Category: ब्रेकिंग न्यूज़

  • आम आदमी पार्टी 76 वें स्वतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया।

    बिहारशरीफ के दायरा पर स्थित आम आदमी पार्टी के जिला कार्यालय में भारत के 76वें स्वतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया झंडा तोलन आम आदमी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश कुमार द्वारा किया गया इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ये आजादी झूठी है जिस आजादी के लिए भारत के स्वतंत्र सेनानियों ने कुर्बानी दी और जिस सपने को भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस सविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने देखा था

    वह आजादी अभी तक नहीं मिली है क्योंकि हमारा देश चंद पूंजीपतियों के हाथ में आज भी है और पूरे भारत पर कब्जा जमा कर बैठा है इन चंद पूंजीपतियों से हमें आजादी लेनी है इस मौके पर उपस्थित लोगों ने सुभाष चंद्र बोस शहीद भगत सिंह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सपनों का देश बनाने का संकल्प लिए और स्वतंत्र सेनानियों के याद किए

    इस झंडा तोलन में किसान नेता राजेंद्र प्रसाद राजगीर के कांटेक्ट पॉइंट के रामदेव चौधरी पूर्व सचिव शाहनवाज जिला प्रवक्ता प्रोफेसर स्वधर्म कुमार किसान नेता महेंद्र प्रसाद बहुजन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप कुमार संयुक्त किसान मोर्चा के चंद्रशेखर प्रसाद इनके अलावा शहर के तमाम गणमान्य व्यक्तियों ने झंडा तोलन में भाग लिए।

  • स्वतन्त्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल

    स्वतन्त्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों लोगों को ग्राम नियोजन केन्द्र बस्ती हरनौत द्वारा तिरंगा झण्डा वितरण किया गया और लोगों को आजादी के वीर सपूतों को याद किया गया।।

  • बहुजन विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया।

    बिहारशरीफ के नाला रोड स्थित सामुदायिक भवन में बहुजन सेना द्वारा बहुजन विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। आज के इस विचारगोष्ठी में नालंदा जिला के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।इस अवसर पर बहुजन सेना के रामदेव चौधरी ने कहा कि आज हम आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे हैं,

    लेकिन सच्चाई यह है कि आजादी के 75 साल बाद भी हम बहुजनों (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों) की स्थिति गुलामों जैसी ही बनी हुई है। आज भी देश के सत्ता एवं संस्थानों पर सिर्फ एक वर्ग का ही एकाधिकार बना हुआ है, खासतौर पर न्यायपालिका में कॉलरीजम सिस्टम बने रहने के कारण जजों की नियूक्ति में सिर्फ एक वर्ग का ही बोल वाला बना हुआ है जो कि सरासर गलत है।

    इस अवसर पर अनिल पासवान ने कहा कि हमारी आबादी 85% परसेंट होने के बावजूद भी हम शासक नहीं बल्कि शोषक बनकर जिंदगी जी रहे हैं। वर्तमान समय में देश के सत्ता पर आसीन सरकार तो और भी हम लोगों की जिंदगी में तबाही लाने के लिए अग्रसर है।जब हमलोग पढ़ने-लिखने लगे तो सरकारी शिक्षण संस्थानों को बर्बाद कर दिया और जब हमें कुछ नौकरिया लगने लगी तो सरकारी संस्थानों को निजीकरण कर रही है ताकि हमलोग नौकरी से वंचित हो जाएं
    आज के इस विचारगोस्ठी में कल्याण कुमार उर्फ कल्याण जी अधिवक्ता अनिल क्रांति अधिवक्ता अमोद कुमार, समाजसेवी मोहम्मद जाहिद अंसारी रविशंकर दास, ऋषिराज कुमार, मो. असगर भारती, दीपक कुमार, अखिलेश कुमार, अनिल कुमार,, मो. चांद आलम, नगीना पासवान, सुबोध पंडित, मोहन चौधरी, शफीक बिहारी राईन, देवेन्द्र रविदास, बाल्मीकिटन कुमार, महेन्द्र प्रसाद, अजय कुमार, एकलब्य बौद्ध इत्यादि

  • महादलित रविदास परिवार के रामकृष्ण रविदास की निर्मम हत्या

    नालंदा जिला के प्रखण्ड सिलाव के अंतर्गत ग्राम सिकंदरा में महादलित रविदास परिवार के रामकृष्ण रविदास की निर्मम हत्या, उनके घर से दिन १२ बजे उठा के ले जाकर कर, कुछ दिन पूर्व कर दी गई, बगल के गांव के आरोपी शराब माफिया रविदास जी द्वारा विरोध किए जाने पर यह घटना अंजाम तक पहुंचाया गया, ओर पीड़िता के परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है,पीड़िता से उनके घर पर जाकर बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक माननीय श्री राजीव रंजन बाबू द्वारा सांत्वना के साथ हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया

    मुलाकात किया तथा सहायता राशि दिया

    मैं प्रशासन से मांग करता हूं जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा जाए,,,,, नालंदा पुलिस प्रशासन एकदम निष्क्रिय अपराधियों के साथ एवं शराब माफियाओं के साथ मिलकर काम करती है सिर्फ कहने का है शराबबंदी कोई ऐसा गांव नहीं जहां शराब नहीं बनती है इसलिए जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने का काम करें जिससे गरीब परिवार एवं महादलित परिवारों को डर एवं पूरा परिवार सदमे में समा हुआ घर की बच्चियां डर रही है उन्हें बार-बार धमकियां दिया जा रहा है कि अगर गवाही दोगे तुम्हारी बच्ची को उठाकर ले जाएंगे,इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, जिला मंत्री मनोज कुमार चौधरी, अनुसूचित जाति मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय रविदास, सिलाव ग्रामीण मंडल अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह,पूर्व युवा मोर्चा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष पिंटू सिंह,अमरेश कुमार सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे

  • रोटरी क्लब तथागत के द्वारा तिरंगा यात्रा एवं प्रभात फेरी का आयोजन किया

    आजादी का अमृत महोत्सव पर रोटरी क्लब तथागत के द्वारा तिरंगा यात्रा एवं प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। रविवार सुबह को क्लब के द्वारा आईएमए भवन से भरावपर होते हुए पुलपर, कुमार सिनेमा, धनेश्वरघाट, भैंसासुर से होते हुए पैदल तिरंगा मार्च का अंत आईएमए भवन में हुआ।

    तिरंगा यात्रा के दौरान पुरा शहर तिरंगा के रंग में रंगा हुआ प्रतीत हो रहा था। बैंड, बाजे और ढोल नगाड़े के संगीत और साथ में भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारों से मानो लग रहा था शहर के लोग आज़ादी के इस महाउत्सव में लीन हो गए हों।

    हाथ में तिरंगा, सर पर तिरंगा टोपी, अमृत महोत्सव छपा हुआ टीशर्ट और दिल में देश के प्रति जोश और जुनून ने पूरे शहर में यह संदेश देने का काम किया की राष्ट्र के इस उत्सव में सभी की हिस्सेदारी होनी चाहिए। तिरंगा यात्रा का मुख्य आकर्षण था रथ पर बैठी भारत माता एवं साथ में ब्रह्म कुमारी दीदी और साथ में चल रहे घुड़सवार जिसने देख रहे आम लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

    तिरंगा यात्रा में रोटरी तथागत परिवार के सदस्यों के साथ इनर व्हील क्लब के सदस्य, रोटरेक्ट क्लब, इंटरेक्ट क्लब, एम डब्लू टीम, बुद्धा ट्रेनिंग सेंटर, लायंस क्लब के सदस्य एवं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के दीदियों एवं भाइयों ने भाग लिया।

    विदित हो की रोटरी तथागत ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगीताओं का आयोजन किया जिसमें प्रमुख रूप से रोटरी चिल्ड्रेन के द्वारा राष्ट्रगान प्रतियोगिता, बच्चों के द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता, रोटरी सहेली सेंटर के छात्राओं व महिलाओं के द्वारा मेहंदी प्रतियोगिता, समाज में राष्ट्र कल्याण के लिए श्रम कल्याण केंद्र में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए सामाजिक एकता अखंडता एवं संप्रभुता बनाए रखने के लिए शपथ ग्रहण समारोह के साथ वंदे मातरम गौरव गान कार्यक्रम किया गया।

    आज़ादी का अमृत महोत्सव का पुरा कार्यक्रम परियोजना निदेशक रो. डॉ. नीरज कुमार के निर्देशन में सफलता पूर्वक किया गया। इस बारे में बताते हुए तथागत के अध्यक्ष रो. अनिल कुमार ने कहा की जिस तिरंगे को प्रतिक मानकर हमारा देश गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ, उस तिरंगे के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया था।

    रोटरी तथागत के सचिव रो. परमेश्वर महतो ने कार्यक्रम की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कार्यक्रम से जन समान्य में एक अच्छा सन्देश गया है। तिरंगा यात्रा के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रो. डॉ. अरविंद कुमार सिन्हा ने कहा की इसी तरह देश और समाज को सशक्त करने लिए हम सभी मिलकर काम करते रहें।

  • आपदा पीड़ित परिवारों हर संभव मदद को सरकार कृत संकल्पित

    आपदा पीड़ित परिवारों हर संभव मदद को सरकार कृत संकल्पित :- श्रवण कुमार. बिहार से प्रखंड के चकरसलपुर गांव में चार आपदा पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री परिवारिक लाभ योजना अंतर्गत राशि का चेक बिहार सरकार के पूर्व मंत्री क्षेत्रीय विधायक सरवन कुमार के द्वारा दिया गया।

    विदित हो कि पानी में डूबने से जोरारपुर गांव निवासी मृतक सुभाष रविदास के आश्रित उनकी पत्नी उमा देवी को सड़क दुर्घटना में कोरई पंचायत के गंगाबिगहा गाँव निवासी मृतक विक्रम कुमार के पिता विनोद प्रसाद मृतक मोनू कुमार के पिता राजकुमार भगत पानी में डूबने से चकरसलपुर गांव निवासी मृतक सोनी कुमारी की मां गिरणी देवी को सहायता राशि का चेक प्रदान किया गया।

    इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मृतक परिवारों को हर संभव सहायता राज सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही है आपदा पर किसी का बस नहीं चलता लेकिन इस प्रकार के सहयोग से लोगों को सरकार के द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विपत्ति के समय हमारी सरकार हमेशा तत्पर रहती है।

    जहां तक मदद करने की बात है वहां तक सरकार द्वारा मदद पहुंचाया जाता है हमारी सरकार की सोच है कि यदि किसी परिवार में किसी कारण बस हादसा हो जाए तो तुरंत आगे बढ़ कर उसकी मदद करें इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजन दत्ता वरिष्ठ जदयू नेता राजेंद्र प्रसाद प्रखंड जदयू अध्यक्ष संजय कुशवाहा मुख्य प्रवक्ता धनंजय देव मनोज मुखिया सरयुग रविदास सकलदीप कुमार सूरज कुमार आकाश आनंद देव आर्यन उदय मेहता अशोक कुमार अजय कुमार राजेश खन्ना सूरज कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

  • विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ‘ चित्र प्रदर्शनी.

    डी ० ए ० वी ० पब्लिक स्कूल पावरग्रिड कैंपस बिहार शरीफ में विद्यालय के प्राचार्य परेश चन्द्र दास के कुशल देखरेख में विभाजन की विभीषिका स्मृतिदिवस पर छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया , जिसमें विभाजन से सम्बंधित मार्मिक तथा दिल छू लेने वाली तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया। इसमें विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया ।

    कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गवाने वाले तथा जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करना था । इस उक्त उल्लेखनीय प्रदर्शनी की मुक्त कंठ से सर्वत्र सराहना की गई ।

    विद्यालय के प्राचार्य परेश चन्द्र दास ने कहा कि हमें विभाजन की विभीषिका को कदापि नहीं भूलना चाहिए और देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए । यह हमारा मूलभूत नागरिक कर्तव्य है । इसके साथ ही विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ‘ चित्र प्रदर्शनी के द्वारा समाज से भेद – भाव वैमनस्यता एवं दुर्भावना के जहर को दूर कर एकता सामाजिक सदभाव एवं मानव सशक्तीकरण की भावना को मजबूत करना भी था।

    इस प्रदर्शनी को देखने हेतू विद्यालय के आस – पास के विद्यालयों में ,यथा कैम्ब्रीज, सदर आलम और मदर टेरेसा स्कूल के शिक्षक एवं छात्र को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों में मदर टेरसा विद्यालय के अमन विधान, एवं अमरेन्द्र कुमार ,ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कर देखने के लिएऔर मुक्तकंठ से प्रशंसा की। और सच में बच्चे अत्यधिक लाभान्वित हुए

  • देश के प्रति सम्मान तथा आजादी का अमृत महोत्सव

    राष्ट्र प्रेम का जज़्बा , देश के प्रति सम्मान तथा आजादी का अमृत महोत्सव सब एक साथ मिले तो सबके दिल कुछ कर गुजरने का मन तो करता ही है। हर घर तिरंगा फहरे इसी चाहत को दिल में रखकर हनी हर्बल ब्यूटी पार्लर की संचालिका मधु कंचन , रोटरी क्लब तथागत के पूर्व अध्यक्ष रोटेरियन अशोक कुमार तथा वार्ड नंबर 23 के लोकप्रिय वार्ड पार्षद दिलीप कुमार ने संयुक्त रूप से अपने मुहल्ले में मुहल्ले वशिओ के बीच और हनी हर्बल ब्यूटी पार्लर में कस्टमर के बीच राष्ट्रीय तिरंगे का वितरण आज किया गया। इस मौके पर तिरंगा लेने वाले लोगों के चेहरे पर खुशियां देश के प्रति प्रेम दिखाने के लिए काफी था।

  • नालंदा का कलंक एवं पार्टी का गद्दार है आरसीपी सिंह

    नालंदा का कलंक एवं पार्टी का गद्दार है आरसीपी सिंह:- सन्नी पटेल ।। आज पार्टी कार्यालय हॉस्पिटल मोड़ पर छात्र जदयू नालंदा के द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के मुंह पर कालीख लगाकर नालंदा का कलंक तथा पार्टी का गद्दार बताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्र जदयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सनी पटेल ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह पार्टी के नेतृत्व में विगत विधानसभा के चुनाव में षड्यंत्र के माध्यम से पार्टी को क्षति पहुंचाई है तथा उनके नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश के 6 जदयू विधायक भाजपा में शामिल हो गए पार्टी पार्टी ने जब यूपी चुनाव में सीट को लेकर बातचीत के लिए अधिकृत किया हर समय बोलते रहे मेरी सकारात्मक बातचीत सीटों के को लेकर हुई है और अंत समय में हाथ खड़े कर दिए जदयू पार्टी को दीमक की तरह खोखला करने का असफल उनका प्रयास रहा हमारी पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार ने इनको पार्टी में सर्वोच्च स्थान दिया ये प्रारंभ से ही पार्टी की नीतियों के खिलाफ तथा नेता नीतीश कुमार जी के नीतियों के खिलाफ चलने का काम कर रहे थे हमारी पार्टी का एक- एक कार्यकर्ता एक- एक जनप्रतिनिधि नीतीश कुमार है शायद वह भूल गए थे कि उनकी राजनीतिक पहचान नेता नीतीश कुमार के कृपा पर है वह ना तो जनता दल यू(o) के स्थापना काल ना समता पार्टी के स्थापना काल के सदस्य रहे और ना ही संघर्ष के साथ ही रहे वह सत्ता के साथ ही रहे हमेशा पिछले दरवाजे से राजनीत किए उन्हें शर्म आनी चाहिए जिस थाली में खाए उसी थाली में छेद किए जो आज आरसीपी सिंह के साथ है वह पार्टी का गद्दार है आरसीपी सिंह नालंदा का कलंक है इस अवसर पर उपाध्यक्ष किशोर कुणाल प्रवक्ता विकास मेहता सतीश पटेल कोषाध्यक्ष संजीत यादव महासचिव पवन कुमार शर्मा पिंटू कुमार गौरव कुमार आदित्य कुमार सौरभ पटेल अंकुर कुमार अंकित कुमार रितिक सिंह अमन राज पप्पू कुमार नवनीत कुमार अंकुश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे

  • नीतीश कुमार पलटू राम हैं -चंद्र उदय कुमार मुन्ना

    आलेख :- समाजसेवी चंद्र उदय कुमार मुन्ना ,नीतीश कुमार को पलटू राम या कुर्सी कुमार कहना उनकी राजनीतिक काबिलियत को छोटा करने की कोशिश है। लेकिन सच ये है कि राजनीति के वे माहिर खिलाड़ी हैं। अपने धुर विरोधियों को भी अपना समर्थक बनाना उन्हें खूब अच्छे से आता है। बिहार की 7 पार्टियां जो कलतक नीतीश कुमार के विरोध में थी, आज उनके समर्थन में हैं। धुर विरोधी राजद और अपनी विचारधारा को लेकर अडिग रहने वाली कम्युनिस्ट पार्टियां भी इनमें शामिल हैं। ये नीतीश कुमार की काबिलियत है कि हर कोई नीतीश कुमार को अपना बनाना चाहता है और जैसे ही नीतीश हामी भरते हैं, विरोधी समर्थन में मजबूती से उठ खड़े होते हैं। आज जो तेजस्वी यादव और लालू यादव का पूरा कुनबा-परिवार और पार्टी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बता रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ने को कह रहे हैं, उसी तेजस्वी यादव और राजद परिवार ने नीतीश कुमार को 2017 में पलटू राम कहा था। कलतक जो बीजेपी कलतक नीतीश कुमार की पालकी ढो रही थी, वही बीजेपी आज उन्हें धोखेबाज और कुर्सी कुमार कह रही है।

    नीतीश कुमार धोखेबाज हैं, पलटू राम हैं, कुर्सी कुमार हैं, उनकी कोई निश्चित पॉलिटिकल आइडियोलॉजी नहीं है, राजनीति में वह भरोसे के लायक नहीं हैं, कब वह साथी बदल लें, कोई नहीं जानता आदि आदि, यही सब जुमले उनके साथ आरोप के तौर पर मढ़े जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके सब नीतीश कुमार के साथ आने को लालायित रहते हैं-क्यों? और जैसे ही साथ आते हैं, क्यों सब कसीदे पढ़ने लगते हैं?

    पलटू राम का आरोप नीतीश कुमार पर 2017 में लगा था, जब नीतीश राजद-कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का साथ छोड़ वापस बीजेपी के साथ चले गए थे। लेकिन दिलचस्प बात देखिए कि जो भरोसे के लायक नहीं हैं, उसी नीतीश के पाला बदलने से बिहार ही नहीं, पूरे देश के विपक्ष में खुशी और उम्मीद की लहर दौड़ गई है। नरेंद्र मोदी सरकार से त्रस्त और घबराए-किंकर्तव्यवईमूढ़ विपक्ष को एक ढाल मिल गया है। रातोंरात देश का पॉलिटिकल नैरेटिव चेंज हो गया है।

    बीजेपी इसी नैरेटिव के बल पर विपक्ष को रौंदती चली जा रही थी कि नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं है। बीजेपी के राष्ट्रीय नेता से लेकर बिहार बीजेपी के चंपू नेता तक 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद कहने लगे थे कि नीतीश कुमार की पार्टी की कम सीटें हैं, फिर भी हमने उनको मुख्यमंत्री बनाया, ये बीजेपी और नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी का बड़प्पन है। उन्होंने कभी ये नहीं स्वीकारा कि चिराग पासवान को मोहरा बनाकर नीतीश कुमार को धोखा दिया। पिछले दो सालों में मोदी-शाह की टीम ने नीतीश कुमार को छोटा करने का कोई दांव नहीं छोड़ा। और जिस नीतीश कुमार को बीजेपी ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे की तरह निबटाने की तैयारी कर दी थी, उसी नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए कह दिया हम तो पीएम के दावेदार नहीं हैं, लेकिन जो पीएम हैं वो 2024 में रहेंगे कि नहीं रहेंगे, नहीं पता।

    और इस एक लाइन के बयान से देश की राजनीति में उबाल आ गया। हताश और बिखरा विपक्ष खिल उठा और बीजेपी में उदासी पसर गई। बिहार बीजेपी का रोना पीटना कल से पूरा देश देख रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय नेता चुप हैं, जैसे पाला मार गया हो।

    टीवी चैनलों पर विद्वान विश्लेषक बहसे कर रहे हैं। नीतीश कुमार को लेकर, विपक्ष को लेकर, बीजेपी और नरेंद्र मोदी को लेकर नया नैरेटिव गढ़ रहे हैं। लेकिन ज्यादातर विश्लेषक यहाँ आकर ठहर जाते हैं- नीतीश कुमार पलटू नेता हैं, पता नहीं कब पलट जाएँ। लेकिन विडंबना है पलटने की वजह जानने के बाद भी विद्वान विश्लेषक इस तथ्य के पीछे के सच का विश्लेषण करना जरूरी नहीं समझते। पालतू मीडिया दिन रात नरेंद्र मोदी और आर एस एस के पक्ष और पसंद का नैरेटिव गढ़ने में लगा है, यह तो समझ में आता है, लेकिन बाकी मीडिया में भी नीतीश के पक्ष का नैरेटिव गढ़ने वाला कोई बुद्धिजीवी नजर नहीं आता।

    देश की लगभग सारी पार्टियों और नेताओं ने अपना पाला बदला। याद कीजिए आजादी की लड़ाई के समय कम्युनिस्ट पार्टियां और आरएसएस क्या कर रहे थे? कांग्रेस को हटाने के लिए गैर कांग्रेसियों ने क्या नहीं किया। सत्ता के लिए बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियां भी एक नाव पर सवार हुईं। वंशवाद, भ्रष्टाचार और तानाशाही से लड़ने के नाम पर संघ और बीजेपी से हाथ मिलाने से परहेज नहीं किया और जब बीजेपी मजबूत हो गई तो सांप्रदायिकता और तानाशाही से लड़ने के नाम पर वे सब काँग्रेस के साथ चलने को खुशी खुशी तैयार हैं। क्या ये पलटना नहीं है? क्या ये आइडियोलॉजी के साथ चलना है?

    नीतीश कुमार ने भी तो वही किया। बीजेपी जब नरेंद्र मोदी को नेता चुन रही थी, तब उन्होंने नरेंद्र मोदी का विरोध किया और अलग हो गए। राजद-कांग्रेस-कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ गए और जब राजद ने अपनी मनमानी शुरू की तो फिर से बीजेपी के साथ हो लिए। और जब बीजेपी ने तानाशाही रुख अख्तियार कर लिया तो राजद-कांग्रेस-कम्युनिस्ट गठबंधन को साथ ले लिया। एक तरफ गड्ढा दूसरी तरफ खाई। नीतीश कुमार ने दोनों से बिहार को बचाने की कोशिश की और बचाया भी।

    लेकिन क्या कभी उनपर लालू प्रसाद के जैसा भ्रष्टाचार और वंशवाद का आरोप लगा? क्या बीजेपी के साथ रहने के बाद भी कभी सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने या कहें धर्मनिरपेक्षता के भाव को नुकसान पहुंचाने का कोई काम किया? बल्कि इन दोनों मामलों में उन्होंने सारी पार्टियों से बेहतर काम किया।
    बंगाल में दशकों कम्युनिस्ट सरकार रही, पिछले दस साल से बंगाल में क्या हो रहा है? त्रिपुरा के हालात कैसे हैं? बीजेपी और नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए कम्युनिस्ट पार्टियां क्या रही हैं? वैसे ही कांग्रेस के किस राज्य में हालात ठीक हैं? जहां बीजेपी सरकारें हैं वहाँ सांप्रदायिक सद्भाव और लोकतंत्र की क्या हालत है? लेकिन कांग्रेस, बीजेपी या कम्युनिस्ट सब अच्छी हैं, अपनी अपनी आइडियालोजी पर हैं, कोई पलटू नहीं हैं।

    क्या बिहार में नीतीश कुमार ने जो राजनीतिक स्थिति-परिस्थिति बनायी है कि हर पार्टी उन्हें अपना साथी बनाना चाहती है, कोई उन्हें अछूत नहीं मानती और जिसके साथ वो जातें हैं, उसकी बाछें खिल जाती है- नीतीश कुमार के कसीदे पढ़ने लगती हैं, क्या है इसकी वजह? उनकी पलटू राम, कुर्सी कुमार या अविश्वसनीयता की छवि या सबको साथ लेकर चलने की राजनीतिक कुशलता? सबका साथ सबका विकास नरेंद्र मोदी ने किया या नीतीश ने? 17 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं- जातिवाद से बुरी तरह ग्रसित राज्य में कभी किसी जाति विशेष के साथ भेदभाव किया? बिहार जातीय नरसंहारों और सांप्रदायिक दंगों के लिए कुख्यात रहा है, दशकों ये सब झेला है, क्या नीतीश कुमार ने 17 साल के कार्यकाल में ऐसी स्थिति बनने दी? क्या कानून व्यवस्था, सड़क और बिजली की व्यवस्था तारीफ के योग्य नहीं है?

    बावजूद इसके नीतीश कुमार पलटू राम, कुर्सी कुमार हैं, राजनीतिक तौर अविश्वसनीय हैं तो इसलिए कि नीतीश ने अपने पक्ष में नैरेटिव गढ़ने वाले बौद्धिक नहीं बनाए। उन्होंने बस अपने काम से काम रखा। अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा। जाति के गुंडे खड़े नहीं किए और न जाति के बौद्धिक गढ़े, जो उनके लिए टीवी पर आकर कसीदे पढ़े, अखबारों में आलेख लिखे। उन्होंने कार्यपालिका के काम में दखल देने वाले नेताओं पर लगाम लगाया। ध्यान रखा कि कानून का राज बना रहे। सांप्रदायिक सद्भाव न बिगड़े और बिहार में विकास हो।