Category: नीतीश कुमार

  • CM नीतीश कुमार पर आपत्तिजनक पोस्ट करना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार, 20 लोगों पर FIR

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया है. दरअसल सीएम को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि व्यक्ति ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है. सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर एक्शन लिया है. पुलिस के अनुसार आरोपी व्यक्ति नवादा का रहने वाला है.

    CM नीतीश कुमार पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पुलिस नें जिस व्यक्ति गिरफ्तार किया है. उसका नाम टिंकल कुमार बताया जा रहा है. वो नवादा के रजौली का रहने वाला है. उसके पिता का नाम अजय पांडेय है. वायरल वीडियो में मास्क लगाकर कुछ लोग अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं और सीएम के खिलाफ नारे भी लगा रहे हैं. इस आपत्तिजनक वीडियो को देखकर कई लोगों ने लाइक किया है. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के साथ ही 20 अन्य लोगों पर भी एफआईआर किया है. अभद्र भाषा का प्रयोग को लेकर आईटी एक्ट सहित अन्य कई धाराओं में पुलिस के द्वारा केस दर्ज किया गया है.

    आरोपी टिंकल कुमार ने पुलिस को बताया कि उसे वो वीडियो सोशल मीडिया से मिली थी. इसके बाद उसे वीडियो के पोस्ट कर दिया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है. दर्ज एफआईआर के आधार पर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. बता दें कि फेसबुक पर किसी भी सामग्री को पोस्ट करने के लिए एक कम्यूनिटी गाइडलाइन बनाया गया है. इसका पालन नहीं करने पर विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस कार्रवाई कर सकती है. वहीं इसके साथ ही फेसबुक भी अपने स्तर से एक्शन ले सकता है.

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  • CM नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी विधायक ने ये क्या कह दिया?, हाथ में चिलम, आंख में धुआं है, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में जब से JDU ने NDA से नाता तोड़कर तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है. तब से ही बीजेपी के नेता CM नीतीश कुमार पर आक्रामक हैं. बीजेपी के नेता सीएम नीतीश पर तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं. इसी कड़ी में भाजपा विधायक भागीरथी देवी ने सीएम नीतीश कुमार को लेकर विवादित बयान दिया है. रामनगर से भाजपा विधायक भागीरथी देवी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार गांजा पीकर विधानसभा पहुंचते हैं. उनके पास चांदी का चिलम है. शनिवार को रामनगर में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी विधायक ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला.

    पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भागीरथी देवी 5 बार लगातार विधायक रही हुई हैं. बीजेपी विधायक ने नीतीश कुमार को चिलम छाप बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार गांजा चढ़ाकर सदन में पहुंचते हैं. बीच-बीच में सदन से गायब हो जाते हैं. इस दरमियाना वह गांजा पीने जाते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार क्या बतियाएंगे, उनके हाथ में चिलम और आंख में धुआं है. नीतीश कुमार जब तक चिलम नहीं चढ़ाते हैं, विधानसभा में नहीं आकर बैठते. भागीरथी देवी यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि नीतीश जी चांदी का चिलम रखते हैं. उसी से गांजा पीते हैं. वहीं उनके इस बयान पर जदयू ने भी पलटवार किया है. जदयू प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि सत्ता के हटने के वियोग में भाजपा अलबलाई हुई है, इसलिए भगीरथी देवी इस तरह की बात कर रही हैं.

    इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन पीएफ़आई और एसडीपीआई पर कार्रवाई की वजह से टूटा है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार के कुछ बड़े अधिकारियों का इन संगठनों से संबंध है. कहीं मामला गड़बड़ ना हो जाए इसी वजह से ऐसा कदम उठाया. वहीं सुशील मोदी ने भी कहा कि एनडीए गठबंधन तीन कारणों की वजह से टूटा है. पहला कारण है कि नीतीश कुमार की महत्वकांक्षा, दूसरा कारण लालू परिवार की सत्ता के लिए बेचैनी और तीसरा कारण ललन सिंह का केंद्र में मंत्री नहीं बनने की जलन.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार की बन गई है. नीतीश-तेजस्वी सरकार को 164 विधायकों का समर्थन है. जिसमें सबसे ज्यादा आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19 वाम दलों के 16 और हम के 4 विधायकों के साथ 1 निर्दलीय विधायक का समर्थन है. इसमें वाम दल सरकार में शामिल नहीं हो रही. लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है. महागठबंधन सरकार 24 अगस्त को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी और उससे पहले 16 अगस्त को सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है.

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  • नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के मुख्यमंत्री, बिहार में एक नहीं 5 सुपर CM हैं, सम्राट चौधरी ने नाम भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. महागठबंधन सरकार बनाने से बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर पूरी तरह से हमलावर है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कल तक बिहार में एक मुख्यमंत्री था, मगर आज पांच सुपर सीएम हैं- तेजस्वी यादव, लालू यादव, मीसा यादव, तेजप्रताप यादव और राबड़ी देवी. इस गठबंधन में कोई मेल नहीं है. सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं 27 वर्षो से बिहार की राजनीति को देख रहा हूं, बीजेपी ने लंबे समय तक नीतीश कुमार को सहयोग किया है. बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं ने उनको बिहार का गार्जियन माना, लेकिन आरजेडी के साथ जाते ही नीतीश कुमार अप्रासंगिक हो चुके हैं, उनकी अहमियत खत्म हो गयी है.

    सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब से नीतीश कुमार ने बीजेपी से संबंध तोड़ा है, उस दिन से जंगलराज-3 की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जो घोषणा की थी, उसे वो पूरा करें. चाहे 10 लाख सरकारी नौकरी हो या नियोजित शिक्षक का मामला हो अपने वायदे को पूरा करें. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमेशा अपने सभी सहयोगियों को बड़ा सम्मान किया है.

    वहीं पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनका 2024 में प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा. उन्हें यूपीए को जानकारी देनी होगी कि उनकी सरकार में एक सीएम होंगे, और पांच सुपर सीएम होंगे. सम्राट चौधरी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिले जेड कैटगरी सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता की सुरक्षा की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ‘डरपोक’ हैं, इसलिए उन्होंने अपने आप को बुलेटप्रूफ किया है. पूरे बिहार में भय का माहौल बन गया है. एनआईए को जांच के लिए आना पड़ा.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • जंगल राज कहां रिटर्न आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक, ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे, ललन सिंह का बड़ा बयान

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह बीजेपी के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि बिहार में फिर भी जंगल राज वापस आ जाएगा. जिस पर ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि जंगल राज कहां वापस आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे जबकि अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है.

    ललन सिंह ने बीजेपी के बिहार में पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा के तौर पर ‘जंगल राज’ की वापसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जंगल राज कहां रिटर्न आयेगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. जंगल राज तो बीजेपी वाले लाए थे. ललन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने पहले साजिश करके जदयू का सीट 42 कर दिया. उसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मुख्यमंत्री बन जाइये. फिर उसके बाद चार गो छुटभैया नेता को उकसाकर बयान दिलवाते थे और कहते हैं कि 2024 में 2025 दोनों में नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे और हम लोगों की पार्टी में एक एजेंट को बहाल कर लिए थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उसको पहचान लिया और विदा कर दिया और पार्टी से सड़क छाप कर दिया.

    बीजेपी पर हमला करते हुए ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी का अभी का जो नेतृत्व है, वह अपने साथियों का अपने सहयोगियों का सम्मान करना नहीं जानती है. अपने साथियों के प्रति उनका ईमानदारी का भाव नहीं है. पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व कह रहा है कि 2024 में 2025 दोनों में सीएम नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे. वहीं पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कह रहे हैं कि क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. ऐसे में आपकी मंशा साफ है. आप क्या करना चाहते हैं. ललन सिंह ने कहा कि 2014 में आप शासन में तब कितने लोग NDA में थे अब कितने बच गए हैं. अभी वाला जो नेतृत्व है जैसा करेगा वैसे भरेगा. जस करनी तस भोगाहूं ताता, नरक जात तो क्यों पछताता.

    बता दें कि इससे पहले ललन सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जब अटल जी बीजेपी का नेतृत्व कर रहे थे और 1996 में एनडीए अस्तित्व में आया, हम 2013 में इसका हिस्सा बने. 17 सालों में 17 सेकेंड के लिए भी एनडीए में मतभेद नहीं दिखा. लेकिन आज बीजेपी के लोग जो सरकार में हैं, वे अपने सहयोगियों को सम्मान देने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में जदयू को हराने के षड्यंत्र में भाजपा के साथ आरसीपी सिंह भी मिले हुए थे. भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अपमानित किया जा रहा था.

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  • नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया?, लालू यादव की गैरमौजूदगी में कैसे लिया फैसला, डिप्टी CM तेजस्वी ने सब बताया

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार बिहार के डिप्टी सीएम बने हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इस समय दिल्ली में अपनी बेटी के पास रहकर अपनी बीमारी का इलाज करा रहे हैं. ऐसे में जब बिहार में सत्ता का फेरबदल हो रहा था तो लालू यादव पटना में नहीं थे. बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि कैसे लालू यादव की गैरमौजूदगी में उन्होंने नीतीश कुमार के साथ जाने का मन बनाया. और अपने पिता की गैरमौजूदगी में उन्होंने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया.

    नीतीश कुमार के साथ जाने को लेकर तेजस्वी यादव ने बताया कि हम लोगों की राजनीतिक परिस्थितियों पर पहले से ही नजर थी. लगातार खबरों के माध्यम से और जब हम सदन में सामने होते थे तो साफ दिखाई देता था कि नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उप राष्ट्रपति चुनाव हुए, इसके बाद हम लोग सड़कों पर महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ मार्च कर रहे थे. उसके अगले दिन हमने बैठक बुलाई. क्योंकि खबरों से लगातार यह माहौल दिखाई दे रहा था कि शायद नीतीश कुमार जी नाराज हैं और कहीं ना कहीं कुछ बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं.

    नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया? इस सवाल के जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने बताया कि देश का जो माहौल है, हर तरफ सांप्रदायिक तनाव है और गंगा जमुनी तहजीब पर खतरा है. लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है. देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है. संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है. यह हम लोगों की ड्यूटी है कि किसी भी कीमत पर हम लोग समाजवादी लोगों का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि जब बिहार में यह सब घटनाक्रम हुआ तो नीतीश कुमार जी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर आए. और उन्होंने अपनी बात रखी. इसके बाद महागठबंधन में सब लोगों का उनके साथ जाने का मन बना.

    बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2015 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. और भारी बहुमत के साथ जीतकर नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने. हालांकि दो साल बाद ही 2017 में वे NDA में लौट आए. 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने केंद्र में भारी बहुमत से काबिज भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. हालांकि जदयू को 243 सदस्यीय विधानसभा में 45 सीट पर ही संतोष करना पड़ा. जबकि आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं बीजेपी को भी जदयू से ज्यादा सीटें हासिल हुई.

    बतातें चलें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार को 14 दिनों का समय दिया. बुधवार को ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में फैसला हुआ कि 24 और 25 अगस्त को बिहार में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 24 अगस्त के दिन फ्लोर टेस्ट होगा. इससे पहले मंगलवार को जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था तो उन्हें 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसमें सात पार्टियों के विधायक शामिल हैं. इसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और जीतन राम मांझी की हम पार्टी के विधायक शामिल है.

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  • इस दिन होगा नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल का विस्तार, महागठबंधन की सरकार में सभी मंत्रियों के नाम लगभग तय, CM ने दी जानकारी

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. इस बीच बिहार कैबिनेट के विस्तार को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ी जानकारी दी है. सीएम नीतीश ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार संभवत: 16 अगस्त को या उसके बाद हो सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन इस पर मुहर लग सकती है.

    सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ेगा. हम बिहार में जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन मजबूती के साथ काम करेगी. सीएम ने बीजेपी के आरोपों पर कहा कि वह कभी उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे. बिना बीजेपी का नाम लिए नीतीश ने कहा कि जिसको जो बोलना है, बोलने दीजिए. आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी. क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन किया था? उन्हें मेरे खिलाफ बात करने दें.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

    RJD कोटे से संभावित मंत्रियों की सूची:
    तेजप्रताप यादव, कुमार सर्वजीत, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आलोक कुमार मेहता, ललित यादव, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, अनिल सहनी, चन्द्रशेखर, भाई वीरेन्द्र, भारत भूषण मंडल, शाहनवाज, समीर महासेठ, वीणा सिंह, रणविजय साहू, सुरेन्द्र राम, सुनील सिंह/केदार सिंह, बच्चा पांडेय/राहुल तिवारी, कार्तिक सिंह/सौरभ कुमार

    JDU कोटे से संभावित मंत्रियों की सूची:
    बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान, अशोक चौधरी
    कांग्रेस कोटे से संभावित मंत्री:
    मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार राम
    जीतनराम मांझी की पार्टी हम (से) कोटे से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी एक बार फिर मंत्री बन सकते हैं.

    बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में कैसे आ गई, ज्वालामुखी की तरह फटा बिहार का सियासी शोला, जानें 3 दिन में कब क्या-क्या हुआ

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 4 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में आ गई. बिहार में पिछले 3 दिन में जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ राज्य की दिशा बल्कि पार्टियों के भविष्य को भी तय करेगा. आइये जानते हैं आखिर पिछले तीन दिन में क्या-क्या हुआ?

    7 अगस्त : दिन रविवार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. यह एक महीने में चौथा मौका था, जब नीतीश कुमार केंद्र सरकार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. कयास लगाए जाने लगे कि आखिर नीतीश के मन में क्या चल रहा है. ऐसे माना जाने लगा कि नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी बना रहे हैं. वे जल्द ही बीजेपी के साथ अपना नाता तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. हालांकि जदयू और बीजेपी की ओर से कोई बयान नहीं आया. 

    8 अगस्त: दिन सोमवार

    8 अगस्त यानी सोमवार को नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की चर्चा के बीच राज्य की सभी पार्टियां एक्टिव हो गईं. जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की 9 अगस्त को बैठक बुलाई. वहीं आरजेडी, कांग्रेस, हम और लेफ्ट पार्टियों ने भी अपने नेताओं, विधायकों और सांसदों से पटना आने को कहा. यहीं से हलचल तेज हो गई कि क्या बिहार कोई खेला होने वाला है. क्या बिहार सरकार बदलने का मौसम आ गया है. इसके बाद 9 अगस्त को सभी पार्टियों ने बैठक बुलाई. उधर बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में बनी रही. बीजेपी के नेता यह कहते रहे कि राज्य में एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है. जदयू और बीजेपी की सरकार 2025 तक का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी. वहीं जदयू और आरजेडी के नेता भी कहते रहे कि यह सामान्य बैठक है.

    उधर सोमवार को दोपहर होते होते खबर आने लगी कि सीएम नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से बात की है. हालांकि यह जानकारी सामने नहीं आई कि नीतीश कुमार ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है या नहीं. नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की. बताया जा रहा है कि कई बीजेपी नेताओं ने नीताश कुमार से फोन पर बात और उन्हें एनडीए में ही रहने को कहा. लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने. खबर ये भी आई कि सोमवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर नीतीश कुमार से बात की. लेकिन वे भी उन्हें नहीं मना पाए. 

    9 अगस्त: दिन मंगलवार

    9 अगस्त यानी मंगलवार का दिन बिहार सत्ता परिवर्तन का दिन रहा. अब बिहार में बैठकों का दौर शुरू हुआ. जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक बुलाई. ये बैठक नीतीश कुमार के आवास पर हुई. इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने नेताओं से कहा कि बीजेपी ने हमें कमजोर करने की कोशिश की, हर मौके पर हमें अपमानित किया. इस दौरान जदयू के नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे, सभी उसका समर्थन करेंगे. बैठक में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने का भी फैसला हो गया. उधर पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेताओं की बैठक हुई. इस दौरान राजद नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव जो फैसला करेंगे, वे सभी उसका समर्थन करेंगे. इतना ही नहीं राबड़ी देवी के आवास पर कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी पहुंचे और उन्होंने समर्थन का पत्र तेजस्वी यादव को दिया. 

    पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा. नीतीश कुमार ने शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद फैसला लिया.  इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार सीधे राबड़ी आवास पहुंचे, जहां उन्होंने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस दौरान नीतीश ने कहा कि अब बिहार में फिर से साथ में काम किया जाएगा. जो हुआ भूल जाइये. इसके बाद नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया. नेता चुनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि अब वे नई शुरुआत करने जा रहे हैं. नीतीश, तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया.  नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • नीतीश कुमार CM तो तेजस्वी ने डिप्टी सीएम पद की ली शपथ, मुकेश सहनी बोले-बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी दोनों नेताओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त किया है कि आपके नेतृत्व में अब बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा. सहनी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को अनुभवी और युवा की जोड़ी बताते हुए कहा कि आज देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है, जिसमें सभी विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है. आज इन दोनों नेताओं ने देश के विपक्षी दलों को राह दिखाई है.

    मुकेश सहनी ने कहा कि आज संविधान, लोकतंत्र को ही नहीं आजादी के मूल्यों और सपनों पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1977 में आपातकाल से देश को छुटकारा मिला, आज एकबार फिर देश में चल रहे अघोषित आपातकाल के खिलाफ मुहिम की शुरूआत बिहार से हो गई है. ’सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि भाजपा के निशाने पर दलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इन लोगों के वाजिब हक भी नहीं देना चाहती.

    आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    इससे पहले तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • डिप्टी CM बनते ही तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, कहा-हम एक महीने में गरीबों-युवाओं को बंपर नौकरी देंगे, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के साथ वाली सरकार में बिहार का विकास पूरी तरह से रूक गया था. हम महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व हम बिहार का विकास करने के लिए काम करेंगे. देश विरोधी शक्तियों ने आम जनता की मुस्कान छीन ली थी. लोग परेशान थे. नीतीश कुमार ने जो बयान दिया है. वो पूरी तरह से सही है. 2024 में भाजपा आपको कहीं नहीं दिखेगी. अब बिहार में ऐसी स्थिति हो गयी है कि सभी राजनीतिक पार्टियां एक तरफ हैं और भाजपा अलग-थलग पड़ी होगी. बता दें कि इससे पहले भी तेजस्वी यादव लगातार राज्य में बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. इससे लेकर पूरे राज्य में प्रतिरोध मार्च का आयोजन भी किया गया था.

    शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • तेजस्वी यादव की हो रही ताजपोशी, लेकिन लालू यादव सीन से गायब, कब लौटेंगे पटना, नीतीश कुमार से हो गई बात

    लाइव सिटीज पटना: बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन पूरे सीन से लालू यादव गायब हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बनने की घोषणा हुए करीब 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक लालू प्रसाद यादव का एक भी ट्वीट या वीडियो संदेश भी सामने नहीं आया है. बताया जा रहा है कि लालू यादव ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की है और यहां के हालात की जानकारी ली है.

    लालू यादव एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद दिल्ली में बेटी मीसा भारती के आवास पर हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव अभी पटना नहीं आयेंगे. हालांकि दिल्ली से ही वह बिहार के पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. यह भी कहा जा रहा है कि कल यानी मंगलवार को नीतीश कुमार ने फोन पर लालू यादव से बात की है. लालू यादव और नीतीश कुमार की आखिरी मुलाकात इसी साल 6 जुलाई को हुई थी. जब जेल से रिहा होने के बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. आनन-फानन में लालू यादव को पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में कुछ सुधार होने पर लालू यादव को इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की बात हो रही थी तभी नीतीश कुमार उनसे मिलने पारस अस्पताल पहुंचे थे. कहा तो यह भी जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार ने उसी वक्त लालू यादव को अपने मन की बात बता दी थी.

    बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

    बता दें कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद की तरफ से मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची जारी है. बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार की कैबिनेट में जगह का फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. सरकार में अधिकतम मंत्रियों की संख्या 36 हो सकती है. ऐसे में विधानसभा में 79 विधायकों वाली पार्टी राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. 12 विधायकों वाली CPI(ML) ने सरकार में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को एक मंत्री पद मिल सकता है. भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा. महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के नाम तय करने में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सबसे अधिक यादव विधायक चुनाव जीत कर आये हैं. ऐसे में यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य व कुशवाहा जाति के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी.

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