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  • CM नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बार फिर चूक, JDU नेता ने कर दी ऐसी हरकत, पुलिस ने धर दबोचा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में फिर एक बार चूक हुई है. दरअसल सीएम नीतीश कुमार सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने निकले थे. इसी दौरान जमुई में सीएम की गाड़ी पर एक जदयू नेता ने फूलों का माला फेंक दिया. जिसके बाद सीएम की सुरक्षा में लगे अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पुलिस ने आनन-फानन में जेडीयू नेता पर कार्रवाई की. फिलहाल जदयू नेता को पुलिस हिरासत में लिया गया है. बताया जा रहा है कि जब सीएम जमुई पहुंचे ही थे कि उनका स्वागत करने कतारबद्ध हुए जेडीयू नेता ने सीएम की गाड़ी पर फूलों का माला फेंक दिया.

    दरअसल इस साल बारिश कम होने के वजह से बिहार के कई जिलों में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. जिसका जायजा लेने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर, लखीसराय और जमुई के क्षेत्रों का दौरा कर सूखे की स्थिति का जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में सूखे का जायजा लेने मुख्यमंत्री अलीगंज जा रहे थे. तभी सिकंदरा चौक के पास जेडीयू नेता अनुज कुमार सिंह ने उनकी गाड़ी पर मामला फेंक दिया. अनुज सिकंदरा प्रखंड अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इससे पहले शुक्रवार को गया में खराब मौसम की वजह से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के चॉपर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. इसके बाद वह सड़क मार्ग से ही पटना लौट गए.

    बता दें कि इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक हो चुकी है. इसी साल मई 2022 में जब मुख्यमंत्री सुपौल जाने के लिए निकले थे. तभी पटना चिड़ियाघर के गेट नंबर दो के पास नीतीश कुमार के काफिले में दूसरा वाहन घुस गया. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई. वहीं अप्रैल 2022 में नालंदा में सीएम जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने बम फोड़ दिया था. दरअसल वहां सभा स्थल पर पंडाल के अंदर एक सिरफिरे युवक ने पटाखा फोड़ दिया, जिससे भगदड़ मच गई. पुलिसकर्मियों ने आरोपी शख्स को दबोच लिया था. इतना ही नहीं इससे पहले 27 मार्च 2022 को भी पटना के बख्तियारपुर में नीतीश कुमार को मुक्का मारा गया था. एक युवक मंच पर चढ़ा और सीएम के कंधे के दाहिने तरफ वार किया. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ लिया था.

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  • दिल्ली से लौटते ही मंत्री नहीं बनाए जाने पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, नीतीश कुमार को लेकर कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है. हालांकि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्रियों की लिस्ट में उपेंद्र कुशवाहा का नाम तय माना जा रहा था. हालांकि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. जिसको लेकर बीते दिनों तमाम तरह की बातें कही जा रही थी. इस बीच शनिवार को दिल्ली से लौटते ही उपेंद्र कुशवाहा ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने कहा कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है. लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने कई बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है,आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने लिखा है कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है. ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा है कि इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साज़िश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू.) में करने का फैसला लिया. क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचार धारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अतः मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है. ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज़ होने की बात करने वाले महानुभावों, मुझ पर कृपा कीजिए, प्लीज़.

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  • सुशील मोदी की संपत्ति जांच पर राजनीति तेज, बीजेपी बोली-लालू यादव तो कुछ बिगाड़ नहीं पाए, अब…

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के खनन और भूतत्व मंत्री रामानंद यादव ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के परिजनों पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया है कि उनकी संपत्ति की जांच कराई जाएगी. जिसको लेकर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि जब लालू यादव सुशील मोदी का कुछ बिगाड़ नहीं पाए तो अब रामानंद यादव क्या कर लेंगे. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने तो यहां तक कहा दिया कि रामानंद यादव में दम है तो सुशील मोदी जब से पैदा हुए हैं तब से लेकर अब तक की उनकी सारी संपत्ति की जांच करा लें. वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि लालू यादव तो कुछ कर नहीं पाए.

    बिहार सरकार के मंत्री रामानंद यादव ने सुशील कुमार मोदी के परिजनों पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया है कि उनकी संपत्ति की जांच कराई जाएगी. इस सवाल पर बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि रामानंद यादव में दम है तो सुशील मोदी जब से पैदा हुए हैं. तब से लेकर अब तक की उनकी सारी संपत्ति की जांच करा लें. कुछ भी नहीं निकलेगा. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी एक सात्विक नेता रहे हैं मन से बिहार की सेवा किए हैं. साथ ही जीवेश मिश्रा ने कहा कि रामानंद यादव पहले ऊपर दर्ज केस की जांच करा लें, उसके बाद उनको मोदी या अन्य नेता के बारे में इस तरह की बातें कहने का अधिकार है.

    वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि कई बार लालू और लालू परिवार के राबड़ी सहित लोगों ने आरोप लगाए हैं. पूरी कवायद कर ली. उसके बाद भी कुछ नहीं निकला. उन्होंने कहा कि मोदी लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक जीवन में रहे हैं. उनके ऊपर किसी प्रकार का आरोप नहीं लगा है. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी लालू यादव को चारा घोटाले में लम्बाई लड़ाई लड़कर उसको जेल पहुंचाने का काम किया है. अगर उसके ऊपर कोई मामला बनता तो ये लोग छोड़ने वाले नहीं थे. इसलिए मोदी के ऊपर केवल बोलना और आरोप लगाने से कुछ नहीं होता. साथ ही बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि लालू यादव तो उनका कुछ बिगाड़ ही नहीं पाए तो रामानंद यादव क्या कर लेंगे.

    बता दें कि बिहार के खनन और भूतत्व मंत्री रामानंद यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के परिजनों पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया है कि उनकी संपत्ति की जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि असल बाहुबली तो सुशील मोदी हैं जिन्होंने डिप्टी सीएम पद की धाक दिखाकर परिवार के लोगों से जमीन कब्जा करवाया है. रामानंद यादव ने कहा कि सुशील मोदी परिवार के सदस्यों की संपत्ति की जांच कराई जाएगी. सुशील मोदी के परिवार के लोगों ने अकूत संपत्ति बनाई है. दरअसल बीते दिनों सुशील मोदी ने दागी और आपराधिक छवि के नेताओं को मंत्री बनाने का आरोप लगाते हुए जिन चार मंत्रियों का नाम लिया था उनमें एक रामानंद यादव भी थे. मोदी ने सुरेंद्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव और कार्तिक कुमार का नाम लेकर कहा था कि ये ऐसे लोग हैं जो बाहर निकलते हैं तो लोगों को डर लगता है.

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  • पटना में हॉरर किलिंग, प्रेम प्रसंग में पिता ने बेटी को मारी 5 गोली

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में अपराधियों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन अपराधी बड़ी घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. पुलिस की आंख खुली की खुली रह जाती है. आज शनिवार को बिहार के बेतिया, मोतिहारी. पटना, और पटना से सटे बाढ़ में गोलीबारी की घटना सामने आई है. वहीं, बिहार की राजधानी पटना में हॉरर किलिंग का मामला सामने आया है. जिले के नौबतपुर में एक शख्स ने अपनी बेटी को गोली मार दी.

    मिली जानकारी के अनुसार, प्रेम प्रसंग के शक के में सनकी बाप ने बेटी को 5 गोली मारी है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. घायल अवस्था में लड़की को बिहटा के एक निजी अस्पताल में बेटी भर्ती कराया गया है. उधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. फिलहाल पुलिस कुछ बोलने से इनकार कर रही है.

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  • बिहार: इनकम टैक्स के रडार पर पूर्व मंत्री नीरज सिंह बबलू, BJP MLA पर करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति छिपाने का आरोप

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री सह भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’ की मुश्किलें बढ़ने वाली है. पूर्व मंत्री द्वारा कर चोरी का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग की जांच में इनके पास एक करोड़ से ज्यादा की अघोषित संपत्ति मिली है. नीरज बबलू ने 2020 के विधानसभा चुनाव में दायर अपने हलफनामा में अपनी संपत्ति से संबंधित जानकारी गलत दी थी. आयकर विभाग के स्तर से इस मामले की गई जांच में यह बात सामने आयी है. निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में नीरज कुमार ‘बबलू’ ने इसका जिक्र नहीं किया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

    दरअसल नीरज कुमार बबलू ने जो 2019-2020 में अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया है, उसमें भी संपत्ति के साथ ही घोषित आय को छिपाया है. बताया जा रहा है कि बीते चुनाव में उन्होंने जो चुनावी हलफनामा दायर किया था, उसमें वास्तविकता से कम संपत्ति दिखाई. इनके चुनावी हलफनामा में दायर आयकर रिटर्न से संबंधित जानकारी की जांच की गई तो यह पाया गया कि इन्होंने वित्तीय 2020-21 के अलावा पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में भी अपनी आय को कम करके दर्शाया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 55 लाख 84 हजार रुपये, 2015-16 में 9 लाख 64 हजार रुपये, 2011-12 में करीब 25 लाख रुपये की बेहिसाब अघोषित संपत्ति मिली है.

    बता दें कि चुनावी घोषणा पत्र में नीरज कुमार बबलू ने इनका किसी रूप में जिक्र तक नहीं किया है, जो एक तरह से अपराध की श्रेणी में आता है. बताया जा रहा है कि इस बेहिसाब संपत्ति का वास्तविक स्रोत आयकर विभाग द्वारा जब पूर्व मंत्री से पूछा गया तो वो इसे बताने में असमर्थ साबित हुए. पूछताछ के दौरान वो किसी भी वित्तीय वर्ष की अपनी बेहिसाब संपत्ति से जुड़े सही स्रोत की जानकारी नहीं दे पाए . अब उनके खिलाफ प्राप्त कुल बेहिसाब संपत्ति का 100 से 300 फीसदी तक जुर्माना किया जा सकता है या इस मामले में उन्हें सजा भी हो सकती है. बताया जा रहा है कि जल्द ही आयकर विभाग के स्तर से अंतिम आदेश जारी हो जायेगा.

    बतातें चलें कि नीरज कुमार बबलू ने अपने हलफनामा में अपना और पत्नी का पेशा सोशल सर्विस (समाजसेवा) और फॉर्मिंग कृषि बताया है. अपनी आय के स्रोत के तौर पर विधानसभा से मिलने वाली सैलरी और कृषि से होने वाली आय को ही बताया है इसके अलावा अन्य कोई भी आय का स्रोत नहीं बताया है. उन्होंने अब तक आयकर रिटर्न करने में धांधली कर एक करोड़ 60 लाख के करीब आयकर की चोरी की है. आयकर विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही आयकर विभाग के स्तर पर इनके विरुद्ध अंतिम आदेश आ सकता है. इस मामले में पूर्व मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि फिलहाल मेरे पास कोई नोटिस आया नहीं है. पिछले चुनाव के समय में नोटिस आया था जिसका जवाब हमारे वकील ने दिया था. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स संबंधित जो भी नोटिस आता है उस पर वकील के द्वारा जवाब दिया जाता है.

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  • आरक्षण की पुरानी व्यवस्था पर ही होंगे नगर निकाय चुनाव, जानें अपडेट

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर बड़ी खबर है. राज्य के 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत ही चुनाव सम्पन्न होगा. सरकार ने ऐसा फैसला कर लिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी (नगरपालिका) को इस संबंध में शुक्रवार को पत्र जारी कर दिया है.

    जानकारी के मुताबिक नगर निकायों में कुल 62 पार्षदों के आरक्षण में बिहार नगरपालिका अधिनियम-12 (2) के अनुसार कोई बदलाव नहीं किया गया है. आयोग ने आयुक्तों के साथ ही डीएम को पत्र लिखकर बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित कर राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग को यह निर्णय उपलब्ध कराया है. इसके आलोक में विभिन्न कोटि के लिए आरक्षण का निर्धारण बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 और बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 2007 के साथ संशोधित करना है.

    राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र में इस बात की जानकारी दी है कि नगरपालिका अधिनियम की धारा 12(2) के अनुसार हर नगरपालिका में सदस्यों के कुल स्थानों का 50 प्रतिशत के आसपास आरक्षण देना है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का मापदंड तय किया गया है. सभी तरह के आरक्षण का प्रावधान 50 प्रतिशत के अंदर ही होगा. अगर किसी कोटि में मात्र एक ही पद उपलब्ध है, तो वह महिला के लिए आरक्षित नहीं किया जायेगा.

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  • निगरानी विभाग के रडार पर बिहार के फर्जी शिक्षक, नालंदा में 20 के खिलाफ दर्ज कराई गई FIR

    लाइव सिटीज, नालंदा: सिलाव में शुक्रवार को एक फर्जी शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं, 20 फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सिलाव थानाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभिषेक कुमार सिलाव प्रखंड के बिंडीडीह मध्य विद्यालय में पदस्थापित था और शेखपुरा जिले के शेखोपुर थाना के मियां बिगहा गांव का रहने वाला है. वह आठ वर्ष से नौकरी कर रहा था.

    बता दें कि विजिलेंस की जांच में उसका प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया था. सिलाव में अब तक जांच के दौरान 127 फर्जी शिक्षकों की पहचान की गयी है. जबकि, अब भी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है. जिले में सबसे अधिक सिलाव प्रखंड में ही फर्जी शिक्षकों का मामला दो साल पहले ही आया था. इससे शिक्षा विभाग हड़कंप मच गया था. इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी पूनम कुमारी ने सिलाव प्रखंड में फर्जी शिक्षकों की जांच शुरू की थी. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, 127 फर्जी शिक्षक सामने आये.

    निगरानी विभाग इसके पहले भी जिले के करीब दो दर्जन फर्जी शिक्षकों पर विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज करा चुकी है. जबकि, शुक्रवार को सिलाव थाने में 20 अन्य फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जिले में फर्जी शिक्षकों के मामले का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत इनके प्रमाणपत्र मांगे जाने के बाद हुआ था. 

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  • भोजपुर में NRI के घर चोरों का उत्पात, 12 लाख के आभूषण पर किया हाथ साफ

    लाइव सिटीज, भोजपुर: बिहार के भोजपुर में चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. बताया जा रहे कि चोरों ने एक एनआरआई के घर से ताला तोड़कर लाखों रुपये के सामान और आभूषण पर हाथ साफ कर लिया. जानकारी मिली है कि एनआरआई के घर से चोरों ने 12 लाख के हीरे और सोने के गहने समेट कर ले गए. साथ ही चोरों ने जमकर उत्पात मचाया. घटना नगर थाना क्षेत्र के मझौआ गांव की बताई गई है

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  • 29 अगस्त को JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं, पार्टी ने जारी किया बयान

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: 29 अगस्त को जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं है. पार्टी ने इसको लेकर बयान जारी किया गया है और ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है. दरअसल, इससे पहले ऐसी जानकारी सामने आई थी कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी और इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी. लेकिन अब पार्टी से स्थिति साफ कर दी है.

    गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मिलकर सरकार बना ली. बिहार में हुई इस राजनीति बदलवा की देशभर में चर्चा है. नीतीश कुमार ने अपने सियासी विरोधी आरजेडी के साथ हाथ मिला लिया. नीतीश कुमार के इस फैसले पर अगल-अलग प्रतिक्रिया आई. कांग्रेस, एनसीपी और दूसरे दलों ने नीतीश कुमार के इस फैसला का स्वागत किया. वहीं, बीजेपी पूरी तरह से हमलावर है.

    नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद से सियासी गलियारे में ये भी चर्चा होने लगी कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वो विपक्ष की तरफ से पीएम पद के चेहरे हो सकते हैं. हालांकि, विपक्षी दलों के बीच इसको लेकर कोई आधिकारिक फैसला या कोई ठोस चर्चा अभी तक देखने को नहीं मिली है. खुद नीतीश कुमार भी इन सवालों का जवाब दे चुके हैं.

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  • बिहार विधानसभा स्पीकर RJD का विधान परिषद में सभापति JDU का, नाम लगभग फाइनल, कभी भी ऐलान संभव

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि बिहार विधान परिषद के सभापति और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का नाम फाइनल हो चुका है. दरअसल बिहार विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी कोटे से होगा. जबकि बिहार विधानपरिषद में सभापति जेडीयू कोटे से होगा. महागठबंधन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है. ऐसे में अब बिहार विधान परिषद के सभापति और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के नाम का ऐलान होना है. मौजूदा स्पीकर विजय सिन्हा ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह बीजेपी से हैं. ऐसे में सत्ता बदलने के बाद अब विधान परिषद के सभापति का पद जदयू के खाते में गया है.

    मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर को बिहार विधान परिषद का सभापति बनाया जा सकता है. देवेश चंद्र ठाकुर फिलहाल बिहार विधानपरिषद में जेडीयू के उपनेता हैं. वहीं आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. दरअसल बिहार विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी कोटे से होगा. जबकि बिहार विधानपरिषद में सभापति जेडीयू कोटे से होगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी इस बार स्पीकर के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. यह भी खबर है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से भी इसकी सहमति मिल चुकी है.

    बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार भी हो गया है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब जल्द ही स्पीकर चुनाव की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा. स्पीकर पद आरजेडी के खाते में जाना तय माना जा रहा है. फिलहाल बीजेपी कोटे से विजय सिन्हा विधानसभा से स्पीकर बने हुए हैं. लेकिन बिहार में आरजेडी-जेडीयू की सरकार बनते ही अब स्पीकर का पद आरजेडी के खाते में चला जाएगा. वहीं बीजेपी कोटे से अवधेश नारायण सिंह बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति बने हुए हैं. लेकिन बिहार में सरकार बदलते ही यह सीट जदयू के खाते में चला जाएगा.

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