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  • बौद्ध दार्शनिक जन कवि बाबा नागार्जुन की 24 वीं पूण्यतिथि पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा—- मैथिली हिंदी के अप्रतिम लेखक और कवि बाबा नागार्जुन की आज पुण्यतिथि है। बाबा नागार्जुन ने अपनी कालखंड में कई नेताओं की जमकर आलोचना की। वह सच्चे अर्थों में एक जनकवि थे। उनके लिए जनता की रोजी-रोटी ही प्रमुख थी। आमतौर पर इतिहास में वैसे ही लेखकों व कलाकारों का ज्यादा नाम लिया जाता है जो सत्ता से तालमेल बिठा कर उनका जयकारे लगा कर चारणगीत गीत गाते हैं।

    सत्ता का विरोध कर अपने समाज के लोगों की आवाज बनने वालों की राह में तो बेशुमार कांटे बिछे होते हैं। बाबा नागार्जुन इस दूसरी श्रेणी में आते हैं। इसलिए उनकी डगर मुश्किलों से भरी थी। नागार्जुन मैथिली, हिन्दी और संस्कृत के अलावा पालि, प्राकृत, बांग्ला, सिंहली, तिब्बती सहित कई भाषाओं के जानकार थे। नागार्जुन सही अर्थों में भारतीय मिट्टी से बने आधुनिकतम कवि हैं। आम जन के कवि बाबा नागार्जुन का जन्म मधुबनी जिले के सतलखा हुसैनपुर गांव में 30 जून सन् 1911 को हुआ था। दरअसल सतलखा बाबा नागार्जुन का ननिहाल है। मूल रूप से जनकवि नागार्जुन दरभंगा के तरौनी के रहनेवाले थे। इनके पिता का नाम गोकुल मिश्र और माता का नाम उमा देवी था। नागार्जुन के बचपन का नाम ‘ठक्कन मिसर’ था। गोकुल मिश्र और उमा देवी को लगातार चार संताने हुईं और असमय ही वे सब चल बसीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही संस्कृत पाठशाला में हुई। आगे की पढाई वाराणसी और कोलकाता में किया। 1936 में ये श्रीलंका चले गए और वहीं बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की।

    कुछ समय श्रीलंका में ही रहे फिर 1938 में भारत लौट आए। बाबा नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र था। उन्होंने काव्य रचना के लिए उपनाम नागार्जुन रखा, इसके अलावा मैथिली रचनाओं के लिए वे यात्री उपनाम से लिखते थे। खांटी किसान और पुरोहिती परिवार में जन्में नागार्जुन बचपन से ही संवेदनशील प्रवृत्ति के रहे। बाबा नागार्जुन या वैद्यनाथ मिश्र की प्रारम्भिक शिक्षा संस्कृत में हुई। राहुल सांस्कृत्यायन से ये प्रभावित रहे। सांकृत्यायन की रचना ‘संयुक्त निकाय’ का इन्होंने पाली में अनुवाद किया। पाली सीखने के लिए बाबा नागार्जुन श्रीलंका चले गए। जहां बौद्ध भिक्षुओं को वे संस्कृत सिखाते थे और खुद पाली का अभ्यास करते थे। यहीं उन्होंने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली और बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम को अपना लिया। सन् 1929 ई. में नागार्जुन की पहली रचना मिथिलना नामक पत्रिका में छपी थी।

    हिंदी में पहली रचना ‘राम के प्रति’ नामक कविता थी जो लाहौर से निकलने वाले साप्ताहिक ‘विश्वबन्धु’ में छपी थी। नागार्जुन की कुल रचनाओं की बात करें तो इन्होंने करीब आधा दर्जन उपन्यास, दर्जनों कविता संग्रह, मैथिली कविताओं का संग्रह लिखा। जिसका विभिन्न भाषाओं में अनुवाद भी किया गया। बाबा नागार्जुन को लोग जनकवि कहते थे। बाबा नागार्जुन की शख्सियत हरफनमौला रही। सियासी कटाक्ष वे बेहद सरल शब्दों में कर जाते थे। न सिर्फ लेखन बल्कि जन आंदोलनों में बाबा नागार्जुन की अहम भागीदारी रही। बाबा नागार्जुन ने समाज की रूढियों का मुकाबला भी किया। जब वे बौद्ध धर्म अपनाकर पहली बार गांव लौटे तो उनकी ही जात बिरादरी के लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया। जिसकी बाबा ने कभी परवाह ही नहीं की, क्योंकि वे जानते थे कि उनकी बौद्धिक क्षमता और सोच किसी मजहब की जंजीरों में जकड़कर नहीं रह सकती है। बाबा की धारधार काव्य रचनाओं ने उन्हें आम लोगों के हृदय का सम्राट बना दिया। उनकी रचनाओं में गरीबों, दलितों और मजलूमों की आवाज छिपी है। फक्कड़ कवियों की फेहरिस्त में कबीर के बाद बाबा नागार्जुन का ही नाम आता है। बाबा ने सामाजिक सरोकार को कभी नहीं छोड़ा।

    साथ ही सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। आजादी के बाद उनकी उम्मीदें टूटती रही। कवि मन कराह रहा था कि किस तरह अंग्रेजों की गुलामी के बाद अपने ही लोग लूट खसोट में लगे हैं। जिसके बाद वे मुखर होकर अपनी कविताओं के जरिए शासन के कारनामों को उजाकर किया। बिहार में सन् 1941 में किसान आंदोलन हुआ। बाबा ने सबकुछ छोड़कर आंदोलन में अपने आप को झोंक दिया था। तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने बाबा नागार्जुन को गिरफ्तार कर लिया। बाबा नागार्जुन की बेबाकी ऐसी कि उन्होंने गांधी पर भी टिप्पणी करने से कभी हिचक महसूस नहीं की। बाबा नागार्जुन ने कविता को छायावाद, रुमानियत, सौन्दर्यवाद से बाहर निकालकर समाज और आम आदमी से जोड़ने की महत्वपूर्ण कोशिश की। बाबा नागार्जुन प्रगतिशील धारा के उस वक्त के कवि हैं जब देश राजनीतिक उथल पुथल के साथ अन्य आंदोलनों से होकर गुजर रहा था। आजादी के बाद जनता की हालत जस की तस देखकर नागार्जुन को यह समझ आने लगा था कि आजादी महज सत्ता परिवर्तन है। जनता की हालत पहले भी वही थी और अब भी वही है। उनकी कविताओं में जनता का दर्द है, आम आदमी का संघर्ष है।

    फक्कड़पन और घुमक्कड़ी प्रवृति नागार्जुन के जीवन की प्रमुख विशेषता रही है। व्यंग्य नागार्जुन के व्यक्तित्व में स्वाभवत: सम्मिलित था। चाहे सरकार हो, समाज हो या फिर मित्र- उनके व्यंग्यबाण सबको बेध डालते थे। कई बार संपूर्ण भारत का भ्रमण करने वाले इस कवि को अपनी स्पष्टवादिता और राजनीतिक कार्यकलापों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा। लेकिन फिर भी लोकजीवन, प्रकृति और समकालीन राजनीति उनकी रचनाओं के मुख्य विषय रहे हैं। विषय की विविधता और प्रस्तुति की सहजता नागार्जुन के रचना संसार को नया आयाम देती है। छायावादोत्तर काल के वे अकेले कवि हैं जिनकी रचनाएँ ग्रामीण चौपाल से लेकर विद्वानों की बैठक तक में समान रूप से आदर पाती हैं। जटिल से जटिल विषय पर लिखी गईं उनकी कविताएँ इतनी सहज, संप्रेषणीय और प्रभावशाली होती हैं कि पाठकों के मानस लोक में तत्काल बस जाती हैं।

    बाबा नागार्जुन हिंदी साहित्य के आधुनिक कबीर थे

    हिंदी साहित्य में बाबा नागार्जुन को आधुनिक कबीर कहा जाता है। कबीर की ही तरह बाबा नागार्जुन ने अपने समय की समस्याओं, कुरीतियों पर अपनी कविताओं से प्रहार किया। कभी वे कट्टरपंथी विचारधारा नक्सलवाद के साथ खड़े नजर आए तो कभी जय प्रकाश के आंदोलन में। इस कारण उनकी आलोचनाएं भी होती रहीं। एक तरफ जहां उन्होंने इंद्रा गांधी को बाघिन कहा और चिड़ियाघर में कैद हो जाने की बात कही।

    इमरजेंसी के दौरान ही इंदिरा गांधी के लिए कई कविता लिखे

    इंदुजी, इंदुजी क्या हुआ आपको? तार दिया बेटे को, बोर दिया बाप को। कहते हैं जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। इसी कहावत को चरितार्थ करती उनकी यह लाइन जो उन्होंने इंदिरा शासन के वक्त कही थी। ‘शेर के दांत, भालू के नाखून मर्कट का फोटा। हमेशा हमेशा राह करेगा मेरा पोता’।

    नेहरू और शास्त्री पर भी व्यंग्य किये

    आजादी के तुरंत बाद जब महारानी एलिजाबेथ भारत दौरे पर आई थी। इस दौरान बाबा नागार्जुन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर व्यंग्य तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, ‘आओ रानी हम ढोएंगे पालकी, यही हुई है राय जवाहरलाल की।’ इसके बाद जब लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने तो बाबा ने उन्हें भी नसीहत दी और कहा, ‘लाल बहादुर, मत बनना तुम गाल बहादुर।’

    शाशन की बंदूक कविता

  • नगर परिषद् ने जारी किया वाट्स ऐप न०,लोग डाल सकेंगे समस्या का वीडियो !

    हिलसा ( नालंदा ) नगर से संबधित समस्याओं के निदान हेतु हिलसा नगर परिषद् ने एक वाट्स ऐप न० जारी किया है। बीते दिनों प्रकृति पूजन व स्वच्छता के पर्व छ्ठ पर्व के दौरान समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव ने यह नम्बर जारी किया। नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार की उपस्थिति में वाट्स ऐप न० 7295842178 जारी करते हुए ब्रांड ऐंबेसडर डा. आशुतोष मानव ने कहा कि यह शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    इस नम्बर पर हिलसा नगर परिषद के नागरिक नल-जल,प्रदूषण,कचरा उठाव के साथ अन्य नगर परिषद् से जुड़ी समस्याओं का वीडियो,फोटो भेजकर शिकायत कर सकेंगे। यह नम्बर कार्यपालक पदाधिकारी के साथ साथ अन्य सम्बंधित अधिकारी की निगरानी में रहेगा और वे नम्बर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के यथाशीघ्र निदान का प्रयास करेगें।

  • डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य सलाहकार नियुक्त

    kumud ranjan – प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने साहिबाबाद उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य राजभाषा प्रबंधक, समाजसेवी डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य को सलाहकार नियुक्त किया है ।डॉ शर्मा बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी है।आपकी 4 पुस्तकें,30 लेख,2 शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं।इन्हें भारत सरकार के राजभाषा विभाग ने हिंदी विद्वानों की सूची में शामिल किया है। आपको भारत सरकार ने श्रेष्ठ राजभाषा कार्यान्वयन के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाजा है। दिनांक 04.11.2022 को जारी अपनी विज्ञप्ति में कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि संस्था में निरंतर शामिल होकर कवि साहित्यकार समाजसेवी पत्रकार शिक्षाविद हिंदी प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान कर रहे हैं और अपने कार्यों से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

    प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के प्रेरणा स्त्रोत डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेयी जी ने कहा कि हिंदी प्रचार प्रसार में देश के साथ साथ विदेशों में भी प्रेरणा के अभियान की सराहना हो रही है जिससे हमें अपने कार्य के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
    डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य जी की नियुक्ति पर प्रदीप मिश्रा अजनबी, डॉ हरेन्द्र हर्ष, सुव्रत दे, डॉ लाल सिंह किरार, जी विजय कुमार, कुमार दीपक, नेमा खगेश शाह, अशोक गोयल, सुषमा खरे, डॉ मंजुला साहू निर्भीक, अरविंद अकेला, गुरुदीन वर्मा आजाद, श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, डॉ शिव शरण श्रीवास्तव अमल, कुमार आलोक पप्पू सोनी, राजकुमारी रैकवार राज, कामिनी व्यास रावल, मीना शर्मा, अनिल शुक्ला, माला श्रीवास्तव, पूजा अग्रवाल, शैलेश सिंह आदि ने बधाई दी है।

  • 3 नवंबर 2022 संविधान बचाने हेतु मानववादी जनता पार्टी

    3 नवंबर 2022 संविधान बचाने हेतु मानववादी जनता पार्टी की ओर से संविधान बचाओ संकल्प सभा का आयोजन बिहार शरीफ केश्रम कल्याण परिसर में जिलाध्यक्ष नंदलाल रविदास के अध्यक्षता में हुई ।सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरेंद्र कुमार आर्य ने कहा कि बाबा का संविधान बदल कर मनु का संविधान लाना चाहती है सरकार। उन्होंने कहा की वर्तमान संविधान में दलित, पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं महिलाओं को बराबरी के अधिकार मिलने के कारण यहां के मनुवादीयों को ईर्षा है ,इसके कारण मौलिक अधिकार, मताधिकार एवं मानवाधिकार लगातार चोट पहुंचा रही है, इसलिए पार्टी ने संविधान का निर्णय लिया है, जो बाबा के संविधान बचाने के लिए दलित, पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं महिलाओं को गांव , डगर, टोला, मोहल्ला एवं कस्बे में जाकर संविधान बचाने के लिए संकल्प दिलाया जाएगा ।इसके लिए पार्टी की ओर से* संविधान बचाओ यात्रा* पूरे बिहार में चलाया जाएगा। सभा में डॉ विनोद कुमार दास सुरेंद्र पासवान ,वानों खातून ललिता देवी, कपिल देव पासवान, विकास कुमार, सूरज कुमार, सोहनलाल सुधाकर ,ललिता देवी, शारदा गुप्ता आदि नेता उपस्थित थे।

  • प्रकाश पर्व के अवसर दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आज उद्घाटन

    प्रकाश पर्व के अवसर पर पधारने वाले श्रद्धालुओं के लिए कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार द्वारा आरआईसीसी में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आज उद्घाटन किया गया।

    गुरुनानक निष्काम सेवा जत्था दल के चेयरमैन श्री मोहिंदर सिंह, सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्रीमति वंदना प्रेयसी, अपर सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्री दीपक आनंद, जिलाधिकारी श्री शशांक शुभांकर,तख्त श्री हरमंदिर साहिब के इंद्रजीत सिंह, जगजोत सिंह, लखविंदर सिंह एवं अन्य पदधारकों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बिहार गीत के साथ किया गया। उसके बाद बिहार गौरवगान की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।

  • नगर शकुंतलम सभागार में संयुक्त किसान मोर्चा की राज्य स्तरीय बैठक

    पटना के श्रीकृष्ण नगर शकुंतलम सभागार में संयुक्त किसान मोर्चा की राज्य स्तरीय बैठक की गई। जिसमें बिहार के जिला से आए किसान प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक अध्यक्षता विनाय सिंह ने की।बैठक में राजगीर के मेला मैदान में 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाले किसान महापंचायत को सफल बनाने भारत सरकार पूरे देश में एमएसपी(msp)न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करे। भारत वर्षों तक तक चले किसान आंदोलन में 785 किसान शहीद हुए किसानों के परिजनों को 15/15 लाख रुपए एवं उनके परिजनों को एक-एक सरकारी नौकरी में बहाली तथा आंदोलन के तहत किसानों पर जो केस हुए इन्हें अविलंब वापस करे।नदी से नदी जोड़ा जाए एवं कोल परियोजना को लागू करना और गंगा गंडक कोसी नदियों से लिफ्ट सिंचाई परियोजना चालू किया जाए।

    बिहार में व्यापार बाजार समिति पुन: चालू की जाय। भारत के 60 वर्ष के ऊपर किसानों को ₹5000 प्रत्येक माह पेंशन योजना लागू करे।देश एवं राज्यों में किसान आयोग का निर्माण किया जाए जिसमें किसान प्रतिनिधि शामिल हो तथा प्रत्येक जिलों में कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाए किसानों की कृषि ऋण एवं कृषि कार्य हेतु विद्युत मुफ्त लागू करे। अंचल कार्यालय में ऑनलाइन दाखिल खारिज में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करो कृषि उत्पादन का मूल्य तय करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कमेटी का गठन करे, जिसमें किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का भी शामिल अवश्य किया जाए किसानों को निशुल्क फसल बीमा लागू करे। खाद्य बीज कृषि उपकरण को उचित समय पर उपलब्ध कराई जाय।

    राजगीर में वर्षो से बंद पड़े कृषि महाविद्यालय को अविलंब चालू किया जाय मुद्दों पर चर्चा की गई इस बैठक में चंद्रशेखर प्रसाद कल्लू सिंह शाहनवाज रामदेव चौधरी उमेश पंडित महेंद्र प्रसाद मोहन प्रसाद सिद्धनाथ कुमार सुरेश प्रसाद मंजय कुमार अनिल कुमार सिंह मोहम्मद जफर बारी अंसारी उर्फ छोटू मियां आदि लोग उपस्थित थे।

  • आपदा पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद :-श्रवण कुमार

    बिहार शरीफ के प्रखंड मुख्यालय में भरावपर निवासी कारू महतो की आश्रित उनकी पत्नी रुचि कुमारी को पारिवारिक लाभ योजना का चेक बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा प्रदान किया गया । विदित हो कि भरावपर निवासी कारू महतो की मृत्यु दिनांक 31 अक्टूबर को ट्रेन से कटकर हो गई थी।इस अवसर पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आपदा पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद के लिए सरकार कृत संकल्पित है हमारे सरकार के मुखिया नीतीश कुमार जी कहते हैं कि राज सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ित परिवारों का है। हमारे सरकार को गरीबों की चिंता है तथा गरीबों के विकास के लिए सबसे ज्यादा कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने वाला बिहार पहला राज्य है। बिहार में न्याय के साथ विकास का कारवां दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है बिहार मॉडल का आज देश दुनिया कई राज्य का अनुशरण कर रहे हैं। बिहार में हुए कार्यों का डंका देश से लेकर प्रदेश तक बज रहा है।उन्होंने मृतक के आश्रितों को ढांढस बनाया सांत्वना दी धैर्य और हिम्मत से काम लेने की बात कही उन्होंने ने ईश्वर से मृतक आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करें। कारू महतो मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजन दत्ता अंचलाधिकारी धर्मेन्द्र पंडित जनता दल यू बिहार शरीफ के अध्यक्ष नदीम जाफर उर्फ गुलरेज अंसारी जनता दल यू के मुख्य वक्ता डॉ धनंजय कुमार देव प्रखंड जदयू अध्यक्ष संजय कुशवाहा पूर्व मुखिया प्रदीप कुमार मनोज मुखिया सकलदीप कुमार इंदु चौहान दिनेश साहू रंजीत चौधरी मुन्ना पासवान फौजदारी कुशवाहा पप्पू महतो निभाकर कुमार सनी शर्मा सोनू शर्मा अरुण वर्मा दिवाकर कुमार विनोद कुमार सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में प्रकाश पर्व का आगाज होने जा रहा है।

    अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में आज से प्रकाश पर्व का आगाज होने जा रहा है। गौरतलब है कि अब तक 600 श्रद्धालु इस प्रकाश पर में शिरकत करने के लिए आ चुके हैं जबकि 400 प्रवासी आने की संभावना जताई जा रही है। राजगीर में शुरू हो रहे तीन दिवसीय 554 वे प्रकाश पर्व की सारी तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए आवासन स्थल से गुरुद्वारा एवं अन्य जगह पर लाने के लिए 135 ई रिक्शा का निशुल्क परिचालन भी किया जा रहा है साथ ही 50 ई रिक्शा को रिजर्व रखा जा रहा है। सभी आवासन स्थल पर हेल्पडेस्क 24 घंटे का रजत रहेंगे।

    गुरुद्वारा के सामने ही जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। जो 24 घंटे तक का रहेगा। वही इस संबंध में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि सभी आवासन स्थल सहित कुल 12 स्थानों पर मेडिकल कैंप लगाया गया है। जिसमें अभी तक 300 से अधिक लोगों का समान इलाज किया गया है। विधि व्यवस्था को लेकर 14 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। जिसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से लगातार की जा रही है। इसके साथ अन्य व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके पूर्व प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि एवं महानिदेशक पटना प्रक्षेत्र राकेश राठी ने प्रकाश उत्सव के लेकर निरीक्षण कर चुके हैं।

  • बहुजन सेना की बहुजन महापंचायत का आयोजन किया गया ।

    गया जिला के प्रखंड नीमचक बथानी बाजार में बहुजन सेना द्वारा एक बहुजन महापंचायत का आयोजन किया गया। आज के इस महापंचायत में नीमचक बथानी प्रखंड के विभिन्न गांवों के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर बहुजन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आजादी के 75 साल बाद भी हम बहुजनों (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों) की स्थिति गुलामों जैसी बनी हुई है। आज भी देश के सत्ता एवं संस्थानों पर सिर्फ एक वर्ग का ही एकाधिकार बना हुआ ।

    अब समय आ गया है कि हमलोग अपने हक अधिकार को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़े और इस देश से मनुवादियों/सामंतवादियों के शासन को उखाड़ फेकें।इस अवसर पर प्रदेश महासचिव रामदेव चौधरी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के पूंजी पतियों की संपत्ति राजस्व संपत्ति घोषित किया जाए पूरे भारतवर्ष में समान शिक्षा प्रणाली लागू किया जाए न्यायपालिका में कॉलेजियम सिस्टम को समाप्त किया जाए ताकि सभी समाज के लोगों का न्यायपालिका में जाने का रास्ता खुलेगा।

    सभी गरीब वोटरों को 10000 रुपैया पर महीना दिया जाए जिसकी जितनी आबादी उसके अनुसार आरक्षण मिलना चाहिए भारत देश में बहुतजनों की आबादी 85% है इसीलिए 85% ही आरक्षण मिलना चाहिएप्रदेश के उपाध्यक्ष सुरेश कुमार दास ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आबादी 90% परसेंट होने के बावजूद भी हम शासक नहीं बल्कि याचक बनकर जिंदगी जी रहे हैं। और आज भी हमारे बहुजन लोग उचित शिक्षा एवं स्वास्थ्य से वंचित हैं तथा गरीबी के साए में जीवन जीने को मजबूर हैं।

    आज के इस बहुजन महापंचायत में नालन्दा जिला सचिव महेन्द्र प्रसाद, इन्द्रेव पासवान, सुरेन्द्र प्रसाद तरुण, राजकुमार दास, जामुन चौधरी, योगेन्द्र मांझी, रामजतन दास, रामाशिश दास, गोरेलाल दास, बिहारी चौधरी, नरेश रजक, भुनेश्वर कुमार, वकील अहमद, जयराम राजवंशी, कामता दास, विनेश्वर मांझी इत्यादि लोगों ने भाग लिया।

  • फुटबॉल एसोसिएशन के द्वारा डॉ आर इसरी अरशद ट्रॉफी लीग मैच

    टाउन हाई स्कूल के मैदान में जिला फुटबॉल एसोसिएशन के द्वारा डॉ आर इसरी अरशद ट्रॉफी लीग मैच खेला जा रहा है जिसमें आज 2 नवम्बर को राजगिर फुटबॉल क्लब एवं जैनस फुटबाल क्लब के बीच खेला गया जिसमें राजगिर फुटबाल कलब २/३गोल से जीत हासिल की यहमैच बहुत रोमानचिक हुया हाफ टाइम के पहले जैनस कलब ने २ गोल फिर हाफ टाइम के बाद राजगिर कलब ने ३ गोल मार कर जित हासिल किया इस मैच के रेफरी छोटी लाल जी दीपक कुमार पाठक एवम अनुज कुमार थे यह मैच फुटबाल सचिव सरवर अरमान एवं वसीम अहमद के नेतृत्व में कराया गया