की, परंतु कृष्ण ने उन सबको मारकर कंस को जवाब दिया। कंस फिर भी नहीं समझा और अहंकार के नशे में अत्याचार करता रहा। श्रीकृष्ण ने व्रज में ग्वालों का संगठन खड़ा कर लिया। गोपियों को प्रेम भक्ति के रंग में रंग दिया। व्रज के गाँवों का माखन शहरों में बेचने की परंपरा का विरोध किया। ग्वाल-बालों को माखन खिलाकर, व्यायाम सिखाकर मजबूत बनाया। यमुना से प्रदूषण रूपी कालियानाग को भगाकर यमुना को स्वच्छ किया। 11 वर्ष की अल्पावस्था में कंस का संहार किया। कंस के ससुर जरासंध को मरवाया। नरकासुर का वध करके उसके चंगुल से सोलह हजार एक सौ राजकुमारियों को मुक्त करवाया।
हम आपको अपने इस आलेख के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के कुछ उत्तम विचारों से अवगत करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर न सिर्फ आप लोगों के मन में अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी बल्कि एक-दूसरे के प्रति आदर-सम्मान का भाव पैदा होगा, आपसी रिश्ते मजबूत होगें। इसके साथ ही जीवन जीने की सही कला के बारे में ज्ञात हो सकेगा।
धरती पर महापापी कंस के अत्याचारों से लोगों को मुक्ति दिलवाने के लिए जन्में भगवान श्री कृष्ण ने न सिर्फ इस संसार को आपस में प्रेम करना सिखाया बल्कि कई ऐसे प्रेरणादायक और अनमोल सीख भी दी, जिनको अगर हम सभी अपने जीवन में उतार लें तो निश्चय ही एक सफल और श्रेष्ठ जिंदगी जी सकते हैं। गीता के सतत पाठन और अभ्यास करने से विकास की अनंत संभावना को बल मिलता है। गीता का अध्ययन करने से मानव में भी 26 गुणों का समावेश हो सकता है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में आज के युवाओं को भी कर्म करते रहने की अद्भुत प्रेरणा दिया है।
श्रीकृष्ण ने आततायी कंस से जनता को मुक्ति दिलायी। श्रीकृष्ण एक चतुर राजनीतिज्ञ थे। वे योगीराज, विद्वान्, वीर योद्धा, देश-उद्धारक, सच्चे मित्र, अनुपम दानी और सेवा-भाव के आदर्श परुष थे। दुर्योधन की पराजय, कंस, जरासंघ, शिशुपाल आदि आततायियों का वध, अर्जुन को गीता का उपदेश, गरीब मित्र सुदामा की सहायता आदि कार्य श्रीकृष्ण की महानता को प्रकट करते हैं। श्रीकृष्ण कुशल रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ थे। वे न्याय करने में पारदर्शिता रखते थे। उनका पूरा का पूरा जीवन आज के व भविष्य के समाज के लिए बेहद प्रेरणादायी है। वे ज्ञान नीर क्षीर विवेक के साथसह आंकलन करने में परिपूर्ण थे। भगवान श्रीकृष्ण स्वयं लगातार कर्म करते और कर्म करने की प्रेरणा देते रहते हैं। वे योगेश्वर थे और गीता में कई जगह योग पर बल दिया है। उनके जीवन ओैर कथा से विनयशील होने और अहंकार छोड़ने की प्रेरणा मिलती है। उनका जीवन सत्य पर आधारित था उनका जीवन सदा दूसरों पर उपकार करने वाला ही था।
पांडवों तथा कौरवों के महायुद्ध में श्रीकृष्ण ने अच्छाई के प्रतिक पांडवों का साथ दिया। युद्ध में ही कर्तव्य से उदासीन होते अर्जुन को गीता का अमर उपदेश देकर सच्चे ज्ञान की दीक्षा दी। जीवन भर सत्य और धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए अधर्मियों से संघर्ष करते रहे। धर्म रक्षा के लिए कई युद्ध किए और लोगों के बीच शांति बनाए रखी। एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पुत्र, आदर्श प्रेमी, आदर्श शिष्य और एक आदर्श गुरु की भूमिका कर्मयोगी श्रीकृष्ण ने अच्छी तरह निभाई। श्रीकृष्ण एक विचार धारा का नाम है। जिसमें भारत का सनातनी दर्शन का चिंतन मिलता है। भारत वर्ष में राम आदर्श हैं और श्रीकृष्ण हमारा यथार्थ हैं। उन्हें धर्मशास्त्रों के अनुसार सम्पूर्ण अवतार माना जाता है। एक प्रकार से देखा जाये तो भगवान श्रीकृष्ण आज के युवाओं को नैतिकता और व्यावहारिकता की परिपक्व सीख दे रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण प्रेम भी करते हैं और रास भी रचाते हैं। लेकिन उसमें अश्लीलता और उच्छृंखलता का भाव नहीं होता है। लेकिन वर्तमान समय में विदेशी सभ्यता से ओतप्रोत साहित्यकारों व सतरंगी फिल्मी दुनिया ने इसे बेहद विकृत कर दिया है। आज के युग में युवाओं में व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने व उसका और अधिक विकास करने में श्रीकृष्ण का जीवन एक परम उदाहरण है। भगवान श्रीकृष्ण घोर निराशा व अधंकार के दौर में भी लगातार कर्म करने की प्रेरणा देते है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमें अपने कर्तव्यों को पूरा करने, बिना किसी इच्छा के कर्म करने एवं समाज में उच्चादर्श स्थापित करने की शिक्षा देता है। कृष्ण की भाँति हमें भी सच्चा मित्र और लोकहितकारी बनना चाहिए। हमें श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री कृष्ण के कार्यों के वजह से महाराष्ट्र में विट्ठल, राजस्थान में श्री नाथजी या ठाकुर जी, उड़ीसा में जगन्नाथ तथा इसी तरह विश्व भर में अनेक नामों से पूजा जाता है। उनके जीवन से सभी को यह प्रेरणा लेने की आवश्यकता है की चाहे जो कुछ हो जाए व्यक्ति को सदैव अपने कर्म पथ पर चलते रहना चाहिए।
लाइव सिटीज, मधुबनी: बिहार के मधुबनी में भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. घटना झंझारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरौलिया गांव के निकट एनएच-57 की है. गुरुवार की देर शाम हुए इस हादसे में घायल सभी लोगों को स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया. यहां दो महिला और दो पुरुष को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. वहीं दो लोगों का इलाज चल रहा है.
लोगों ने बताया कि पिपरौलिया गांव के निकट एक ऑटो तेज गति से आ रही थी. इसी दौरान गलत लेन से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी. ऑटो में सवार सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस मामले में एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी ने कहा कि गुरुवार शाम 7:30 बजे के आसपास की घटना है. ऑटो में छह लोग सवार थे. इसमें से दो महिला और 2 पुरुष की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. अन्य जो दो लोग घायल हैं उनमें दोनों महिलाएं हैं. उन्हें बेहतर इलाज के लिए दरभंगा के डीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि टेंपो झंझारपुर की तरफ से जा रहा था. वहीं सामने से गलत लेन से एक ट्रक फुलपरास की ओर से आ रहा था. इसी कारण यह हादसा हुआ है. कुछ लोगों की पहचान हो गई है. एक महिला की पहचान झंझारपुर राम चौक के निकट की रहने वाली जगरनाथ साह की पत्नी गुड़िया देवी है. वह चूड़ी बेचती है. ऑटो चालक की भी मौत हुई है. उसकी पहचान खोईर मिश्रवलिया गांव निवासी उदय महतो के रूप में हुई है. एक और मृतक की पहचान राम दुलार यादव की पत्नी कुसुम कुमारी के रूप में की गई है. एक घायल महिला की पहचान भगवान प्रसाद यादव की पत्नी सावित्री देवी के रूप में कई गई है. वह बाबूबरही थाना के खोईर मिश्रौलिया की बताई जा रही है., राशि के अनुसार करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
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आने वाले चुनाव में षड्यंत्रकारियों को सबक सिखाएं की जनता :-श्रवण कुमार जनता दल यूनाइटेड नालंदा के द्वारा बिहार शरीफ के श्रम कल्याण केंद्र में अभिनंदन समारोह कार्यक्रम के तहत जनता दल यू के नव मनोनीत राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर सुनील कुमार एवं बिहार सरकार के नव मनोनीत मंत्री श्रवण कुमार का कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनता दल के जिलाध्यक्ष सिया शरण ठाकुर ने की संचालन बिहार शरीफ जिला जनता दल यू के अध्यक्ष नदीम जाफर उर्फ गुलरेज अंसारी ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वक्ता धनंजय देव ने की ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित सांसद कौशलेंद्र कुमार विधायक हरिनारायण सिंह जितेंद्र कुमार कौशल किशोर विधान पार्षद रीना यादव पूर्व विधायक चंद्रसेन प्रसाद पूर्व विधान पार्षद राजू यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी को षड्यंत्र कर कमजोर करने का प्रयास असफल रहा आने वाले चुनाव में बिहार की जनता षड्यंत्रकारियों को सबक सिखाने का काम करेगी। प्रधानमंत्री बनने हुंकार आज नालंदा से कार्यक्रम के माध्यम से प्रारंभ हो गई है।हमारी पार्टी एकजुट है तथा हमारे पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार जी हैं महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के फैसले का सभी कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर स्वागत किया। नालंदा नीतीश कुमार की जन्मभूमि एवं कर्म भूमि रही है नालंदा के लोगों का अपार स्नेह प्यार और आशीर्वाद का परिणाम है कि नेता नीतीश कुमार विगत 17 वर्षों से मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार के लोगों की सेवा कर रहे हैं।
गांव के विकास का जो सपना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी डॉक्टर अंबेडकर जेपी लोहिया कर्पूरी ठाकुर ने देखा था उसे बिहार की धरती पर गांव को स्मार्ट बनाकर करने का काम किया है। बिहार तो एक झांकी है दिल्ली अभी बाकी है के लक्ष्य के साथ एक एक कार्यकर्ताओं को संकल्प लेने की जरूरत है बिहार में हुए कामों का डंका पूरे देश में बज रहा है तथा अब बिहारी कहना ना सम्मान का विषय बना है यह काम बिहार के मुख्यमंत्री जी ने करने का काम किया है पूरा देश के लोग कई अन्य पार्टी के लोग नीतीश कुमार के ओर निहार रहा है कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर सुनील कुमार ने कहा कि मुझे जो यह जिम्मेदारी दी गई है इसका निर्वाहन मजबूती के साथ करने का काम करूंगा नेता नीतीश कुमार जी के साथ मुझे कार्यकर्ता के तौर पर काम करने का अवसर मिला है पुनः उन्होंने जिस विश्वास के साथ राष्ट्रीय महासचिव बनाया है उस पर खरा उतरने का काम करूंगा पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अपने आप को नीतीश कुमार मानता है। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं नेता नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत बनाना हम सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेवारी है जनता दल यूनाइटेड कार्यकर्ताओं की पार्टी है विधान पार्षद रीना यादव ने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर की भागीदारी देकर नेता नीतीश कुमार ने सम्मान देने का काम किया है जब भारत गुलाम था तब भारत के लोगों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से देश से भगाने का काम किया था आज पूरा देश भारतीय जनता पार्टी को महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त होकर सत्ता से बेदखल करने का काम करेगी पूरे देश में बेरोजगारी महंगाई का माहौल बना है। दिवंगत नेता प्रखंड जदयू अध्यक्ष एकंगर सराय विनोद कुमार के निधन पर मौन रखकर कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदना प्रकट की। नीतीश कुमार जी की नीतियों से प्रभावित होकर बसपा के पूर्व प्रत्याशी बंटी कुमार ने अपने समर्थकों के साथ जनता दल यू के सदस्यता ली ।इस अवसर पर प्रो जनार्दन प्रसाद सिंह राजेंद्र प्रसाद असगर शमीम प्रदेश उपाध्यक्ष विरेंद्र कुमार जिला परिषद अध्यक्ष पिंकी देवी राजीव रंजन पटेल मीरा कुमारी उपाध्यक्ष संजय कांत सिन्हा विनोद कुमार सिन्हा मोहम्मद अरशद अरविंद कुमार डॉक्टर वसुंधरा कुमारी रंजीत कुमार इमरान रिजवी अमजद सिद्धकी रेखा देवी रंजीत कुमार अजय चंद्रवंशी नारायण यादव नीरजभान पप्पू कुमार महमूद रखो बनारस प्रसाद सिन्हा विजय कुमार उमेश कुमार पवन कुमार शर्मा किशोर कुणाल आदित्य कुमार सनी पटेल रविकांत कुमार अरविंद पटेल राकेश मुखिया जगलाल चौधरी बाबर मलिक राजा मुखिया प्रदुमन कुमार शशि कुमार मुन्नी देवी वीरेंद्र कुमार मुन्ना शशि भूषण प्रसाद मोहम्मद कफील अख्तर जयराम सिंह मुकेश सिंह रेखा देवी जनार्दन चंद्रवंशी रजनीश कुमार सोनी लाल शशिकांत कुमार अमित कुमार प्रखंड के अध्यक्ष गन जिला के पदाधिकारी गण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गन उपस्थित रहे।
लाइव सिटीज, पटना: 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में बीपीएससी द्वारा अलग-अलग सेंटर पर परीक्षार्थियों को दिया जाने वाला प्रश्नपत्र यूनिक होगा. बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि यदि किसी सेंटर से प्रश्नपत्र लीक होगा, तो तुरंत पता चल जायेगा कि प्रश्नपत्र किस सेंटर का है. इससे हरेक सेंटर की परीक्षा को रद्द करने की बाध्यता नहीं रह जायेगी और आयोग पेपर लीक होने वाले सेंटरों की संख्या कम होने पर महज कुछ सेंटरों की परीक्षा रद्द करने के विकल्प पर विचार कर सकेगा.
परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा से एक घंटा पहले परीक्षार्थियों की इंट्री बंद हो जायेगी. उसके बाद हर परीक्षार्थी की तलाशी ली जायेगी. फिर बायोमीटरिक आइडी को रिकॉर्ड किया जायेगा. जो अभ्यर्थी अपना बायोमीटरिक देने के लिए तैयार नहीं होंगे, उनके तीन फोटोग्राफ खींच कर रखे जायेंगे और उनका नाम वीक्षक के द्वारा वाच लिस्ट में डाल दिया जायेगा.
अंतिम रूप से सफल सभी अभ्यर्थियों के पीटी, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार सभी स्तरों पर लिये गये सभी आइडी प्रूफ बायोमीटरिक या फोटो का आपस में मिलान किया जायेगा. हर सफल अभ्यर्थी के पीटी और मुख्य परीक्षा के सभी उत्तर पत्राें की दोबारा चेकिंग होगी. नकल या गड़बड़ी का संदेह होगा तो मामले की गहन जांच की जायेगी.
बीपीएससी अध्यक्ष ने आगे बताया कि परीक्षा के बाद पीटी में बैठने वाले हर अभ्यर्थी की बिना मूल्यांकित और मूल्यांकित ओएमआर शीट को आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा, ताकि वे उत्तर पुस्तिका बिना आरटीआइ दायर किये ही देख सकें.
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पटना/सिटीहलचल न्यूज़
राजन तिवारी के बाद एक और बाहुबली पूर्व विधायक नरेंद्र उर्फ सुनील पांडेय की भी गिरफ्तारी हुई है। सुनील पांडेय को मिर्जापुर में सासाराम विंध्याचल की अष्टभुजा पहाड़ियों पर हुए गोलीकांड मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके ऊपर साजिश रचने और आरोपियों को शरण देने का आरोप है।
बताया जाता है कि विंध्याचल क्षेत्र में 14 अगस्त को अष्टभुजा पहाड़ी पर दर्शन-पूजन के लिए रोहतास (बिहार) से कुछ लोग आए थे। दर्शन-पूजन के बाद वे लोग सीताकुंड के पास भोजन बना रहे थे। इसी दौरान किसी बात पर रोहतास जिले से आये कुछ लोगों से विवाद हो गया।
जिसके बाद 60 वर्षीय कन्हैया प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। मालूम हो कि सुनील पांडेय भोजपुर के पीरो-तरारी सीट से 4 बार चुनाव जीत चुके है।