Category: चिराग पासवान

  • चिराग पासवान ने बढ़ा दी BJP की टेंशन, साथ आने को रखी चार शर्त, नीतीश कुमार पर लगे बैन, चाचा को किया जाए बाहर

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलकर महागठबंधन में शिफ्ट हो जाने के बाद बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. वह बिहार में बिलकुल अकेली हो गई है. इस झटके से उबरने के लिए बीजेपी को बिहार में एक मजबूत साथी की तलाश है. जिसका नाम है चिराग पासवान. हम प्रमुख जीतनराम मांझी भी अब महागठबंधन की रथ पर सवार है. वहीं एनडीए के साथ अब पशुपति पारस गुट की राष्ट्रीय एलजेपी ही रह गई है. बताया जा रहा है कि चिराग पासवान से भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने बात की है. लेकिन उन्होंने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. चिराग पासवान ने बीजेपी के साथ आने के लिए चार शर्त सामने रखी है. जिसमें नीतीश कुमार की कभी एनडीए में वापसी नहीं हो, वहीं चाचा पशुपति पारस को हटाया जाए.

    बिहार बीजेपी चिराग पासवान को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. बताया तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने चिराग पासवान से संपर्क किया था और एक बार फिर से लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जमुई सांसद चिराग पासवान को NDA गठबंधन में शामिल कराने की तैयारी में है. इधर राजनीति में लगातार हासिए पर जा रहे चिराग पासवान भी एनडीए में आने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए उन्होंने बीजेपी के साथ कुछ शर्ते रखी है. पहली शर्त यह है कि चिराग पासवान चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें यह विश्वास दिलाए की वह भविष्य में भी नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी नहीं कराएंगे. इसके साथ ही चिराग पासवान ने दूसरी शर्त यह रखी है कि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को एनडीए से बाहर किया जाए.

    नीतीश कुमार की कभी एनडीए में वापसी नहीं हो, वहीं चाचा पशुपति पारस को हटाए जाने के अलावे चिराग पासवान ने बीजेपी के सामने दो और शर्त रखी है. चिराग चाहते हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल हो जाए और एलजेपी के हिस्से वाली सीट अभी ही तय कर दिए जाए. इसके साथ ही चिराग ने वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह देने की मांग भी की है. बीजेपी नेताओं के संपर्क करने पर चिराग पासवान की पार्टी ने कहा है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के नजदीक आने पर ही वो अपने पत्ते खोलेंगे. इससे पहले चिराग पासवान ने बिहार की नई सरकार को लेकर कहा था कि मौसम विज्ञानिक का बेटा हूं इसलिए मैं कुछ चीजें देख सकता हूं. बिहार में मध्यावधि चुनाव होगा और एलजेपी चुनाव की तैयारी कर रही है.

    बीजेपी में आने के लिए चिराग पासवान की 4 शर्तें

    NDA में नीतीश कुमार की कभी वापसी नहीं होगी
    2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल हो जाए
    वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह दी जाए
    केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस को बाहर किया जाए

    अब सवाल यह है कि आखिर चिराग पासवान को बीजेपी अपने पास क्यों रखना चाहती है. दरअसल बिहार NDA गठबंधन में अब सिर्फ केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ही है. मुकेश सहनी की पार्टी VIP पहले ही NDA से अलग हो गई है. वहीं जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवामी मोर्चा भी महागठबंधन में शामिल हो गई है. बिहार में दलित-महादलित का कुल 16 प्रतिशत वोट बैंक है. इसमें भी 6 प्रतिशत वोट बैंक चिराग पासवान के साथ है. ऐसे में बीजेपी की नजर दलित-महादलित के 6 प्रतिशत वोट बैंक पर है. इस समय चिराग पासवान बीजेपी की मज़बूरी और जरुरत दोनों है.

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  • अकूत संपत्ति बनाने के मामले में जदयू ने RCP सिंह को भेजा नोटिस, चिराग पासवान ने CM नीतीश पर उठाए सवाल, कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है. RCP सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू के भीतर छिड़ी इस जंग ने विपक्षी दलों को उनपर हमला करने का एक मौका दे दिया है. इस बीच चिराग पासवान ने आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

    आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही आरसीपी सिंह है जो नीतीश के सबसे करीबी थे. तो क्या नीतीश कुमार एक ऐसे भ्रष्टाचारी को सालों तक अपने करीब रखे रहे. चिराग ने आगे कहा कि यह इस वजह से हो रहा है क्योंकि आरसीपी सिंह अब बीजेपी के करीब है और जेडीयू में दो धड़े हैं. एक जो बीजेपी के ज्यादा करीब और एक जो दिखाने को तो बीजेपी के करीब है लेकिन हकीकत में उतना है नहीं. चिराग पासवान का मानना है कि जेडीयू में सबकुछ ठीक तो नहीं है यह तो साफ दिख रहा है.

    इससे पहले आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू ने आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. और नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. ये बात लगातार तेजस्वी यादव कह रहे थे कि भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने RCP टैक्स नाम दिया था भ्रष्टाचार का RCP टैक्स के नाम से वसूली हो रहा है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव के आरोप में दम था. जो सही साबित हुआ, जदयू खुद ही इसको स्वीकार कर रही है अब नीतीश कुमार इसकी जांच कराए और दूध का दूध और पानी का पानी करे. भ्रष्टाचार का खेल किस तरह हुआ है. इसका खुलासा जरुरी है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उस समय तेजस्वी की बात पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया लेकिन देर सवेर जदयू ने अपने नेता को नोटिस दिया है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं .

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