चंडी (नालंदा दर्पण)।चंडी थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-431 पर सोमवार की संध्या धर्मपुर गांव के पास एक अज्ञात बस की चपेट में आने से एक मोटरसाइकिल सवार की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
मृतक की पहचान हेम नारायण चक उर्फ गौरी बीघा गांव निवासी ब्रह्म देव प्रसाद के 20 वर्षीय पुत्र पवन कुमार के रूप में की गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मृतक पवन कुमार अपने परिवार के निजी दवा दुकान नगरनौसा से कार्य कर अपने घर वापस लौट रहा था कि धर्मपुर पुल पर पहुंचते ही बिहारशरीफ की ओर से आ रही एक अज्ञात बस के चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने बिहटा सरमेरा मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया। जिससे दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई।
स्थानीय ग्रमीणों ने चंडी प्रभारी थानाध्यक्ष अखिलेश झा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई फोन किये लेकिन स्थानीय पुलिस सुध लेने नही आई।
इतना ही नहीं जिस समय दुर्घटना हुई उस वक़्त चंडी थाना पुलिस की गश्ती वाहन पास के ही पुल पर थी। लेकिन अनसुनी कर आगे निकल गए। खबर लिखे जाने तक जाम नहीं खुला था।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में प्रतिबंध के बाबजूद भी किसान लगातार पराली जला रहे, लेक़िन फिर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा।
बता दें कि किसानों द्वारा धान के फसल का हार्वेस्टिंग के बाद बचा पुआल को आग लगा रहे हैं। पुआल को जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ खेतों पर भी इसका असर होता हैं।
मृदा में धान के पुआल को जलाने से मृदा स्वास्थ्य में गिरावट का सीधा प्रभाव फसल की वृद्धि एवं उसकी उत्पादकता पर पड़ता है। जब मृदा स्वास्थ्य खराब होता है तो भूमि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होती एवं पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
भूमि के पोषक तत्वों पर कुप्रभावः पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और कार्बनिक पदार्थों का संबंध सीधा मृदा स्वास्थ्य से होता है जो मृदा संरचना को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होने से सूक्ष्म जीवों को पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ नहीं मिल पाते।
इसका सीधा प्रभाव भूमि के पोषक तत्वों की उपलब्धता पर पड़ता है, क्योंकि इस अवस्था में सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करने में असमर्थ होते हैं।
खेत मे जलाई जा रही पुआलःप्रखंड क्षेत्र के अधिकांश जगहों पर सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद भी कई किसान खेत में पुआल को आग के हवाले कर दे रहे है। इसके चलते मित्र जीव तथा लाभदायक जीवांश जलकर नष्ट हो रहे है।
इसके अतिरिक्त खेतों की मिट्टी तथा फसल पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं यह इसके धुआं से पर्यावरण तथा हवा में जहरीली गैस घुल जाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारक हैं ये गैसःपुआल को जलाने से कई हानिकारक गैसेस निकलती जैसे विभिन्न ग्रीन हाऊस गैसें यथा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बनडाइ ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन है जो पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचाती है। इससे बचना चाहिए। पुआल जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और इसका सीधा स्वास्थ्य पर पड़ रहा है
उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही मानव जाति पर पड़ रहा विपरीत प्रभावः यदि इसी प्रकार खेतों की उपजाऊ शक्ति स्वत: नष्ट हो जायेगी खेतों मे फूंके जा रहे पुआल से क्षति के सिवा फायदा नहीं है।
खेतों में गिरा अनाज जिसे पशु व पक्षी चुग कर अपना पेट भरते थे वो जल जा रहे है। साथ ही खेतों व खरपतवारों में रहने वाले छोटे कीड़े मकोड़े जल कर मर जा रहे है। इसका विपरीत प्रभाव मानव जाति पर पड़ रहा है।
फिर भी लोग नहीं समझ रहे है। पानी का लेयर नीचे भागने से ठंडी के मौसम में ही चापाकल व ट्यूब वेल जवाब दे रहे है तो आने वाली गरमी में क्या होगा? किसान खेतों के पटवन के लिये परेशान है तो वहीं कुछ लोग खेत में पुआल फूंक धरती के टेम्प्रेचर को बढ़ाने मे लगे है।
नालंदा दर्पण डेस्क। इतिहास के अवशेषों से जब भी हम गुजरते हैं। सच में आश्चर्य होता है कि हम पहले क्या थे और आज क्या हैं? बीता हुआ कल काफी महत्वपूर्ण होता है। भले ही बीता हुआ समय वापस नहीं आता, किन्तु अतीत के पन्नों को हमारी विरासत के तौर पर कहीं पुस्तकों तो कहीं इमारतों के रूप में संजो कर रखा गया है।
हमारे पूर्वजों ने निशानी के तौर पर तमाम तरह के मंदिर, किले,इमारतें, कुएँ तथा अन्य चीजों का सहारा लिया, जिनसे हम उन्हें आने वाले समय में याद रख सकें।लेकिन वक्त की मार के आगे कई बार उनकी यादों को बहुत नुकसान पहुँचा।
उनकी यादों को पहले स्वयं हमने भी नजर अंदाज किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि हमारी अनमोल विरासत हमसे दूर होती गयी और उनका अस्तित्व भी संकट में पड़ गया।
भारत की विरासत ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बिखरी पड़ी है। जिन्हें संरक्षित सहेजना चुनौतीपूर्ण है। देश के ग्रामीण अंचलों में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों की भरमार है।
इन विरासतों की सार संभाल के साथ इन्हें ग्रामीण पर्यटन से जोड़ दिया जाए तो ना केवल क्षेत्र का समुचित विकास हो सकेगा। इससे क्षेत्र की कायापलट हो सकती है।इससे एक तरफ जहाँ अमूल्य विरासत संरक्षित होगी वहाँ दो हाथों को रोजगार भी मिलेगा। लेकिन सरकारी उपेक्षा एवं उदासीनता की वजह से ग्रामीण अंचलों में फैले पुरातात्विक विरासत बिखरे हुए हैं, जिसे सहेजने की आवश्यकता है।
नालंदा के चंडी अंचल में ऐसे ही कई अवशेष बिखरे हुए है, विरासत और अपने इतिहास से अंजान। सिर्फ यहाँ बौद्ध कालीन सभ्यता ही नहीं मुगलिया वंश के नायाब किस्से-कहानियाँ बिखरी पड़ी हुई है। जहाँ कभी गंगा-जमुना तहजीब की धारा बहती थी।
चंडी अंचल में कई ऐसे गाँव हैं, जिनके नामों में ध्वन्यात्मक है। इन गाँवों के नामों का अंत ‘गढ़’ या ‘आमा’ शब्द से होता है। जहाँ ऐसा माना जाता है कि ऐसे गाँव में बौद्ध कालीन इतिहास समाहित है। जहाँ के खेतों, खलिहानों, तालाबों, टीलों, मंदिरों, ब्रह्म बाबा गोरैया स्थानों पर प्राचीन मूर्तियों तथा अवशेष विधमान है।
चंडी प्रखंड में ‘गढ़’ से शुरू होने वाले गाँव तुलसीगढ,रूखाईगढ,माधोपुर गढ़, दयालपुर गढ़, हनुमान गढ़, के अलावा ‘आमा ‘नामधारी गाँव में सिरनामा, विरनामा, अरियामा, कोरनामा, आदि कई गांव हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि बौद्धकालीन, मौर्य, गुप्त और पाल वंश के शासन काल की झलक मिलती है।
चंडी अंचल के रूखाई और तुलसीगढ में विशालकाय स्तूप संरचना नजर आती है।हालाँकि रूखाई गढ़ में पुरातत्व विभाग की खुदाई में कई सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं।इसके अलावा इस गाँव के खेतों-खलियानों में बेशकीमती प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ी हुई है। जहाँ कहीं भी कुदाल-फावडे पड़ते हैं, रूखाई की जमीन से कोई न कोई मूर्ति निकल ही जाती है।जबकि देखरेख और संरक्षण के अभाव में दर्जनों बेशकीमती मूर्ति या तो चोरी हो गई या फिर नष्ट हो गया।
रूखाई में पुरातत्व विभाग ने 13 दिन तक दफन इतिहास को खोद कर निकालने का प्रयास किया।भगवान बुद्ध से लेकर, मौर्य वंश,शुंग,कुषाण, गुप्त, पालवंश एवं मुगल काल सभ्यताओं के अवशेष प्राप्त हुए।जिसकी कल्पना गाँव वालों ने भी नहीं किया था।यहाँ बौद्ध काल से पूर्व की एक समृद्ध नगरीय व्यवस्था थी।
वर्ष 2009 में इसी गाँव के आगे राजाबाद गाँव में एक सरकारी तालाब खुदाई के दौरान भी एक प्राचीन स्थापत्य कला के भग्नावशेष मिले थे। तालाब खुदाई के दौरान 21 फीट लंबा व 16 फुट चौड़ा चबूतरा मिला था। इसके अलावा लकड़ी का विशाल कालम तथा लकड़ी का एक विशाल खंभा भी मिला था।
रूखाई गढ़ में वर्ष 2015 में खुदाई के दौरान कई महत्वपूर्ण अवशेष मिलें थें।उसके बाद इसी साल 28 फरवरी को एक तालाब की खुदाई के दौरान एक खंडित बौद्ध प्रतिमा मिली थी। साथ ही दीवारों के अवशेष भी मिले। वहीं 9 मई को फिर से तालाब खुदाई के दौरान एक बेशकीमती मूर्ति बरामद हुई। इससे पहले भी यदा -कदा खेतों की जुताई के दौरान भी मूर्ति निकल जाती है।
इधर चंडी अंचल के तुलसीगढ में भी एक विशालकाय स्तूप संरचना है। जिसकी उंचाई 30-35 फीट है व व्यास लगभग 60मीटर है। इस टीले के बारे में किंवदंती है कि पहले लोग इस टीले के आसपास ही जीवन यापन करते थे। इस टीले के चारों ओर जलाशय था।यहाँ भी लगभग 400 वर्ष पूर्व की सभ्यता का पता चल सकता है।
इसके अलावा चंडी अंचल के कई ऐसे गाँव हैं, जहाँ पर मुगलकालीन समय की झलक आज भी देखने को मिल जाता है।उस समय ‘जागीरदारी’ उन गाँवों में चलती थी। मुगलिया सल्तनत के कई ऐसे लोग बाहर से आकर चंडी के कई गाँव को अपना बसेरा बनाया। जिसका उदाहरण प्रखंड का माहो गाँव हैं। इसका प्राचीन नाम ‘मुस्तफापुर’ माना जाता है।
इसके अलावा मोसिमपुर, इमामगंज, सालेपुर, विरनामा, लोदीपुर, अफजलबिगहा, ओली बिगहा, हब्बीबुलाचक जैसे गाँव इसके उदाहरण है। सिर्फ इतना ही नहीं ये गाँव गंगा-जमुनी तहजीब के मिसाल भी रहे हैं।
इन गाँवों की अपनी ही कहानी हैं। लेकिन नयी पीढ़ी के लोग अपने ही विरासत से अंजान हैं।भागदौड़ की इस जिंदगी में उन्हें यह सोचने का साहस ही नहीं बचा।उम्र के हेर फेर में विरासत को भूल चुके हैं।
कहने की जरूरत नहीं है कि अंचल में बिखरे ऐतिहासिक विरासत को संरक्षण की जरूरत है। लेकिन सरकार की लापरवाही और उदासीनता से अनमोल विरासत काल कवलित हो जा रही है।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा थाना क्षेत्र के गढ़ियापर गांव के पास शनिवार के संध्या करीब 7 बजे एक युवक को लाठी-डंडे से पीटकर हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है।
मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के कैला गांव निवासी जयगोविंद साव के पुत्र जगदीश साव के रूप में किया गया है। इघर युवक के हुए हत्या में कई तरह के चर्चा सामने आ रहा है।
हत्या के पीछे अवैध संबंध बताया जा रहा है। मृतक बलात्कार के मामला में तीन माह से जेल में था, जो एक माह पूर्व ही जेल से छुटकर आया है।
थानाध्यक्ष नारदमुनि सिंह ने बताया कि युवक का लाठी-डंडे से पीटकर हत्या किया गया है शव को पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है। लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है। आवेदन मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई किया जाएगा।
बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के नालंदा जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए हादसों में 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इनमें 2 लोगों की डूबने से मौत हो गई। वहीं ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
पहली घटना दीपनगर थाना क्षेत्र के देवधा इलाके की है, जहां ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। युवक का शव रेलवे ट्रैक के किनारे पाया गया है।
मृतक की पहचान लहेरी थाना क्षेत्र भरावपर मोहल्ला निवासी कारू महतो के रूप में हुई है। कारू महतो रात को मूर्ति विसर्जन करने गए थे और अहले सुबह रेलवे ट्रैक किनारे उनका शव पड़ा था।
दूसरी घटना बिंद थाना क्षेत्र के ताजनीपुर गांव के समीप गोइठवा नदी के पास की है, जहां एक लापता व्यक्ति का शव बरामद किया गया है।
मृतक की पहचान चंडी थाना क्षेत्र के महाकार बीघा गांव निवासी राम प्रवेश महतो के (32) वर्षीय पुत्र वीरू महतो के रूप में हुई है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि वीरू महतो अपने ससुराल ट्रेक्टर लेकर खेत जुताई के लिए आया हुआ था। वह बीती शाम से ही लापता था।
तीसरी घटना बेन थाना क्षेत्र के वभनीवां गांव का है, जहां 48 घंटे से लापता युवक का शव मंगलवार को पईन से बरामद किया गया।
मृतक की पहचान बेन थाना क्षेत्र के बड़ी आंट गांव निवासी वार्ड सदस्य छोटू रविदास के (25) वर्षीय पुत्र चीकू रविदास के रूप में की गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल में कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद तीनों शवों को उसके परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच में जुट गई है।
नगरनौसा (आरती)। नगरनौसा प्रखंड मुख्यालय के सभागार में बीडीओ प्रेम राज की उपस्थिति में शांति समिति की बैठक संपन्न की गई।
इस बैठक में वीडियो प्रेम राज ने बताया कि नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों के विभिन्न छठ घाटों पर प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस बलों की विशेष निगाह रहेगी। खासकर उन हुड़दंग बाजों पर जो पर्व के आड़ में गलत कार्य करते हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए बैठक में नगरनौसा प्रखंड के सीईओ अरुण कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड वासियों से निवेदन है कि छठ पर्व को शांतिपूर्वक ढंग से मनाए जिस प्रकार से दशहरा पर्व और दीपावली को मनाए थे।
साथ ही नगरनौसा थानाध्यक्ष नारद मुनि सिंह ने बताया कि छठ पर्व को लेकर असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रहेगी, खासकर जो जुआ खेलते हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा।
इस मौके पर नगरनौसा प्रखंड प्रमुख पति शैलू गोप,उप प्रमुख पति अनुज यादव, नगरनौसा मुखिया पूनम देवी, भुतहाखाड़ मुखिया नीरजा देवी,कैला मुखिया शंभू ठाकुर, खजुरा मुखिया महेंद्र प्रसाद सिंह कछियावां पंचायत मुखिया उषा सिन्हा,रामपुर के शिव कुमार गोप दामोदरपुर बलधा के ललिता देवी,पंचायत समिति शिरोमणि कुमार, वाल्मीकि यादव सुभाष यादव सहित कई समाज सेवी मौजूद थे।
चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी अंचल कार्यालय परिसर में पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजस्व शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी ने स्वयं लोगों की समस्याओं को सुना तथा उनसे लिखित आवेदन प्राप्त किया।
इस राजस्व शिविर में कुल 152 आवेदन प्राप्त हुए। अधिकांश मामले परिमार्जन, दाखिल खारिज, एलपीसी, भू लगान रसीद, भू-अर्जन से संबंधित मुआवजा आदि विषयों से संबंधित थे। सभी आवेदनों की कंप्यूटर में प्रविष्टि की गई।
जिलाधिकारी ने इन सभी आवेदनों को नियमानुसार एक माह के अंतर्गत निष्पादित करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया। परिमार्जन से संबंधित मामलों में यथाशीघ्र कार्रवाई कर निष्पादित करने को कहा गया।
दाखिल खारिज से संबंधित वैसे मामले, जिसे अंचलाधिकारी के स्तर से अस्वीकृत किया गया है, संबंधित आवेदक को नियमानुसार भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील वाद दायर करने का सलाह दिया गया।
जिलाधिकारी ने रैंडम रूप से 11 आवेदन को चुनकर विषय वस्तु से संबंधित अभिलेख एवं रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इन मामलों से संबंधित अभिलेख एवं रिकॉर्ड की गहन जांच की जाएगी।
जांच में विषय वस्तु से संबंधित समस्या को लेकर अगर कोई कर्मी या पदाधिकारी दोषी पाए जाएंगे तो उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
शिविर में कुछ लोगों द्वारा राजस्व से अलग अन्य मामलों से संबंधित आवेदन भी दिया गया। जिनके संबंध में संबंधित विभाग के पदाधिकारी को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
राजस्व शिविर में हरनौत विधायक हरि नारायण सिंह ने भी शिरकत किया। मौके पर अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी हिलसा, राजस्व शाखा प्रभारी, अंचलाधिकारी चंडी, अंचल के सभी राजस्व कर्मचारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)।बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के रूप में जिलाधिकारी द्वारा आज 8 मामले की सुनवाई की गई।
इनमें से कुछ मामलों का निवारण सुनवाई से पूर्व ही संबंधित लोक प्राधिकार द्वारा किया गया तथा कुछ मामलों में निवारण हेतु संबंधित लोक प्राधिकार के पदाधिकारियों को आदेश दिया गया।
गलत प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक नियोजन से संबंधित परिवाद के संदर्भ में जिला स्तरीय शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के पूर्व के निर्णय के विरुद्ध नियोजन नियमावली के प्रावधान के अनुसार राज्य स्तरीय अपीलीय प्राधिकार में वाद दायर करने का सुझाव परिवादी को दिया गया।
चंडी के परिवादी पप्पू कुमार सिंह द्वारा गलत ढंग से जमीन रसीद काटने से संबंधित दायर परिवाद के संबंध में भूमि सुधार उप समाहर्ता को मामले की जांच कर स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
राजगीर के राकेश कुमार द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने से संबंधित दायर परिवाद के संदर्भ में अंचलाधिकारी राजगीर द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि अतिक्रमण वाद चलाया जा रहा है तथा अतिक्रमण हटाने के लिए तिथि का निर्धारण भी किया जा चुका है।अंचलाधिकारी राजगीर को अतिक्रमण हटाकर प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया।
अन्य मामलों में संबंधित लोक प्राधिकार को शिकायत के निवारण हेतु आवश्यक दिशा निदेश दिया गया।
बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)।नालंदा जिलाधिकारी के निदेशानुसार चंडी अंचल कार्यालय में 14 अक्टूबर (शुक्रवार) को राजस्व शिविर का आयोजन निर्धारित किया गया है।
इस शिविर में चंडी अंचल क्षेत्र के कोई भी निवासी भूमि एवं राजस्व से संबंधित समस्या को रख सकेंगे।
स्वयं जिलाधिकारी द्वारा शिविर में प्राप्त समस्याओं को सुना जाएगा एवं संबंधित पदाधिकारी के माध्यम से इसके निराकरण के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस शिविर में अपर समाहर्ता सहित सभी संबंधित जिला एवं अंचल स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहेंगे।
शिविर का आयोजन चंडी अंचल कार्यालय में अपराह्न 12:30 बजे से निर्धारित है।
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में सड़क हादसों ने आधा दर्जन लोगों की जान ले ली। वहीं आधा दर्जन लोग जख्मी होकर अस्पताल में पड़े हैं। सरमेरा में दो बाइकों की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गयी।
वहीं, चंडी में भी अलग-अलग हादसों में दो लोगों की जान चली गयी। दीपनगर में ट्रैक्टर की चपेट में आकर बाइक सवार युवक की जान चली गयी।
इसी तरह, नूरसराय में अज्ञात वाहन ने मजदूर को कुचल दिया। संबंधित थानों की पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है।
2 बाइकों की भिड़ंत में 2 की मौत: सरमेरा। थाना क्षेत्र के एनएच 33 पर सरमेरा गांव के पास गंगा उद्भव योजना के कैम्प के पास बुधवार की शाम दो बाइकों की आमने-सामने की टक्कर हो गयी।
इस हादसे में तोड़ा गांव निवासी प्रमोद रविवार के 17 वर्षीय पुत्र संतोष रविदास व सारे थाना क्षेत्र के मुर्गियाचक गांव निवासी रामदेव यादव के 35 वर्षीय पुत्र गगन यादव की मौत हो गयी। तोड़ा गांव के ही कुणाल कुमार का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
परिजन के अनुसार वह अपने दोस्त के साथ घर से मेला देखने के लिए निकला था। देर रात में सूचना मिली की वह जख्मी हो गया है। जबतक वे लोग अस्पताल पहुंचते, उसकी मौत हो चुकी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो दोनों बाइकों में जोरदार टक्कर हो गयी। टक्कर के बाद लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। वहां से सभी को बिहारशरीफ रेफर कर दिया गया।
बालू लदे ट्रैक्टर ने युवक को कुचलाःदीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव के पास एनएच 33 पर बुधवार की सुबह ट्रैक्टर से कुचलकर बाइक सवार युवक की मौत हो गयी।
मृतक परवलपुर थाना क्षेत्र के अस्तुपुर गांव निवासी देवेन्द्र प्रसाद का 29 वर्षीय पुत्र राजीव कुमार है। उसका सहयोगी दीपू जख्मी हो गया है। हादसे के बाद ग्रामीणों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाकर सदर अस्पताल में हंगामा किया।
परिजन ने बताया कि युवक वीडियोग्राफी का काम करता था। बुधवार की सुबह काम करने के बाद सहयोगी के साथ बाइक से बिहारशरीफ से घर लौट रहा था। उसी दौरान बालू लदे ट्रैक्टर ने उसे कुचल दिया। दोनों जख्मी होकर सड़क पर गिर गये।
पुलिस ने दोनों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। वहां एक युवक की मौत हो गयी। मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि मामूली चोट की बात बताकर इलाज में कोताही बरती गयी। इससे तीन घंटे बाद उसकी मौत हो गयी।
चंडी में गयी 2 लोगों की जान: चंडी। थाना क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर दो लोगों की मौत हो गयी।
पहली घटना जैतीपुर-हरनौत मार्ग पर कल्याण बिगहा मोड़ के पास हुई। बुधवार की सुबह एक कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पईन में पलट गयी। गाड़ी के शीशे बंद थे। दम घुटने से चालक चेरो थाना क्षेत्र के मुसहरी गांव निवासी जितेन्द्र केवट की जान चली गयी।
उसके रिश्तेदार ने बताया कि वह गाड़ी से किसी को छोड़ने के लिए पटना गया था। लौटने के दौरान तीखा मोड़ रहने के कारण गाड़ी गड्ढे में पलट गयी। वह गाड़ी से निकल नहीं पाया और उसकी मौत हो गयी।
दूसरी घटना एसएच 78, सरमेरा-बिहटा मार्ग पर गौढ़ापर और दस्तूरपर गांव के बीच मंगलवार की रात हुई। अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक महिला की जान चली गयी। मृतका की पहचान नहीं हो पायी है।
पुलिस ने राहगीर की सूचना पर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को पहचान के लिए सदर अस्पताल में रखा गया है।
मजदूरी के लिए रहे अधेड़ की मौत: नूरसराय हाई स्कूल के पास गुरुवार की सुबह मजदूरी के लिए जा रहे अधेड़ की अज्ञात वाहन से कुचलकर मौत हो गयी।
मृतक चंडी थाना क्षेत्र के ठाकुरस्थान निवासी मुन्ना पासवान का 45 वर्षीय पुत्र राजाराम प्रसाद है।
परिजन ने बताया कि वह मजदूरी करने के लिए नूरसराय आ रहे थे। अज्ञात वाहन की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से जख्मी हो गये। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनकी जान चली गयी।