Category: बिहार न्यूज

  • नीतीश कुमार लाल किले पर फहराएंगे तिरंगा, ललन सिंह काम कर रहे हैं, मंत्री श्रवण कुमार का बड़ा बयान

    लाइव सिटीज पटना: महागठबंधन के साथ जाते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म है. एक तरफ विपक्ष जहां नीतीश कुमार को पीएम पद का मजबूत दावेदार बता रहे हैं जबकि बीजेपी नीतीश कुमार को सीएम मैटेरियल मानने से भी इंकार कर रही है. इस बीच सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा से जदयू के तमाम बड़े नेताओं ने एक साथ हुंकार भरी है और बड़ी घोषणा कर दी है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार पीएम उम्मीदवार होंगे और इसके लिए विपक्ष को एकजुट करने में ललन सिंह लगे हुए हैं.

    नालंदा के भतहर हाई स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत जदयू के कई बड़े नेता शामिल हुए. इसी दौरान सांसद कौशलेंद्र कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के अलवा स्थानीय विधायक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. मंत्री श्रवण कुमार ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम उम्मीदवार के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सभी पार्टियों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी ने एनडीए को छोड़ा, लात मारा इसकी पूरी देश में चर्चा है. हर राजनीतिक दल का नेता नीतीश की ओर टकटकी लगाए देख रहा है. ललन सिंह इस काम में लगे हुए हैं. आने वाले समय में नालंदा का बेटा बिहार की धरती का नौजवान, बिहार की धरती के सीएम नीतीश कुमार जी लाल किले पर झंडा फहराएंगे.

    जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि जब भी टीवी खोलिए देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की बात की जा रही है. यह देश सभी धर्म के लोगों का है. इसलिए देश की राजनीत अब करवट ले रही है. इस दौरान ललन सिंह ने आम जनता के सामने पीएम मोदी का एक ऑडियो जारी किया. जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सीबीआई के खिलाफ आवाज उठाई थी और आज उसी सीबीआई के सहारे बिहार के नेता को डराने का काम कर रहे हैं. ललन सिंह ने इस दौरान अमित शाह पर भी क्षेत्रीय पार्टी को खत्म करने के बयान पर निशाना साधा.

    बता दें कि नीतीश कुमार ने जब से सीएम पद की शपथ ली है जेडीयू से लेकर आरजेडी उन्हें पीएम मैटेरियल बता रही है. खुद नीतीश तो इन सवालों से पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन बिना आग के धुआं तो नहीं ही उठता है. नीतीश ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार बनने के लिए पूरी तैयारी भी शुरू कर दी है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि नीतीश कुमार पीएम पद के सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं. उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है. बिहार विधानसभा में विश्वासमत पेश करने के दौरान भी सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के खिलाफ खुलकर हमला किया. उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो 2024 में बीजेपी का सत्ता से हट जाएगी.

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  • बिहार में सियासी उलटफेर के बाद तेजस्वी यादव से मिले बीजेपी विधायक, लालू यादव को लेकर चर्चा में आए थे

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद राजद और भाजपा एक-दूसरे के ऊपर हमलावर हैं. वहीं दूसरी तरफ एक बीजेपी विधायक ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की है. भाजपा विधायक ने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की है. तेजस्वी यादव से मुलाकात करके उन्होंने लालू यादव पर लिखी एक पुस्तक भी भेंट की है. बीजेपी विधायक की तेजस्वी यादव से मुलाकात को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

    दरअसल भाजपा विधायक ललन पासवान ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की और उन्हें लालू यादव पर लिखी पुस्तक भेंट किया. भाजपा और राजद के बीच चल रहे सियासी उठापटक के बीच इस तस्वीर ने सियासी पारा बढ़ा दिया है. भागलपुर के पीपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान ने तेजस्वी यादव से मुलाकात कर अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है. ललन पासवान ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मुलाकात की तस्वीर फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है कि तेजस्वी यादव से उन्होंने बिहार विधानसभा स्थित उपमुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष में मिला. ललन पासवान ने तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनने की बधाई दी. वहीं ललन पासवान ने तेजस्वी यादव को उनके पिता लालू यादव के ऊपर लिखी एक पुस्तक व कलम उपहार स्वरूप भेंट की.

    बता दें कि बीजेपी विधायक ललन पासवान उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने एक ऑडियो जारी कर बवाल मचा दिया था. उन्होंने ऑडियो वायरल करते हुए कथित तौर पर ये दावा किया था कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें भाजपा से बगावत करके राजद का दामन थामने का ऑफर दिया. उनका दावा था कि इसके बदले लालू यादव ने मंत्री बनाने की पेशकश की थी. ये ऑडियो भाजपा नेता सुशील मोदी के माध्यम से जारी किया गया था. लालू यादव उस समय सजा काट रहे थे. ऐसे में फोन कॉल के दावे से बिहार में हंगामा मच गया था.

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  • तेजस्वी यादव और नित्यानंद राय आमने-सामने, असली-नकली यादव के बहाने बड़ा खेल करना चाहती है BJP, जानें समीकरण

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद नीतीश कुमार का महागठबंधन में लौट आने से तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री के रोल में है. वहीं सत्ता पर काबिज बीजेपी अब विपक्ष की भूमिका में है. बिहार में अब बीजेपी अपने दम पर खड़ी होने की कवायद में है. इस बीच बीजेपी ने तेजस्वी को नकली यादव तो केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को असली यादव बताकर सूबे में यादव सियासत पर नई बहस छेड़ दी है. दरअसल बिहार की सियासत में यादव वोटों को लेकर बीजेपी और आरजेडी के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी क्या नित्यानंद राय के बहाने आरजेडी के कोर वोटबैंक यादव समाज को साध पाएगी?

    दरअसल आरजेडी नेताओं पर सीबीआई के छापे के अगले दिन बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर निशाना साधते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे और बिहार में ‘खेला’ होने की योजना बना रहे थे. वे संभल जाएं. बिहार है यहां दिल्ली से कोई बचाने नहीं आएगा. तेजस्वी के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं का हमला शुरू हो गया और बात असली और नकली यादव तक पहुंच गई. बीजेपी के नेता नित्यानंद राय को असली यादव वहीं तेजस्वी यादव को नकली यादव बताने लगे.

    बिहार में बदले सियासी समीकरण के बाद नीतीश कुमार-लालू यादव साथ हैं तो बिहार की दो बड़े ओबीसी समुदाय कुर्मी और यादव वोटबैंक के महागठबंधन से छिटकने की उम्मीदें कम दिख रही है. राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो बीजेपी काफी समय से नित्यानंद राय को यादव समुदाय के चेहरे के तौर पर बिहार की सियासत में स्थापित करने में जुटे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने केंद्र में उन्हें गृह राज्य मंत्री जैसा भारी भरकम विभाग भी दिया. इसके अलावा बीजेपी 2015 से लेकर 2020 के चुनाव में भी यादवों पर अच्छा खासा दांव खेला था, लेकिन दोनों ही बार वह असफल रहे.

    बदले हुए सियासी माहौल में बीजेपी एक बार फिर नित्यानंद राय पर एक बार और दांव खेलने की दिशा में है. ऐसे में तेजस्वी यादव को नकली यादव बताकर बिहार में राजनीतिक रूप से मुखर जाति समूह पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में है. बिहार में यादव समुदाय पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से आरजेडी के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है. यादव को आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है. हालांकि बीजेपी यादव समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए तमाम जतन कर चुकी है, लेकिन अभी तक कामयाब नहीं हो सकी है. ऐसे में बीजेपी अब तेजस्वी को नकली तो नित्यानंद को असली यादव बताकर सियासी तौर पर बड़ा दांव चल रही है.

    बिहार में यादव समीकरण की बात करे तो यादव मतदाता 16 फीसदी के करीब है और उन्हें आरजेडी का परंपरागत वोटर माना जाता है. यादव वोटर भले ही 16 फीसदी हों, लेकिन बिहार की करीब 70 सीटें अपने दम पर जीतने का माद्दा रखते हैं. इतना ही नहीं करीब बीस सीटों पर वो जिताने और हराने की ताकत भी रखते हैं. यानी की यादव समाज का लगभग 100 सीटों पर मजबूत पकड़ है. लालू यादव अपने इस मूलवोट बैंक यादव समुदाय के सहारे तीन दशक से बिहार की सियासत में राज कर रहे हैं.

    बतातें चलें कि साल 2000 में बिहार में यादव विधायकों की संख्या 64 थी जो 2005 में 54 हो गई थी और फिर 2010 में संख्या घटकर 39 पर आ गई थी. लेकिन 2015 में यादव विधायकों की संख्या बढ़कर 61 पहुंच गई. वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में फिर से विभिन्य दलों से कुल 52 यादव विधायक बनने में सफल रहे. जिसमें आरजेडी के टिकट पर 36, सीपीआई (माले) से दो, कांग्रेस से एक और सीपीएम से एक यादव विधायक चुने गए हैं. वहीं बीजेपी से 6, जेडीयू से पांच यादव विधायक हैं. इस नई महागठबंधन सरकार में भी सबसे अधिक आठ यादव को मंत्री बनाया गया है. ऐसे में बीजेपी को पता है यदि यादव समूह में उसकी सेंधमारी हो गई या वह बिखर गया तो फिर उनके लिए जीत की राह आसान होगी. 

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  • गोपालगंज के टैक्सी ड्राइवर के बेटे का टीम इंडिया में चयन, न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगा पहला मैच, परिवार में ख़ुशी की लहर

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहनेवाले मुकेश कुमार का इंडिया-ए क्रिकेट टीम में चयन हुआ है. टैक्सी ड्राइवर का बेटा मुकेश कुमार न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर तेज गेंदबाज पहला मैच खेलेगा. बीते 24 अगस्त को 30 वर्षीय मुकेश का चयन इंडिया A टीम में हुआ है. मुकेश के चयन से पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है. काकड़कुंड गांव के रहनेवाले मुकेश कुमार एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उसके पिता स्वर्गीय काशीनाथ सिंह कोलकाता में टैक्सी चलाते थे. दो साल पहले ब्रेन हैमरेज होने के कारण उनकी मौत हो गई थी. बेटे के चयन पर मां और चाचा समेत परिवार के अन्य लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.

    गोपालगंज में आयोजित एक क्रिकेट प्रतियोगिता में 7 मैच में एक हैट्रिक सहित 34 विकेट लेकर मुकेश कुमार पहली बार चर्चा में आए थे. इसके बाद वह जिला टीम में आ गए. बिहार में क्रिकेट की मान्यता नहीं होने के कारण उन्होंने बंगाल का रुख किया और वहां से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मुकेश रणजी ट्रॉफी के लगातार दो सीजन में 30 से ज्यादा विकेट लेकर चयनकर्ताओं की नजर में आ गए और इंडिया-ए टीम में उनका चयन हो गया. दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश की साल 2005-06 में ‘प्रतिभा की तलाश क्रिकेट प्रतियोगिता’ में प्रतिभा देखी गई थी. इसके बाद साल 2009-10 में बिहार अंडर-19 टीम में सिलेक्ट हुए.

    मुकेश के चाचा धर्मनाथ सिंह के मुताबिक साल 2010 में हुए एक एक्सीडेंट ने उसकी तकदीर बदल दी. तब टैक्सी चालक पिता ने उसे कोलकाता बुला लिया था. कोलकाता में रहकर वह क्रिकेट खेलने लगा. साल 2014 में बंगाल टीम में शामिल हुआ और अगले साल रणजी ट्राफी के एक मैच में वीरेंद्र सहवाग का विकेट लिया था. मां मालती देवी के अनुसार मुकेश का क्रिकेट के प्रति इतना लगाव था कि वह खेलने के लिए साइकिल से ही 15 से 20 किलोमीटर चला जाता था. कई बार उसे डांट-फटकार भी लगाया करते थे, बावजूद छुपकर वह क्रिकेट खेलने निकल जाता.

    बता दें कि दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज मुकेश ने कोलकाता में मनोज तिवारी की कप्तानी में खेलना शुरू किया था. मनोज तिवारी भारत के लिए मैच खेल चुके हैं. अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में मुकेश ने अब तक 26 मैचों में 95 विकेट लिया है. इस दौरान उन्हें अशोक डिंडा, मोहम्मद शमी के साथ भी खेलने और सीखने का मौका मिला. वहीं अरूण लाल और वकार यूनुस जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने उनकी बॉलिंग की तारीफ की है. ऐसे में बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहनेवाले मुकेश कुमार का इंडिया-ए क्रिकेट टीम में चयन से जिले के लोग ही नहीं बल्कि पूरा बिहार खुश है.

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  • बिहार: पहले तो जमकर बरसे फिर ललन सिंह ने सबके सामने PM मोदी का ऑडियो टेप जारी किया, कहा-आप भी सुनिए

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में आयोजित एक कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब भी टीवी खोलिए देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की बात की जा रही है. इतना ही नहीं ललन सिंह ने सबके सामने ही पीएम मोदी का ऑडियो टेप सुनाया और सीबीआई रेड पर जमकर हमला बोला. दरअसल बीते दिनों कई आरजेडी नेताओं के घर पर सीबीआई की छापेमारी हुई है. जिसको लेकर सत्ता पक्ष के द्वारा बीजेपी पर निशाना साधा रहा है.

    दरअसल नालंदा के भतहर हाई स्कूल में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व महाचिव स्वर्गीय चंदेश्वर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. इस कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार समेत कई जदयू नेता शामिल हुए. इस दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पीएम मोदी पर जमकर बरसे और कहा कि जब भी टीवी खोलिए देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की बात की जा रही है. यह देश सभी धर्म के लोगों का है. इसलिए देश की राजनीत अब करवट ले रही है. वहीं इस दौरान ललन सिंह ने आम जनता के सामने पीएम मोदी का एक ऑडियो जारी किया. जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सीबीआई के खिलाफ आवाज उठाई थी और आज उसी सीबीआई के सहारे बिहार के नेता को डराने का काम कर रहे हैं.

    इससे पहले नालंदा के भतहर हाई स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत जदयू के कई बड़े नेता शामिल हुए. इसी दौरान सांसद कौशलेंद्र कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के अलवा स्थानीय विधायक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. मंत्री श्रवण कुमार ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम उम्मीदवार के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सभी पार्टियों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी ने एनडीए को छोड़ा, लात मारा इसकी पूरी देश में चर्चा है. हर राजनीतिक दल का नेता नीतीश की ओर टकटकी लगाए देख रहा है. ललन सिंह इस काम में लगे हुए हैं. आने वाले समय में नालंदा का बेटा बिहार की धरती का नौजवान, बिहार की धरती के सीएम नीतीश कुमार जी लाल किले पर झंडा फहराएंगे.

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  • राहुल गांधी को जेल भेजना चाहते हैं सुशील मोदी, कहा-नीतीश कुमार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है

    लाइव सिटीज पटना: आज यानी शुक्रवार को राहुल गांधी के ‘सारे मोदी चोर हैं बयान पर पटना के MP-MLA कोर्ट में गवाही हुई. इस मामले में भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा किया था. सुशील मोदी ने मामले में अपनी गवाही दी. कोर्ट में पेशी के बाद सुशील मोदी ने मेरा सरनेम भी मोदी है. राहुल गांधी की इस बात से मैं बहुत अपमानित महसूस कर रहा था. मेरी चाहत है कि कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी जेल जाएं. वहीं सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विधानसभा में अवध बिहार चौधरी के स्पीकर बनने के बाद जेडीयू की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

    राहुल गांधी के ‘सारे मोदी चोर हैं बयान मामले में कोर्ट में पेशी के बाद सुशील मोदी ने कहा कि मेरा सरनेम भी मोदी है. पूरे बिहार में लोग मुझे मोदी के नाम से ही ज्यादा जानते हैं. राहुल गांधी की इस बात से मैं बहुत अपमानित महसूस कर रहा था. इसी कारण मैंने मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने कहा कि उनकी चाहत है कि कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी जेल जाएं. उन्हें कोर्ट से जेल जाने की सजा मिले. वहीं सुशील मोदी पर नीतीश कुमार हमला करते हुए कहा कि विधानसभा में अवध बिहार चौधरी के स्पीकर बनने के बाद जेडीयू की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आरजेडी को सिर्फ 5-6 विधायक चाहिए, स्पीकर उनका है. मांझी के चार लोग कभी भी पाला बदल सकते हैं. आरजेडी जेडीयू के केवल दो तीन विधायकों को भी तोड़ लेगा तो उनकी सदस्यता कोई खत्म नहीं कर सकता है, तो नीतीश कुमार अपनी पार्टी को बचाएं.

    सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी घोटाले में जल्दी से जेल चले जाएं, उसके बाद आरजेडी को तोड़ देंगे. दोनों ही दल एक-दूसरे को तोड़ने की फिराक में लगे हैं. वहीं बीजेपी सांसद ने कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज बताया. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को लगता है कि डूबते हुए जहाज पर सवार हो जाएंगे तो हो सकता है कि प्रधानमंत्री बन जाएं. लेकिन कांग्रेस के साथ जो भी जाएगा उसकी भी नैया डूबनी तय है. नीतीश कुमार को कोई बचा नहीं सकता है. दरअसल जब से नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए हैं सुशील मोदी काफी आक्रमाक हो गए हैं.

    बता दें साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की एक सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि सारे मोदी चोर हैं. उन्होंने अपनी भाषण में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम लिया था. इस मामले में भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा किया था.
    आज यानी शुक्रवार को राहुल गांधी के ‘सारे मोदी चोर हैं बयान मामले पर पटना के MP-MLA कोर्ट में गवाही हुई. सुशील मोदी ने मामले में अपनी गवाही दी. सुशील मोदी ने बताया कि राहुल गांधी इस मामले में एक बार कोर्ट के समक्ष पेश हो चुके हैं और फिलहाल बेल पर हैं. इस मामले पर 16 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.

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  • औरंगाबाद: सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की नक्सलियों की मंशा नाकाम, हथियार-विस्फोटक का जखीरा बरामद

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के औरंगाबाद में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की नक्सलियों की मंशा को नाकाम करने में चलाये जा रहे सर्च ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. औरंगाबाद की पुलिस और कोबरा 205 बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में एक बार फिर नक्सलियों के मंसूबों को ध्वस्त किया गया है. शुक्रवार को समाहरणालय स्थित पुलिस कक्ष में प्रेसवार्ता करते हुए एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने इसकी जानकारी दी. एसपी ने बताया कि गुरुवार को स्थानीय सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई कि नक्सली सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे हैं. इसी आधार पर सीआरपीएफ, कोबरा तथा जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित कर अजनवा पहाड़ तथा उसके आसपास के जंगली इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया.

    एसपी ने बताया कि मदनपुर के अजनवा पहाड़, कसमर स्थान, बनरवा और निमिया बथान एवं इसके आसपास के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के सशस्त्र दस्ते के द्वारा सुरक्षा बलों पर हमला करने की योजना बनाई जा रही है. सूचना के आधार पर मेरे एवं कोबरा 205 के समादेष्टा के निर्देशन में अभियान एएसपी एवं कोबरा 205 के उप समादेष्टा संजय बेलवाल के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस बल के साथ संयुक्त छापेमारी की कार्रवाई की गई. छापेमारी को देखते हुए नक्सलियों के पांव उखड़ गए और वे भाग खड़े हुए.

    एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सुरक्षाबलों को देखते हुए नक्सली भाग खड़े हुए लेकिन इस दौरान माओवादियों द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में छोड़े गए चावल, दाल, तेल, मसाला, नमक, कपड़ा, बर्तन के साथ-साथ 5 किलो का एक और एक किलो का एक केन बम, 250 मीटर कोटैक्स वायर बरामद करते हुए उन सभी सामग्रियों को वही नष्ट कर दिया गया. इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों से 303 बोर का एक राइफल, 315 बोर का मैगजीन सहित एक राइफल एवं 315 बोर लाइव राउंड के 28 कारतूस जब्त कर मदनपुर थाना लाया गया है.

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  • चिराग पासवान ने बढ़ा दी BJP की टेंशन, साथ आने को रखी चार शर्त, नीतीश कुमार पर लगे बैन, चाचा को किया जाए बाहर

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलकर महागठबंधन में शिफ्ट हो जाने के बाद बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. वह बिहार में बिलकुल अकेली हो गई है. इस झटके से उबरने के लिए बीजेपी को बिहार में एक मजबूत साथी की तलाश है. जिसका नाम है चिराग पासवान. हम प्रमुख जीतनराम मांझी भी अब महागठबंधन की रथ पर सवार है. वहीं एनडीए के साथ अब पशुपति पारस गुट की राष्ट्रीय एलजेपी ही रह गई है. बताया जा रहा है कि चिराग पासवान से भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने बात की है. लेकिन उन्होंने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. चिराग पासवान ने बीजेपी के साथ आने के लिए चार शर्त सामने रखी है. जिसमें नीतीश कुमार की कभी एनडीए में वापसी नहीं हो, वहीं चाचा पशुपति पारस को हटाया जाए.

    बिहार बीजेपी चिराग पासवान को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. बताया तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने चिराग पासवान से संपर्क किया था और एक बार फिर से लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जमुई सांसद चिराग पासवान को NDA गठबंधन में शामिल कराने की तैयारी में है. इधर राजनीति में लगातार हासिए पर जा रहे चिराग पासवान भी एनडीए में आने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए उन्होंने बीजेपी के साथ कुछ शर्ते रखी है. पहली शर्त यह है कि चिराग पासवान चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें यह विश्वास दिलाए की वह भविष्य में भी नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी नहीं कराएंगे. इसके साथ ही चिराग पासवान ने दूसरी शर्त यह रखी है कि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को एनडीए से बाहर किया जाए.

    नीतीश कुमार की कभी एनडीए में वापसी नहीं हो, वहीं चाचा पशुपति पारस को हटाए जाने के अलावे चिराग पासवान ने बीजेपी के सामने दो और शर्त रखी है. चिराग चाहते हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल हो जाए और एलजेपी के हिस्से वाली सीट अभी ही तय कर दिए जाए. इसके साथ ही चिराग ने वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह देने की मांग भी की है. बीजेपी नेताओं के संपर्क करने पर चिराग पासवान की पार्टी ने कहा है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के नजदीक आने पर ही वो अपने पत्ते खोलेंगे. इससे पहले चिराग पासवान ने बिहार की नई सरकार को लेकर कहा था कि मौसम विज्ञानिक का बेटा हूं इसलिए मैं कुछ चीजें देख सकता हूं. बिहार में मध्यावधि चुनाव होगा और एलजेपी चुनाव की तैयारी कर रही है.

    बीजेपी में आने के लिए चिराग पासवान की 4 शर्तें

    NDA में नीतीश कुमार की कभी वापसी नहीं होगी
    2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल हो जाए
    वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह दी जाए
    केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस को बाहर किया जाए

    अब सवाल यह है कि आखिर चिराग पासवान को बीजेपी अपने पास क्यों रखना चाहती है. दरअसल बिहार NDA गठबंधन में अब सिर्फ केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ही है. मुकेश सहनी की पार्टी VIP पहले ही NDA से अलग हो गई है. वहीं जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवामी मोर्चा भी महागठबंधन में शामिल हो गई है. बिहार में दलित-महादलित का कुल 16 प्रतिशत वोट बैंक है. इसमें भी 6 प्रतिशत वोट बैंक चिराग पासवान के साथ है. ऐसे में बीजेपी की नजर दलित-महादलित के 6 प्रतिशत वोट बैंक पर है. इस समय चिराग पासवान बीजेपी की मज़बूरी और जरुरत दोनों है.

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  • नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का महागठबंधन सरकार पर हमला, स्पीकर से कर दी मांग, CM से पूछे सवाल

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा की विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी के विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पहले ही दिन सरकार को खूब घेरा और नए स्पीकर अवध बिहारी चौधरी से कहा कि आप ये सुनिश्चित करें कि विधायिका की गरिमा कैसे बढ़े. मैं चाहता हूं कि जिस आसन पर आप बैठे हैं, उसे आप प्रभावित करें. बिहार जो अपराध और भ्रष्टाचार से कलंकित हुआ है, उससे आप मुक्ति दिलाएं.

    विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में अवध बिहारी चौधरी के चुनाव के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने अपनी बाते रखी. चर्चा के दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आपस में भिड़ गए और सदन में खूब शोर-शराबा हुआ. नए स्पीकर का धन्यवाद करते हुए विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा क चर्चा करते हुए सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए. जिसका विरोध सत्ता पक्ष के विधायकों ने किया. वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायक ने विशेष समिति और आचार समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग को लेकर हाथ में पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

    शुक्रवार को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सरकार को घेरने से पहले विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को नीतीश-तेजस्वी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस के नीति की हवा निकल गई है. इनके मंत्रिमंडल में 72 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री दागी हैं, लेकिन इनकी बोलती बंद है, तेजस्वी यादव जांच एजेंसी की खिल्ली उड़ा रहे हैं. इन्हें ना तो कानून के प्रति श्रद्धा है, और ना ही जांच एजेंसियों पर भरोसा है. किसी भी व्यक्ति और संस्था द्वारा जांच एजेंसियों और संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना भी अलोकतांत्रिक व्यवहार की श्रेणी में आता है.

    बता दें कि आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा स्पीकर पद के लिए नामांकन किया था और अब वो निर्विरोध चुन लिए गए हैं. शुक्रवार को अवध बिहारी चौधरी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे. इस मौके पर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मैं किसान हूं और किसानों की समस्या उठाता रहा हूं. मैं राजेंद्र बाबू की धरती से आता हूं. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं लालू प्रसाद यादव जी का करीबी हूं. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में अवध बिहार चौधरी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पुराना अनुभव है सबको उसका लाभ मिलेगा. चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष.

    डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद पर आसीन होने की बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि आप आसन पर बैठकर न्याय का काम करेंगे. तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की नई सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के हित में बनी है. वहीं विजय सिन्हा ने इस मौके पर सदन में अवध बिहारी चौधरी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आप डॉक्टर राजेंद्र बाबू की धरती सीवान की पवित्र माटी से आप बहुत सारे अनुभव को लेकर आए हैं.

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  • बिहार के सभी यादव के बेटे को मुख्यमंत्री बनने का अधिकार है, जीवेश मिश्रा ने तेजस्वी यादव के ‘ठंडा देंगे’ पर किया पलटवार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बयान ‘ठंडा दिया जाएगा’ को लेकर जारी सियासी गर्मा-गर्मी के बीच बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने पलटवार किया है. तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए जीवेश मिश्रा ने उन्हें गरेड़िया और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को असली यादव बताया.
    वहीं तेजस्वी यादव के ठंडा कर देंगे वाले बयान पर जीवेश मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में भारत का संविधान सभी को विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बनने का बराबर अधिकार देता है. तभी आज एक चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सका है.

    बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भड़कते हुए कहा कि ये जो राजशाही टाइप लोग हैं, तेजस्वी यादव जैसे लोग, जो ये समझते हैं कि वह लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं इसलिए अक्ल हो या न हो वही उपमुख्मंत्री बनेंगे, तो यह भ्रम है. बीजेपी नेता ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए आगे कहा कि बिहार में ये लोग जो राजशाही चला रहे हैं, ये लोग भ्रम में हैं. बिहार के सभी यादव के बेटे को चाहे वो पढ़े लिखें हो या गाय-भैंस चरा रहे हो या मजदूरी कर रहे हो सबको मुख्यमंत्री बनने का अधिकार है. दरअसल गुरुवार को तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को कहा था कि मुख्यमंत्री बनने का सपना ना पाले.

    बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बयान ‘ठंडा दिया जाएगा’ को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम कोई मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नहीं हैं. पूरे देश और दुनिया का काम मुझे प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ने दिया है. हमको लगता है आज तेजस्वी इसलिए गठबंधन कर लिया कि उसे लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी नित्यानंद राय को शायद मुख्यमंत्री बनाने वाली है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने एक बात और कहा कि ठंडा कर देंगे. हम त कहे कि ठंडा तू करिएदे. यह कहने के बाद नित्यानंद राय ने एक शर्त रखकर तेजस्वी यादव को चैलेंज कर दिया.

    बता दें कि बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी और अपने ऊपर लग रहे आरोप को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. इसी दौरान तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का नाम लिए बिना कहा कि भाजपा के केंद्र में मंत्री हैं, जो बिहार में महाराष्ट्र वाला खेला करना चाह रहे थे. उन्होंने अपने अंदाज में उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि “वे लाइन में रहें. सब कुछ ठंडा दिया जाएगा”. दिल्ली से कोई बचाने नहीं आएगा.

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