राजगीर (नालंदा दर्पण)। रविवार को नालंदा एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगाजल आपूर्ति योजना का राजगीर से रविवार दोपहर बाद लोकार्पण करेंगे।साथ ही वे ‘हर घर गंगाजल’ योजना का भी शुभारंभ करेंगें।
बताते चलें कि गंगा नदी के बाढ़ का पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर,उसे शोधित कर पेयजल के लिए हर घर गंगाजल पहुंचाने का काम राजगीर से शुरू होना है ।
रविवार को गंगाजल आपूर्ति योजना लोकार्पण के मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव,वित वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा के अलावा सासंद तथा नालंदा के कई विधायक भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री सोमवार को गया एवं बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे। जबकि दूसरे चरण में जून में नवादा में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
जल जीवन हरियाली मिशन के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने इस अनूठी परिकल्पना की नींव रखी थी। 2019 में गया में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘गंगा जल आपूर्ति योजना ‘पर मुहर लगाई गई थी।
गंगाजल पाइपलाइन के जरिए 151किमी सफल तय करके राजगीर, गया एवं बोधगया के जलाशयों तक पहुंचाया गया है। जहां से शोधित कर शुद्ध पेयजल के जरिए रोज लाखों घरों तक पहुंचाया जाएगा।
सीएम नीतीश कुमार रविवार को राजगीर में कुछ चिह्नित घरों में भी जाएंगे तथा गंगाजल का सेवन कर इस योजना का शुभारंभ करेंगे। राजगीर के आठ हजार घरों में गंगाजल का पानी पहुंचाने का दावा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कर रहा है।
राजगीर डिटेंशन टैंक से पानी को शुद्ध कर प्रतिदिन पांच लाख मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है।फेज वन में राजगीर के 8031 घरों में पानी पहुंच चुका है।
सीएम नीतीश के राजगीर आगमन को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। खबर है कि मोतनाजे में उद्घाटन समारोह के पहले गंगा आरती होगी। उसके बाद सीएम नीतीश कुमार वार्ड 19 में जाकर इस ऐतिहासिक योजना का लोकार्पण करेंगे।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार संविधान दिवस के अवसर पर आज दिनांक 26 नवंबर 22 को विधिक सेवा सदन व्यवहार न्यायालय नालंदा बिहारशरीफ में संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में रचना अग्रवाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नालंदा के निर्देशन में पैनल अधिवक्ताओं और पर विधिक स्वयंसेवक और विधि संकाय के छात्रों द्वारा संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई।
इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्यों के बारे में उपस्थित लोगोंको जागरूक किया गया।
इस मौके पर पैनल अधिवक्ता बिरमानी कुमार, सोनाली स्वरूप, गौरव कुणाल, संजीव कुमार, आदि और विधि संकाय छात्रों में प्रभात, सबिला, सनोवार, सुप्रिया आदि और पारा विधिक स्वयंस्ववक के रूप में राजीव कुमार, राजेश कुमार पांडेय, अभिषेक कुमार आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के सहयोग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहायक मुहम्मद आतिफ, कौशल, मंजीत, मधुसूदन, ने सहयोग किया।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने बताया की संविधान सप्ताह जो आज से 2 दिसंबर 22 तक मनाया जाना है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा को निर्देशित किया गया है कि वे सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्यों पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, डिबेट आदि का आयोजन करवाना सुनिश्चित करेंगे।
उधर, इधर संविधान दिवस पर हिलसा व्यवहार न्यायालय परिसर में एडवोकेट के साथ प्रस्तावना को पढ़ कर सुनाया गया। जिसमें मूल अधिकार, कर्तव्य , अनुच्छेद , अनुसूचियाँ आदि के बारे में जानकारी दी गयी। यह जानकारी पीएलवी आलोक कुमार ने दी।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। 26 नवंबर वह दिन है। आज के ही दिन किसान तीन कृषि कानून के विरोध में राज्यों से लड़ते हुए दिल्ली के बॉर्डर तक आए और लगातार 13 महीने के आंदोलन करते हुए भारत सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को प्रधानमंत्री के द्वारा वापस लेने को मजबूर कर दिया। यह किसानों की एकता और मजबूती को दिखाती है।
सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव धर्मेंद्र कुमार द्वारा सरकार से आगे मांग किया गया कि किसानों के द्वारा उठाए गए सभी अनाजों पर खरीद सुनिश्चित किया जाए एवं किसानों के अनाजों का मूल्य स्वामीनाथन आयोग के दिए गए फार्मूले के C2+50% के हिसाब से तय हो।
इस सभा में बिहारी कृषि परिवार के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन मुखिया, रामजतन सिंह, दिलीप कुमार, आनंदी प्रसाद, शिवनंदन प्रसाद, सुरेंद्र गांधी, सर्विस राम समेत कई किसान उपस्थित थे।
इस पुतला दहन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ ओजपूर्ण स्वर में नारे लगाए गए
नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिले के बेना थाना क्षेत्र के कमलविगहा गांव में रसोई गैस सिलेंडर फटने से घर में आग लग गई। जिसकी चपेट में आने से दो बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक़ बेना थाना क्षेत्र के कमलविगहा गांव में रसोई गैस सिलेंडर अचानक ब्लास्ट हो गया। धमाके से पूरे घर में आग फ़ैल गई। दोनों बच्चियां घर के कमरे में ही सो रही थी और उनके पास भी आग पहुंच गई।
इसी दौरान दोनों झुलस गई। दोनों को इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में दोनों ने दम तोड़ दिया।
मृतक बच्चियों की पहचान बिक्की की बेटी सोनाक्षी और मीनाक्षी के रूप में की गई है। दो बेटियों की एक साथ मौत हो जाने के बाद पूरा परिवार सदमे में है। परिजनों में चीख-पुकार मच गई है। मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई है।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा बीआरसी भवन में शुक्रवार के दिन प्रथम संस्था द्वारा महादलित, दलित, अतिपिछड़ा वर्ग के आँचल योजना तहत कोई बच्चा पीछे नहीं, माता-पिता छूटे नहीं कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन केआरपी प्रेम प्रकाश व प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर केआरपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि प्रखंड के सभी शिक्षा सेवक वेहतर कार्य कर रहे हैं। समय पर बच्चों को शिक्षण एवं महिलाओं को साक्षरता प्रदान करने कार्य मे लग्न पूर्वक लगे हुए हैं। नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत कुल 44 शिक्षा सेवक कार्यरत है। शिक्षा सेवक शांतिपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने कोई बच्चा पीछे नहीं माता-पिता छूटे नहीं के तहत बच्चों एवं माताओं को कक्षा संचालन पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।
प्रथम के डिवीजनल कॉर्डिनेटर द्वारा शिक्षा सेवकों के कार्य जैसे कोचिंग संचालन करना,बच्चों को विद्यालय पहुँचाकर उनकी देखरेख एवं असाक्षर महिलाओं के केंद्र संचालन की बिषय बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा कर जानकारी दिया।
कार्यक्रम में लेखपाल आशीष कुमार, गौरब कुमार, सुनील कुमार, शिक्षा सेवक मिथलेश कुमार, अरविंद कुमार, लक्ष्मण कुमार, नीतीश कुमार, शोभा कुमारी, प्रमोद प्रसाद, रंजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
बेन (रामावतार कुमार)।नालंदा जिले के बेन प्रखंड में दर्जनों ऐसे व्यक्ति हैं जो फर्जी सर्टिफिकेट पर सरकारी शिक्षक बने हैं। जिसमे कई पकड़े गए हैं और उनपर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। फर्जी सर्टिफिकेट धारियों को नौकरी दिलाने के पीछे जिस मास्टर माइंड का हाथ रहा वो कोई और नहीं एक शिक्षक हीं है।
★ क्या है मामला:
फर्जी शिक्षक बहाली मामले में मनीष कुमार, उ० मध्य विद्यालय रामगंज, निरंजन कुमार, मध्य विद्यालय एकसारा, रीना कुमारी, प्रा० विद्यालय रसुल्ला, सत्या कुमारी, प्राथमिक विद्यालय लालगंज की गिरफ्तारी के बाद अन्य फर्जी शिक्षकों में खलबली मच गई थी।
बीआरसी से लेकर प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। चर्चा यह भी होने लगा कि फर्जी बहाली में बीआरसी का एक शिक्षक हीं मुख्य सरगना है। जो दर्जनों फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना दिया और अकूत संपत्ति बना ली।
इतना हीं नहीं प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक बहाली मामले में भारी गड़बड़ी की शिकायत है। सूत्रों की मानें तो अभी भी मनीष कुमार जैसे दर्जनों से अधिक फर्जी शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं।
★ क्या है पूरा मामला:
पंचायती राज व्यवस्था में सरकार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली करने का जिम्मा पंचायत सचिव, बीडीओ, बीईओ, प्रमुख एवं मुखिया को दिया गया था। लेकिन प्रखंड के पदाधिकारियों, नियोजन इकाईयों एवं सरगना शिक्षक के इशारे पर शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंक अयोग्य अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक बना दिया और मोटी रकम लेकर फर्जी सर्टिफिकेट धारी को गुरुजी बना दिया।
बीडीओ, बीईओ, प्रमुख, पंचायत सचिव एवं अन्य समिति में शामिल लोगों ने मनीष कुमार समेत दर्जनों की बहाली कर दी। जब वर्ष 2019 में फर्जी सर्टिफिकेट धारियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रमण्डलीय आयुक्त पटना को दी गई तो जांच में पाया गया कि मनीष कुमार एवं अन्य का प्रमाणपत्र किसी दूसरे व्यक्ति का है।
तत्पश्चात पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने मनीष कुमार, सत्या कुमारी, निरंजन कुमार एवं रीना कुमारी के विरुद्ध बेन थानें में कई सुसंगत धाराओं 420, 467, 468, 471, 477A, 193, 120 बी के तहत 134/19 प्राथमिकी दर्ज कराई गई। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।लेकिन आज के दिनों में पुनः फर्जी प्रमाण पत्र धारी मनीष कुमार सरकारी शिक्षक बन बैठा है।
★ इन शिक्षकों पर हुआ मामला दर्ज:
1.मनीष कुमार, प्रखंड शिक्षक उ० म० विद्यालय, रामगंज, बेन थाना।
2.निरंजन कुमार, प्रखंड शिक्षक मध्य विद्यालय एकसारा, बेन थाना।
3.सत्या कुमारी, पंचायत शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय लालगंज, बेन थाना।
4.रीना कुमारी, पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय, रसुल्ला, बेन थाना।
इस संबंध में जब बीडीओ अजमल परवेज से बात की गई तो कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/2022 के आदेशानुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजा गया।
वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किरण ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/22 के आलोक में ज्ञापांक 359 दिनांक 8/8/22 निर्गत कर प्रधानाध्यापक को योगदान लेने का निर्देश दिया गया है।
बेन (रामावतार कुमार)। बेन अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के संरक्षण में अनाधिकृत व्यक्ति (दलाल) कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन करते नजर आते हैं। मजबूरी में लोगों को अपने कार्य के लिए इन दलालों का हीं सहारा लेते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि हरेक कर्मचारी एक-एक दलाल रखते हैं। यह सब कार्य अंचलाधिकारी के अधिनस्थ कर्मचारी के रूप में होता है। जाहिर है कि इन्हें वेतन तो सरकार देती नहीं, भ्रष्टाचार कर ये लोग मोटी रकम वसूलते और आम आदमी का काम बिना पैसे का नहीं होता।
हद तो यह है कि राजस्व कर्मचारी भी सरकारी दस्तावेजों को दलालों को सौंप देते हैं। जिसके कारण अनाधिकृत व्यक्ति, गैर जिम्मेदार लोग सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करते हैं।
दलालों को सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने का हक देना कैसे न्याय संगत है। इन सारे सवाल पर अंचलाधिकारी कुछ नहीं बता पाते तो दूसरी ओर जिले एवं अनुमंडल के पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता।
बहरहाल आप भी देख सकते हैं कि संध्या काल में नाजीर संतोष कुमार के कक्ष में एवं अंचल कार्यालय में किस प्रकार दलाल पप्पू कुमार नामक व्यक्ति रजिस्टर टू एवं अन्य दस्तावेजों को उलटफेर करते हैं।
इस बाबत एकसारा पंचायत के खेदुविगहा निवासी सतेन्द्र सिंह, खैरा पंचायत के विवेक कुमार व अन्य ने कहा कि अंचल में ज्यादातर कार्य दलालों के माध्यम से हीं होता है।
उन्होंने अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा सरकारी कार्य किए जानें पर भी आपत्ति जताई और कहा कि अवैध तरीके से इन लोगों द्वारा कार्य किया जाना रजिस्टर से छेड़छाड़ किया जाना कतई उचित नहीं है।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड के तीनि लोदीपुर गांव में गुरुवार के संध्या आदर्श ग्रामीण सांस्कृतिक विकास केंद्र तीनी लोदीपुर 37 वां वर्षगांठ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडेय सचिव मनिंदर कुमार कोषाध्यक्ष अविनाश कुमार क्लब सलाहकार समिति सदस्य धर्मेंद्र कुमार महेंद्र कुमार मनीष कुमार सिंह अभिषेक कुमार दीपक प्रज्वलित एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
मौके पर क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडे ने बताया कि क्लब का निर्माण 37 वर्ष पूर्व गांव एवं क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया था आज गांव के हर एक सामाजिक कार्य में लगा रहता है।
इस मौके पर अरुण कुमार राजेश कुमार सिद्धार्थ कुमार सुजीत कुमार रोशन कुमार एवं दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे। उसके बाद क्लब सचिव महेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन का कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा किया गया।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। किसी भी क्षेत्र के विकास का आईना सड़क होती है। सड़क अच्छी हो तो घंटों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है सड़क गड्ढों से भरा हो तो मिनटों का सफर घंटे लगते हैं।
एक ओर सरकार गड्ढामुक्त सड़क होने का निरंतर दावा करती हैं लेकिन सरकार द्वारा किये जा रहे दावों के विपरीत धरातल पर यह असली नजारा रामघाट-रामपुर पथ का हैं। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारियों व विभाग की नजरों से ओझल होने से यह सड़क अपनी बदहाल स्थित पर आंसू बहाते हुऐ मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण की बाट जोह रहा है।
रंजीत कुमार, मनीष कुमार, रामाशीष प्रसाद, रविशंकर कुमार, जितेंद्र चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि रामघाट-रामपुर मार्ग बेहद ही जर्जर हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण दहशत के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं। बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
रामघाट-रामपुर पथ से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन गया है। देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो गया है और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा हैं। मजबूरी में जनता इस बदहाल सड़कों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर है।
खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं। पर वे भी पद में आने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। इस मार्ग पर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलते हैं। जहां यात्री व चालक यात्रा के पहले भगवान को याद करते हैं।
वहीं अधिकारी भी सड़क की हालत से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की उपेक्षा से यह साबित हो जाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।
ये गांव हो रहे प्रभावितः रामघाट-रामपुर से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे लोदीपुर, जागो बिगहा, कुकहरिया, बमपुर, रामपुर, अजयपुर, लक्ष्मी बिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस मार्ग पर पिछले वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है।
बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं।
बाइक चालक तो गढ्ढे में फसने के बाद गिर जाते हैं, जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थित में वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
पंचायत समिति सदस्या के लिखत शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कार्रवाईः इस संबंध में रामपुर पंचायत समिति सदस्या सुशील कुमारी ने कहा कि कार्यपाल अभियंता आर,डब्लू,डी हरनौत को जनवरी में ही पत्र लिखकर सड़क मरम्मत कराने का आग्रह किया गया था लेक़िन दस माह बीत जाने के बाद भी अबतक सड़क मरम्मत कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक द्वारा भी सड़क मरम्मत करने को लेकर विभाग को लिखा गया लेकिन सिर्फ़ हरनौत व चंडी प्रखंड के ग्रामीण सड़कों का ही चयन किया गया। नगरनौसा प्रखंड के एक भी सड़को का चयन नहीं किया गया।
मना के बावजूद खेतों में पराली जला खुद का नुकसान कर रहे हैं किसान
मोटी कमाईः नालंदा के मगही पान पर ही चढ़ाया जा रहा बनारसिया रंग
नालंदा डीएम-एसपी ने अवैध शराब-खनन की रोकथाम को लेकर की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग
रामचन्द्रपुर बस स्टैंड में वर्चस्व को लेकर हुई रोड़ेबाजी और फायरिंग में कई जख्मी
दिल्ली पुलिस ने ओला कंपनी के नाम पर 55 करोड़ की ठगी के आरोपी को कतरीसराय से दबोचा
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में प्रतिबंध के बाबजूद भी किसान लगातार पराली जला रहे, लेक़िन फिर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा।
बता दें कि किसानों द्वारा धान के फसल का हार्वेस्टिंग के बाद बचा पुआल को आग लगा रहे हैं। पुआल को जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ खेतों पर भी इसका असर होता हैं।
मृदा में धान के पुआल को जलाने से मृदा स्वास्थ्य में गिरावट का सीधा प्रभाव फसल की वृद्धि एवं उसकी उत्पादकता पर पड़ता है। जब मृदा स्वास्थ्य खराब होता है तो भूमि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होती एवं पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
भूमि के पोषक तत्वों पर कुप्रभावः पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और कार्बनिक पदार्थों का संबंध सीधा मृदा स्वास्थ्य से होता है जो मृदा संरचना को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होने से सूक्ष्म जीवों को पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ नहीं मिल पाते।
इसका सीधा प्रभाव भूमि के पोषक तत्वों की उपलब्धता पर पड़ता है, क्योंकि इस अवस्था में सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करने में असमर्थ होते हैं।
खेत मे जलाई जा रही पुआलःप्रखंड क्षेत्र के अधिकांश जगहों पर सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद भी कई किसान खेत में पुआल को आग के हवाले कर दे रहे है। इसके चलते मित्र जीव तथा लाभदायक जीवांश जलकर नष्ट हो रहे है।
इसके अतिरिक्त खेतों की मिट्टी तथा फसल पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं यह इसके धुआं से पर्यावरण तथा हवा में जहरीली गैस घुल जाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारक हैं ये गैसःपुआल को जलाने से कई हानिकारक गैसेस निकलती जैसे विभिन्न ग्रीन हाऊस गैसें यथा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बनडाइ ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन है जो पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचाती है। इससे बचना चाहिए। पुआल जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और इसका सीधा स्वास्थ्य पर पड़ रहा है
उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही मानव जाति पर पड़ रहा विपरीत प्रभावः यदि इसी प्रकार खेतों की उपजाऊ शक्ति स्वत: नष्ट हो जायेगी खेतों मे फूंके जा रहे पुआल से क्षति के सिवा फायदा नहीं है।
खेतों में गिरा अनाज जिसे पशु व पक्षी चुग कर अपना पेट भरते थे वो जल जा रहे है। साथ ही खेतों व खरपतवारों में रहने वाले छोटे कीड़े मकोड़े जल कर मर जा रहे है। इसका विपरीत प्रभाव मानव जाति पर पड़ रहा है।
फिर भी लोग नहीं समझ रहे है। पानी का लेयर नीचे भागने से ठंडी के मौसम में ही चापाकल व ट्यूब वेल जवाब दे रहे है तो आने वाली गरमी में क्या होगा? किसान खेतों के पटवन के लिये परेशान है तो वहीं कुछ लोग खेत में पुआल फूंक धरती के टेम्प्रेचर को बढ़ाने मे लगे है।