राजगीर में बामसेफ का दो दिवसीय 21 वां बिहार राज्य अधिवेशन समाप्त

नालंदा बामसेफ के इतिहास में पहली बार हुई इतनी बड़ी आम सभा, भारी संख्या में पहूंचे देश-प्रदेश के कार्यकर्ता
बड़ी आबादी वाले देश का भविष्य धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही सुरक्षित है

वर्तमान देश के स्थिति को कोई संगठन संभाल सकता है, तो वह है बामसेफ

बाबा साहेब आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के सपनों को पूरा करने का जिम्मेदारी बामसेफ पर है
देश का भविष्य बामसेफ पर टिका हुआ है

राजगीर-नालंदा, 11 सितम्बर 2022 : 11 सितम्बर दिन रविवार को देर शाम तक चली बामसेफ का 21 वां राज्य अधिवेशन का समापन सत्र अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में गंभीर चर्चाओं के साथ संपन्न हुई। समापन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मक्कम नई दिल्ली के मू.जे.एन.राम ने की तथा संचालन बामसेफ के प्रदेश प्रशिक्षण सचिव मु. रघुवीर प्रजापति ने किया।

बड़ी आबादी वाले देश का भविष्य धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही सुरक्षित है

मौके पर धर्म निर्दिष्ट राज्य; एक आत्मघाती कदम, विषय पर बोलते हुए प्रोफेसर (डा.) लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि धर्म नियंत्रित राज्य, राजतंत्र का आधुनिक माडल है। यह लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों को खत्म करने की एक घृणित षड्यंत्र है। 2017 में ‘प्यू रिसर्च सेंटर’, अमेरिका के द्वारा विश्व के देशों की धार्मिक व राजनीतिक स्थिति से संबंधित सर्वे की नई रिपोर्ट के अनुसार, आज दुनिया के 80 से अधिक देशों का या तो आधिकारिक धर्म है या वे एक या एक से अधिक धार्मिक समूहों को पसंद करते हैं।

जिन देशों का अपना आधिकारिक धर्म है, अक्सर उस देश में अन्य धर्मावलंबियों को किसी तरह का लाभ नहीं दिया जाता हैं। विश्व के 199 देशों में से केवल 22% देश ही धार्मिकराष्ट्र हैं, जिसमें ज्यादातर पिछड़े और तीसरी दुनिया के देश हैं। प्यू के रिपोर्ट के अनुसार 27 मुस्लिम राष्ट्र, 13 ईसाई राष्ट्र, दो बौद्ध एवं एक यहूदी धार्मिक निर्दिष्ट राष्ट्र हैं।

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दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया,सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश का भविष्य धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही सुरक्षित है। हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना, भारत जैसे बहुभाषी संस्कृति और विश्वास (धर्म) वाले देश के लिए खतरनाक साबित होगा। इसमें देश को विभाजित करने का एक साजिश है, जिसे वर्तमान सरकार हवा दे रही है। यह बहुसंख्यक समुदाय को गुलाम बनाने का षड्यंत्र है। भारत की जनता को अपने धर्मनिरपेक्ष संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

देश का भविष्य बामसेफ पर टिका हुआ है

सम्मेलन में बामसेफ के प्रदेश कार्यालय सचिव मू. आशुतोष कुमार राकेश ने कहा कि वर्तमान समय देश के विकराल स्थिति को यदि कोई संगठन संभाल सकता है, तो वह है बामसेफ। देश का भविष्य बामसेफ पर टिका हुआ है। इसके लिए एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक को एकजुट रहने की जरूरत है। ज्ञान की खोज को और तेज करने की जरूरत है। उन्होंने निजीकरण और ठेकेदारी प्रथाओं पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा- निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा से उत्पन्न हो रहे दुष्प्रभाव से प्रतिनिधियों को अवगत कराया और मूल निवासी समाज को इससे कितना खतरा है और इसका क्या समाधान हो सकता है, इसके विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा- बाबा साहेब आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसे महापुरुषों के सपनों को पूरा करने का जिम्मेदारी बामसेफ पर है और इसके लिए हमें दोगुने मेहनत और आपसी सहयोग की आवश्यकता है।

लोग धर्मांधता के शिकार हैं

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बामसेफ के प्रदेश मीडिया सचिव मू. संजीव रजक ने अपने प्रस्तावना में कहा कि धर्मनिर्दिष्ट राज्य का आग्रह- एक राष्ट्रघाती कदम यद्यपि यह सर्वविदित है कि हमारे देश के संविधान की उद्देशिका घोषित करती है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्रात्मक गणराज्य हैं तथापि व्यवहार में यह देखा जा रहा है कि राज्य के पदाधिकारी स्वयं बेलगाम हो कर धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का खुले आम उल्लंघन कर रहे हैं। यदि वे ऐसा व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सीमा की हद तक करते तो ज्यादा चिंता का विषय नहीं होता परंतु वे उसकी हद पार करते हुए राष्ट्रविरोधी आचरण कर रहे हैं।

उनका आग्रह है कि भारत को केवल एक धर्म का राष्ट्र बनाना चाहिए। दूसरा यह कि राष्ट्र का संचालन लोकतांत्रिक संविधान से नहीं बल्कि रूढ़िवादी ब्राह्मणी परंपरा से होना चाहिए। उक्त संदर्भ में चिंतन करने पर यह प्रतीत होता है कि ऐसे लोग धर्मांधता के शिकार हैं। उनके चेतना अंग इतने पूर्वाग्रह दूषित हो गए है कि वे अपने इर्दगिर्द और विश्व में ऐसी सोच के क्या परिणाम हुए हैं और हो रहे हैं उसे न ही देख पा रहे हैं और न पढ़-सुन पा रहे हैं। अतः हमें उनपर करुणा करते हुए उनके साथ जुड़े कुछ मूलनिवासी जन को ‘धर्मनिर्दिष्ट राज्य के संदर्भ में जानकार बनाना और चेताना जरूरी है। ताकि हम उनको और भारत राष्ट्र को इसके दुष्परिणाम से बचा सकें।

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