इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर थाना के मोहनचक गांव मे कुछ लोगों द्वारा मारपीट कर महिला से जेवर छीन ली जाने का मामला प्रकाश में आया है।
पीड़ित मिन्ता देवी ने बताया कि घर पर थे कि कुछ लोग आए और गाली गलौज करने लगे। मना करने पर मारपीट करने लगे। बीच बचाव करने पहुंची बेटी को भी मारपीट कर घायल कर दिए और सोने की बाली छीन लिए। इस घटना से दहशत के महौल में जी रही हूं।
पीड़ित महिला ने बताया कि पति बाहर में कमाते हैं। वे लोग मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। कुछ दबंग लोग गरीब व कमजोर समझकर मारपीट करते हैं। इसकी सूचना थाना को दी है और घटना को अंजाम देने वालों पर कारवाई कर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगायी हूँ।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने धरना दिया।
प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव…
पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि प्रखंड प्रमुख पति दबंग प्रवृति के है। प्रखंड के कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते है। जिससे प्रखंड में भ्रष्टाचार चरम सीमा है और इनके द्वारा योजनाओं का चयन एंव क्रियान्वन में भी भारी पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है।
पिछले वर्ष भी एक करोड़ से अधिक रुपये का मनमाने ढंग से योजनाओं का चयन और राशि खर्च की गयी। जिसका आज तक उपयोगिता शायद ही दी गयी है। इस वर्ष योजना के चयन में अपनी दबंगता दिखाते हुए विपक्षी पंचायत समितियों के पंचायत के पंचायत योजनाओं से वंचित करने का काम किया जा रहा है।
किसी पंचायत समिति को योजना भी दी गयी है तो राशि बहुत कम है। जिसकी शिकायत जिला उपविकास आयुक्त और जिला पदाधिकारी और अनुमंडलाधिकारी से पूर्व में किया जा चुका है। फिर भी कुछ नहीं हो सका है।
21 नवंबर को योजनाओं की जानकारी लेने हेतु वौरीडीह पंचायत समिति सदस्य प्रवीण कुमार प्रखंड के वीपीआरओ के कार्यालय पहुंचे।
इस बीच प्रमुख पति अपने सहयोगियों के साथ वीपीआरओ के साथ अभद्र व्यवहार किया और कहा कि तुम सभी सदस्यों को प्रखंड मे घुसने नहीं देगे। प्रखंड मेरा है। हम जो चाहेंगे। वही होगा।
प्रमुख पति द्वारा वीपीआरओ और कर्मचारियों को धमकाने और अभद्र व्यवहार की जाने से लोकतंत्र की हत्या व जनता की अधिकार का गला घोटने का काम किया जा रहा है।
इस प्रमुख पति के हिटलर शाही रवैया के कारण लोकतंत्र बचाने के लिए 26 पंचायत समिति सदस्यों मे 13 पंचायत समिति सदस्य धरना पर बैठे हैं। जिसमें पंचायत समिति सह उपप्रमुख सुरेंद्र कुमार, पंचायत समित सदस्य ववीता देवी, नीलम देवी, अमरीका देवी, शीला देवी, मुखिया पवन कुशवाहा आदि शामिल हैं।
इधर, प्रखंड प्रमुख पति मिथलेश यादव ने कहा कि लगाया जा रहा आरोप गलत है।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इलामपुर नगर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शिशू कल्याण केंद्र के छात्र-छात्राओं के द्वारा संविधान दिवस पर प्रभात फेरी निकाला गया, जो नगर के विभिन्न मुख्य मार्गों से होकर गुजरा।
प्रभात फेरी के दौरान बच्चे जन-जन ने ठाना है ऩशे को मिटाना है, भलाई का जिसमें है विधान वही है भारतीय संविधान, जो करेगा नशा उसका होगा दुर्दशा जैसे आदि नारे लगा रहे थे
हेडमास्टर मसुदूर रहमान ने बताया कि इस मौके पर विद्यालय में पेटिंग, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और सफल छात्र छात्राओं के बीच कॉपी कलम आदि देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर शिक्षिक गाजी शाहनवाज, कुंती कुमारी, विमला कुमारी, नीता कुमारी, रंजू कुमारी, कुमारी प्रीति, शमा कुमारी, सलीना खातुन, शोभा कुमारी, संयुक्ता, माधुरी आदि मौजूद थे।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा के इस्लामपुर और राजगीर प्रखंड की 5 पंचायतों में मगही पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां के मगही पान की मांग बिहार के अलावा कई राज्यों में है।
यहां का मगही पान ही बनारस और यूपी की मंडियों में पहुंचते ही बनारसी हो जाता है। वहां के कारोबारी मगही पान के पत्ते को प्रोसेसिंग कर बनारसी पान का नाम देते हैं।
दो घंटे तक कोयले की गर्मी में इन मगही पान के पत्तों को रखा जाता है। इसके बाद ये पीले रंग के हो जाते हैं। जिसे यूपी में बनारसी पान कहा जाता है।
इस खेती पर बीस हजार परिवार हैं आश्रितः नालंदा के किसानों से व्यापारी सस्ते दाम पर पत्ते खरीदते हैं, लेकिन बाद में इसे ही बनारसी का नाम देकर कारोबारी मोटी कमाई कर लेते हैं। मेहनत किसान करते हैं और मुनाफा कोई और कमा ले जाता है।
खेती का रकबा करीब 400 बीघा है। मौसम का साथ मिलता है तो हर साल करीब 16 हजार क्विंटल पान के पत्ते की उपज किसान कर लेते हैं।
हालांकि खेतों में लागत अधिक और मुनाफा कम होने के कारण अब युवा पीढ़ी पान की खेती से मुंह मोड़ रही है।
खेती की जगह युवा दूसरे प्रदेशों में जाकर काम-धंधा करने लगे हैं, फिर भी करीब 20,000 चौरसिया परिवार की जीविका का मुख्य साधन अभी भी पान की खेती है।
एक पेड़ से 2 साल तक मिलते हैं पत्तेः पान मसाला का क्रेज बढ़ने से पान के पत्ते की मांग घटने लगी है। खासकर युवा पीढ़ी पान मसाला को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
इससे किसानों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है। प्रति कट्ठा बांस का बरेजा बनाने और खेतों में 20 से 22 हजार खर्च आता है।
पहले की तरह पत्ते की मांग मंडियों में कम हो रही है। पान की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि हर साल अप्रैल-मई और जून में पान की खेती होती है।
एक साल में फसल तैयार होती है 15 जनवरी से सीजन शुरू होकर मार्च तक पत्ते की तुड़ाई की जाती है। एक बार खेती करते हैं तो दो साल तक पत्ते मिलते हैं।
पत्ते की होती हैं 3 वैरायटीः पान की पत्तों को तोड़ने के बाद उसकी छटाई की जाती है। 3 वैरायटी के पत्ते निकलते हैं, इनकी कीमतें भी अलग-अलग तय की जाती हैं।
सबसे निम्न क्वालिटी के पत्ते को कटपीस की श्रेणी में रखा जाता है। मध्यम क्वालिटी वाले को हेरूआ या बरूसी कहते हैं, जबकि सबसे अच्छी क्वालिटी वाले को गांठ कहा जाता है।
एक ढोली में होते हैं 200 पत्तेः साधारण पान के पत्ते गया कि मंडी में बिक जाते हैं। उच्च गुणवत्ता के पान के पत्ते की मांग बनारस में सबसे ज्यादा है।
औसतन एक ढोली (200) पत्ते की कीमत 100 से 150 रुपए है। वहीं 1 बीघा में फसल अच्छी रही तो 130 से 150 ढोली पत्ते की उपज होती है।
इस्लामपुर में भी है प्रोसेसिंग यूनिटः इस्लामपुर के पान अनुसंधान केंद्र में भी पत्ते की प्रोसेसिंग करने की दो यूनिट लगी हुई है, लेकिन कारोबारी पत्ते की प्रोसेसिंग करने में रुचि नहीं लेते हैं।
किसानों के समक्ष बड़ी मंडी की समस्या है। इस्लामपुर से प्रोसेसिंग कर बनारस की मंडी तक पत्ते को पहुंचाने में कई समस्याएं आती है।
यही कारण है कि नालंदा के किसान पत्ते की प्रोसेसिंग नहीं करते हैं। गया में बड़ी मंडी बन जाए तो किसान जरूर पत्ते की प्रोसेसिंग करेंगे।
कैसे होती है प्रोसेसिंगः 5 फीट ऊंचे 3 फीट लंबे और 4 फीट चौड़े कमरे में छोटी-छोटी डलियों में पान के पत्ते तख्ता बनाकर रख दिए जाते हैं। कमरे में लोहे के चूल्हे में लकड़ी का कोयला जला दिया जाता है।
उसके बाद पूरी तरह से एयरटाइट कमरे को बंद कर डेढ़ से 2 घंटे तक छोड़ दिया जाता है। जलते कोयले की गर्मी से पान के हरे पत्ते हल्के पीले हो जाते हैं इसे ही व्यापारी बनारसी पान का नाम देते हैं।
प्रोसेसिंग के बाद पत्ते 3 माह तक खराब नहीं होते हैं। शर्त यह की पत्तों को शीतगृह में रखा जाए हवा नहीं लगनी चाहिए।
नालंदा दर्पण डेस्क। इसलामपुर थाना क्षेत्र के बड़ी पैठना मोड़ समीप टोटो पलटने से एक अधेड़ की मौत हो गई। जबकि मृतक के परिजन टोटो मालिक पर पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। मृतक पीरबिगहा ओपी क्षेत्र के खेंदुबिगहा निवासी जगदीश ठाकुर का 47 वर्षीय पुत्र धनंजय ठाकुर है।
मृतक के परिजन की मानें तो मंगलवार को जब धनंजय दुकान में काम कर रहे थे। उसी दौरान टोटो चालक विकास कुमार ने उन्हें घर जाने के बहाने बिठा लिया और रास्ते में ले जाकर जान मारने की नीयत से बेरहमी से पिटाई कर सड़क किनारे छोड़ कर फरार हो गया।
काफी देर बीत जाने के बाद जब वे घर नहीं लौटे तो परिजन खोजबीन करने लगे इसी दौरान सड़क किनारे बेहोशी हालत में उन्हें देखा। आनन फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे, इसी बीच उन्होंने दम तोड़ दिया। मरने पहले उन्होंने अपने बच्चे को टो टो चालक पर पिटायी करने का आरोप लगाया था।
मौत के बाद परिजन ने जब इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस कई घंटे तक टालमटोल करती रही। जिसके बाद ग्रामीण सड़क जाम कर हंगामा करने लगे। सड़क जाम और बढ़ते हंगामे को देखते हुए आनन-फानन में पीरबिगहा ओपी पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का भरोसा देते हुए आक्रोशित लोगों को शांत कराया।
पीरबिगहा ओपी प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया टोटो पलटने से मौत की सूचना मिली थी। परिजन पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। जल्दी ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा ।
नालंदा दर्पण डेस्क।नालंदा की धरती ने पूरी दुनिया को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। उदंतपुरी, तेल्हाड़ा, तथा नालंदा विश्वविद्यालय ये अकूत ज्ञान के पुंज रहे हैं।
यही कारण है कि यहां की मिट्टी का तिलक लगाकर लोग आज भी स्वयं को धन्य समझते हैं। तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय का अपना गौरवशाली इतिहास रहा। जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से 35 किलोमीटर पश्चिम एनएच 33 पर स्थित इस विश्वविद्यालय का इतिहास नालंदा विश्वविद्यालय से भी पुराना माना जाता है।
चीनी यात्री इत्सिग ने तेल्हाड़ा का भ्रमण किया था। अपने यात्रा वृतांत में उन्होंने तेल्हाड़ा की विशालता का जिक्र करते हुए लिखा है कि यह शिक्षा का बड़ा केन्द्र रहा। जहां लोग रिसर्च को यहां आते थे। यहां तीन बड़े टेंपल तथा मठ थे, जो तांबे जड़ित थे। इन मंदिरों में टंगी घंटियां हवा के झोंकों के साथ झंकृत होती थी, जो अद्भुत था।
तेल्हाड़ा की खुदाई से मिले अवशेषों के आधार पर कहा जा सकता है कि तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी पुराना रहा है। तेल्हाड़ा के विभिन्न स्थलों की खुदाई से यहां पर तिलाधक महाविहार के अवशेष होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
ह्वेनसांग ने अपनी यात्रा वृतांत में महाविहार की स्थापना बिम्बिसार के वंशजों के द्वारा किया जाना बताया है।
पुरातत्वविदों ने तेल्हाड़ा में अपनी खुदाई अभियान में उस ईंट को भी खोज निकाला है, जिसे इस प्राचीन विश्वविद्यालय की नींव के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस ईंट की साइज लंबाई में 42 चौड़ाई में 32 और ऊंचाई में 6 सेंटीमीटर है।
ईंट के इस आकार से पहली शताब्दी के कुषाण काल के प्रभाव का खुलासा होता है। खुदाई स्थल एक बहुत बड़े टीले के रूप में था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वर्ष 2009 में खुदाई किया गया तो कई रहस्य खुलकर सामने आए। इसकी खुदाई के वक्त हीरे-जवाहरात एवं सोने के कई सिक्के भी मिले थे।
इस खंडहर की बनावट भी बिल्कुल अलग थी। इसके अंदर से कंकाल भी मिले हैं । इस जगह का उल्लेख आईन-ए-अकबरी में तिलदाह के रूप में भी किया गया है।
संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रहा धरोहर अपने अंदर ज्ञान का भंडार समेटे इस भग्नावशेष का सही तरीके से संरक्षण नही होने के कारण, यह नष्ट होता जा रहा है।
हालांकि, बिहार सरकार ने इस स्थल को राजकीय धरोहर की सूची में रखा है। इसके बावजूद इसके दीवारों का गिरना विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है। इस स्थल की खुदाई के 10 साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन आज तक खुदाई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकी।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। संयुक्त किसान मोर्चा बिहार के तत्वाधान में किसान महापंचायत ऐतिहासिक नगरी राजगीर के मेला मैदान में 26 नम्वर 22 को आयोजित किया जाएगा। इसकी तैयारी को लेकर मोर्चा के लोग अपने सहयोगियों के साथ इसलामपुर पहुंचे और लोगों से संपर्क कर महापंचायत को सफल बनाने की अपील की।
इस दौरान सुभाष यादव ने कहा कि इस महापंचायत में बिहार के प्रत्येक जिलों से किसान काफी संख्या में भाग लेगें।
मोर्चा के संयोजक मंडल सदस्य जवाहर निराला ने कहा कि सरकार के द्वारा 75वीं बर्ष अमृत महोत्सब के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है और किसान अपनी फटेहाली की गुहार इस पूंजीपति सरकार के सामने आंदोलन के माध्यम से कर रहे है, क्योंकि सरकार उधोगपतियो को फायदा पहुंचा रही है और किसान मजदूरों को फटेहाल जिंदगी जीने को मजवुर कर रही है, जबकि देश की अवादी 80 प्रतिशत किसान मजदूरों का है, जो आबश्यक बस्तुओं का क्रय करती है, और उपर से टैक्स देती है, और बड़े बड़े उधोगपतियो टैक्स चोरी कर अरबो रुपये लुट खरबपति बन बैठे है, किसान गरीवी रेखा से नीचे जीबन बसर करने के लिए वाध्य हो गये है, जबकि देश की रक्षा किसान मजदूर के बेटे ही सीमा पर शहीद हो रहे है, उनकी भी उपेक्षा कर रही है, किसान कठोर मेहनत कर फसल उपजाते है, लेकिन उसका कीमत जमाखोरों निर्घारण करते है, आजादी के 75 वर्ष वाद भी सरकार की कांन पर जू नही रेंग रही है, इस प्रकार की आदि ज्वलंत समस्याओं को लेकर किसान मजदूर परिबर्तन की लड़ाई के लिए उठ खड़ा हो रहे है, और अपनी मांगो की हक की लड़ाई के लिए आंदोलन खड़ी कर रहे है, मांगो मे सरकार एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करे, राजगृह मे बर्षो से वंद पड़े कृषि महाविद्यालय एंब कृषि शोध संस्थान को अविलंब चालू की जाने, सहित 13 सूत्री मांग शामिल है, ।
इस मौके पर मोर्चा के उमरांव प्रसाद निर्मल, सुरेंद्र यादव, अरविंद कुमार शर्मा, सुएव आलम आदि लोग मौजूद थे।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। स्थानीय इसलामपुर थाना के सुहावनपुर सुढी गांव की प्रतिमा देवी ने थाना में अवास सहायक समेत दो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी है।
पीड़िता के अनुसार प्रधानमंत्री अवास योजना 2021-2022 अवास आइडी मे मेरा नाम है, इसका प्रथम किस्त 40 हजार और दूसरा किस्त 40 हजार रुपया पेटीएम खाता पर चला गया, जिस खाता के बारे में जानकारी भी नहीं है।
जानकारी लेने पर अवास सहायक ने बताया कि आपका रुपया पेटीएम में चला गया है। उस पर मैनें कहा कि मेरे पास पेटीएम खाता नहीं है, सिर्फ खुदागंज एक बैंक में खाता है।
जब मैं गांव के निकासी सेंटर पर चेक करवाने पहुंचे तो अंगुठा से पेटीएम का लिंक बता रहा था, लेकिन खाता में रुपए नहीं बता रहा था। तब आवास सहायक के सहयोगी ने मेरे अंगुठा लगाकर अधार कार्ड से दस हजार दिया और बताया कि रोज दस हजार निकलेगा, आपके पेटीएम में 30 हजार रुपया है।
लेकिन जब, रुपया निकासी करने गये, तब वताया गया कि आप का पूरा पैसा खत्म हो गया है। किसी ने निकासी कर लिया है।
पीडिता ने प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा गलत ढंग से खाता से 70 हजार रुपए निकासी करने का आरोप सहायक अवास राजीव कुमार समेत दो पर लगाते हुए थाना में मुकदमा दर्ज करवाई है।
दारोगा कुणाल कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की रही है। दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। स्थानीय इसलामपुर थाना क्षेत्र के अमरुदिया बिगहा गांव के एक 32 वर्षीय मजदूर का मौत हो गयी है।
मृतक के परिजनों ने बताया कि मृतक नवीन दास का खिदरसराय थाना के पास केनी गांव में ससुराल था। ससुराल मे रहकर आस पास में मजदूरी का काम करता था कि शुक्रवार की देर शाम को सूचना मिली कि ट्रैक्टर की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई है।
उसके बाद जैसे ही शव घर पहुंचा, वैसे ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया। परिजनों ने मुआवजा की मांग को लेकर शव को लेकर इसलामपुर थाना पहुंचा। लेकिन पुलिस ने घटनास्थल के क्षेत्रीय थाना खिदरसराय भेज दिया। उसके वाद लोगों ने वहां शव को ले जाकर सड़क पर रखकर मुआवजा का मांग करने लगे।
उसके बाद प्रशासन के हस्ताक्षेप से सड़क जाम हटी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। मृतक की पत्नी सहित तीन संतानो का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था। इधर भाकपा माले नेता शत्रुधन कुमार ने प्रशासन से मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग किया है।