Category: नीतीश कुमार

  • ‘2024 में BJP 50 सीटों पर सिमटेगी’, बिहार से दिल्ली तक हलचल तेज, CM बोले-इसी में लगा हूं, बीजेपी का पलटवार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बीजेपी और जेडीयू लगातार एक-दूसरे पर हमलावर है. इस मामले में दोनों पार्टियों के बड़े नेता भी पीछे नहीं हैं. जेडीयू के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी बीजेपी का मसला छाया रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तक बीजेपी पर ही हमलावर रहे हैं. सीएम नीतीश ने तो यहां तक कह दिया कि बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में 50 सीटों पर सिमट जाएगी. वहीं ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी की शुरुआत दो सीट से हुई थी और वो वहीं पहुंच जाएंगे. मुख्यमंत्री के इस बयान को बीजेपी ने हास्यास्पद दावा बताया है. वहीं सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू 2 सीटों पर सिमट जाएगा.

    CM नीतीश कुमार ने साफ कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 50 सीटों पर सिमट जाएगी, अगर सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें. मैं इसी अभियान में लगा हुआ हूं. उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के लोग प्रदेश में सांप्रदायिक एवं सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का कार्य करेंगे, हम सभी को पंचायत स्तर तक पूरी सावधानी बरतनी है. वहीं सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा के षड्यंत्र से हमारी सीटें कम हो गई, मैं स्वंय मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था पर उनके आग्रह पर तैयार हो गया. क्योंकि शुरू से ही बिहार का विकास मेरी प्राथमिकता रही है.

    मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी 50 नहीं 400 सीट से ज्यादा जीतेगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में देश आगे बढ़ रहा है. नीतीश कुमार पीएम का सपना देख रहे हैं. उनका सपना कभी हकीकत में बदलने वाला नहीं है. नित्यानंद राय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचारियों के साथ हाथ मिलाया है. वहीं सुशील मोदी ने कहा कि अगले आम चुनाव में जेडीयू 2 सीटों पर सिमट जाएगा. उन्होंने कहा कि एनडीए से अलग होने पर जदयू के कई नेता- कार्यकर्ता नाराज हैं. विधायक भी दबाव और मजबूरी में नीतीश कुमार के साथ हैं.

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 50 सीट वाले बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि जिस पार्टी को 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 50 सीट भी हासिल नहीं है. दूसरे राज्यों की तो बात छोड़िए पड़ोस के झारखंड में एक भी विधायक नहीं है. उन्होंने कहा कि जो पार्टी 28 वर्षों में अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकी. 2014 में जब अकेले कोशिश की तो 40 में 36 सीट पर जमानत जब्त हो गई थी. उसके नेता भाजपा जैसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी को 50 सीटों में समेटने का हास्यास्पद दावा कर रहे हैं. इन नेता को अब न सीरियसली लेने की जरूरत है और न जनता ले रही है.

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  • नीतीश कुमार की पार्टी JDU बड़े मिशन की ओर, BJP बार-बार दे रही झटका, जानें आगे का चैलेंज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी जेडीयू को डैमेज करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. दरअसल बिहार में भाजपा से नाता तोड़कर जेडीयू अब लगातार केंद्रीय स्तर की राजनीति में भी अपनी अहम भूमिका निभाने की ओर अग्रसर दिख रहा है. पार्टी का पूरा फोकस आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर है. सीएम नीतीश कुमार पूरे विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी में हैं. वहीं जदयू नेशनल पार्टी बनने की ओर भी सारा जोर लगाती आ रही है लेकिन दूसरी ओर भाजपा जदयू को लगातार डैमेज करती ही आ रही है. जिससे जेडीयू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.

    दरअसल मणिपुर में बीजेपी ने जदयू को बड़ा झटका दिया है. पिछले ही महीने अगस्त में मणिपुर जदयू के लिए अच्छी खबर आई थी. जब जेडीयू को मणिपुर में राज्य पार्टी का दर्जा मिला था. लेकिन ठीक एक महीने बाद ही अब सितंबर में बीजेपी ने जदयू के 6 में 5 विधायकों को अपने खेमे में मिला लिया है. जदयू मणिपुर में अब एक विधायक वाली पार्टी बनकर रह गयी है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग ने इलेक्‍शन सिंबल्‍स आदेश के प्रावधानों के तहत जदयू को राज्य पार्टी का दर्जा दिया था.

    बता दें कि जदयू को चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा मिलते ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. ऐसे में जदयू कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है. लेकिन बीजेपी उनको लगातार डैमेज कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी इस ओर तैयारी को प्राथमिकता बताते हुए आगे की बात अक्सर करते आए हैं. लेकिन भाजपा लगातार जदयू को डैमेज करती जा रही है. इस ओर जदयू को अब विशेष तौर पर ध्यान देने की जरुरत है. बीजेपी ने मणिपुर से पहले अरुणाचल प्रदेश में भी जदयू को बड़ा झटका दिया था. 2019 में अरुणाचल विधानसभा चुनाव में जदयू के सात प्रत्याशी जीतकर आए थे जिनमें से छह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके थे. वहीं पिछले 24 अगस्त को बाकी बचे एकमात्र जदयू विधायक को भी भाजपा ने अपने खेमे में मिला लिया था.

    बतातें चलें कि चुनाव आयोग के अनुसार किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्तें हैं. इसके तहत 3 शर्तें तय हैं जिनमें कम के कम एक शर्त पूरा करने पर किसी पार्टी को राष्ट्रीय होने का दर्जा मिलता है. कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते, 4 लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसद वोट पाए या कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे. इन तीन शर्तों में जो पार्टी एक शर्त भी पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है.

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  • सुशील मोदी बोले-तेजस्वी यादव 2 सीटें और जीतकर बनेंगे CM,उपचुनाव के बाद ऐसा संभव है?, जानिए पूरा गणित

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार पर BJP हमलावर है. अब तो बीजेपी नेता यह भी कहने लगे हैं कि दो विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के बाद तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को हटाकर खुद CM बनने जा रहे हैं. बीजेपी सांसद सुशील मोदी का भी कहना है कि उपचुनाव के बाद बिहार की राजनीति की तस्वीर पूरी साफ हो जाएगी. अगर राजद की जीत हुई तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता. वहीं इन चर्चाओं ने कहीं ना कहीं जदयू की टेंशन भी बढ़ा दी है. ये तो हुई बयानबाजी लेकिन क्या सियासी गणित के हिसाब से ऐसा संभव है. आने वाले दिनों में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं. ऐसे में समझिए बीजेपी नेताओं का बयानों का पूरा सियासी गणित.

    दरअसल बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 है. इनमें से एक विधायक का निधन हो चुका है जबकि दूसरे अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई है. वर्तमान में विधायकों की कुल संख्या 241 है. आने वाले दिनों में 2 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. अब गणित को समझिए, वर्तमान में महागठबंधन सरकार को 165 विधायकों का समर्थन है. जबकि बीजेपी के पास महज 76 विधायक है. दो सीट खाली है. मोकामा से राजद विधायक रहे अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई है. जबकि गोपालगंज के बीजेपी विधायक सुभाष सिंह का निधन हो गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में दोनों सीटों पर उपचुनाव होने हैं. महागठबंधन में ये दोनों सीटें राजद कोटे की हैं.

    महागठबंधन में खाली दोनों सीटें राजद कोटे की हैं. ऐसे में पूरी संभावना है कि मोकामा और गोपालगंज में होने वाले उपचुनाव में राजद अपना उम्मीदवार उतारेगी. दरअसल इन दोनों सीटों पर हमेशा राजद का ही उम्मीदवार रहा है. इस बार राजद के साथ जदयू, वामपंथी दल और कांग्रेस साथ में हैं. मोकामा सीट पर आरजेडी की जीत लगभग तय है. वहीं भाजपा के लिए अपनी सीटिंग सीट गोपालगंज बचाना बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि यहां उन्हें अब जदयू का वोट भी मिलेगा. ऐसे में अगर आरजेडी के दोनों कैंडिडेट जीत जाते हैं तो तेजस्वी यादव को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी भी इन्हीं दो सीटों पर टिकी हुई है. दो सीट जीतने के बाद आरजेडी और मजबूत हो जाएगी.

    बता दें कि उपचुनाव में राजद अगर मोकामा और गोपालगंज, दोनों सीटों पर चुनाव जीतती है तो विधायकों की कुल संख्या 81 हो जाएगी. वहीं आरजेडी के साथ कांग्रेस के 19, माले-12, सीपीआई-2, सीपीएम-2 और एआईएमआईएम-1 विधायक हैं. इस तरह से यह संख्या 117 पर पहुंच रही है. 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 122 विधायकों का समर्थन रहना जरूरी है. यानी तेजस्वी यादव बहुमत से सिर्फ 5 विधायक कम हो रहे हैं. ऐसे में अगर जीतनराम मांझी की पार्टी हम के 4 और निर्दलीय-1 विधायक मिल जाते हैं तो सरकार बनाने के लिए जदयू के 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी. यानि कि तब तेजस्वी यादव बिहार में बिना जदयू-भाजपा के सहयोग के भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं. ऐसे में बीजेपी नेताओं के दावों में दम नजर आ रहा है. हालांकि इसकी उम्मीद कम ही है कि तेजस्वी यादव ऐसा कुछ करेंगे.

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  • CM नीतीश के आप्त सचिव समेत बिहार प्रशासनिक सेवा के 26 पदाधिकारी को IAS में प्रमोशन, देखिए पूरी लिस्ट

    लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आप्त सचिव दिनेश कुमार राय समेत बिहार प्रशासनिक सेवा (Bihar Administrative Service) के 26 पदाधिकारियों को आईएएस (IAS) कैडर में प्रमोशन हुआ है. यानी कि बिहार प्रशासनिक सेवा के ये 26 अधिकारी अब IAS बन गए हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को प्रमोशन संबंधित अधिसूचना नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्मिक विभाग ने जारी कर दी है. बिहार प्रशासनिक सेवा की मौजूद रिक्तियों के आधार पर यह प्रोन्नति दी गई है.

    बिहार प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों को 2018 के रिक्तियों के आधार पर आईएएस में प्रोन्नति मिली है, उसमें दिनेश कुमार राय, अमरेंद्र कुमार, विजय कुमार सिंह, पंकज कुमार, एमएम कैसर सुल्तान, मिथिलेश कुमार साहू, सुमन कुमार, आशुतोष कुमार वर्मा, दुर्गानंद झा, राम शंकर, विनय कुमार, प्रवीण कुमार गुप्ता, रमेश कुमार झा और गजेंद्र कुमार मिश्रा का नाम शामिल हैं. वहीं 2019 की रिक्तियों के आधार पर जिनको प्रोन्नति मिली है, उनमें राजेश चौधरी, यशपति मिश्रा, सर्व नारायण यादव, कन्हैया प्रसाद, अरुण कुमार ठाकुर, नवल किशोर, रवि भूषण और राकेश कुमार शामिल हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के जिन पदाधिकारियों को आईएएस में प्रोन्नति दी गई है, सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से भी जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.

    बता दें कि पिछले महीने 25 अधिकारियों को प्रोन्नति मिली थी. पिछले महीने बिहार सरकार ने जिन 25 आईएएस अधिकारियों को प्रोन्नति दी है, उसमें कुछ 1 जनवरी 2016 से तो कुछ का 1 जनवरी 2017 के प्रभाव से प्रभावी होगा. जो अधिकारी रिटायर हो गए हैं, उन्हें जिस तिथि से प्रमोशन दी गई है उसी से वेतन का लाभ मिलेगा और अब उनका पेंशन भी बढ़ जाएगा. वहीं मृतक आईएएस अधिकारी के परिवार को भी लाभ मिलेगा. दरअसल लंबे इंतजार के बाद आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन मिला है.

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  • RJD की सत्ता में वापसी विपक्षी एकता के लिए अच्छी बात,तेजस्वी यादव बोले-CM नीतीश प्रधानमंत्री के मजबूत कैंडिडेट

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का मजबूत उम्मीदवार बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार साल 2024 में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद की दौड़ में मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार बनाया जाता है तो वह मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं. तेजस्वी ने बताया कि जनता में उनकी एक साख बनी हुई है. उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव भी है. वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि आरजेडी की सत्ता में वापसी विपक्षी एकता के लिए अच्छी बात है.

    डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का कहना है कि अगले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को एकजुट विपक्ष का चेहरा मानने पर सवाल तब से कई बार पूछा जा चुका है. मगर नीतीश कुमार ने बीते कुछ दिनों पहले ही साफतौर पर कहा कि वह लड़ाई पर विचार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे दिल में ऐसा कुछ भी नहीं है. लेकिन उन्होंने इस बात को दोहराया है कि वे विपक्षी दलों को एकजुट देखना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि हम चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को एक साथ आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. यह लोगों के लिए अच्छा होगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रदेश में आरजेड़ी की सत्ता में वापसी विपक्षी एकता के लिए अच्छी बात है. ऐसे में ज्यादातर विपक्षी दलों को देश के सामने बड़ी चुनौतियों दिख रही है. जोकि बीजेपी के बढ़ती ताकत को पहचानते हैं.

    नीतीश कुमार पीएम की दौड़ का चेहरा बनने के लिए विपक्षी उम्मीदवार हैं?. इस सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं नीतीश जी या विपक्ष की ओर से बोलने का दावा नहीं कर सकता. हालांकि अगर उन पर विचार किया जाता है, तो वह एक मजबूत उम्मीदवार होंगे. साथ ही डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के पास 37 से ज्यादा सालों का संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है. तेजस्वी ने कहा कि उन्हें जमीन पर और अपने साथियों के बीच काफी प्यार मिला है. वहीं जदयू के तमाम नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार के पास प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण है.

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  • JDU ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, CM नीतीश समेत सभी बड़े नेता होंगे शामिल, लिए जा सकते हैं बड़े फैसले

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक 3-4 सितंबर को होनी है. इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर के सभी पार्टी नेता शामिल होंगे. जदयू के महासचिव आफाक अहमद खान ने इसकी जानकारी दी है. इससे पहले मीडिया में 29 अगस्त को बैठक होने की खबरें चलाई जा रही थी. जिसका पार्टी ने खंडन किया था. बताया जा रहा है कि इस बैठक में जो भी एजेंडा लाया जाएगा, उस पर विचार विमर्श होगा. साथ ही वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होगी.

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  • CM नीतीश कुमार की सुरक्षा में एक बार फिर चूक, JDU नेता ने कर दी ऐसी हरकत, पुलिस ने धर दबोचा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में फिर एक बार चूक हुई है. दरअसल सीएम नीतीश कुमार सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने निकले थे. इसी दौरान जमुई में सीएम की गाड़ी पर एक जदयू नेता ने फूलों का माला फेंक दिया. जिसके बाद सीएम की सुरक्षा में लगे अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पुलिस ने आनन-फानन में जेडीयू नेता पर कार्रवाई की. फिलहाल जदयू नेता को पुलिस हिरासत में लिया गया है. बताया जा रहा है कि जब सीएम जमुई पहुंचे ही थे कि उनका स्वागत करने कतारबद्ध हुए जेडीयू नेता ने सीएम की गाड़ी पर फूलों का माला फेंक दिया.

    दरअसल इस साल बारिश कम होने के वजह से बिहार के कई जिलों में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. जिसका जायजा लेने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर, लखीसराय और जमुई के क्षेत्रों का दौरा कर सूखे की स्थिति का जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में सूखे का जायजा लेने मुख्यमंत्री अलीगंज जा रहे थे. तभी सिकंदरा चौक के पास जेडीयू नेता अनुज कुमार सिंह ने उनकी गाड़ी पर मामला फेंक दिया. अनुज सिकंदरा प्रखंड अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इससे पहले शुक्रवार को गया में खराब मौसम की वजह से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के चॉपर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. इसके बाद वह सड़क मार्ग से ही पटना लौट गए.

    बता दें कि इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक हो चुकी है. इसी साल मई 2022 में जब मुख्यमंत्री सुपौल जाने के लिए निकले थे. तभी पटना चिड़ियाघर के गेट नंबर दो के पास नीतीश कुमार के काफिले में दूसरा वाहन घुस गया. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई. वहीं अप्रैल 2022 में नालंदा में सीएम जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने बम फोड़ दिया था. दरअसल वहां सभा स्थल पर पंडाल के अंदर एक सिरफिरे युवक ने पटाखा फोड़ दिया, जिससे भगदड़ मच गई. पुलिसकर्मियों ने आरोपी शख्स को दबोच लिया था. इतना ही नहीं इससे पहले 27 मार्च 2022 को भी पटना के बख्तियारपुर में नीतीश कुमार को मुक्का मारा गया था. एक युवक मंच पर चढ़ा और सीएम के कंधे के दाहिने तरफ वार किया. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ लिया था.

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  • दिल्ली से लौटते ही मंत्री नहीं बनाए जाने पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, नीतीश कुमार को लेकर कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है. हालांकि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्रियों की लिस्ट में उपेंद्र कुशवाहा का नाम तय माना जा रहा था. हालांकि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. जिसको लेकर बीते दिनों तमाम तरह की बातें कही जा रही थी. इस बीच शनिवार को दिल्ली से लौटते ही उपेंद्र कुशवाहा ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने कहा कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है. लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने कई बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है,आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने लिखा है कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है. ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा है कि इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साज़िश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू.) में करने का फैसला लिया. क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचार धारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अतः मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है. ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज़ होने की बात करने वाले महानुभावों, मुझ पर कृपा कीजिए, प्लीज़.

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  • अचानक ऐसा क्या हुआ?, नीतीश कुमार ने करीबी उपेंद्र कुशवाहा का मंत्री की लिस्ट से काटा पत्ता, नाराज होकर दिल्ली गए!

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार कल यानी मंगलवार को होने जा रहा है. महागठबंधन की ओर से संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय हो गए हैं. इस बीच ऐसी खबर आ रही है कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की लिस्ट से काट दिया गया है. जबकि उनका नाम लगभग तय माना जा रहा था. हालांकि इस बारे में अभी तक जेडीयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. ऐसे में हो सकता है कि कल होने शपथ ग्रहण से पहले अंतिम मौके पर बड़ा फेरबदल हो जाए. अटकलें यह भी कि उपेंद्र कुशवाहा पटना दिल्ली चले गए हैं और वह 19 अगस्त को पटना आएंगे.

    24 घंटे पहले तक यह तय माना जा रहा था कि नई सरकार में जेडीयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनेंगे. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है? यह सबको पता है कि उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह के बीच कभी नहीं बनी, जबकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से उनका रिश्ता काफी अच्छा है. इसके बाद भी अगर उपेंद्र कुशवाहा नई सरकार में मंत्री नहीं बन रहे हैं तो यह सोचने वाली बात होगी.

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 अगस्त की रात को पटना के मौर्या होटल में कुशवाहा नेताओं की एक बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इस बैठक में जेडीयू में शामिल कई कुशवाहा नेता भी मौजूद थे. यह भी खबर है कि इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश कमिटि के बड़े नेता भी शामिल हुए थे. इस बैठक में तय किया गया कि कुशवाहा समाज से जिन्हें भी मंत्री बनाना हो, नीतीश कुमार बना सकते हैं. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि इन नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा से ऐसी क्या नाराजगी है? कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाए जाने के निर्णय की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी दे दी गई है.

    जदयू में पुराने चेहरों को फिर से मौका मिल सकता है. बताया जा रहा है कि बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, संजय कुमार झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और अशोक चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय है. बता दें कि अभी तक जो बाते सामने आ रही है उसके मुताबिक नीतीश-तेजस्वी सरकार में 35 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. जिसमें सबसे ज्यादा 16 आरजेडी के, जेडीयू के 13, कांग्रेस के 3 और हम के एक और एक निर्दलीय सुमित सिंह को नीतीश कुमार शपथ दिला सकते हैं. कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि अभी उनके दो मंत्री शपथ लेंगे बाकी एक मंत्री बाद में शपथ लेंगे. वहीं वाम दल सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है. वह मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी. इससे पहले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली में सहयोगी दलों के बड़े नेताओं से मिलकर आपसी सहमति बना ली है. शनिवार की देर शाम तेजस्वी पटना लौटे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बैठक के बाद नीतीश ने मंगलवार को कैबिनेट विस्तार का मन बनाया है.

    RJD से ये नेता बन सकते हैं मंत्री

    तेज प्रताप यादव, कुमार सर्वजीत, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आलोक मेहता, अवध बिहारी चौधरी (स्पीकर), ललित यादव, अनीता देवी, चंद्रशेखर, भाई बीरेंद्र, रणविजय साहू, सुनील सिंह, राहुल तिवारी, कार्तिक कुमार, सुधाकर सिंह

    JDU कोटे से ये नेता बन सकते हैं मंत्री

    बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, संजय कुमार झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और अशोक चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय है.

    कांग्रेस: राजेश राम और शकील अहमद खां
    जीतन राम मांझी की पार्टी हम: मांझी के बेटे संतोष सुमन

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  • युवाओं को तोहफा, CM नीतीश कुमार ने 20 लाख नौकरी देने का किया ऐलान, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: 15 अगस्त 2022 को 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झंडा फहराया. इस दौरान सीएम ने नौकरी और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी घोषणा की. तेजस्‍वी यादव ने 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात की थी. उसी का उल्‍लेख करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि हम अपने राज्‍य में 10 लाख तो क्‍या 20 लाख लोगों को रोजगार देंगे. सीएम नीतीश के इस ऐलान पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि नौजवान के दिल में जो उम्मीद थी उसको साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं. बेरोजगारी का मुद्दा हमलोगों का सबसे बड़ा मुद्दा था ये बहुमत भी उसी का था.

    बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि गांधी मैदान से नीतीश कुमार ने कहा है कि दस लाख नौकरियां दी जाएंगी. इसको आगे बढ़ाकर 20 लाख भी किया जाएगा. आज हर एक बिहार के नौजवान की उम्मीद थी, जो ख्वाहिश थी उसको हम लोग साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं. इससे बड़ा प्लेटफॉर्म क्या हो सकता है कि गांधी मैदान से मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि हम लोग साथ मिलकर नौजवानों को नौकरी देंगे. तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी हटाना हमारा सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. इसी के आधार पर हमें जनादेश मिला है. यही मुद्दा है.

    पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के भाषण में 20 लाख रोजगार को लेकर की गई घोषणा को लेकर तेजस्वी यादव ने सोमवार को ट्वीट किया और लिखा है कि अभिभावक आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पटना के गांधी मैदान से ऐतिहासिक ऐलान:- 10 लाख नौकरियों के बाद 10 लाख अतिरिक्त नौकरियां दूसरी अन्य व्यवस्थाओं से भी दी जाएगी. जज्बा है बिहारी, जुनून है बिहार, उत्तम बिहार का सपना करना है साकार.

    इससे पहले 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में संबोधन के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरी और रोजगार की बात की. साथ हो उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बिहार सरकार आने वाले दिनों में युवाओं को 20 लाख रोजगार देने का काम करेगी. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि युवाओं को नौकरी मिले चाहे सरकारी या उसके बाहर, दस लाख क्या हम लोगों का मन है इसे 20 लाख तक पहुंचाएं. वहीं सीएम ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाई और आगे की योजना पर बात की. उन्होंने कहा कि सभी गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट का काम शुरू हो रहा है. रात में एक-एक गांव में रोशनी रहेगी. यह सब काम भी हो रहा है.

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