Category: पर्यटन

  • 554वां प्रकाश पर्व के आखिरी दिन राजगीर पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री, बोले- गरीब राज्य में बेहतर इंतजाम

    राजगीर (नालंदा दर्पण)। गुरुनानक देव के 554 वें प्रकाश उत्सव के तीसरे व आखिरी दिन सीएम नीतीश कुमार राजगीर पहुंचे। सबसे पहले वे गुरुद्वारा पहुंचे, जहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद सीएम सीधे गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने मत्था टेका।

    नीतीश कुमार के आगमन को लेकर सुरक्षा काफी सख्त दिखी। गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी ने पूरा कमान अपने हाथों में ही रखा। गुरुद्वारा के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। मंत्री से लेकर सांसद तक बाहर ही इंतजार दिखे। वहीं मुख्यमंत्री ने लंगर छका।

    Bihar Chief Minister reached Rajgir on the last day of 554th Prakash Parv said – better arrangements in poor state 1इसके बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी राजगीर में बहुत कई सालों तक प्रवास किये थे। उस वक्त यहाँ सभी कुंडों से गर्म पानी निकलता था। स्थानीय लोगों के कहने पर पत्यर से गुरु नानक जी की कृपा से यहां शीतल जल निकलने लगा था। जिसे आज शीतल कुंड के नाम से जाना जाता है।

    उन्होंने कहा कि राजगीर सभी धर्मों की स्थली रही है। पर्यटकों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। बिहार गरीब राज्य होते हुए भी यहां के इंतजाम काफी बेहतर होते है। राजगीर के पर्यटन स्थलों एवं यहां के निवासियों के लिए जल्द ही गंगा जल की आपूर्ति इस माह कर दी जाएगी। इसके बाद नवादा और गया कि लोगों को घरों में भी गंगाजल पहुंचा दिया जाएगा ।

    सीएम के आगमन के पूर्व डीडीसी और नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजगीर आगमन से पहले डीडीसी  वैभव श्रीवास्तव और नगर आयुक्त रणजीत सिंह गुरुद्वारा भवन से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया।सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी हुई धक्का-मुक्की श्रद्धालुओं को करना परेशानियों का सामना पड़ा।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजगीर आगमन के बाद सब समरसता इतनी सख्त कर दी गई थी कि मुख्यमंत्री के आसपास मीडिया कर्मियों को भी जाने से रोका गया। गुरुद्वारा परिसर से लेकर सड़क मार्ग तक इतनी भीड़ थी की देखते ही देखते धक्का-मुक्की शुरू हो गई जिससे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

    राजगीर में नवनिर्मित विशाल गुरुद्वारा के दर्शन के लिए विदेशों से पहुंच रहे श्रद्धालु

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  • राजगीर में नवनिर्मित विशाल गुरुद्वारा के दर्शन के लिए विदेशों से पहुंच रहे श्रद्धालु

    राजगीर (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले से जहां विश्व प्रसिद्ध स्थल राजगीर में भी विशाल गुरुद्वारा बनकर तैयार हो गया है। गुरुनानक देव जी के 554 वें प्रकाश पर्व के मौके पर 3 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देश विदेश से कई श्रद्धालु शामिल हुए हैं।

    बता दें कि राजगीर के शीतल कुंड स्थित गुरुद्वारा निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया था जिसका निर्माण कार्य आज पूरा हो गया।

    Devotees arriving from abroad to visit the newly built huge Gurudwara in Rajgir 1गुरुनानक देव जी के 554 वे प्रकाश पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि आने वाले श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।

    बता दें कि भूतल पर कार पार्किंग है। वहीं प्रथम तल्ले पर लंगर हाल, किचेन व स्टोर का निर्माण हुआ है। उसके ऊपर अद्भुत रूप में गुरुद्वारा का निर्माण हुआ है।

    परिसर में 28 डीलक्स आवास का निर्माण, पदाधिकारियों का कार्यालय, बिस्तर घर, जोड़ा घर तथा प्रतीक्षालय बनाया गया। गुरुद्वारा के चारों ओर पहाड़ व हरियाली दिखेगी। पूरी इमारत उजले रंग की है।

    गुरुनानक देव जी के 554 वें प्रकाश पर्व के मौके पर 3 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देश विदेश से कई श्रद्धालु शामिल हुए हैं।

    उल्लेखनीय है कि गुरुनानक ने अपने प्रवास के दौरान गर्म कुंड को अपने यश से शीतल किया जिसे गुरुनानक शीतल कुंड के नाम से जाना जाता है। गुरुद्वारे में एक कुंड है। जिसके बारे में कहा जाता है कि गुरुनानक देव ने धरती पर तीर मारकर यहां से पानी की धार निकाली थी।

    कहा जाता है कि रजौली से भागलपुर जाने के क्रम गुरुनानक देव राजगीर में रुके थे। देश-विदेश से आने वाले सिख श्रद्धालु राजगीर पहुंचते हैं और शीतलकुंड गुरुद्वारा में मत्था टेकना नहीं भूलते हैं।

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