Category: बिग ब्रेकिंग

  • नगरनौसा थानाध्यक्ष ने संविधान दिवस पर पुलिस साथियों को दिलाई शपथ – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा थाना परिसर में शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया।

    मौके पर पुलिस थानाध्यक्ष नारदमुनि सिंह ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा तथा सभी पदाधिकारियों एवं जवानों ने एक स्वर में प्रस्तावना को दोहराया।

    उन्होंने सभी पदाधिकारियों एवं जवानों के साथ संविधान की शपथ ली और कहा कि संविधान में बनाए गए कानून के तहत ही हमलोग भी पुलिस की नौकरी करते हैं। हम सबको बखूबी संविधान का पालन करना चाहिए तथा आम लोगों को भी संवैधानिक नियमों से अवगत कराना हम सब का फर्ज बनता है।

    उन्होंने पुलिस पब्लिक के बीच संवैधानिक तथ्यों के तहत मधुर संबंध बनाने की बात कही, ताकि लोगों में पुलिस प्रशासन पर अटूट आस्था हो सके।

    उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपील किया कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से सीख लें तथा इमानदारी पूर्वक काम करें। मौके पर कई पुलिस पदाधिकारी एवं जवान मौजूद थे।

     

  • नगरनौसा में किसानों ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पुतले फूंके – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    Farmers burnt effigies of Chief Minister and Prime Minister in Nagarnausa 1नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। 26 नवंबर वह दिन है। आज के ही दिन किसान तीन कृषि कानून के विरोध में राज्यों से लड़ते हुए दिल्ली के बॉर्डर तक आए और लगातार 13 महीने के आंदोलन करते हुए भारत सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को प्रधानमंत्री के द्वारा वापस लेने को मजबूर कर दिया। यह किसानों की एकता और मजबूती को दिखाती है।

    सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव धर्मेंद्र कुमार द्वारा सरकार से आगे मांग किया गया कि किसानों के द्वारा उठाए गए सभी अनाजों पर खरीद सुनिश्चित किया जाए एवं किसानों के अनाजों का मूल्य स्वामीनाथन आयोग के दिए गए फार्मूले के C2+50% के हिसाब से तय हो।

    इस सभा में बिहारी कृषि परिवार के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन मुखिया, रामजतन सिंह, दिलीप कुमार, आनंदी प्रसाद, शिवनंदन प्रसाद, सुरेंद्र गांधी, सर्विस राम समेत कई किसान उपस्थित थे।

    इस पुतला दहन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ ओजपूर्ण स्वर में नारे लगाए गए

     

  • रसोई गैस सिलेंडर फटने से घर में लगी भीषण आग में झुलसकर दो बच्चियों की मौत – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिले के बेना थाना क्षेत्र के कमलविगहा गांव में रसोई गैस सिलेंडर फटने से घर में आग लग गई। जिसकी चपेट में आने से दो बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई।

    जानकारी के मुताबिक़ बेना थाना क्षेत्र के कमलविगहा गांव में रसोई गैस सिलेंडर अचानक ब्लास्ट हो गया। धमाके से पूरे घर में आग फ़ैल गई। दोनों बच्चियां घर के कमरे में ही सो रही थी और उनके पास भी आग पहुंच गई।

    इसी दौरान दोनों झुलस गई। दोनों को इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में दोनों ने दम तोड़ दिया।

    मृतक बच्चियों की पहचान बिक्की की बेटी सोनाक्षी और मीनाक्षी के रूप में की गई है। दो बेटियों की एक साथ मौत हो जाने के बाद पूरा परिवार सदमे में है। परिजनों में चीख-पुकार मच गई है। मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई है।

     

     

  • शिक्षा विभाग के अफसरों की मिलीभगत से फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना देता है यह मास्टर माइंड – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    बेन  (रामावतार कुमार)। नालंदा  जिले के बेन प्रखंड में दर्जनों ऐसे व्यक्ति हैं जो फर्जी सर्टिफिकेट पर सरकारी शिक्षक बने हैं। जिसमे कई पकड़े गए हैं और उनपर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। फर्जी सर्टिफिकेट धारियों को नौकरी दिलाने के पीछे जिस मास्टर माइंड का हाथ रहा वो कोई और नहीं एक शिक्षक हीं है।

    ★ क्या है मामला:

    फर्जी शिक्षक बहाली मामले में मनीष कुमार, उ० मध्य विद्यालय रामगंज, निरंजन कुमार, मध्य विद्यालय एकसारा, रीना कुमारी, प्रा० विद्यालय रसुल्ला, सत्या कुमारी, प्राथमिक विद्यालय लालगंज की गिरफ्तारी के बाद अन्य फर्जी शिक्षकों में खलबली मच गई थी।

    बीआरसी से लेकर प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। चर्चा यह भी होने लगा कि फर्जी बहाली में बीआरसी का एक शिक्षक हीं मुख्य सरगना है। जो दर्जनों फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना दिया और अकूत संपत्ति बना ली।

    इतना हीं नहीं प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक बहाली मामले में भारी गड़बड़ी की शिकायत है। सूत्रों की मानें तो अभी भी मनीष कुमार जैसे दर्जनों से अधिक फर्जी शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं।

    ★ क्या है पूरा मामला:

    cruption 1पंचायती राज व्यवस्था में सरकार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली करने का जिम्मा पंचायत सचिव, बीडीओ, बीईओ, प्रमुख एवं मुखिया को दिया गया था। लेकिन प्रखंड के पदाधिकारियों, नियोजन इकाईयों एवं सरगना शिक्षक के इशारे पर शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंक अयोग्य अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक बना दिया और मोटी रकम लेकर फर्जी सर्टिफिकेट धारी को गुरुजी बना दिया।

    बीडीओ, बीईओ, प्रमुख, पंचायत सचिव एवं अन्य समिति में शामिल लोगों ने मनीष कुमार समेत दर्जनों की बहाली कर दी। जब वर्ष 2019 में फर्जी सर्टिफिकेट धारियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रमण्डलीय आयुक्त पटना को दी गई तो जांच में पाया गया कि मनीष कुमार एवं अन्य का प्रमाणपत्र किसी दूसरे व्यक्ति का है।

    तत्पश्चात पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने मनीष कुमार, सत्या कुमारी, निरंजन कुमार एवं रीना कुमारी के विरुद्ध बेन थानें में कई सुसंगत धाराओं 420, 467, 468, 471, 477A, 193, 120 बी के तहत 134/19 प्राथमिकी दर्ज कराई गई। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।लेकिन आज के दिनों में पुनः फर्जी प्रमाण पत्र धारी मनीष कुमार सरकारी शिक्षक बन बैठा है।

    ★ इन शिक्षकों पर हुआ मामला दर्ज:

    1.मनीष कुमार, प्रखंड शिक्षक उ० म० विद्यालय, रामगंज, बेन थाना।

    2.निरंजन कुमार, प्रखंड शिक्षक मध्य विद्यालय एकसारा, बेन थाना।

    3.सत्या कुमारी, पंचायत शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय लालगंज, बेन थाना।

    4.रीना कुमारी, पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय, रसुल्ला, बेन थाना।

    इस संबंध में जब बीडीओ अजमल परवेज से बात की गई तो कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/2022 के आदेशानुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजा गया।

    वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किरण ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/22 के आलोक में ज्ञापांक 359 दिनांक 8/8/22 निर्गत कर प्रधानाध्यापक को योगदान लेने का निर्देश दिया गया है।

     

     

  • बेन अंचल में सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ करते दलाल, देखिए वीडियो – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    बेन (रामावतार कुमार)। बेन अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के संरक्षण में अनाधिकृत व्यक्ति (दलाल) कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन करते नजर आते हैं। मजबूरी में लोगों को अपने कार्य के लिए इन दलालों का हीं सहारा लेते हैं।

    सबसे बड़ी  बात यह है कि हरेक कर्मचारी एक-एक दलाल रखते हैं। यह सब कार्य अंचलाधिकारी के अधिनस्थ कर्मचारी के रूप में होता है। जाहिर है कि इन्हें वेतन तो सरकार देती नहीं, भ्रष्टाचार कर ये लोग मोटी रकम वसूलते और आम आदमी का काम बिना पैसे का नहीं होता।

    हद तो यह है कि राजस्व कर्मचारी भी सरकारी दस्तावेजों को दलालों को सौंप देते हैं। जिसके कारण अनाधिकृत व्यक्ति, गैर जिम्मेदार लोग सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करते हैं।

    दलालों को सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने का हक देना कैसे न्याय संगत है। इन सारे सवाल पर अंचलाधिकारी कुछ नहीं बता पाते तो दूसरी ओर जिले एवं अनुमंडल के पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता।

    बहरहाल आप भी देख सकते हैं कि संध्या काल में नाजीर संतोष कुमार के कक्ष में एवं अंचल कार्यालय में किस प्रकार दलाल पप्पू कुमार नामक व्यक्ति रजिस्टर टू एवं अन्य दस्तावेजों को उलटफेर करते हैं।

    इस बाबत एकसारा पंचायत के खेदुविगहा निवासी सतेन्द्र सिंह, खैरा पंचायत के विवेक कुमार व अन्य ने कहा कि अंचल में ज्यादातर कार्य दलालों के माध्यम से हीं होता है।

    उन्होंने अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा सरकारी कार्य किए जानें पर भी आपत्ति जताई और कहा कि अवैध तरीके से इन लोगों द्वारा कार्य किया जाना रजिस्टर से छेड़छाड़ किया जाना कतई उचित नहीं है।

    देखिए वीडियो…

     

  • सरकारी विकास का दावा खोखला, दुर्घटना का पर्याय बनी गढ्ढों में तब्दील रामघाट-रामपुर मार्ग – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। किसी भी क्षेत्र के विकास का आईना सड़क होती है। सड़क अच्छी हो तो घंटों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है सड़क गड्ढों से भरा हो तो मिनटों का सफर घंटे लगते हैं।

    एक ओर सरकार गड्ढामुक्त सड़क होने का निरंतर दावा करती हैं लेकिन सरकार द्वारा किये जा रहे दावों के विपरीत धरातल पर यह असली नजारा रामघाट-रामपुर पथ का हैं। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारियों व विभाग की नजरों से ओझल होने से यह सड़क अपनी बदहाल स्थित पर आंसू बहाते हुऐ मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण की बाट जोह रहा है।

    रंजीत कुमार, मनीष कुमार, रामाशीष प्रसाद, रविशंकर कुमार, जितेंद्र चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि रामघाट-रामपुर मार्ग बेहद ही जर्जर हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण दहशत के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं। बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे  होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।

    Claim of government development hollow Ramghat Rampur road turned into potholes synonymous with accident 1

    रामघाट-रामपुर पथ से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन गया है। देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो गया है और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा हैं। मजबूरी में जनता इस बदहाल सड़कों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर है।

    खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं। पर वे भी पद में आने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। इस मार्ग पर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलते हैं। जहां यात्री व चालक यात्रा के पहले भगवान को याद करते हैं।

    वहीं अधिकारी भी सड़क की हालत से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की उपेक्षा से यह साबित हो जाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।

    Claim of government development hollow Ramghat Rampur road turned into potholes synonymous with accidentये गांव हो रहे प्रभावितः रामघाट-रामपुर से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे लोदीपुर, जागो बिगहा, कुकहरिया, बमपुर, रामपुर, अजयपुर, लक्ष्मी बिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस मार्ग पर पिछले वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है।

    बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं।

    बाइक चालक तो गढ्ढे में फसने के बाद गिर जाते हैं, जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थित में वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

    पंचायत समिति सदस्या के लिखत शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कार्रवाईः इस संबंध में रामपुर पंचायत समिति सदस्या सुशील कुमारी ने कहा कि कार्यपाल अभियंता आर,डब्लू,डी हरनौत को जनवरी में ही पत्र लिखकर सड़क मरम्मत कराने का आग्रह किया गया था लेक़िन दस माह बीत जाने के बाद भी अबतक सड़क मरम्मत कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं गया है।

    उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक द्वारा भी सड़क मरम्मत करने को लेकर विभाग को लिखा गया लेकिन सिर्फ़ हरनौत व चंडी प्रखंड के ग्रामीण सड़कों का ही चयन किया गया। नगरनौसा प्रखंड के एक भी सड़को का चयन नहीं किया गया।

     

    मना के बावजूद खेतों में पराली जला खुद का नुकसान कर रहे हैं किसान

    मोटी कमाईः नालंदा के मगही पान पर ही चढ़ाया जा रहा बनारसिया रंग

    नालंदा डीएम-एसपी ने अवैध शराब-खनन की रोकथाम को लेकर की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग

    रामचन्द्रपुर बस स्टैंड में वर्चस्व को लेकर हुई रोड़ेबाजी और फायरिंग में कई जख्मी

    दिल्ली पुलिस ने ओला कंपनी के नाम पर 55 करोड़ की ठगी के आरोपी को कतरीसराय से दबोचा

  • मना के बावजूद खेतों में पराली जला खुद का नुकसान कर रहे हैं किसान – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

     नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में प्रतिबंध के बाबजूद भी किसान लगातार पराली जला रहे, लेक़िन फिर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा।

    बता दें कि किसानों द्वारा धान के फसल का हार्वेस्टिंग के बाद बचा पुआल को आग लगा रहे हैं। पुआल को जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ खेतों पर भी इसका असर होता हैं।

    मृदा में धान के पुआल को जलाने से मृदा स्वास्थ्य में गिरावट का सीधा प्रभाव फसल की वृद्धि एवं उसकी उत्पादकता पर पड़ता है। जब मृदा स्वास्थ्य खराब होता है तो भूमि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होती एवं पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

    भूमि के पोषक तत्वों पर कुप्रभावः पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और कार्बनिक पदार्थों का संबंध सीधा मृदा स्वास्थ्य से होता है जो मृदा संरचना को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होने से सूक्ष्म जीवों को पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ नहीं मिल पाते।

    इसका सीधा प्रभाव भूमि के पोषक तत्वों की उपलब्धता पर पड़ता है, क्योंकि इस अवस्था में सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करने में असमर्थ होते हैं।

    खेत मे जलाई जा रही पुआलः प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश जगहों पर सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद भी कई किसान खेत में पुआल को आग के हवाले कर दे रहे है। इसके चलते मित्र जीव तथा लाभदायक जीवांश जलकर नष्ट हो रहे है।

    इसके अतिरिक्त खेतों की मिट्टी तथा फसल पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं यह इसके धुआं से पर्यावरण तथा हवा में जहरीली गैस घुल जाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।

    पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारक हैं ये गैसः पुआल को जलाने से कई हानिकारक गैसेस निकलती जैसे विभिन्न ग्रीन हाऊस गैसें यथा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बनडाइ ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन है जो पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचाती है। इससे बचना चाहिए। पुआल जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और इसका सीधा स्वास्थ्य पर पड़ रहा है

    उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही मानव जाति पर पड़ रहा विपरीत प्रभावः यदि इसी प्रकार खेतों की उपजाऊ शक्ति स्वत: नष्ट हो जायेगी खेतों मे फूंके जा रहे पुआल से क्षति के सिवा फायदा नहीं है।

    खेतों में गिरा अनाज जिसे पशु व पक्षी चुग कर अपना पेट भरते थे वो जल जा रहे है। साथ ही खेतों व खरपतवारों में रहने वाले छोटे कीड़े मकोड़े जल कर मर जा रहे है। इसका विपरीत प्रभाव मानव जाति पर पड़ रहा है।

    फिर भी लोग नहीं समझ रहे है। पानी का लेयर नीचे भागने से ठंडी के मौसम में ही चापाकल व ट्यूब वेल जवाब दे रहे है तो आने वाली गरमी में क्या होगा? किसान खेतों के पटवन के लिये परेशान है तो वहीं कुछ लोग खेत में पुआल फूंक धरती के टेम्प्रेचर को बढ़ाने मे लगे है।

     

  • मोटी कमाईः नालंदा का मगही पान पर ही चढ़ाया जा रहा बनारसिया रंग – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा के इस्लामपुर और राजगीर प्रखंड की 5 पंचायतों में मगही पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां के मगही पान की मांग बिहार के अलावा कई राज्यों में है।

    यहां का मगही पान ही बनारस और यूपी की मंडियों में पहुंचते ही बनारसी हो जाता है। वहां के कारोबारी मगही पान के पत्ते को प्रोसेसिंग कर बनारसी पान का नाम देते हैं।

    दो घंटे तक कोयले की गर्मी में इन मगही पान के पत्तों को रखा जाता है। इसके बाद ये पीले रंग के हो जाते हैं। जिसे यूपी में बनारसी पान कहा जाता है।

    इस खेती पर बीस हजार परिवार हैं आश्रितः  नालंदा के किसानों से व्यापारी सस्ते दाम पर पत्ते खरीदते हैं, लेकिन बाद में इसे ही बनारसी का नाम देकर कारोबारी मोटी कमाई कर लेते हैं। मेहनत किसान करते हैं और मुनाफा कोई और कमा ले जाता है।

    खेती का रकबा करीब 400 बीघा है। मौसम का साथ मिलता है तो हर साल करीब 16 हजार क्विंटल पान के पत्ते की उपज किसान कर लेते हैं।

    हालांकि खेतों में लागत अधिक और मुनाफा कम होने के कारण अब युवा पीढ़ी पान की खेती से मुंह मोड़ रही है।

    खेती की जगह युवा दूसरे प्रदेशों में जाकर काम-धंधा करने लगे हैं, फिर भी करीब 20,000 चौरसिया परिवार की जीविका का मुख्य साधन अभी भी पान की खेती है।

    एक पेड़ से 2 साल तक मिलते हैं पत्तेः पान मसाला का क्रेज बढ़ने से पान के पत्ते की मांग घटने लगी है। खासकर युवा पीढ़ी पान मसाला को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।

    इससे किसानों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है। प्रति कट्ठा बांस का बरेजा बनाने और खेतों में 20 से 22 हजार खर्च आता है।

    पहले की तरह पत्ते की मांग मंडियों में कम हो रही है। पान की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि हर साल अप्रैल-मई और जून में पान की खेती होती है।

    एक साल में फसल तैयार होती है 15 जनवरी से सीजन शुरू होकर मार्च तक पत्ते की तुड़ाई की जाती है। एक बार खेती करते हैं तो दो साल तक पत्ते मिलते हैं।

    पत्ते की होती हैं 3 वैरायटीः पान की पत्तों को तोड़ने के बाद उसकी छटाई की जाती है। 3 वैरायटी के पत्ते निकलते हैं, इनकी कीमतें भी अलग-अलग तय की जाती हैं।

    सबसे निम्न क्वालिटी के पत्ते को कटपीस की श्रेणी में रखा जाता है। मध्यम क्वालिटी वाले को हेरूआ या बरूसी कहते हैं, जबकि सबसे अच्छी क्वालिटी वाले को गांठ कहा जाता है।

    एक ढोली में होते हैं 200 पत्तेः साधारण पान के पत्ते गया कि मंडी में बिक जाते हैं। उच्च गुणवत्ता के पान के पत्ते की मांग बनारस में सबसे ज्यादा है।

    औसतन एक ढोली (200) पत्ते की कीमत 100 से 150 रुपए है। वहीं 1 बीघा में फसल अच्छी रही तो 130 से 150 ढोली पत्ते की उपज होती है।

    इस्लामपुर में भी है प्रोसेसिंग यूनिटः इस्लामपुर के पान अनुसंधान केंद्र में भी पत्ते की प्रोसेसिंग करने की दो यूनिट लगी हुई है, लेकिन कारोबारी पत्ते की प्रोसेसिंग करने में रुचि नहीं लेते हैं।

    किसानों के समक्ष बड़ी मंडी की समस्या है। इस्लामपुर से प्रोसेसिंग कर बनारस की मंडी तक पत्ते को पहुंचाने में कई समस्याएं आती है।

    यही कारण है कि नालंदा के किसान पत्ते की प्रोसेसिंग नहीं करते हैं। गया में बड़ी मंडी बन जाए तो किसान जरूर पत्ते की प्रोसेसिंग करेंगे।

    कैसे होती है प्रोसेसिंगः 5 फीट ऊंचे 3 फीट लंबे और 4 फीट चौड़े कमरे में छोटी-छोटी डलियों में पान के पत्ते तख्ता बनाकर रख दिए जाते हैं। कमरे में लोहे के चूल्हे में लकड़ी का कोयला जला दिया जाता है।

    उसके बाद पूरी तरह से एयरटाइट कमरे को बंद कर डेढ़ से 2 घंटे तक छोड़ दिया जाता है। जलते कोयले की गर्मी से पान के हरे पत्ते हल्के पीले हो जाते हैं इसे ही व्यापारी बनारसी पान का नाम देते हैं।

    प्रोसेसिंग के बाद पत्ते 3 माह तक खराब नहीं होते हैं। शर्त यह की पत्तों को शीतगृह में रखा जाए हवा नहीं लगनी चाहिए।

     

  • नालंदा डीएम-एसपी ने अवैध शराब-खनन की रोकथाम को लेकर की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने आज मद्य निषेध एवं अवैध खनन की रोकथाम को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।

    अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं सेवन को लेकर पूर्व से चिन्हित हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में लगातार सघन छापामारी अभियान चलाने का निर्देश सभी थाना प्रभारियों को दिया गया। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों के विरुद्ध विशेष रुप से कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।

    अवैध शराब के कारोबार में जप्त वाहन एवं भवन / भूखंड  अधिहरण के लंबित मामलों का निष्पादन समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित प्राधिकार के पदाधिकारियों को दिया गया। वर्तमान में वाहन आधिहरण के 80 तथा भवन / भूखंड अधिकरण से संबंधित 298 मामले लंबित पाए गए, जिनका निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया।

    जप्त शराब के  विनष्टीकरण हेतु समय से प्रस्ताव भेजकर विनष्टीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

    भूमि विवादों के निराकरण के लिए प्रत्येक शनिवार को थाना स्तर पर लगाए जाने वाले विशेष शिविर का प्रत्येक निर्धारित दिवस पर आयोजन करने तथा इससे संबंधित बैठक की कार्यवाही निर्धारित पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करने का निर्देश सभी थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारियों को दिया गया।

    अवैध खनन, भंडारण तथा ओवरलोडिंग के मामलों में सघन  कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश खनिज विकास पदाधिकारी एवं सभी थाना प्रभारियों को दिया गया।

    बैठक में अपर समाहर्ता, उत्पाद अधीक्षक, खनिज विकास पदाधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी आदि जुड़े थे।

     

     

  • राजगीर में वीरायतन के आतंक से आक्रोशित हुए फुटपाथ दुकानदार, दिया धरना – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क। 24 नवम्बर 2022 स्वयं सेवी संस्था वीरायतन राजगीर के द्वारा लगातार सरकारी भूमि को अतिक्रमण करने एवं दुकानदारों को उजाड़ने के मामला को लेकर नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के राज्य समन्वयक सह केकेसी के  प्रदेश अध्यक्ष  डॉ अमित कुमार पासवान के नेतृत्व में वीरायतन राजगीर के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया।

    Hundreds of pavement shopkeepers were agitated by the terror of Veerayatan in Rajgir 1मौके पर डॉ पासवान ने कहा कि पथ विक्रेता कानून अधिनियम 2014 का वीरायतन के द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इनके  द्वारा लगातार सरकारी जमीन को  कब्जा किया जा रहा है और दुकानदारों को उनके रोजगार से बेदखल किया जा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था भी वीरायतन को ही सहयोग करने में जुटी है, जिसके कारण आज गुरुवार को दुकानदारों का गुस्सा फूटा है।

    फुटपाथ दुकानदार जो लगातार 40 से 50 वर्षों  से एक ही स्थान पर अपनी रोजी-रोटी का व्यवस्था कर रहे दुकानदारों को हटाने का साजिश रची जा रही है, इसे संगठन कतई बर्दास्त नहीं करेगा।

    आज एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया है तथा अपनी मांग को कार्यपालक पदाधिकारी के पास सौंपा जाएगा। वीरायतन के द्वारा इस तरह के रवैया रहा तो आने वाले दिनों में नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के तमाम दुकानदार राजगीर शहर में अपने-अपने दुकानों को बंद कर वीरायतन के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।

    डॉ पासवान ने कहा कि वर्ष 2012 में  भी नगर परिषद राजगीर के तत्कालीन  कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर निवेशन प्राधिकार के द्वारा अर्जित 00.61 एकड़ भूमि को जैन धर्म की सबसे बड़ी संस्था वीरायतन राजगीर नालन्दा के द्वारा कब्जा कर लिया गया। जिसे अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए नगर पंचायत राजगीर के पत्रांक – 631 दिनांक-21.12.2012 के द्वारा  नोटिस  कर खानापूर्ति  तो की गई लेकिन आज तक कोई भी पदाधिकारी उक्त जमीन को वीरायतन से अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाया।

    वीरायतन  सेवा के नाम पर खानापूर्ति के लिए  शुल्क राशि को डोनेशन दिखाकर  बिहार सरकार/भारत सरकार, इंडियन  जैन डोनर, विदेशी जैन डोनर, एवं आम जन मानस को ठग रहा है तथा सरकार के टैक्स को भी चूना लगा रहा है। इस तरह से व्यापार का सिलसिला जारी है ।

    इस अवसर पर जन कल्याण मंच एक आवाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान, भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष रजनीश पासवान, अधिवक्ता आलोक कुमार, रंजीत चौधरी, नरेश प्रसाद, राकेश पासवान, रवि कुमार, उपेंद्र कुमार, अजय यादव, राघो देवी, भूषण राजवंशी, इंदल राजवंशी, नगर विक्रय समिति के सदस्य रेखा देवी सहित सैकड़ों की संख्या में फुटपाथ दुकानदार उपस्थित थे।