कहा जाता है कि बच्चे किसी देश के भविष्य होते है लेकिन भूख से बिलबिलाते और गरीबी की मार झेलते ,बाल दासता की जंजीरों से जकड़ा यह बचपन किसी देश का भविष्य कैसे हो सकता है। जब बचपन ही खाने को तरस रहा हो और बाल विवाह , बाल मृत्यु दर तेजी से बढ़ रहा हो तो बच्चों का विकास कैसे संभव है।हम सभी को मिलकर बाल हितैषी समाज निर्माण की पहल करनी चाहिए । ये बाते समाजसेवी दीपक कुमार ने गोनामा उच्च विद्यालय में कही ।
सेव द चिल्ड्रन नामक संस्था के द्वारा हरनौत प्रखंड के गोनामा प्लस टू उच्च विद्यालय में बाल दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपने पंचायत में होने वाली समस्याओ के बारे में नीति निर्धारकों के साथ अपनी मांग को रखा। इस मौके पर गोनामा पंचायत के मुखिया सहित विद्यालय के प्राचार्य भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में सेव द चिल्ड्रन के जिला संयोजक रवि कुमार ने बच्चों के अधिकार के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि बच्चों के मुख्य रूप से चार अधिकार है। जिसमें जीवन जीने का अधिकार ,विकास का अधिकार ,सुरक्षा का अधिकार और सहभागिता के अधिकार शामिल है। हमें इन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सोचना चाहिए। साथ ही सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों एवं समाज के पंचायत प्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि बच्चों के विकास के लिए कदम उठाए। ताकि बाल हितैषी समाज का निर्माण हो सके। वही इस मौके पर उपस्थित सेव द चिल्ड्रन के प्रखंड समन्वयक सुधा कुमारी ने बच्चों को बाल अधिकार संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उन्हें बाल विवाह, बाल मजदूर एवं बाल उत्पीड़न से होने वाली हानियों के बारे में चर्चा की ।मुखिया जी ने सबकी बातें ध्यान से सुने और उसके निदान पर चर्चा की ।उन्होंने खुशी व्यक्त किया कि बच्चों ने और सेव द चिल्ड्रेन ने अच्छी पहल की ।