पटना । तख्त श्री हरमंदिर के प्रधान अवतार सिंह हित का निधन, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित का नई दिल्ली में निधन।
नई दिल्ली के हरिनगर स्थित आवास पर अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाने के क्रम में जीपीसी के अध्यक्ष की हुई मौत, 80 वर्षीय अवतार सिंह हित पंजाब के सुलतानपुर लोदीपुर के थे निवासी।
दरभंगा । बिहार के सबसे बड़े सोना लूट कांड के पीड़ित परिवार को फिर मिला धमकी । सोने चांदी के सबसे बड़े शो रूम दगरु सेठ ज्वेलर्स के मालिक संतोष लठ से मांगी रंगदारी ।
रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी । पे फोन नंबर देकर अपराधी ने रुपये भेजने का की कही बात ।
परिवार डर के मारे दहशत में बच्चो को स्कूल भेजना किया बंद । खुद भी बाहर निकलने से किया परहेज ।
मैसेज में खुद को दरभंगा जेल में होने की कही बात । पीड़ित दुकानदार के साथ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लोगो ने देर शाम की SSP से मुलाकात ।
बिहार की राजनीति बवंडर कभी भी बिहार विधानसभा को किया जा सकता है भंग जदयू और राजद का आपस में हो सकता है विलय।
विपक्षी एकता को लेकर नीतीश का मिशन 2024 की शुरुआत जिस तरीके से हुई है उससे नीतीश काफी उत्साहित है और कहा ये जा रहा है कि नीतीश हाल के दिनों में बेहद चौकाने वाले निर्णय ले सकते हैं और इसको लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच लगभग सहमति बन गयी है ।
जो खबर आ रही है उसके अनुसार नीतीश बिहार विधानसभा को भंग कर चुनाव में जाना चाह रहे हैं और उससे पहले नीतीश राजद और जदयू के विलय की घोषणा कर देश स्तर पर ये संदेश देना चाहते हैं कि देश को बचाने के लिए हमने अपनी पार्टी तक को दांव पर लगा दिये।
क्यों कि दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्षी दल के नेताओं में नीतीश कुमार को लेकर जो उत्साह देखने को मिल रहा है उससे ये साफ हो गया है कि नीतीश कुमार देश के सारे विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने में कामयाब हो सकते हैं। क्यों कि नीतीश कुमार दिल्ली से गया के रास्ते में ही थे कि ममता बनर्जी ने नीतीश के अभियान में साथ आने की घोषणा कर नीतीश के अभियान को और बल दिया है ।
1– राजद जदयू का विलय ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार से बाहर निकलने से पहले नीतीश बिहार की राजनीति में ऐसी किलाबंदी चाह रहे हैं ताकि बीजेपी की सम्भावना बिहार की राजनीति में पूरी तरह से खत्म हो जाये और इसके लिए 2015 के परिणाम से सीख लेते हुए नीतीश और लालू इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के आपसी रिश्तों में जो खाई है उसको पाटने का वक्त नहीं है और इस बार बड़े भाई छोटे भाई के लिए भी कोई जगह ना रहे इसके लिए दोनों पार्टी के आपस में ही विलय कर दिया जाए।
फिलहाल जिस फॉर्मूला पर बातचीत चल रही है उसके अनुसार नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उसके बाद तेजस्वी को पार्टी और सरकार सौंप देंगे वैसे इस फॉर्मूला पर बीजेपी से गठबंधन तोड़ने से पहले नीतीश की तेजस्वी और लालू प्रसाद से कई दौर की बातचीत हो चुकी है। देश स्तर पर विपक्षी एकता का स्वरुप जैसे जैसे शक्ल लेता जाएगा नीतीश बिहार में इस अभियान को आगे बढ़ाते जाएंगे क्यों कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की बात करे तो एनडीए में भाजपा 121 और जदयू 122 सीटों में चुनाव लड़ी थी और उसमें से सात सीट जदयू ने हम को दिए थे इसी तरह महागठबंधन में 144 सीटों पर RJD, 70 सीटों पर कांग्रेस और 29 पर लेफ्ट पार्टियां चुनाव लड़ी थी।2020 के चुनाव में भाजपा 19.46%, जदयू 15.39%,राजद 23.11% वोट मिला था वही कांग्रेस को 09.48% ,भाकपा माले को लगभग 4 प्रतिशत सीबीआई 0.83% 02,माकपा 0.65%रालोसपा 01.77% मतलब सबके सब साथ आ जाये तो लगभग 55 प्रतिशत वोट का शेयर हो जायेंगा वही 2020 के चुनाव में जो ओवैसी फैक्टर राजद गठबंधन को जो नुकसान पहुंचाया उसे कम किया जा सकता है।वहीं जदयू और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं रहेगा जब पार्टी का एक दूसरे में विलय कर दिया जाएगा ।
विलय को लेकर नीतीश गंभीर इसलिए हैं कि इसके सहारे दो संदेश देना चाह रहे हैं एक नीतीश पलटूराम के इमेज से बाहर निकल जाएंगे और बिहार की राजनीति जो अति पिछड़ा ,महादलित और पसमांदा में बट गया था वो एक बार फिर से साथ आ जाएंगे वही देश स्तर पर पार्टी के विलय के सहारे संदेश देने कि कोशिश होगी कि मोदी को लेकर बिहार किस स्तर पर सोच रहा है।
2— जल्द ही होगा बिहार में मध्यावधि चुनाव बिहार में मध्यावधि चुनाव होगा यह तय हो गया है बस इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि गुजरात के साथ दिसंबर में चुनाव में जाया जाये या फिर 2023 में होने वाले राजस्थान,मध्य प्रदेश के चुनाव के साथ जाया जाए, क्यों कि एक राय ये भी बन रही है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकता के सहारे मोदी को पहले गुजरात में ही घेरा जाए और इसके लिए नीतीश कुमार सहित विपक्ष के तमाम बड़े चेहरा गुजरात चुनाव में कैम्प करे ,वही दूसरा धरा का यह मानना है कि बिहार से ही बीजेपी मुक्त भारत की शुरुआत कि जाए और इसके लिए गुजरात के साथ बिहार का भी चुनाव करना बेहतर होगा।देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तो तय हो गया कि अब खेला होबे ।
भागलपुर । प्रशांत किशोर ने भागलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार द्वारा उनपर किए गए टिप्पणी का जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार जी यहां के बुजुर्ग नेता हैं, वो कुछ बोलना चाहते हैं तो उनको बोलने दीजिए।
व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है। अगर उन्होंने कुछ कहा है तो वो उनकी सोच है। कौन बीजेपी के साथ काम कर रहा है, जहां तक मैं और आपलोग जानते हैं अभी 1 महीना पहले तक नीतीश जी बीजेपी के साथ ही थे। नीतीश कुमार अगर किसी को इस तरह का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तो ये हास्यास्पद ही है।”
नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद आपको याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है, पहले ही दे देना चाहिए था। लेकिन चलिए अब नीतीश कुमार इतने बड़े नेता हैं, उनको A से Z तक पता है। दूसरे को ABC नहीं आता है।
उन्होंने कहा है कि 10 लाख नौकरी देंगे, अगर दे देंगे तो हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है। अगर 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो उनको नेता मानकर जैसे 2015 में उनका काम कर रहे थे, फिर से उनका काम करेंगे। उनका झंडा लेकर घूमेंगे। 10 लाख लोगों को नौकरी दे कर दिखाइए साल भर में। 12 महीना में 1 महीना हो गया है। 12 महीना के बाद उनसे पूछेंगे कि किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का ज्ञान है।
अगर 10 लाख नौकरी दे दिए तो मान लेंगे कि सर्वव्यापी और सर्वज्ञानी आप ही है। एक भगवान ऊपर हैं और एक नीचे आप हैं।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव गया जी डैम और पितृपक्ष मेला का उद्घाटन करने के बाद विष्णुपद मंदिर पहुंचे जहां गर्भग्रह में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पूजा अर्चना किया। गया पाल पंडा के द्वारा विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कराई गई।
साथ ही विष्णुपद मंदिर के परिसर में 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष मेला 2022 का भी दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया ।गया पाल पंडा के द्वारा सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम को विष्णु का चरण चिन्ह देकर स्वागत किया।
हसनगंज रामनगर बंसी मुज़्ज़फर टोला और बरारी के कटौतियां में चल रहा है छापेमारी । अब तक छापेमारी कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है ।
बताया जा रहा है हाल के दिनों में पटना फुलवारी शरीफ में देश विरोधी गतिविधियों में पीएफआई का जो एंगेल सामने आया था उसी को लेकर कई लोगों का कनेक्शन कटिहार से ही है।
और एनआई के टीम स्थनीय थाना पुलिस के साथ उन्हीं के ठिकाने पर छापेमारी कर रही है।
दरभंगा । सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव तथा लहेरियासराय थाना क्षेत्र के उर्दू में पहुंची एनआईए की टीम, सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव में मोहम्मद मुस्तकीम के घर पर चल रही छापेमारी।
देश विरोधी गतिविधियों में फुलवारी शरीफ में इनके खिलाफ हुई थी एफआईआर। एफआईआर में इस गांव के मो सनाउल्लाह और मो मुस्तकीम है नामजद।
पिछले माह एनआईए की टीम ने इन दोनों जगहों पर की थी छापेमारी। छापेमारी दल के लोग मुस्तकीम के मां, पिता जी एवं भाई से कर रहे हैं पूछताछ। मुस्तकीम घर पर नहीं है मौजूद, पीएफआई से कनेक्शन को लेकर चल रही है करवाई।
सिंहवाड़ा थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने की है गांव की नाकेबंदी।