Category: खबर बिहार की

  • एक लाख का इनामी नक्सली गोपाल बक्सर स्टेशन से गिरफ्तार, एसटीएफ की स्पेशल टीम ने किया गिरफ्तार

    बिहार सरकार द्वारा घोषित एक लाख का इनामी का कुख्यात हार्डकोर नक्सली गोपाल दास को बक्सर स्टेशन के आसपास से शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर मुंगेर एसपी जग्गू नाथ रेड्डी जला रेड्डी के नेतृत्व में एएसपी अभियान कुणाल कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ विशेष टीम ने गिरफ्तार किया ।

    कई नक्सली कांडों में पुलिस को इसकी थी तलाश । एएसपी अभियान कुणाल कुमार एवं हवेली खड़गपुर डीएसपी राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली बीएमपी कैंप पे हमला के साथ साथ वर्ष 2018 में मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के चार नजदुरों का फिरौती हेतु अपहरण किया गया था। तथा कंपनी के चार पोकलेन, दो हाईवा एवं एक मोटरसाइकिल को जला दिया था।

    उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली के विरुद्ध हवेली खड़गपुर थाना सहित अन्य कई थानों में भी 1 दर्जन से अधिक कांड में नाम दर्ज है। जिसे पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बक्सर से गिरफ्तार कर लिया गया ।

    अब पुलिस अन्य कई कांडों में इसकी संलिप्ता को ले पुछ ताछ करने में जुटी हुई है। बिहार सरकार ने इस हार्ड कोर नक्सली पे एक लाख का इनाम भी रखा हुआ था ।

  • मिशन 2024 की सफलता के लिए नीतीश को अपनी छवि बनाए रखनी होगी

    मिशन 2024 की सफलता बिहार के कानून व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करेगा ।
    —–बेगूसराय की घटना सरकार के साख पर सवाल है—–

    बेगूसराय फायरिंग मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस मेंं प्रोफेशनलिज्म की कमी साफ देखने को मिला,ऐसे में मेरे जैसे व्यक्ति के लिए जो बिहार की पुलिसिंग पर खास नजर रखती है बेहद चिंता का विषय है।इस घटना के जांच के दौरान पुलिस की जो प्रवृत्ति देखी गयी है उससे आने वाले समय में अब हर घटना को जाति के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और इसका प्रभाव राज्य के कानून व्यवस्था पर पड़ेगा यह तय है।

    बेगूसराय फायरिंग मामले मेंं गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ साक्ष्य है लेकिन उस साक्ष्य को लेकर जिस स्तर तक पुलिस को काम करने कि जरुरत थी उसमें साफ कमी देखने को मिल रही है और इसका असर यह हुआ कि पुलिस बेगुनाह लोगों को जेल भेज दिया है ऐसी बात चर्चा में आनी शुरु हो गयी है और इस घटना में जो अपराधी शामिल है उसको पुलिस बचा रही है।

    घटना 13 तारीख के शाम की है बेगूसराय पुलिस का हाल यह था कि 24 घंटे तक वो अंधेरे में ही तीर चला रहा था ,14 तारीख की शाम को पुलिस ने दो तस्वीर जारी किया और कहा कि यही वो चार अपराधी जो दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर इस घटना को अंजाम दिया है। इतने महत्वपूर्ण केस में 15 तारीख की शाम मीडिया में खबर आने लगी कि इस कांड में शामिल अपराधी पकड़े गये और इस घटना में शामिल अपराधियों का नाम क्या है यह भी मीडिया में चलने लगा जबकि उस समय तक सभी कि गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी उन अपराधियों का नाम कैसे बाहर आ गया बड़ा सवाल है।

    फिर 16 तारीख के अहले सुबह बेगूसराय पुलिस के इनपुट पर झाझा रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी ने केशव उर्फ नागा को पकड़ा जो इस मामले की सबसे बड़ी गिरफ्तारी थी क्यों कि उससे पूछताछ के दौरान इस घटना के पीछे का खेल सामने आ सकता था लेकिन हुआ क्या जीआरपी थाना के प्रभारी फोटो खिंचवा कर 5 बजे सुबह में ही मीडिया को तस्वीर के साथ उसके गिरफ्तारी को सार्वजनिक कर दिया और मीडिया को फोनिंग देने लगा इसका असर यह हुआ कि 10 बजे नागा गैंग से जुड़े लोग बिहट चौक पर स्थित कुणाल लाइन होटल के सीसीटीव का फुटेज जारी कर बेगूसराय पुलिस की पूरी कार्रवाई पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

    देखिए जिसको पुलिस सूटर बता रही है वो घटना के समय लाइन होटल पर बैठा हुआ है जैसे ही यह खबर मीडिया में आयी बेगूसराय पुलिस सकते में आ गया और फिर पूछताछ छोड़ कर कितनी जल्दी इसको जेल भेजा जाए इस पर काम करना शुरू कर दिया ।

    इसका असर यह हुआ कि केस का पूरी तौर पर खुलासा नहीं हो पाया बहुत सारी बाते सामने नहीं आ सकी और इस वजह से एसपी के सामने प्रेस रिलीज पढ़ने के अलावे को दूसरा चारा नहीं था । क्यों कि उनके पास क्रॉस क्यूसचन का जवाब नहीं था यही स्थिति एडीजीपी मुख्यालय का रहा मीडिया वाले सवाल करते रहे गिरफ्तार अपराधियों में गोली चलाने वाला कौन था नाम तक बताने कि स्थिति में वो नहीं थे ,केशव उर्फ नागा के होटल में बैठे होने कि बात सीसीटीवी में कैद होने पर सवाल किया गया तो कहां गया ये सब घटना की साजिश में शामिल थे, साजिश क्या है तो यह अनुसंधान का मसला है इस तरह से सवाल जवाब ने पुलिस के कार्रवाई को और भी संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया और सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं को इस मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच की मांग करने का मौका मिल गया।

    इतने संवेदनशील मामले में इससे पहले कभी भी इस तरह की बाते देखने को नहीं मिली है पुलिस वाले सूचना लीक कर रहे थे और झाझा जीआरपी ने तो हद कर दी तस्वीर तक जारी कर दिया जो दिखाता है कि बिहार पुलिस की कार्य प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

    याद करिए 1995 से 2005 का दौर राज्य में जो भी आपराधिक घटना घटित होता था सरकार उसको जाति से जोड़ देता था इस वजह से बिहार की पुलिसिंग धीरे धीरे कमजोर होती चली गयी वही सरकार के इस प्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए अपराधियों ने भी अपने अपराध को छुपाने के लिए पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए जाति से जोड़ना शुरू कर दिया और धीरे धीरे पूरी व्यवस्था जाति के आधार पर एक दूसरे के साथ खड़े होने लगी और उसी का असर था कि बिहार की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गया।

    नीतीश कुमार इसी व्यवस्था पर चोट करके राज्य में कानून का राज्य स्थापित करने में कामयाब रहे थे लेकिन पहली बार वो किसी घटना को जातिवादी आधार से जोड़ते हुए बयान दिया और इसका असर बेगूसराय फायरिंग मामले में पुलिस के कार्यशैली पर साफ दिखाई दिया है।

    हालांकि इसके लिए सिर्फ लालू प्रसाद या नीतीश कुमार ही जिम्मेवार नहीं है सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेता के साथ साथ यहां के सवर्णवादी मानसिकता वाले जो लोग है वो भी कम जिम्मेदार नहीं है क्योंकि उनको भी इसी तरह की राजनीति सूट करता है ।

    बेगूसराय की घटना पूरी तरह से अपराधिक घटना है और सरकार या फिर किसी जिले में एसपी बदलने के बाद अपराधियों की यह प्रवृत्ति रही है कि इस तरह की घटना करके वह देखना चाहता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन की सोच क्या है ।
    याद करिए नीतीश कुमार 2005 में जब सत्ता में आये थे तो शुरुआती एक वर्ष तक किस तरीके से अपराधी सरकार को लगातार चुनौती दे रहे थे लेकिन जैसे ही अपराधियों को यह समझ में आ गया कि सरकार,कोर्ट और सत्ता में बैठे अपनी जाति वाले अधिकारियों से अब मदद मिलने वाली नहीं है स्थिति धीरे धीरे सुधरने लगी।

    लेकिन बेगूसराय की घटना के बाद अपराधी और असामाजिक तत्व एक बार फिर से सिस्टम में बैठे अधिकारियों और नेताओं पर दबाव बनाना शुरु कर सकते हैं इस उदाहरण के साथ की मेरे साथ जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है हालांकि इस सोच को कितना बल मिलेगा यह कहना मुश्किल है लेकिन इन नेताओं की यही कोशिश होगी कि इस आधार पर समाज को बांटा जाये।

  • इश्कबाज बुड्ढे के चंगुल में फंसी थी नाबालिग, पुलिस ने लखनऊ से किया आरोपी को गिरफ्तार

    जहानाबाद शहर के रामगढ़ मोहल्ला में रहने वाली और करीब दो माह पूर्व बहला-फुसलाकर 55 वर्षीय एक ट्यूशन शिक्षक के द्वारा अगवा की गई 14 वर्षीया छात्रा को नगर थाने की पुलिस ने लखनऊ से बरामद किया। साथ ही आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया है।

    लड़की के घर में दूध पहुंचाने वाला दिलीप उर्फ दीपक मुख्य रूप से अरवल जिला के कुर्था थाना अंतर्गत खेमकरण सराय का निवासी है जो शहर के निजामुद्दीनपुर मोहल्ला के रामानंद कॉलोनी में किराए के मकान में रहता था। समीप के ही रामगढ़ मोहल्ले में वह 14 वर्षीया एक लड़की के घर दूध पहुंचाने जाया करता था।

    अगवा किए जाने के संबंध में छात्रा के पिता के बयान पर 13 जुलाई को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एसपी दीपक रंजन द्वारा गठित टीम ने तकनीकी अनुसंधान कर उक्त सफलता हासिल की। एसडीपीओ अशोक पांडे ने बरामदगी की पुष्टि करते हुए उक्त जानकारियां दी।

    खबर के अनुसार बच्ची के घर आते जाते अचानक वह नाबालिग लड़की को लेकर लापता हो गया। लड़की के परिजनों ने काफी खोजबीन की बाद में लड़की के पिता के बयान पर नगर थाने में मामला दर्ज करने के बाद पुलिस अनुसंधान कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस को जानकारी हुई कि आरोपित शिक्षक लखनऊ के गोसाईगंज में रह रहा है।

    तकनीकी अनुसंधान के तहत नगर थाने की टीम पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचे और वहां की लोकल पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर लड़की को बरामद किया। साथ हीं आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया। बरामद लड़की और गिरफ्तार शिक्षक को पुलिस जहानाबाद लायी। इस संबंध में आगे कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

  • मुजफ्फरपुर पुलिस को मिली सफलता, फाइनेंस कर्मी से लूट के अनसुलझे मामले को सुलझाया, तीन अपराधी गिरफ्तार

    मुजफ्फरपुर पुलिस ने कटरा थाना क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी साथ हुई लूट का उद्भेदन करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. इनके पास से दो लोडेड देशी कट्टा, कारतूस, टैब और ₹25000 बरामद किए हैं।

    दरअसल बीते सप्ताह कटरा थाना क्षेत्र के बड़का गांव के समीप तीन अज्ञात अपराधियों के द्वारा फाइनेंस कर्मी से लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। ₹75000 लूट और टैब लिए गए जिसके बाद पुलिस ने पुलिस ने गुप्तचर लगाते हुए कार्रवाई की है।

    पुलिस को गुप्त सूचना मिली की एक बार फिर से अपराधी लूट की वारदात को अंजाम देने वाले हैं जिसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है जिनके पास से हथियार और टाइम के साथ लूट की रकम में से ₹25000 बरामद हुए हैं ।

    इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी जयंत कांत ने जानकारी दी है।

  • छपरा में अपराधियों ने पुलिस को बनाया निशाना, 2 कॉन्स्टेबल को चाकू मारकर किया घायल

    बड़ी खबर छपरा से आ रही है जहां बेखौफ अपराधियों ने पुलिस पर हमला किया है। पुलिस गिरफ्त से दो सिपाहियों को चाकू मारकर अपराधी फरार हो गए है।

    घायल दोनों सिपाहियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों का नाम अजीत यादव और विवेकानंद बताया जा रहा है। एसपी सियाली धुरत सदर अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जान रही हैं।

    छपरा में यह कोई पहली घटना नहीं है 3 साल पहले भी अपराधियों ने मढ़ौरा थाना क्षेत्र में बड़ी घटना को अंजाम दिया था।अपराधियों को गिरफ्तार करने गई एसआईटी टीम पर अपराधियों ने गोलीबारी कर दी थी जिसमें एक दरोगा और एक सिपाही शहीद हो गए थे।

    शहीद हुए दरोगा का नाम मिथिलेश कुमार एवं शहीद हुए सिपाही का नाम फारुख अहमद था.वही दो अन्य सिपाही घायल हुए थे।

    एक बार फिर इस तरह की घटना से शहर में सनसनी फैल गई है।

  • पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी के एक अंचल अधिकारी पर कड़ा रुख अपनाते हुए अविलंब ससपेंड करने का निर्देश दिया

    पटना हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मधुबनी के एक अंचल अधिकारी पर कड़ा रुख अपनाते हुए मधुबनी के जिलाधिकारी को उन्हें अविलंब ससपेंड करने का निर्देश दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने गोविंद नाथ झा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया ।

    यह मामला लखनौर के अंचल अधिकारी द्वारा ग़ैरक़ानूनी रूप अतिक्रमण केस चला कर याचिकाकर्ता पर नोटिस जारी करने से संबंधित है । कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मधुबनी के ज़िलाधिकारी को संबंधित अंचल अधिकारी के खिलाफ जांच करने और उचित विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    साथ-साथ उसे तत्काल निलंबित कर इस हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें विफल रहने पर जिलाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी।

  • बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया व बिहार राज्य बार कॉउंसिल द्वारा 24 सितम्बर,2022 को पटना में राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है

    पटना । बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया व बिहार राज्य बार कॉउंसिल द्वारा 24 सितम्बर,2022 को पटना के बापू सभागार में राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है ।इसमें भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित,केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू,बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथिगण इसमें भाग लेंगे।

    22 सितम्बर,2022 को डेढ़ बजे दिन में बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा द्वारा प्रेस वार्ता में पूरी जानकारी दी जाएगी।आप सबसे अनुरोध हैं कि अपने प्रतिनिधि व कैमरामैन को भेजने का कष्ट करेंगे।धन्यवाद।

    प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल …. बिहार राज्य बार कॉउंसिल भवन

    22 सितम्बर,2022 को डेढ़ बजे दिन में बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन कुमार मिश्रा सम्बोधित करेंगे।

  • दस्तावेज तैयार करने को लेकर अनुमंडल कार्यालय के पास चहल पहल, नामांकन के लिए उमड़ रही भीड़

    जहानाबाद जिले के चार नगर निकायों में चुनाव को लेकर नामांकन के तीसरे दिन तक किसी अभ्यर्थी ने नामजदगी का पर्चा दाखिल नहीं किया था। लेकिन चौथे दिन से प्रत्याशियों की भीड़ उमड़ने लगी है।

    गुरुवार को सबसे ज्यादा वार्ड काउंसलर के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन किया। घोसी वॉर्ड नंबर 6 से नामांकन करने वाले अरविंद कुमार ने बताया कि अपने वार्ड के विकास को लेकर वे चुनाव लड़ रहे हैं।

    नगर परिषद जहानाबाद, मखदुमपुर नगर पंचायत, घोसी नगर पंचायत और काको नगर पंचायत क्षेत्र के अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किया गया है।

    अनुमंडल कार्यालय के आसपास के क्षेत्र को बैरिकेडिंग की गई है। दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ जवानों की तैनाती की गई है। प्रवेश के लिए एक रास्ता बनाया गया है, जहां पुलिस जवान व पुलिस पदाधिकारी तैनात हैं।

    नामजदगी का पर्चा दाखिल करने का समय 19 सितम्बर है। गुरुवार तक लगभग 530 उम्मीदवारों ने एनआर कटवाया है।

    Municipal elections
  • सीएम नीतीश कुमार आज करेंगे मानसिक आरोग्यशाला का उद्घाटन

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को भोजपुर जिले के कोईलवर स्थित नवनिर्मित राज्य के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला का उद्घाटन करेंगे। मौके पर उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी मौजूद रहेंगे।

    कार्यक्रम दिन में 12 बजे होगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। जानकारी के अनुसार, मानसिक आरोग्यशाला 272 बेड का बना है। इसका निर्माण तमिलनाडु की कंपनी करा रही है। प्रोजेक्ट को 36 महीने में पूरा किया गया है। निर्माण पर लगभग 123 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान है।

    अस्पताल परिसर में 14 ब्लॉक हैं। इनमें चार हॉस्पिटल ब्लॉक, एकडेमिक, सर्विस, ड्रग एडिक्शन, स्टॉफ, डॉक्टर, संकाय क्वार्टर समेत अलग-अलग आठ विभाग बनाए गए है। एकेडमिक ब्लॉक जी टू, सर्विस ब्लॉक, वार्ड ब्लॉक जी प्लस टू व वार्ड ब्लॉक डीडीसी जी प्लस वन फ्लोर का है। इस आरोग्यशाला के सभी ब्लॉक भूकंपरोधी, इको फ्रेंडली बनाये गये हैं।

    भवन निर्माण के क्रम में हरियाली के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी है। पेड़-पौधे पूर्ववत मौजूद हैं

  • प्रभारी मंत्री के साथ ही जिले के अधिकारियों पर जमकर बरसी नवादा विधायक; सर्किट हाउस में अफरा-तफरी का बन गया माहौल

    जेडीयू और आरजेडी की सरकार बने अभी महीना ही गुजरा है, लेकिन रोज नया बखेड़ा सामने आ रहा है। आज फिर
    नवादा सर्किट हाउस में एक अजीब सा नजारा देखने को मिला जहां नवादा से राजद की विधायक विभा देवी बिहार के उद्योग मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री समीर कुमार महासेठ के साथ-साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों पर जमकर बरस पड़ी।

    नवादा सर्किट हाउस में विधायक के भड़कने के बाद पूरे परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया।प्रभारी मंत्री जिस वक्त जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिले की समीक्षा बैठक कर रहे थे उसी दौरान बैठक के बीच में ही विधायक सभागार भवन खोलकर अचानक रौद्र रूप धारण कर मंत्री और अधिकारियों पर बरस पड़ी।तस्वीर में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह से विधायक विभा देवी ने काली और दुर्गा का रूप धारण कर लिया था।

    दरअसल इस सभी के पीछे वजह यह है कि विधायक अपने एमएलसी के साथ मंत्री के इंतजार में सुबह से ही बैठी हुई थी।उसी सर्किट हाउस के एक अन्य कमरे में विधायक,एमएलसी अपने समर्थकों के साथ मंत्री के अगवानी में बैठी हुई थी। मगर इस दौरान मंत्री उन्हें बिना बताए बैठक में चले गए जो विधायक को नागवार लगा।

    सुबह 9:00 बजे से ही आज उनका इंतजार कर रही थी। मंत्री के आगमन का समय सर्किट हाउस में 1:00 बजे था। मगर कई घंटों की देरी से आज वहां वह पहुंचे और अपने विधायकों को बिना खोजे वह जिला प्रसाशन के अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए सभागार में पहुंच गए। बस इसी बात को लेकर विधायक विभा देवी ने आज जमकर बवाल काटा मौके पर जो भी उनके सामने आया विधायक ने उसे खरी-खोटी सुनाई। बाद में जब उनका गुस्सा ठंडा हुआ तो उन्होंने बताया कि मंत्री से उन्हें कोई नाराज़गी नहीं है। गलती इसमें जिलाधिकारी की है। उन्होंने मंत्री को विधायक के मौजूदगी की सूचना नहीं दी और दरवाजे बंद कर बैठक में शामिल हो गई।

    वही इस पूरे प्रकरण पर उद्योग मंत्री सह प्रभारी मंत्री से सवाल पूछा गया तो वह सवाल से बचते दिखे और अलग ही कहानी कहने लगे।बहरहाल विधायक के रौद्र रूप को देखकर हर कोई हतप्रभ रह गया और कुछ देर तक पूरे सर्किट हाउस में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया।