बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं बाल श्रम उन्मूलन निर्वाहन हेतु जागरूकता

रहुई प्रखंड के विभिन्न पंचायत से आये जनप्रतिनिधियों (वार्ड सदस्य) को किसान भवन रहुई में तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण पंचायतीराज विभाग द्वारा दिया जा रहा है जिसमें उड़ान परियोजना के तहत सेव द चिल्ड्रेन / यूनिसेफ के प्रखंड समन्वयक सुधा कुमारी के सहयोग से बाल सुरक्षा हेतु बाल अधिकार ,सामाजिक व्यवहार में बदलाव के साथ – साथ बाल श्रम, बाल – विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियां है जो बच्चियों तथा महिलाओं को न सिर्फ समान अवसर प्रदान करने की दिशा में बाधक बन रही है बल्कि उसके शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्रतिकूल ढंग से प्रभावित कर रही है

बाल विवाह लड़कियों के शारीरिक मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास को प्रभावित करता है वे विवाह के बाद परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं होती है और इसका प्रतिकूल प्रभाव उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। बाल विवाह और उसके बाद कम उम्र में शादी समस्याओं को कई गुना बढ़ा देता है अपनी कम उम्र के कारण वे परिवार के निर्णय में अपना पक्ष नहीं रख पाती हैं और उनकी मजबूरी हो जाती है । परिणामस्वरूप ऐसी माताएं अस्वस्थ और अविकसित शिशु को जन्म देती है और आगे चलकर ये बच्चे कुपोषण,बौनेपन एवं मंदबुद्धि के शिकार हो जाते हैं ।

पुनःमुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार-2009 पर चर्चा करते हुए अन्य समाजिक सुरक्षा योजना पर भी जानकारी दी गई तथा वार्ड स्तरीय बाल सुरक्षा समिति गठन हेतु संरचना पर विस्तृत चर्चा की गई।ततपश्चात बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध वर्तमान में विशिष्ट कानून लागू है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार लड़कों का 21वर्ष एवं लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है इससे कम उम्र की शादी करना कानूनन अपराध है।

कम उम्र में शादी करने करने पर पकड़े जाने पर एक लाख जुर्माना 2 साल तक सश्रम सजा है वहीं दहेज प्रथा लेन-देन करना भी कानूनन अपराध है अंत मे बाल सहायता नम्बर 1098 एवं महिलाओं के सहायता हेतु 181तथा बाल श्रम रोकथाम हेतु व्हाट्सएप नम्बर-9471229133 के बारे में विस्तृत चर्चा किया गया तथा बाल श्रम , बाल विवाह रोकथाम एवं प्रशिक्षण में मिले दायित्वों को निभाने के लिए शपथ भी ली गई।इस मौके पर प्रशिक्षक प्रखंड कार्यपालक सहायक सत्य प्रकाश कुमार एवं लेखपाल रवि कुमार तकनीकी सहायक तथा विभिन्न पंचायत के वार्ड सदस्य मौजूद थे।

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