Category: आरसीपी सिंह

  • आरसीपी को ABCD भी नहीं पता, ललन सिंह के आरोप पर RCP सिंह का पलटवार, कहा-मुझसे ज्यादा कौन जानता है

    लाइव सिटीज पटना: जदयू से आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. आरसीपी सिंह जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर हमलावर हैं. वहीं आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी करारा जवाब दिया है. ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पार्टी का मालिक एक है, जिसका नाम नीतीश कुमार हैं. वहीं आरसीपी सिंह को लेकर कहा कि वह कभी संघर्ष के साथ नहीं रहे. वह केवल सत्ता के साथी रहे. अब आरसीपी सिंह ने एक-एक कर ललन सिंह के हर बयान का जवाब दिया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि पानी का जहाज दौड़ता नहीं है, वह तैरता है. ललन सिंह पहले जरा समझ लें, तब बोलें. दरअसल ललन सिंह ने कहा कि जदयू डूबता हुआ नहीं बल्कि दौड़ता हुआ जहाज है.

    जेडीयू और समता पार्टी की आरसीपी की समझ पर ललन सिंह के उठाए सवाल पर आरसीपी ने कहा कि मैंने 1998 से पार्टी में काम किया है. मुझसे ज्यादा कौन जानता है पार्टी को. आरसीपी सिंह ने कहा कि मैं ठोक कर बोलता हूं, नीतीश कुमार ने मुझे मंत्री बनने के लिए कहा था. मैंने खुद से माला नहीं पहना. वहीं ललन सिंह के ‘चिराग मॉडल’ वाले बयान पर आरसीपी ने कहा कि ये कौन कहता है, वो जिसने खुद पार्टी से बाहर के लोगों को लाकर टिकट दिया था. इसीलिए हार मिली थी. आरसीपी सिंह ने ‘तन यहां था, मन कहीं और’ वाले ललन सिंह के बयान पर कहा कि कौन क्या बोलता है, इससे फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन राजनीति में कहीं न कहीं तो जाना ही है. क्या वह पार्टी भाजपा भी हो सकती है. इस पर आरसीपी सिंह ने कहा कि कोई भी पार्टी हो सकती है.

    इससे पहले ललन सिंह ने आरसीपी सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि जो कहते है, जदयू डूब जाएगी. आपको पता है, जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले कौन भागता है. वो सत्ता के साथी है. इसलिए पार्टी को छोड़कर भाग गए. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथ नहीं रहे. वह केवल सत्ता के साथी रहे. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. ललन सिंह ने कहा कि सत्ता हाथ से चला गया, इसीलिए आरसीपी सिंह बौखला गए हैं.

    ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. राज्यसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का टिकट नहीं भी मिला था तो संघर्ष करना चाहिए था.उन्होंने कहा कि हमलोग केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने फैसला लिया था. 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का आरसीपी सिंह का फैसला था. बता दें कि आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था.

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  • नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रचने वालों की अब पहचान हो गई है, जल्द खुलासा किया जाएगा, ललन सिंह का बड़ा दावा

    लाइव सिटीज पटना: जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब दिया है. ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे, वे सिर्फ सत्ता के साथी रहे हैं. आरसीपी सिंह कहते हैं जेडीयू डूबता जहाज है तो मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज नहीं दौड़ता हुआ जहाज है. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे.

    ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. जल्द खुलासा किया जाएगा, अभी ट्रेलर देखिए, फिल्म बाद में देखिएगा. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के रूप में दूसरा चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है.

    आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. RCP सिंह को आड़े हाथों लेते हुए ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिसकी पहचान बनाई, वह नीतीश कुमार के बारे में इस तरह के बात कह रहा है. नीतीश कुमार ने हमें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. हम पार्टी के केयरटेकर है. अगर कोई केयर टेकर अपने आपके मालिक समझता है तो यह उसकी भूल है, पार्टी के मालिक सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं.

    ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह को जेडीयू का कोई ज्ञान नहीं है. वे जेडीयू को डूबता हुआ जहाज बताते हैं. आप तो जानते हैं कि जहाज डूबता है तो कौन पहले भागता है. लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता जहाज नहीं है. इसमें जो छेद हो रहे थे, उन्हें सही कर दिया गया है. अब नीतीश कुमार की जेडीयू दौड़ता जहाज है. आरसीपी सिंह को तो पार्टी छोड़कर जाना ही था क्योंकि उनका तन यहां था लेकिन मन कहीं और था. उनका मन कहां था इस सवाल का जवाब तो केवल आरसीपी सिंह ही दे सकते हैं. उनका जहां मन है, वो वहां जा सकते हैं.

    ललन सिंह ने कहा कि सत्ता हाथ से चला गया, इसीलिए आरसीपी सिंह बौखला गए हैं. उन्होंने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. राज्यसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का टिकट नहीं भी मिला था तो संघर्ष करना चाहिए था. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे. ललन सिंह ने कहा कि हमलोग केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने फैसला लिया था. 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का आरसीपी सिंह का फैसला था.

    बता दें कि जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई.

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  • मेरी बेटियों को इसमें घसीटा गया, RCP सिंह का ललन सिंह-उपेंद्र कुशवाहा पर हमला, कहा-उनकी हैसियत नहीं कि वह मेरे सामने बोलें

    लाइव सिटीज पटना: जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. जिसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया, यह बेहद पीड़ादायक है. साथ ही अपने ऊपर लगे आरोप पर आरसीपी सिंह ने चुनौती देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं वो आरोप को सिद्ध करें. जेडीयू में जीरो टॉलरेंस की बात सिर्फ बयानों में है.

    जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ लोगों से घिर गए हैं. नीतीश कुमार का काम सिर्फ भूंजा खाना है. 2010 तक ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास किया. 2010 के बाद फालतू की बातों में नीतीश कुमार उलझ गए हैं. वहीं आरसीपी सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत नहीं कि वह मेरे सामने बोलें. मेरा व्यक्तित्व ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जैसा नहीं है. साथ ही आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ उससे ज्यादा दुख नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे बच्चों को राजनीतिक तौर पर घसीटा गया यह बेहद पीड़ादायक है.

    दरअसल जदयू ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह के परिवार ने 9 साल में 58 प्लॉट खरीदा है. नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है खरीदी गई ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों (लिपि सिंह, लता सिंह) के नाम पर है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि सब कुछ का इलाज हो सकता है, ईर्ष्या का नहीं. आज मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन है उसके सारे दस्तावेज हैं. इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र है.

    बता दें कि शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई. उमेश सिंह कुशवाहा ने सिंह को पत्र में लिखा है कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे नेता (नीतीश कुमार) भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं. वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं. लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है. पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी.

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  • RCP सिंह प्रकरण में CM नीतीश हुए एक्टिव, बुलाई बैठक, सभी को पटना में रहने का निर्देश, कुछ बड़ा होने वाला है क्या?

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे से बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है. इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला हैं. वहीं जदयू की ओर RCP सिंह को जवाब दिया गया है कि कल नीतीश कुमार के साथ थे, आज हमला कर रहे हैं. वहीं आरसीपी प्रकरण पर बीजेपी ने भी चुप्पी साध ली है. दरअसल जेडीयू द्वारा आरसीपी सिंह के खिलाफ अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से शनिवार देर शाम इस्तीफा दे दिया. हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार का कोई बयान तो सामने नहीं आया है. लेकिन वह एक्टिव हो गए हैं. सीएम ने पार्टी के सभी सांसदों की बैठक बुलाई है.

    दरअसल आरसीपी प्रकरण में सीएम नीतीश कुमार एक्टिव हो गए हैं. सीएम नीतीश 9 अगस्त को पार्टी के सभी सांसदों के साथ बैठक करेंगे . जदयू के सभी सांसदों को पटना में रहने का निर्देश दिया गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत पार्टी के सभी सांसद इस बैठक में मौजूद रहेंगे. इस बैठक में सीएम क्या करने वाले हैं. इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. वहीं अब आरसीपी सिंह को जवाब देने के लिए खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सामने आ रहे हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह आज दोपहर 4:00 बजे प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं. यह बात लगभग तय मानी जा रही है कि ललन सिंह आरसीपी सिंह की तरफ से बोले गए हमलों का जवाब देंगे. आरसीपी सिंह पर ललन सिंह आज कई बड़े खुलासे कर सकते हैं. इस प्रेस कांफ्रेंस में जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे.

    बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जेडीयू द्वारा आरसीपी सिंह के खिलाफ अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से शनिवार देर शाम इस्तीफा दे दिया. जदयू से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सात जन्म में भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे. जेडीयू डूबता हुआ जहाज है, अब इस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि सब कुछ का इलाज हो सकता है, ईर्ष्या का नहीं. आज मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन है उसके सारे दस्तावेज हैं. इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र है.

    बता दें कि शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई. उमेश सिंह कुशवाहा ने सिंह को पत्र में लिखा है कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे नेता (नीतीश कुमार) भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं. वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं. लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है. पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी.

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  • RCP सिंह ने जदयू से दिया इस्तीफा, नई पार्टी बनाने का दिया संकेत, JDU ने भेजा था नोटिस

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. जदयू ने आरसीपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. जेडीयू का आरोप है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

    अपने ऊपर गंभीर लगने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि साजिश के तहत आरोप लगाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ताओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि JDU डूबता हुआ जहाज है. जदयू में अब बचा क्या है, अब तक जदयू का झोला उठाकर क्या करूंगा. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू सिर्फ गणेश परिक्रमा करने वालों की ही पार्टी बनकर रह गई है.

    आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि राज्यसभा टिकट काटे जाने से पहले उन्होंने बात तक नहीं की. कोई कटसी भी नहीं निभाई, यह कहने की कि आपका टिकट काटा जा रहा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा था कि राज्यसभा में आरसीपी सिंह के दो टर्म हो चुके हैं. तो मैं पूछता हूं कि यह नियम तो और लोगों पर भी लागू होता है. सीएम नीतीश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि खुद कितने टाइम से रह रहे हैं. नियम तो सभी पर बराबर लागू होगा.

    आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने सारी बातों पर सोच-विचार कर फैसला किया है. फिलहाल मैं मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, इसके तुरंत बाद में पार्टी को पत्र भी भेज दूंगा. मैंने पिछले कई महीनों से देखा है कि पार्टी में अब कुछ नहीं बच गया है. पार्टी में एक कार्यक्रम तक नहीं हो रहा. पिछला कार्यक्रम मैंने पिछले वर्ष 4 जुलाई को किया था. पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या हाल बना कर रखा गया. आरसीपी सिंह ने कहा कि बिना कुछ सोचे-समझे पार्टी ने मुझे पत्र भेज दिया, मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछा भी जा सकता था. मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया.

    बता दें कि जदयू के कोटे से केन्द्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह को कुछ वक्त पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया और उनका कार्यकाल खत्म हो गया था. इतना ही नहीं वो पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित भी थे. अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में उन पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी. राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया.

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  • जदयू से इस्तीफा देते ही RCP सिंह ने नीतीश कुमार पर लगाए कई गंभीर आरोप, कहा-JDU डूबता हुआ जहाज, अब कुछ नहीं बचा

    लाइव सिटीज पटना: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. जदयू से इस्तीफा देते ही आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने ऊपर लगे गंभीर आरोप पर आरसीपी सिंह ने कहा कि साजिश के तहत आरोप लगाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ताओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है.

    आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. तो नीतीश कुमार के पास कितने एमपी थे, उसके बावजूद भी उस पार्टी के लोगों ने इन्हें केंद्र में रेलवे मंत्रालय दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की अहम भूमिका रही. अटल-आडवाणी की बदौलत ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. आरसीपी सिंह ने कहा कि आज बीजेपी की कृपा से ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं. 43 विधायक वाली पार्टी को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया है.

    आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि राज्यसभा टिकट काटे जाने से पहले उन्होंने बात तक नहीं की. कोई कटसी भी नहीं निभाई, यह कहने की कि आपका टिकट काटा जा रहा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा था कि राज्यसभा में आरसीपी सिंह के दो टर्म हो चुके हैं. तो मैं पूछता हूं कि यह नियम तो और लोगों पर भी लागू होता है. सीएम नीतीश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि खुद कितने टाइम से रह रहे हैं. नियम तो सभी पर बराबर लागू होगा.

    आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने सारी बातों पर सोच-विचार कर फैसला किया है. फिलहाल मैं मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, इसके तुरंत बाद में पार्टी को पत्र भी भेज दूंगा. मैंने पिछले कई महीनों से देखा है कि पार्टी में अब कुछ नहीं बच गया है. पार्टी में एक कार्यक्रम तक नहीं हो रहा. पिछला कार्यक्रम मैंने पिछले वर्ष 4 जुलाई को किया था. पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या हाल बना कर रखा गया. आरसीपी सिंह ने कहा कि बिना कुछ सोचे-समझे पार्टी ने मुझे पत्र भेज दिया, मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछा भी जा सकता था. मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया.

    बता दें कि जदयू के कोटे से केन्द्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह को कुछ वक्त पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया और उनका कार्यकाल खत्म हो गया था. इतना ही नहीं वो पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित भी थे. अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में उन पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी. राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया.

    बतातें चलें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

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  • RCP सिंह ने बेहिसाब संपत्ति बना ली, लेकिन ये मामला अभी तक सामने क्यों नहीं आया था?, एक और चौंकाने वाला खुलासा

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. जेडीयू का आरोप है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. वहीं इस मामले की पार्टी में शिकायत करने वाले और रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार ने शनिवार को एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है.

    जब आरसीपी सिंह मामले को लेकर रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार यानी शिकायतकर्ता से पूछा गया कि आखिर ये मामला अभी ही उन्होंने क्यों सामने लाया?. इस पर संजय कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देना चाहा, लेकिन आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहने वाले लोग मिलने नहीं देते थे. इनके डर से हम लोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे. उन्होंने कहा कि कई बार हिम्मत जुटाई और लिखा भी था हम लोगों ने लेकिन किसी भी चीज का समय होता है. इसलिए अभी हुआ है. दरसल एक समय आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दाहिने हाथ थे. पार्टी में उनकी खूब चलती थी.

    बता दें कि रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार ने ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को लिखित में आरसीपी सिंह मामले में आवेदन दिया था. आवेदन के जरिए शीर्ष नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने वर्ष 2013 से 2022 तक पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू नेता ने सबूत के साथ बताया कि आरसीपी सिंह ने नालंदा जिले के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा, राजगीर और बिहार ब्लॉक में भी इनके नाम या इनके परिवार के नाम पर काफी जमीन है. जिसके बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

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  • अकूत संपत्ति बनाने के मामले में जदयू ने RCP सिंह को भेजा नोटिस, चिराग पासवान ने CM नीतीश पर उठाए सवाल, कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है. RCP सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू के भीतर छिड़ी इस जंग ने विपक्षी दलों को उनपर हमला करने का एक मौका दे दिया है. इस बीच चिराग पासवान ने आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

    आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही आरसीपी सिंह है जो नीतीश के सबसे करीबी थे. तो क्या नीतीश कुमार एक ऐसे भ्रष्टाचारी को सालों तक अपने करीब रखे रहे. चिराग ने आगे कहा कि यह इस वजह से हो रहा है क्योंकि आरसीपी सिंह अब बीजेपी के करीब है और जेडीयू में दो धड़े हैं. एक जो बीजेपी के ज्यादा करीब और एक जो दिखाने को तो बीजेपी के करीब है लेकिन हकीकत में उतना है नहीं. चिराग पासवान का मानना है कि जेडीयू में सबकुछ ठीक तो नहीं है यह तो साफ दिख रहा है.

    इससे पहले आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू ने आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. और नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. ये बात लगातार तेजस्वी यादव कह रहे थे कि भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने RCP टैक्स नाम दिया था भ्रष्टाचार का RCP टैक्स के नाम से वसूली हो रहा है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव के आरोप में दम था. जो सही साबित हुआ, जदयू खुद ही इसको स्वीकार कर रही है अब नीतीश कुमार इसकी जांच कराए और दूध का दूध और पानी का पानी करे. भ्रष्टाचार का खेल किस तरह हुआ है. इसका खुलासा जरुरी है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उस समय तेजस्वी की बात पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया लेकिन देर सवेर जदयू ने अपने नेता को नोटिस दिया है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं .

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