Category: तेजस्वी यादव

  • सुशील मोदी का तेजस्वी यादव पर तगड़ा अटैक, पूछा-बुलेटप्रूफ गाड़ी, Z प्लस क्यों ली, किससे डर गए, CM नीतीश पर भी बरसे

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. एनडीए का साथ छोड़ते ही महागठबंधन के सहयोग से मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर बीजेपी ने हमले करने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ायी जा रही है?. दरअसल बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के उप-मुख्यमंत्री बनते ही राज्य सरकार ने जेड कैटेगरी का सुरक्षा कवर दिया है. तेजस्वी के पास नेता विरोधी दल के नाते अब तक वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी थी जिसे सरकार ने अपग्रेड कर दिया है.

    बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को न मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, न जेड-प्लस सुरक्षा की. मामूली सुरक्षा के बीच मैंने 1, पोलो रोड के सरकारी आवास से लंबे समय तक जनता की सेवा की. उन्होंने लिखा कि जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ायी जा रही है?. सुशील मोदी ने आगे लिखा कि अब के डिप्टी सीएम पहले ही कार्यकाल में 5, देशरत्न मार्ग वाले सरकारी आवास में 46 एसी लगवा चुके हैं. गरीबों के मसीहा ने पद से हटने के बाद भी आलीशान बंगला न छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी, लेकिन दाल नहीं गली.

    सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि तेजस्वी यादव को लगता था कि जो बंगला एक राजकुमार के लायक बनाया गया, उसमें दूसरा कैसे रह सकता है? उन्हें एनडीए का डिप्टी सीएम तो बीपीएल स्तर की सुविधा के लायक लगता था. वहीं नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी अपने नौजवान डिप्टी सीएम को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि डी-फैक्टो सीएम कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ. कुर्सी तो वही होती है, लेकिन बैठने वाले का भाग्य अलग-अलग होता है.

    इससे पहले सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनना चाहते थे और उनके पार्टी के कई बड़े नेताओं ने बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क भी किया था. भाजपा के लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं था. पार्टी की ओर से ऑफर नहीं मिलने के बाद से नीतीश कुमार ने गठबंधन से अलग होने के रोड मैप तैयार कर लिया था. सुशील मोदी के इस आरोप पर नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि एक आदमी (सुशील मोदी) ने कहा कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी, क्या वे भूल गए कि हमने उन्हें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन दिया.

    बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया?, लालू यादव की गैरमौजूदगी में कैसे लिया फैसला, डिप्टी CM तेजस्वी ने सब बताया

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार बिहार के डिप्टी सीएम बने हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इस समय दिल्ली में अपनी बेटी के पास रहकर अपनी बीमारी का इलाज करा रहे हैं. ऐसे में जब बिहार में सत्ता का फेरबदल हो रहा था तो लालू यादव पटना में नहीं थे. बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि कैसे लालू यादव की गैरमौजूदगी में उन्होंने नीतीश कुमार के साथ जाने का मन बनाया. और अपने पिता की गैरमौजूदगी में उन्होंने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया.

    नीतीश कुमार के साथ जाने को लेकर तेजस्वी यादव ने बताया कि हम लोगों की राजनीतिक परिस्थितियों पर पहले से ही नजर थी. लगातार खबरों के माध्यम से और जब हम सदन में सामने होते थे तो साफ दिखाई देता था कि नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उप राष्ट्रपति चुनाव हुए, इसके बाद हम लोग सड़कों पर महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ मार्च कर रहे थे. उसके अगले दिन हमने बैठक बुलाई. क्योंकि खबरों से लगातार यह माहौल दिखाई दे रहा था कि शायद नीतीश कुमार जी नाराज हैं और कहीं ना कहीं कुछ बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं.

    नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया? इस सवाल के जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने बताया कि देश का जो माहौल है, हर तरफ सांप्रदायिक तनाव है और गंगा जमुनी तहजीब पर खतरा है. लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है. देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है. संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है. यह हम लोगों की ड्यूटी है कि किसी भी कीमत पर हम लोग समाजवादी लोगों का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि जब बिहार में यह सब घटनाक्रम हुआ तो नीतीश कुमार जी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर आए. और उन्होंने अपनी बात रखी. इसके बाद महागठबंधन में सब लोगों का उनके साथ जाने का मन बना.

    बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2015 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. और भारी बहुमत के साथ जीतकर नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने. हालांकि दो साल बाद ही 2017 में वे NDA में लौट आए. 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने केंद्र में भारी बहुमत से काबिज भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. हालांकि जदयू को 243 सदस्यीय विधानसभा में 45 सीट पर ही संतोष करना पड़ा. जबकि आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं बीजेपी को भी जदयू से ज्यादा सीटें हासिल हुई.

    बतातें चलें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार को 14 दिनों का समय दिया. बुधवार को ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में फैसला हुआ कि 24 और 25 अगस्त को बिहार में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 24 अगस्त के दिन फ्लोर टेस्ट होगा. इससे पहले मंगलवार को जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था तो उन्हें 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसमें सात पार्टियों के विधायक शामिल हैं. इसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और जीतन राम मांझी की हम पार्टी के विधायक शामिल है.

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  • डिप्टी CM तेजस्वी यादव से मांझी के बेटे संतोष सुमन ने की मुलाकात, बाहर निकलकर कहा-खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. सीएम नीतीश ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. इस बीच तेजस्वी यादव से तमाम नेताओं का मिलने का सिलसिला जारी है. इस बीच जीतन राम मांझी के बेटे और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष मांझी उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने उसके आवास पर पहुंचे थे. उन्होंने तेजस्वी यादव को नई भूमिका के लिए बधाई दी. माना जा रहा है कि हम पार्टी से मंत्री बनाए जाने को लेकर भी संतोष मांझी की तेजस्वी यादव से बात हुई होगी.

    उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने के बाद जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने कहा कि हमारे पार्टी के जितने विधायक और नेता है, सबने तेजस्वी यादव को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने उन्हें यही शुभकामना दी कि बेहतर भविष्य के लिए बिहार को आपकी जरुरत है. आप युवा हैं, युवा सोच के साथ बिहार आगे बढ़ेगा. हमसब उनके साथ है. वहीं बीजेपी के हमले पर संतोष मांझी ने कहा कि जिनसे कुछ छीन जाता है वो नाराज होंगे ही, लेकिन नाराज होने से क्या होगा खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता खुश है. जनता को अच्छी सरकार मिली है, जो गरीबों और पिछड़ों की सरकार है. सरकार सरकार चलेगी, बिहार विकास का नया मॉडल तैयार करेगा.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

    बता दें कि बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार को 14 दिनों का समय दिया. बुधवार को ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में फैसला हुआ कि 24 और 25 अगस्त को बिहार में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 24 अगस्त के दिन फ्लोर टेस्ट होगा. इससे पहले मंगलवार को जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था तो उन्हें 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसमें सात पार्टियों के विधायक शामिल हैं. इसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और जीतन राम मांझी की हम पार्टी के विधायक शामिल है.

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  • BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में कैसे आ गई, ज्वालामुखी की तरह फटा बिहार का सियासी शोला, जानें 3 दिन में कब क्या-क्या हुआ

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 4 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में आ गई. बिहार में पिछले 3 दिन में जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ राज्य की दिशा बल्कि पार्टियों के भविष्य को भी तय करेगा. आइये जानते हैं आखिर पिछले तीन दिन में क्या-क्या हुआ?

    7 अगस्त : दिन रविवार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. यह एक महीने में चौथा मौका था, जब नीतीश कुमार केंद्र सरकार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. कयास लगाए जाने लगे कि आखिर नीतीश के मन में क्या चल रहा है. ऐसे माना जाने लगा कि नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी बना रहे हैं. वे जल्द ही बीजेपी के साथ अपना नाता तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. हालांकि जदयू और बीजेपी की ओर से कोई बयान नहीं आया. 

    8 अगस्त: दिन सोमवार

    8 अगस्त यानी सोमवार को नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की चर्चा के बीच राज्य की सभी पार्टियां एक्टिव हो गईं. जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की 9 अगस्त को बैठक बुलाई. वहीं आरजेडी, कांग्रेस, हम और लेफ्ट पार्टियों ने भी अपने नेताओं, विधायकों और सांसदों से पटना आने को कहा. यहीं से हलचल तेज हो गई कि क्या बिहार कोई खेला होने वाला है. क्या बिहार सरकार बदलने का मौसम आ गया है. इसके बाद 9 अगस्त को सभी पार्टियों ने बैठक बुलाई. उधर बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में बनी रही. बीजेपी के नेता यह कहते रहे कि राज्य में एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है. जदयू और बीजेपी की सरकार 2025 तक का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी. वहीं जदयू और आरजेडी के नेता भी कहते रहे कि यह सामान्य बैठक है.

    उधर सोमवार को दोपहर होते होते खबर आने लगी कि सीएम नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से बात की है. हालांकि यह जानकारी सामने नहीं आई कि नीतीश कुमार ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है या नहीं. नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की. बताया जा रहा है कि कई बीजेपी नेताओं ने नीताश कुमार से फोन पर बात और उन्हें एनडीए में ही रहने को कहा. लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने. खबर ये भी आई कि सोमवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर नीतीश कुमार से बात की. लेकिन वे भी उन्हें नहीं मना पाए. 

    9 अगस्त: दिन मंगलवार

    9 अगस्त यानी मंगलवार का दिन बिहार सत्ता परिवर्तन का दिन रहा. अब बिहार में बैठकों का दौर शुरू हुआ. जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक बुलाई. ये बैठक नीतीश कुमार के आवास पर हुई. इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने नेताओं से कहा कि बीजेपी ने हमें कमजोर करने की कोशिश की, हर मौके पर हमें अपमानित किया. इस दौरान जदयू के नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे, सभी उसका समर्थन करेंगे. बैठक में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने का भी फैसला हो गया. उधर पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेताओं की बैठक हुई. इस दौरान राजद नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव जो फैसला करेंगे, वे सभी उसका समर्थन करेंगे. इतना ही नहीं राबड़ी देवी के आवास पर कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी पहुंचे और उन्होंने समर्थन का पत्र तेजस्वी यादव को दिया. 

    पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा. नीतीश कुमार ने शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद फैसला लिया.  इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार सीधे राबड़ी आवास पहुंचे, जहां उन्होंने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस दौरान नीतीश ने कहा कि अब बिहार में फिर से साथ में काम किया जाएगा. जो हुआ भूल जाइये. इसके बाद नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया. नेता चुनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि अब वे नई शुरुआत करने जा रहे हैं. नीतीश, तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया.  नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • अभी भी साफ नहीं हुई है नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल की तस्वीर, जानें बिहार में कितने मंत्री बन सकते हैं, सबसे बड़ा पेंच क्या था?

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. इस फार्मूले के तहत महागठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी के सबसे अधिक मंत्री बन सकते हैं. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं.

    इस नए गठबंधन की सरकार में सबसे बड़ा पेंच यह था कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन अब नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बन गई और उन्होंने शपथ ले ली है तो अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के गठन में कोई बड़ा पेंच नहीं फंसेगा. बताया जा रहा है कि महागठबंधन में शामिल नेताओं को यह पता है किसके कितने मंत्री बनेगे और किसके खाते में कितनी सीटें आएंगी. अब सवाल यह है कि बिहार में कितने विधायक मंत्री बन सकते हैं. दरअसल बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं. किसी राज्य की विधानसभा की सीटों के 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं. इस तरह बिहार मंत्रिमंडल में कुल 36 विधायक मंत्री बन सकते हैं. जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ले ली है. इस तरह अब बिहार कैबिनेट में 34 मंत्रियों की जगह खाली है.

    अगर विधायकों की संख्या देखें तो सबसे अधिक 79 विधायक आरजेडी के पास हैं. वहीं जदयू के पास 45 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं. इसलिए विधायकों की संख्या के आधार पर सबसे अधिक मंत्री आरजेडी के कोटे से ही बनेंगे. वहीं अगर पिछली सरकार की बात करें तो उसमें सबसे बड़ी बार्टी बीजेपी थी. इस वजह से सरकार में उसके दो उपमुख्यमंत्री और 16 मंत्री शामिल थे. बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार की कैबिनेट में जगह का फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. ऐसे में विधानसभा में 79 विधायकों वाली पार्टी राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. 12 विधायकों वाली CPI(ML) ने सरकार में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को एक मंत्री पद मिल सकता है. भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा. महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के नाम तय करने में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सबसे अधिक यादव विधायक चुनाव जीत कर आये हैं. ऐसे में यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य व कुशवाहा जाति के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी.

    नीतीश कैबिनेट के संभावित मंत्री

    RJD कोटे से– तेजप्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, चन्द्रशेखर, कुमार सर्वजीत, बच्चा पांडेय, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, शाहनवाज, अख्तरुल इस्लाम शाहीन,समीर महासेठ, भाई वीरेन्द्र, ललित यादव, कार्तिक सिंह, वीणा सिंह, रणविजय साहू, सुरेन्द्र राम

    JDU कोटे से– विजय कुमार चौधरी, विजेन्द्र प्रसाद यादव, अशोक चौधरी, उपेन्द्र कुशवाहा, शीला कुमारी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, संजय कुमार झा, लेशी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान

    कांग्रेस कोटे से-मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार
    हम (से) कोटे से- संतोष कुमार सुमन

    बता दें कि महागठबंधन के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मुख्य सचिव मौजूद रहे. 24 और 25 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. वहीं 25 अगस्त को विधान परिषद् की कार्यवाही होगी. सदन में नए स्पीकर का चुनाव होगा और विधानसभा में महागठबंधन सरकार अपना बहुमत साबित करेगी. राजभवन में शपथ लेने के बाद सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल मंगलवार को एनडीए से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • नीतीश कुमार CM तो तेजस्वी ने डिप्टी सीएम पद की ली शपथ, मुकेश सहनी बोले-बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी दोनों नेताओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त किया है कि आपके नेतृत्व में अब बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा. सहनी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को अनुभवी और युवा की जोड़ी बताते हुए कहा कि आज देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है, जिसमें सभी विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है. आज इन दोनों नेताओं ने देश के विपक्षी दलों को राह दिखाई है.

    मुकेश सहनी ने कहा कि आज संविधान, लोकतंत्र को ही नहीं आजादी के मूल्यों और सपनों पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1977 में आपातकाल से देश को छुटकारा मिला, आज एकबार फिर देश में चल रहे अघोषित आपातकाल के खिलाफ मुहिम की शुरूआत बिहार से हो गई है. ’सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि भाजपा के निशाने पर दलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इन लोगों के वाजिब हक भी नहीं देना चाहती.

    आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    इससे पहले तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • डिप्टी CM बनते ही तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, कहा-हम एक महीने में गरीबों-युवाओं को बंपर नौकरी देंगे, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के साथ वाली सरकार में बिहार का विकास पूरी तरह से रूक गया था. हम महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व हम बिहार का विकास करने के लिए काम करेंगे. देश विरोधी शक्तियों ने आम जनता की मुस्कान छीन ली थी. लोग परेशान थे. नीतीश कुमार ने जो बयान दिया है. वो पूरी तरह से सही है. 2024 में भाजपा आपको कहीं नहीं दिखेगी. अब बिहार में ऐसी स्थिति हो गयी है कि सभी राजनीतिक पार्टियां एक तरफ हैं और भाजपा अलग-थलग पड़ी होगी. बता दें कि इससे पहले भी तेजस्वी यादव लगातार राज्य में बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. इससे लेकर पूरे राज्य में प्रतिरोध मार्च का आयोजन भी किया गया था.

    शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • तेजस्वी यादव की हो रही ताजपोशी, लेकिन लालू यादव सीन से गायब, कब लौटेंगे पटना, नीतीश कुमार से हो गई बात

    लाइव सिटीज पटना: बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन पूरे सीन से लालू यादव गायब हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बनने की घोषणा हुए करीब 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक लालू प्रसाद यादव का एक भी ट्वीट या वीडियो संदेश भी सामने नहीं आया है. बताया जा रहा है कि लालू यादव ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की है और यहां के हालात की जानकारी ली है.

    लालू यादव एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद दिल्ली में बेटी मीसा भारती के आवास पर हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव अभी पटना नहीं आयेंगे. हालांकि दिल्ली से ही वह बिहार के पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. यह भी कहा जा रहा है कि कल यानी मंगलवार को नीतीश कुमार ने फोन पर लालू यादव से बात की है. लालू यादव और नीतीश कुमार की आखिरी मुलाकात इसी साल 6 जुलाई को हुई थी. जब जेल से रिहा होने के बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. आनन-फानन में लालू यादव को पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में कुछ सुधार होने पर लालू यादव को इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की बात हो रही थी तभी नीतीश कुमार उनसे मिलने पारस अस्पताल पहुंचे थे. कहा तो यह भी जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार ने उसी वक्त लालू यादव को अपने मन की बात बता दी थी.

    बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

    बता दें कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद की तरफ से मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची जारी है. बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार की कैबिनेट में जगह का फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. सरकार में अधिकतम मंत्रियों की संख्या 36 हो सकती है. ऐसे में विधानसभा में 79 विधायकों वाली पार्टी राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. 12 विधायकों वाली CPI(ML) ने सरकार में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को एक मंत्री पद मिल सकता है. भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा. महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के नाम तय करने में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सबसे अधिक यादव विधायक चुनाव जीत कर आये हैं. ऐसे में यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य व कुशवाहा जाति के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी.

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  • हमारे पास 7 पार्टियों के 164 विधायक, नीतीश-तेजस्वी ने एक साथ आकर सभी सवालों का दिया जवाब, PM को लेकर भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: लाइव सिटीज पटना: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम साढ़े तीन बजे राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद शाम पांच बजे नीतीश कुमार फिर से राजभवन गए और उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ आकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. दोनों नेताओं ने एक सुर में कहा कि हमलोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.

    सरकार का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास सात पार्टियों का समर्थन है. इसमें 164 विधायक शामिल हैं. हम लोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारे पास 164 विधायकों का समर्थन है. कुल सात पार्टियां मिलकर ये सरकार चलाने वाली है. हर कोई साथ मिलकर जनता की सेवा करने वाले हैं. वहीं पीएम उम्मीदवार को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बात करने से ही मना कर दिया.

    आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता विकल्प चाहती है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, प्रधानमंत्री के सामने इसकी मांग की थी. देश में बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी है. हमें देश के संविधान को बचाना है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है. बीजेपी के एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देना है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार की जनता ने विपक्ष को संदेश दिया है कि जो मजबूती से जनता के सवालों के लिए लड़ता है, उसका साथ दिया जाता है. उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया है. साफ कहा है कि बीजेपी ने साजिश के तहत पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया था. पंजाब में अकाली के साथ भी ऐसा ही किया गया. 2024 में क्या नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाया जाएगा, इस पर तेजस्वी यादव ने सिर्फ इतना कहा है कि ये फैसला नीतीश पर छोड़ दिया गया है. ये फैसला लेने का हक सिर्फ उनके पास है.

    इससे पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. हालांकि गवर्नर ने उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल बाद में समय देंगे. नीतीश कुमार पत्र देकर राजभवन से पैदल ही वापस लौट गए हैं. माना जा रहा था कि कल यानी बुधवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन राज्यपाल फागू चौहान ने अभी महागठबंधन को शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. ऐसे में अटकलें तेज है कि क्या इतना ड्रामा होने के बाद अब भी बिहार में कोई खेला होने वाला है. आखिर बीजेपी क्या सोच रही है.

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने राज्यपाल को सरकार बनाने का समर्थन पत्र सौंप दिया है. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने एनडीए सरकार में मिले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें बीजेपी के साथ एक नहीं कई दिक्कतें थीं. उनके नेता बाद में सबकुछ विस्तार से बता देंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रही थी. नीतीश कुमार बाद में तेजस्‍वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए. राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई. इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. यानी अब तय हो गया कि महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

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  • तेजस्वी के साथ नीतीश कुमार ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, राज्यपाल ने शपथ ग्रहण का नहीं दिया समय, अभी खेल बाकी?

    लाइव सिटीज पटना: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम साढ़े तीन बजे राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसके बाद वो यहां से सीधा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे जहां राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने उनका स्वागत किया. बाद में शाम पांच बजे नीतीश कुमार फिर से राजभवन गए और उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. नीतीश कुमार ने 164 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

    नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. हालांकि गवर्नर ने उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल बाद में समय देंगे. नीतीश कुमार पत्र देकर राजभवन से पैदल ही वापस लौट गए हैं. उनके साथ तेजस्वी यादव, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, जीतन राम मांझी समेत महागठबंधन के प्रमुख नेता मौजूद रहे. माना जा रहा था कि कल यानी बुधवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन राज्यपाल फागू चौहान ने अभी महागठबंधन को शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. ऐसे में अटकलें तेज है कि क्या इतना ड्रामा होने के बाद अब भी बिहार में कोई खेला होने वाला है. आखिर बीजेपी क्या सोच रही है.

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