मुजफ्फरपुर। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लेकर अमर्यादित ट्वीट करने पर तेजस्वी यादव की मुश्किलें बाढ़ सकती हैं. दरअसल मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट के ही एमपी एमएलए कोर्ट में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ में परिवाद दायर किया गया हैं. बीजेपी नेता और एक सामाजिक कार्यकर्ता दिव्यांशु किशोर से आहत होकर के कराया गया मामला दर्ज। इस मामले में सुनवाई की तिथि 25 अगस्त को सुनवाई की तिथि किया गया है।
मुजफ्फरपुर जिले के एमपी एमएलए की कोर्ट में कराया गया मामला दर्ज।आपको बता दें कि बीते दिनों राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा भाजपा के केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ एक अमर्यादित टिप्पणी की गई थी और अब जिसको लेकर के आहत होकर मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा नेता दिव्यांशु किशोर ने हिंदू की भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर या मामला दर्ज कराया।
वही मामले को लेकर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि परिवादी के द्वारा एक मामला दर्ज कराया गया है जिसमें नेता राजद और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ऊपर एक टिप्पणी की गई थी जिसको लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 504 और 506 के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज कराया है जिसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की तिथि 25 अगस्त 2022 को मुकर्रर किया है।
बिहार बीजेपी को कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक शैली से सीख लेनी होगी यहां हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान और राष्ट्रवाद से मुखिया का भी चुनाव नहीं जीता जा सकता है ।
पिछले माह ही दिल्ली गये हुए थे उसी दौरान बीजेपी के मित्रों का फोन आया संतोष जी दिल्ली में हैं जी है दिल्ली में हैं मुलाकात होगी क्यों नहीं आज दोपहर बाद फुर्सत में हैं ठीक है तो तय रहा आज शाम पार्टी दफ्तर आइए यहां भी बढ़िया लिट्टी एक दम बिहार वाला खिलाते हैं और साथ में काफी पीते हैं।
तय कार्यक्रम के अनुसार शाम को बीजेपी पार्टी दफ्तर पहुंचे संबित पात्रा जैसे पार्टी के प्रवक्ता के साथ साथ दूसरे राज्यों के तीन चार सांसद भी मौजूद थे ।बिहार को लेकर इन लोगों को खास दिलचस्पी थी क्यों कि लगातार बिहार से कुछ ना कुछ गठबंधन को लेकर खबर आ ही रही थी।
मेरा परिचय ऐसा दिया गया था कि वो लोग इन्तजार कर रहे थे ।संंख्या को देखते हुए तय हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के बगल वाले हाँल में बैठा जाये बात बिहार पर शुरू हुई और चर्चा में गुजरात के एक सांसद भी मौजूद थे जो मोदी और शाह के काफी करीबी माने जाते थे बात शुरू ही हुई कि क्या सच में नीतीश साथ छोड़ छोड़ रहे हैं, मेरा कहना था किसी भी समय साथ छोड़ देंगे ईडी और सीबीआई के सहारे बहुत दिनों तक रोक नहीं सकते हैं।
तभी एक सांसद ने सवाल किया भाई साहब बिहार में ऐसा क्या है जिससे हमारे पार्टी के नेता भी घबराते हैं कुछ समझ में नहीं आता है कि बिहार में कैसे वापसी हो मोदी जी का भी आठ वर्ष होने को है सब जगह कमल लहराया रहा है लेकिन बिहार में खिल नहीं पा रही है।
मेरी समझ से इसकी तात्कालिक वजह है मोदी और शाह की सियासी सोच मोदी 2024 देख रहे हैं और शाह 2029 देख रहे हैं इस वजह से जो समस्या आपको यूपी में दिख रहा है वही समस्या बिहार में भी पनप रहा है सुशील मोदी सहित बिहार बीजेपी के जो नेता हैं उनको जिस तरीके से मुख्यधारा से हटाया गया है बिना किसी तैयारी के उसका खामियाजा आपके पार्टी को भुगतना पड़ेगा। आपकी पार्टी भी कांग्रेस शैली में ही चलना चाहती है बस एक नेता वो बिहार में नहीं चलेगा और याद रखिएगा बिहार में पार्टी अगर संकट में आयी तो फिर दिल्ली से संभाल नहीं पाइएगा जहां थे वही पहुंच जाइएगा इसलिए नीतीश के साथ आप लोग जो छद्म युद्ध लड़ रहे हैं उससे बिहार पर कब्जा नहीं हो सकता है बिहार का समाज सीधी लड़ाई में विश्वास करता है। वही बिहार का जो इतिहास है ,आर्थिक संरचना है ,संस्कृति और सामाजिक ताना बाना है उसमें आपकी पार्टी फिट नहीं बैठती है अभी भी बिहार में उस तरह से शहरीकरण नहीं हुआ जैसे देश के अन्य हिस्सों में हुआ है अभी भी ग्रामीण समाज मजबूत है और परम्परागत कृषि बिहार के बड़े आबादी का आर्थिक आधार है ।
प्राचीन इतिहास का भी असर है धर्म और राष्ट्रवाद का पाठ बिहारी के जीन में एक चरित्र में है फिर आजादी के आन्दोलन का गहरा छाप अभी भी बिहार के समाज पर है ।साथ ही आजादी के आन्दोलन के दौरान भी बिहार में कई तरह के आन्दोलन का उदय हुआ जिस वजह से बिहार की जमीन पर संघ और बीजेपी के लिए राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर प्रवेश की जगह उस समय था और ना ही आज है ।
संघ और बीजेपी की पैठ इतने दिनों में बनिया और सवर्ण से आगे नहीं बढ़ पाया है हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान के साथ साथ कुछ योजनाओं के सहारे आप चुनाव जीत लिये लेकिन बनिया, मध्यवर्ग और सवर्ण के अलावे जो नया वर्ग आपके साथ जुड़ा वहां ना तो बाद में संघ पहुंचा और ना ही बीजेपी पहुंची ।
वही बिहार में यूपी जैसा काशी मथुरा और ज्ञानवापी नहीं है जिसको दिखा दिखा कर आप हिन्दू मुसलमान वाले भाव को जगाते रहेंगे यही वजह है कि बिहार ना तो संघ के लिए और ना ही भाजपा के लिए कभी उर्वरा भूमि बन सका।
वही इनते दिनों में आपके पास ऐसा कोई नेता पैदा नहीं हुआ जिसका बिहार में कोई मजबूत सामाजिक आधार के साथ साथ साथ प्रखर वक्ता हो, क्यों कि बिहार के लोग भाषण सुनने के काफी शौकीन रहे हैं उस दौर में भी वाजपेयी जी को वोट भले ही नहीं मिलता था लेकिन लोग उनको जरुर सुनने जाते थे लेकिन आडवाणी जी के नाम पर लोग जुट जरुर जाते थे लेकिन जैसे ही उनका भाषण शुरू होता था मैदान से लोग जाने लगते थे ।इसलिए बिहार के लिए नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत सामाजिक आधार के साथ साथ अच्छा वक्ता होगा तभी नीतीश और लालू को हरा सकते हैं ।
आप लोग सोचिए बिहार की जनता क्यों नीतीश को बीच में खड़ा कर दे रहा है क्यों कि उसे ना तो भाजपा पर भरोसा है और ना ही राजद पर इसलिए नीतीश को ऐसा बहुमत देता है कि उसके बगैर बिहार में किसी की भी सरकार नहीं बन पाये ।
एक और बात आप लोग बिहार में दिल्ली से प्रयोग बंद करिए एक गुजराती को आप वहां संगठन महामंत्री बना कर भेज दिए हैं मुझे लगता है अभी भी आप लोग बिहार को समझ नहीं पाये हैं पूरे देश में जाति राजनीति का सच है लेकिन बिहार में जाति को लेकर एक अलग नजरिया है वो जाति को इतिहास के नजरिया से देखता है।
दिल्ली से किसी को भेज दिए और उसके जाति के लोग उसके साथ आ जायेंगे ऐसा कभी नहीं बिहार में हुआ है इतना बड़ा आपके पास थिंक टैंक है उनको कहिए बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर और नीतीश कुमार का कैसे उदय हुआ और उनकी राजनीतिक शैली क्या रही जो बिहार को दशकों तक प्रभावित रखा। ऐसे नेता का खड़ा करिए जिसके दिल और दिमाग में सवर्ण को लेकर घृणा ना हो बल्कि उसकी इतनी समझदारी जरुर होनी चाहिए कि इस वर्ग के वोटर अपमानित महसूस ना करे ।
अभी क्या हाल है बिहार में आपका कोर वोटर बनिया और सवर्ण आज आपका कोर वोटर नहीं रहा इसलिए नीतीश का जिस दिन साथ छुटा जनसंघ के जमाने में लौट जाइए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी इसलिए संघर्ष का रास्ता अपनाइए तभी आपकी बिहार में वापसी हो सकती है धनबल, ईडी और सीबीआई से बिहार का लोग डरने वाला नहीं है ।
आज नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी और इस्तीफा भी दिया। राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब शपथग्रहण समारोह बुधवार को राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में दो बजे होगा।
मतलब एक बार फिर कल यानी बुधवार की दोपहर शपथग्रहण समारोह होगा। महागठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि यह प्रारंभिक जानकारी है बाकी किन किन लोगों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी एक कल ही पता चल पाएगा।
बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को भूमिगत मार्ग से जोड़ने के लिए 375 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत की गयी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन इस कार्य को पूरा करेगा – मुख्यमंत्री
बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम के बीच की दूरी डेढ़ किलोमीटर है, जब भूमिगत मार्ग बनकर तैयार होगा तो यह पर्यटकों को काफी आकर्षित करेगा।
हमलोगों की इच्छा है कि अधिक से अधिक लोग इतिहास और अपनी विरासत को जानें। 2 अक्टूबर को बापू के जन्मदिन पर बिहार म्यूजियम में कार्यक्रम जरूर आयोजित करायें। उस दिन म्यूजियम भ्रमण की निःशुल्क व्यवस्था रखें। बिहार म्यूजियम के साथ-साथ पटना म्यूजियम का मेंटेनेंस ठीक ढंग से हो।
पटना, 07 अगस्त 2022 । मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आज पहली बार कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का अभिनन्दन करता हूँ।
7 अगस्त 2015 को बिहार संग्रहालय के एक हिस्से (बाल दीर्घा) का उद्घाटन हुआ था, इसे ध्यान में रखते हुए बिहार म्यूजियम शासी निकाय की बैठक हुयी थी, जिसमें 7 अगस्त 2022 को पहली बार बिहार संग्रहालय का स्थापना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। इस स्थापना दिवस समारोह का थीम देवी एवं महिला रखा गया है, यह बहुत बड़ी बात है। इस स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अगले दो माह तक अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिसमें दो दिवसीय कला मेला का भी आयोजन किया जाएगा यहाँ देवी एवं महिला पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गयी है। देवी एवं महिला पर आधारित प्रदर्शनी में पौराणिक काल से अब की बातों को प्रदर्शित करते हुए उसका विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है।
हम जब स्टूडेंट थे उस समय हमने पटना म्यूजियम को आकर देखा था हम जब सरकार में आयें तो पटना म्यूजियम के बगल में एक भवन बनाने का निर्णय लिया गया। हमने उसे जाकर देखा तो कहा कि इसे बनाने का कोई मतलब नहीं है। पटना म्यूजियम में जितने चीजें संग्रहित हैं उसे ठीक ढंग से प्रदर्शित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मानक का म्यूजियम बनाना होगा ताकि सभी धरोहर सुरक्षित रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धरोहरों का कालखंड एवं महत्व लोग जान और समझ सकें, इसके लिए सभी कलाकृतियों के नीचे विस्तृत जानकारी का भी उल्लेख करना होगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम देश में नहीं है इसलिए हमने इंटरनेशनल म्यूजियम बनाने का कांसेप्ट दिया। इसके लिए ग्लोबल टेंडर किया गया और कनाडा की लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को इंटरनेशनल म्यूजियम की पूरी अवधारणा का जिम्मा सौंपा गया। दुनिया भर में कनाडा की लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज 100 से अधिक संग्रहालयों की स्थापना कर चुकी है कनाडा की लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज के हेड अपने टीम के साथ आकर हमसे मिले थे और विस्तृत चर्चा हुयी थी।
हमने उन्हें अपना कॉन्सेप्ट बताया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाने के लिए काफी विमर्श हुआ म्यूजियम की डिजाइन के लिए भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का टेंडर हुआ जिसमें जापान के विश्व प्रसिद्ध मॉकी एंड एसोसिएट का चयन किया गया। हमें वर्ष 2018 में जापान जाने का मौका मिला तो वहां भी श्री फमिडियो मॉकी जी आकर मिले थे बिहार म्यूजियम के बिल्डिंग निर्माण के लिए एल एंड टी कम्पनी को काम दिया गया। यह निर्माण के लिए बहुत अच्छी कम्पनी मानी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम का निर्माण कराने के लिए 16 जून 2013 को 498 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृत की गयी। हमने कहा कि नेहरू पथ पर स्थित पांच सरकारी भवनों को तोड़कर वहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम का निर्माण कराया जाए। उस समय जो लोग उन भवनों में रहते थे वे कोर्ट चले गये और कुछ लोगों ने तरह-तरह के सवाल खड़े किये। अंततः सभी बाधाएं दूर हो गई। 08 जुलाई 2013 को इसका शिलान्यास किया गया और 7 अगस्त 2015 को इसके एक हिस्से का शुभारम्भ किया गया। उस दिन वर्षापात हुई थी, आज भी वर्षा होती तो काफी अच्छा लगता लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू के जन्म दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर 2017 को इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम के शेष दीर्घाओं का लोकार्पण कर दिया गया। उस कार्यक्रम में बाहर से बड़ी संख्या में लोग आये थे और इसकी काफी सराहना भी हुई थी। प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शक यहाँ पहुँचते है और यह बिहार का प्रमुख आकर्षक स्थल बन गया है। जब यह बनकर तैयार हो गया तो इसका नाम ‘बिहार म्यूजियम रखा गया। उन्होंने कहा कि इसमें पटना म्यूजियम से सामान लाकर रखा गया। यह तय किया गया कि प्री हिस्टोरिक पीरियड के पहले की सभी चीजें बिहार म्यूजियम में रखी जायेगी और बाद की चीजें पटना म्यूजियम में ही रहेगी। पटना म्यूजियम में प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद गैलरी, राहुल सांकृत्यायन द्वारा लायी गयी पाण्डुलिपि, नेचुरल हिस्ट्री आदि से संबंधित महत्वपूर्ण चीजें पटना गैलरी में ही संरक्षित हैं। पटना म्यूजियम के प्रांगण में भवन का निर्माण हो रहा है, हम चाहेंगे कि उसका काम और तेजी से पूर्ण हो ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अक्टूबर 2017 को जब आदरणीय प्रधानमंत्री जी बिहार दौरे पर आए थे तो इस म्यूजियम को आकर देखे थे। पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को भूमिगत मार्ग से जोड़ने के लिए 375 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत कर दी गई है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जो पटना मेट्रो रेल का निर्माण कर रही है, उसको ही भूमिगत मार्ग के निर्माण का काम दिया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन बहुत ही अच्छे ढंग से काम करता है। इन दोनों म्यूजियम के बीच की दूरी डेढ़ किलोमीटर है, जब भूमिगत मार्ग बनकर तैयार होगा तो पर्यटकों को काफी आकर्षित करेगा। भ्रमण करने वालों को अच्छी फीलिंग होगी ऐसी व्यवस्था कर दी जायेगी कि एक ही टिकट पर टूरिस्ट पटना म्यूजियम और बिहार संग्रहालय का भ्रमण कर सकें। तीन साल के अंदर यह काम पूरा होना है। हम तो चाहेंगे कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो। पटना म्यूजियम में खुदाई का काम शुरु किया गया है जिसके दो-तीन लेयर की खुदाई में तीसरी और चौथी शताब्दी के कई अवशेष मिले हैं। हमलोगों की इच्छा है कि इतिहास को लोग जानें, सिर्फ बिहार ही नहीं देश का इतिहास यहां से जुड़ा हुआ है। यहां के पौराणिक चीजों को लोग आकर म्यूजियम में देखेंगे ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाय। इस बार स्थापना दिवस के अवसर पर दो माह तक कार्यकम चलेगा यह काफी अच्छी बात है। यहाँ की मूर्तियों को अन्य जगहों पर नही ले जाया जाए ताकि वे पूरी तरह से सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि हम आग्रह करेंगे कि 2 अक्टूबर को बापू के जन्मदिन पर भी जरुर कुछ कार्यक्रम आयोजित कराइये। उस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने एवं संग्रहालय भ्रमण करने की व्यवस्था निःशुल्क रखें ताकि अधिक से अधिक लोग यहाँ प्रदर्शित धरोहरों को देख और अपने विरासत को समझ सकें। हमने इंटरनेशनल म्यूजियम बनवाया है। दुनिया भर में जो इंटरनेशनल म्यूजियम हैं वहां प्रदर्शित चीजों के नीचे उसके विषय में विस्तृत जानकारी का उल्लेख किया गया है इसलिए यहाँ भी रखे गये सभी धरोहरों के बारे में विस्तारपूर्वक स्पष्ट शब्दों में जरुर लिखवा दें ताकि देखने वाले लोग आसानी से समझ सकें। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के इस म्यूजियम में एक-एक चीज का मेंटेनेंस भी बेहतर तरीके से होना चाहिए। बिहार संग्रहालय के साथ-साथ पटना म्यूजियम का मेंटेनेंस भी ठीक ढंग से हो, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस काम को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाइए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में बिहार संग्रहालय के महानिदेशक श्री अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह एवं पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। बिहार संग्रहालय प्रांगण में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने ‘महिला एवं देवी नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया ।
समारोह को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन एवं बिहार संग्रहालय के महानिदेशक श्री अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। सचिव कला, संस्कृति एवं युवा विभाग श्रीमती वंदना प्रेयसी ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।
संबोधन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने ‘देवी एवं महिला पर आधारित प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ कर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में 8वीं से 14वीं शताब्दी के प्रस्तर कला से संबंधित मूर्तियाँ, टेराकोटा, कांस्य, 18वीं शताब्दी के पर्सियन स्कूल, 18वीं शताब्दी के मुगल स्कूल, 17 से 21 शताब्दी से जुड़ी चित्रकलाएं, 1962 से 2017 तक के समकालीन कला से संबंधित सामग्रियां प्रदर्शित की गयी है।
पटना । बिहार समेत पूरे भारत में डीजल,पेट्रोल,CNG, रसोई गैस एवं बढ़ती महंगाई के विरोध में कल पटना के ऑटो चालक विरोध प्रदर्शन करेंगें।
आज शनिवार पटना जंक्शन पर टाटा पार्क ऑटो स्टैंड में कार्यरत ऑटो यूनियनों के पदाधिकारियों की बैठक राजकुमार झा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय हुआ कि कल रविवार को पटना जंक्शन टाटा पार्क ऑटो स्टैंड में दिन के 11 बजे एक अनोखे जुलूस के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए डाकबंगला चौराहा तक जाएगा।
सरकार भले ही शराबबंदी को सफल बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। लेकिन शराब तस्कर भी अपने धंधे को निरंतर जारी रखे हुए हैं।
इसी कड़ी में जहानाबाद कोर्ट स्टेशन पर रेल थाने की पुलिस ने झारखंड से बिहार ला रहे अंग्रेजी शराब की बड़ी खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए तस्कर के पास से 36 बोतल अंग्रेजी शराब के साथ साथ 19 केन वीयर बरामद किए गए है। गिरफ्तार तस्कर से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है।
बताया जाता है कि इस तस्करी गिरोह में और लोग शामिल थे जो पुलिस की छापेमारी देख भाग निकले। पुलिस अधिकारी भुनेश्वर राम के मुताबिक पटना से गया जा रही मेमो पैसेंजर ट्रेन में शराब तस्करी करने का गुप्त सूचना प्राप्त हुआ था जिसके आधार पर कोर्ट स्टेशन पर छापेमारी करते हुए ट्रेन के एक डिब्बे से अंग्रेजी शराब की 36 बोतल 19 वीयर बरामद किए गए है साथ ही एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है।
पकड़ा गया तस्कर जहानाबाद शहर के बड़ी संगत निवासी जितेंद्र कुमार बताया जाता है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों के गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर छापेमारी करने में जुटी हुई है। रेल पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद शराब तस्करी करने वाले लोगों के बीच हड़कंप मच गया है।
बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है। इसमें कुल 685 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। 689 रिक्तियों के विरुद्ध 685 उम्मीदवारों का अंतिम रूप से हुआ चयन।
वैशाली के सुधीर कुमार टॉपर हैं। वहीं, अरवल के अमर्त्य कुमार आदर्श सेंकेंड टॉपर और मुजफ्फरपुर के आयुष कृष्णा थर्ड टॉपर हैं।
आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार ने बताया है कि इसमें 34 डीएसपी समेत विभिन्न विभागों में 685 अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परिणाम जारी किए गए हैं।