Category: खबर बिहार की

  • अब बस करिए नीतीश जी

    कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव को कवर करने के दौरान पटना मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग स्थिति तुर्की फ्लाई ओभर के नीचे से बाये एक रास्ता जाती है जो आगे पताही वाली सड़क में मिल जाती है रास्ते में बीजेपी नेता सुरेश शर्मा का मेडिकल कॉलेज भी है सड़क के किनारे दोनों तरफ कई किलोमीटर में दलित जाति के लोग झोपड़ी बनाकर रहता है संयोग ऐसा रहा है जहां कहीं भी मतदाताओं का नब्ज़ टटोलने रुकते थे थोड़ी देर में जदयू के नेता महेश्वर हजारी भी पहुंच जाते थे शायद उन्हें इन इलाकों की जिम्मेदारी दी गयी थी महेश्वर हजारी को कोई जगह मतदाताओं के गुस्से का भी शिकार होना पड़ा वो सब देखते लोगों से बात करते आगे बढ़ रहे थे ।

    इसी दौरान एक दरवाजे पर कुछ अलग तरह की भीड़ दिखाई दी गाड़ी रोका और कुछ समझने कि कोशिश कर ही रहा था कि मेरी नजर एक महिला के ऊपर पड़ जो किसी से लिपट कर जोड़ जोड़ से रो रही थी गाड़ी से उतरे और आगे बढ़ लोगों से पूछा क्या हुआ पता चला उस महिला का बेटा शराब मामले में तीन माह से जेल में बंद था और आज ही जेल से बाहर निकला है ।

    उत्सुकता बस मैं उस महिला के पास चला गया और पूछा क्या हुआ फिर उस महिला ने जो बताया सच कहिए तो मुझे नीतीश कुमार के जिद्द से नफरत हो गया उसका एक बेटा है जो दिल्ली में कमाता था दुर्गा पूजा में घर आया था ,मित्र के साथ शराब पीते पकड़ा गया पुलिस घर पर आयी सर्च के दौरान जो भी 15 से 20 हजार रुपया कमा कर लाया था वो राशी भी पुलिस वाले साथ लेकर चले गये ।                             

    घर में अकेली एक माँ बेटे को जेल से बाहर निकालने में उसके पास ससुर का दिया एक कट्ठा जमीन बेचना पड़ा और 18 हजार रुपया बेल कराने में खर्च हुआ जिसमे उक्त महिला की माने तो 10 हजार रुपया जज साहब भी लिए और 8 हजार रुपया वकील इसमें कितनी सच्चाई है कहना मुश्किल है लेकिन कोर्ट कचहरी देखने वाले इसके एक दूर के रिश्तेदार ने इसी नाम पर पैसा लिया जमीन बेचने और और पैसा के व्यवस्था में करीब तीन माह लग गया तब तक उसका बेटा जेल में ही रहा ।

    जैसे जैसे उसे भरोसा हो रहा था कि सामने वाला पत्रकार मेरी बात को लोगों तक पहुंचाएगा वैसे वैसे वो खुल रही थी सर नीतीशवा मिल जाए तो झाड़ू से मरवाई ,भूमिहरवा सब शराब बेच भी रहा है और पी भी रहा है उसको पुलिस कुछ नहीं करता गरीब सब को पकड़ पकड़ कर जेल भेज रहा है नीतीशवा देखते देखते 25 से 30 महिला पहुंच गई और फिर क्या था सर शराबबंदी कानून के लिए लड़े हम लोग और उलटे हम्ही लोगों का बेटा भतार जेल जा रहा है और शराब का काम करने वाला मस्त है सर सामने में जो घर देख रहे हैं शराब बेच कर बनाया है, तीन ट्रक चल रहा है इसका और जेल जा रहे हैं हम लोग ई बार नीतीशवा के बता देवई गरीब के मार देलक ई शराबबंदी ।            

    जहां भी गये जिस गांव में गये बस एक ही चर्चा शराबबंदी शराबबंदी बातचीत से तो ऐसा ही लगा भ्रष्टाचार और अफरशाही से जितना लोग परेशान नहीं हुआ उससे कहीं अधिक शराबबंदी कानून से आम लोग परेशान है जो हाल देखने को मिला है वो अगर वोट में परिणत हो गया तो नीतीश कुमार की सबसे बड़ी हार कुढ़नी में होगी ।

  • नीतीश का साख दाव पर

    कुढ़नी विधानसभा चुनाव निलाभ और ओवैसी के बीच फंसा गया है वैसे नीतीश कुमार की अलोकप्रियता और राजद के वोटर का आक्रामक ना होना बीजेपी को रेस में बनाये हुए हैं।वैसे तेजस्वी के सभा के बाद बदलाव जरूर हुआ है लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है कि महागठबंधन की जीत तय हो।

    कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के बहाने काफी लम्बे अरसे बाद गांव के लोगों के बीच घंटों रहने का मौका मिला इस दौरान सभी वर्ग जाति और समुदाय से जुड़े लोगों से हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई, हैरान करने वाली बात यह रही कि चुनाव जदयू लड़ रही है लेकिन नीतीश कुमार कहीं चर्चा में नहीं है,नीतीश को लेकर एक अजीब तरह की बेरुखी देखने का मिला ,नीतीश पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।

    महिला वोटर नीतीश का नाम सुनते ही उसके चेहरे का भाव बदल जाता था और उनमें नीतीश के नाम के साथ एक अलग तरह का विश्वास झलकता था लेकिन उसके चेहरे से वो विश्वास और भरोसा खत्म हो गया है एक अजीब तरह का निराशा देखने को मिला ।

    कुढ़नी के दलित बस्ती में लोगों से बात करने के बाद समझ में आया कि मांझी शराबबंदी को लेकर बार बार क्यों बयान दे रहे हैं भ्रष्टाचार और अफरशाही से कहीं अधिक लोग शराबबंदी के नाम पर उत्पाद विभाग और पुलिस के जुल्म से परेशान है जो शराब नहीं भी पीता है वह भी गुस्से में है गांव शराब माफिया के हवाले हो गया है और सब कुछ वही तय कर रहा है नीतीश की अलोकप्रियता के पीछे शराबबंदी एक बड़ी वजह है।

    हालांकि कुढ़नी विधानसभा मुजफ्फरपुर शहर और पटना समस्तीपुर फोरलेन पर होने के कारण शहरीकरण काफी तेजी से हुआ है और उसका असर यहां रहने वाले लोगों के मानसिकता पर साफ दिखता है और इसका लाभ स्वाभाविक तौर पर बीजेपी को है लेकिन निलाफ अभी भी मैदान में बहुत ही मजबूती से डटा हुआ है और उसके साथ का भूमिहार का युवक अभी भी डटा हुआ और उसी अंदाज में साहनी वोटर भी निलाफ के साथ खड़ा है इस वजह से बहुत कुछ अभी भी स्पष्ट नहीं है।

    वही मुसलमान का युवक ओवैसी के साथ है लेकिन इन सबके बीच नीतीश की अलोकप्रियता महागठबंधन के लिए भारी पड़ रहा है क्यों कि अति पिछड़ा वोटर भी नीतीश के साथ उस मजबूती के साथ खड़ा नहीं है महंगाई को लेकर जनता त्रस्त है और वो बोल भी रहा है कि मुफ्त में चावल गेहूं देकर दाल और खाने वाले तेल का दाम बढ़ा दिया है।

    महंगाई बड़ा मुद्दा है और 2024 का चुनाव कुछ अलग होगा ऐसा महसूस हो रहा है लेकिन नीतीश महागठबंधन के लिए लायबिलिटी ना बन जाए इसका खतरा साफ दिख रहा है वैसे नीतीश इस तरह की स्थिति से बाहर निकलने के माहिर खिलाड़ी रहे हैं ।

  • बिहार में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान; 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को वोटिंग

    नगर निकाय चुनाव की हुई घोषणा । 18-12-2022 को प्रथम चरण का और 28-12-2022 को दूसरे चरण का चुनाव होगा।

    प्रथम चरण का चुनाव –18-12-2022 को और मतगणना 20–12–2022 ।

    दूसरे चरण का चुनाव –28–12-2022 को और मतगनना 30-12–2022 ।

  • बिहार सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून या नीति बनाये – सुशील मोदी

    पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अनियंत्रित जनसंख्या जिस प्रकार से संसाधनों पर दबाव डाल रही है और विकास को बेअसर कर रही है, उसे देखते हुए नीतीश सरकार को भी जनसंख्या नियंत्रण कानून या नीति बनाना चाहिए और इसके राजनीतिक विरोध की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।

    • नगर निकाय चुनाव और कई योजनाओं में दो बच्चों की नीति पहले से लागू
    • धर्म से नहीं, जनसंख्या नियंत्रण का संबंध संसाधनों पर बढते दबाव से
    • विकास को बेअसर कर रही है बढती आबादी

    श्री मोदी ने कहा कि जब भाजपा साथ थी, तब नीतीश सरकार ने 2008 में कानून बना कर दो से अधिक बच्चे वालों को नगर निकाय चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया था।

    उन्होंने कहा कि बिहार में जननी सुरक्षा जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल दो बच्चे वालों तक सीमित किया गया है।

    श्री मोदी ने कहा कि इसे नीति कहें या कानून, इसका उद्देश्य कम बच्चे वालों को प्रोत्साहित करना और आबादी पर नियंत्रण न रखने वालों को हतोत्साहित करना ही है।

    उन्होंने कहा कि एक तरफ कम बच्चे वालों को प्रोत्साहित करना और दूसरी तरफ वोट बैंंक पर नजर रख कर जनसंख्या नियंत्रण कानून का अंधविरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

    श्री मोदी ने कहा जनसंख्या नियंत्रण कानून या नीति का किसी धर्म से संबंध नहीं, बल्कि यह कानून बढते प्रदूषण, घटते भूगर्भ-जल स्तर और स्कूल,अस्पताल, रेलवे जैसे अनेक संसाधनों पर बढते बोझ से निपटने के लिए अब अपरिहार्य हो गया है।इस पर राजनीति करना मानवता के लिए आत्मघाती है।

  • सहरसा की बेटी ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर लहराया तिरंगा

    बिहार की पहली बेटी बनने का मिला गौरव

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  • योगी की लोकप्रियता से डरे नीतीश ने महिला कवि पर दिखायी तानाशाही: सुशील मोदी

    पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सोनपुर मेला में आमंत्रित कवियित्री अनामिका अम्बर को काव्य-पाठ से रोक कर नीतीश सरकार ने दिनकर की धरती पर हिंदी कविता, स्त्री और अभिव्यक्ति की आजादी का जैसा तिहरा अपमान किया , उससे बिहार शर्मसार हुआ।

    • अनामिका को काव्यपाठ से रोकना हिंदी और अभिव्यक्ति की आजादी का अपमान
    • कवियित्री का सम्मान कर भाजपा सोनपुर की घटना का कलंक मिटायेगी

    श्री मोदी ने कहा कि इस घटना का कलंक धोने के लिए भाजपा जल्द ही अनामिका अम्बर के काव्य पाठ का आयोजन कर उन्हें सम्मानित करेगी।

    उन्होंने कहा कि अनामिका ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों, देशविरोधी ताकतों और हर तरह के माफिया पर कानून के शासन का बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनभावना को वाणी देने वाले कुछ गीत लिखे हैं, जिसे नीतीश कुमार का अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सका।

    श्री मोदी ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्य यूपी में योगी जी कुशल शासन देकर दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे हैं। ऐसे निर्वाचित मुख्यमंत्री के सम्मान में कविता लिखना क्या अपराध है ? योगी की लोकप्रियता से नीतीश कुमार डर गए हैं।

    उन्होंने कहा कि तानाशाही के विरुद्ध लड़ने वाले जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार अब खुद तानाशाही पर उतर आए हैं।

    श्री मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने जनकवि नागार्जुन को जेल में डाला था। उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले नीतीश-लालू की सत्ता आज युवा कवियित्री को मंच से उतार रही है।

  • आईजी विकास वैभव के दामन पर लगा दाग

    ऐसी क्या मजबूरी है ,या फिर ये जरुरी है, जी है बात हम अभिषेक अग्रवाल की कर रहे हैं याद है वही अभिषेक अग्रवाल जिसने पटना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायधीश बन कर बिहार के डीजीपी को फोन करके गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार का केस खत्म करवा लिया था।

    याद आ गया ना वो अभी जेल में है ,कल इसका एक और कारनामा सामने आया है पटना सिटी स्थिति खाजेकलां थाना का एक अधिकारी कोर्ट में 13 मई 2021 को अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ दर्ज मामले में रिमांड पर लेने का आवेदन दिया है । आवेदन की सूचना पर आर्थिक अपराध इकाई में अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ दर्ज मामले का अनुसंधान कर रहे अधिकारी भागे भागे कोर्ट पहुंचा फिर जो मामले सामने आया है सुनकर हैरान रह जायेंगे।

    ऐसा क्या है अभिषेक अग्रवाल में जो पुलिस महकमा इतना लाचार है । इसलिए मैंने सवाल खड़ा किया है बिहार के सीनियर आईपीएस अधिकारी अभिषेक अग्रवाल को लेकर ऐसी क्या मजबूरी था जो आंख पर पट्टी बांध लिया और उसके हर जुर्म को नजरअंदाज करता रहा। खाजेकला थाने में उस समय के थाना अध्यक्ष के बयान एक मामला अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ दर्ज किया गया था जिसमें लिखा है कि अभिषेक अग्रवाल गृह विभाग में पदस्थापित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव बोल रहा हूं कह कर फोन किया था और दो दुकान को खाली कराने को कहा उस वक्त के पटना एसएसपी को थाना अध्यक्ष ने जानकारी दिया और उसके बाद इस मामले में थानाध्यक्ष के बयान पर अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

    अभिषेक अग्रवाल के फेसबुक पोस्ट को देखे तो इस प्राथमिकी के बावजूद भी वो विकास वैभव के साथ लगातार पुलिस मुख्यालय स्थित दफ्तर में मिलता रहा है इतना ही नहीं पटना एसएसपी उपेन्द्र शर्मा जिसके आदेश पर अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था उनसे भी अभिषेक अग्रवाल आवास और गांधी मैदान स्थिति कार्यालय में जा कर मिलता रहा है ,और उस मुलाकात की तस्वीर वो सोशल मीडिया पर भी डालता रहा है ।

    दिल्ली में 25 दिसंबर 2021 को अभिषेक अग्रवाल विकास वैभव के साथ एक कार्यक्रम के दौरान मंच शेयर करते दिखा है। अभिषेक अग्रवाल के फेसबुक पोस्ट को देखे तो 13 मई 2021 जिस दिन एफआईआर दर्ज हुआ है उसके बाद एक दर्जन से अधिक बार उसकी मुलाकात विकास वैभव से हुई है ।

    विकास वैभव अभिषेक अग्रवाल के बेटे के जन्मदिन में, शादी के सालगिरह जैसे व्यक्तिगत फंक्शन में भी शामिल हुए हैं ऐसे में सवाल उठना लाजमी है ऐसा क्या रिश्ता था दोनों के बीच जो विकास वैभव जैसा अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी नजरअंदाज करते रहे ।

    क्योंकि खाजेकला थाने में जो एफआईआर दर्ज हुई थी उसकी जानकारी विकास वैभव को भी दी गयी है क्यों कि अग्रवाल जिस नम्बर का इस्तेमाल कर रहा था उस नम्बर के डीपी में बिहार सरकार के गृह विभाग का लोगो लगा हुआ था ऐसे में सवाल तो बनता है ये मेहरबानी क्यों।

  • BPSC 67वीं मुख्य परीक्षा की तिथि जारी; 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक होगी परीक्षा

    बीपीएससी के द्वारा 67 वीं मुख्य परीक्षा की तिथि जारी, 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक परीक्षा होगी । इस मुख्य परीक्षा में उम्मीदवारों से सामान्य हिंदी और सामान्य अध्ययन के साथ एक वैकल्पिक विषय से प्रश्न पूछे जाएंगे।

    हर पेपर के लिए उम्मीदवारों को 3 घंटे का समय दिया जाएगा। साथ ही उम्मीदवारों को राहत देते हुए बीपीएससी ने वैकल्पिक विषय बदलने का भी मौका दिया है।

    मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन चल रहा है, अभ्यार्थी 6 दिसंबर तक आवेदन कर सकते है।

  • भव्य जानकी मंदिर बनाने की पहल करें नीतीश, भाजपा साथ देगी: सुशील मोदी

    पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण के लिए यदि नीतीश कुमार पहल करते हैं, तो भाजपा उनका सहयोग करेगी। सीतामढ़ी को अयोध्या की तरह विकसित किया जाना चाहिए।

    • अयोध्या की तरह विकसित की जाए सीतामढ़ी
    • मंदिर का नामकरण संतों-श्रद्धालुओं का काम,पार्टी का नहीं
    • जो लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे थे,वे अब सीता के नाम पर राजनीति करने पर उतरे

    श्री मोदी ने कहा कि कोई सरकार या राजनीतिक पार्टी किसी धर्मस्थल का निर्माण नहीं कराती, लेकिन इसके लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में वैसे ही सहयोग कर सकती है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए किया। इससे वहां पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर भी सृजित हुए।

    उन्होंने कहा कि जो लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, वहाँ मस्जिद या अस्पताल बनाने का ‘ज्ञान’ दे रहे थे और तंज कस रहे थे कि ” मंदिर वहीं बनायेंगे, पर तारीख नहीं बचायेंगे, वे आज माता सीताजी के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

    श्री मोदी ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां पहले श्रीराम का मंदिर था, यह बात जब पुरातात्विक प्रमाणों से अदालत में सिद्ध की जा चुकी है, तब बिहार सरकार के एक मंत्री उसे सीता-मंदिर नाम देने की बात कर नया विवाद क्यों पैदा करना चाहते हैं?

    उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं के हैं, भाजपा या किसी राजनीतिक दल का नहीं, लेकिन मंत्री जी इस पर राजनीति कर रहे हैं।

    श्री मोदी ने कहा कि देश के संतों-धर्माचायों के लंबे संघर्षं बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, तब सभी धर्मों के लोगों ने शांति के साथ इसे स्वीकार किया था।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का शिलान्यास कर देश की सांस्कृतिक आकांक्षा पूरी की और तारीख पूछने वालों का मुँह बंद कर दिया।

    श्री मोदी ने कहा कि श्रीराम, देवी सीता और रामायण संस्कृति का सम्मान करना केवल भाजपा का दायित्व नहीं है, लेकिन मंत्री के बयान से लगता है कि सीता-राम से जदयू और महागठबंधन सरकार का कोई वास्ता नहीं है।

  • डॉ जायसवाल ने कहा शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ है भाजपा, दी चेतावनी- 13 तक निर्णय नहीं हुआ, तो सदन नहीं चलने देंगे

    पटना, 22 नवंबर, 2022। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने शिक्षक अभ्यर्थियों के संघर्ष में हर तरह से साथ देने का वादा किया। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि इन अभ्यर्थियों के लिए सरकार यदि 13 दिसंबर तक निर्णायक निर्णय नहीं लेती है तो भाजपा सदन को नहीं चलने देगी।

    डॉ जायसवाल ने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने 2020 के विधान सभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो सरकार की पहली कैबिनेट में, पहले हस्ताक्षर से 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उनकी सरकार बने भी कई दिन हो गए, लेकिन अब तक एक भी नौकरी इस सरकार द्वारा नहीं दी गई है।

    शिक्षक अभ्यर्थियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस सभी शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बात एनडीए सरकार में तय हो चुकी थी। एनडीए के शासन काल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में कहा भी था कि जल्द ही सी टी ई टी तथा बी टी ई टी पास किए अभ्यर्थियों से राज्य में शिक्षक के करीब 1.25 लाख रिक्त पद भरे जाएंगे।

    सबूत दिखाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री से यह प्रश्न किसी और ने नहीं बल्कि आज के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने सदन में पूछा था, लेकिन आज प्रदेश में जदयू और राजद की सरकार है और उस जवाब को भूल गई।
    उन्होंने कहा कि कितना दुर्भाग्य है कि सदन में इस मुद्दे को लेकर प्रश्न पूछने वाले विधायक आज शिक्षा मंत्री हैं और आज वही इन अभ्यर्थियों को नौकरी देने से पीछे हट रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भले ही अपने कहे को भूल जाए लेकिन भाजपा अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती। भाजपा अब इन अभ्यर्थियों के साथ है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 13 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले अगर सरकार इन अभ्यर्थियों को लेकर निर्णायक पहल नहीं करती है तो भाजपा सदन नहीं चलने देगी।

    डॉ जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जो 10 लाख सरकारी नौकरी देने का जो वादा किया था, वह कभी भी पूरा नहीं होगा। खुद नीतीश जी इस बात को मानते थे और कई दफे इसे झूठा बता चुके थे। लेकिन सरकार को कम से कम इन अभ्यर्थियों को नौकरी दे देना चाहिए जिससे इस सरकार को नौकरी देने की शुरुआत हो सके।

    तेजस्वी यादव से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि तेजस्वी जी इन शिक्षक अभ्यर्थियों को नौकरी दे देंगे तो उनके दस लाख सरकारी नौकरियों के वादे की संख्या भी कुछ कम हो जायेगी।

    सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर आड़े हाथों लेते हुए डॉ जायसवाल ने यह भी कहा कि आज मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के लिए नौकरी कर रहे लोगों को नियुक्ति पत्र देना फैशन बन गया है।

    प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में अब तक छह बार नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं, लेकिन सभी नियुक्तियां एनडीए कार्यकाल की है। सबसे हास्यास्पद स्थिति तो यह है कि हाल ही में गांधी मैदान में 10 हजार पुलिसकर्मियों के बांटे गए नियुक्ति पत्र लेने आए लोग पुलिस वर्दी में थे।

    पत्रकार वार्ता से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना तथा हरसंभव मदद करने का भरोसा भी दिया।

    इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्दार्थ शंभू, मीडिया प्रभारी राकेश सिंह, राजू झा, अशोक भट्ट उपस्थित रहें।