Category: बढ़ता बिहार

  • बिहार को मिली एक और फोरलेन की सौगात.. जानिए, कहां से कहां तक बनेगा फोरलेन

    बिहारवासियों को केंद्र सरकार ने एक और बड़ी सौगात दी है. बिहार में एक और फोरलेन को मंजूरी मिली है. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1431.36 करोड़ रुपये की मंजूरी भी कर दी है.. इसके लिए टेंडर भी जारी हो गया है ।

    नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी
    केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बिहार के सारण जिले में पिछड़े क्षेत्र, धार्मिक, पर्यटन स्थल (बीआरटी) योजना के अंतर्गत एनएच-531 के फोरलेन तनरवा और सीवान बाइपास के निर्माण सहित एनएच-227 ए के सीवान से मशरख तक फोरलेन के निर्माण और उन्नयन को 1431.36 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गयी है.

    कहां से कहां तक बनेगा फोरलेन
    दरअसल, ये फोरलेन राम-जानकी सड़क मार्ग के तहत किया जाएगा। ताकि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या और माता सीता की जन्म स्थली नेपाल के जनकपुर तक जाने के लिए एक अलग मार्ग उपलब्ध हो सके। 240 किलोमीटर लंबा राम जानकी मार्ग का 200 किलोमीटर हिस्सा बिहार से गुजरेगा। इस फोरलेन का निर्माण चार चरणों में बनेगा।

    कहां से कहां तक की मंजूरी
    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि NHAI पहले चरण में सीवान से मशरक तक 50 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाएगी. जो सीवान के महरौना घाट से मशरख तक करीब 50 किमी लंबी होगी ।

    4 बाईपास भी बनेगा
    सीवान-मशरख फोरलेन में चार बाईपास का भी निर्माण होगा. जिसमें करीब 4.63 किमी लंबाई में सीवान बाईपास, करीब 7.38 किमी लंबाई में तनरवा बाईपास, करीब 14.66 किमी लंबाई में बसंतपुर बाईपास और करीब 2.29 किमी लंबाई में मशरख बाईपास शामिल हैं. इसके अलावा एक बड़ा पुल, 14 छोटे पुल, 15 अंडरपास, एक आरओबी और दो ग्रेड सेपरेटर का भी निर्माण होगा.

    45 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा
    सीवान-मशरख फोरलेन सीवान जिले के चार प्रखंड और 45 से गांव होकर गुजरेगी. सीवान जिले के गुठनी, मैरवा, जीरादेई और सीवान सदर प्रखंडों से करीब 45 गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. सीवान सदर से लेकर गुठनी तक पड़ने वाले गांव में जाकर आवासीय, गैर-आवासीय, बिट सहित अन्य जमीनों का सर्वे कर मार्किंग का काम हो चुका है।
    कितनी जमीन का अधिग्रहण
    NHAI के मुताबिक, 46 फीट जमीन का अधिग्रहण होता है । फोर लेन की कुल पक्की सड़क 36 फीट होती है. जबकि बाकि 10 फीट जमीन में से चार फीट बीच में हरित पट्टी और सड़क के दोनों ओर तीन-चार फीट जमीन रिजर्व रखे जाने का प्रावधान होता है. हालांकि कम भूमि अधिग्रहण के मामले में एनएचएआई फोर लेन की जगह टू लेन की ही सड़क बना देता है.

    बाकी चरणों में क्या क्या बनेगा
    वहीं, दूसरे चरण में मशरख से चकिया तक करीब 48 किमी, तीसरे चरण में चकिया से भिट्ठामोड़ तक करीब 103 किमी लंबी फोरलेन सड़क बनेगी. जबकि चौथे चरण में लगभग 40 किमी सड़क मार्ग उत्तर प्रदेश के मेहरौना घाट से सीवान तक बनेगी.

    राम जानकी मार्ग का रुट क्या है
    आपको बता दें कि राम-जानकी हाइवे उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से शुरू होकर बस्ती, बड़हलगंज होते हुए बिहार में प्रवेश करेगी.. जो मेहरौना घाट सीवान, चकिया, सीतामढ़ी, भिट्ठा मोड़ होते हुए माता सीता की जन्मभूमि नेपाल के जनकपुर तक जाकर समाप्त होगी.

  • बिहारशरीफ को केंद्र सरकार का अल्टीमेटम.. छिन सकता है स्मार्टसिटी का दर्जा.. जानिए क्यों ?

    बिहारशरीफ वालों के लिए बुरी खबर है । साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी झटका है । क्योंकि बिहारशरीफ में स्मार्टसिटी को लेकर केंद्र सरकार ने अल्टीमेटम दे दिया है। केंद्र सरकार ने डेडलाइन तय कर दी है । अगर उस डेडलाइन में काम पूरा नहीं हुआ तो पैसे वापस लेने की धमकी भी दे दी गई है । ऐसे में स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट को धक्का लगता दिख रहा है ।

    क्या है पूरा मामला
    बिहारशरीफ को स्मार्टसिटी बनाने के लिए 4 साल पहले चयन हुआ था । लेकिन आज तक कोई भी काम पूरा नहीं हो पाया है। जिस रेशियो में काम होना चाहिए था और राशि खर्च होनी चाहिए थी । उस अनुपात में न तो काम हुआ है और ना ही राशि खर्च हो पाई है। अब तक 940 करोड़ रुपए खर्च होने थे । लेकिन अब तक खर्च नहीं हो पाया है ।

    कब तक का अल्टीमेटम
    दरअसल, शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करना होता है । लेकिन बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी का ये हाल है कि चार साल बाद भी काम ठीक से नहीं चल रहा है । ऐसे में केंद्र सरकार ने 10 महीने का अल्टीमेटम दिया है। जिसके मुताबिक जून 2023 तक काम को पूरा करना है । अगर केंद्र द्वारा दी गई राशि खर्च नहीं हो पाई तो बची हुई राशि केन्द्र सरकार वापस ले लेगी ।

    क्या है स्थिति
    अगर बिहारशरीफ में ग्राउंड जीरो की स्थिति देखेंगे तो आपको इसका अंदाजा मिल जाएगा । काम की मौजूदा रफ्तार को देखकर तो नहीं लगता है कि तय समय सीमा में बिहारशरीफ में काम पूरा हो पाएगा । लेकिन सूत्रों का कहना है कि केंद्र के अल्टीमेटम के बाद अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है।

    पैसों का हिसाब किताब समझिए
    आपको बता दें कि जनवरी 2018 में बिहारशरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया था। पांच सालों में शहर के विकास के लिए 940 करोड़ खर्च किया जाना था। लेकिन अबतक 372 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी को उपलब्ध कराया गया है। जिसमें से महज 176.04 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाया है । यानि 372 करोड़ में से भी 195.96 करोड़ अभी खर्च करना बाकी है। मतलब 940 करोड़ तो दूर की चीज है। इसके अलावा ऑफिस के लिए 20 करोड़ दिया गया था जिसमें 13.24 करोड़ खर्च किया जा चुका है। 6.76 करोड़ शेष बचा है। मतलब समझ जाइए.. चाय बिस्कुट के आवंटित राशि में से करीब 70 प्रतिशत खर्च हो गए हैं । लेकिन काम के मामले में क्या हाल है ?

    कई सवाल हैं
    लेकिन अधिकारियों का क्या है ? अगर काम पूरा नहीं पाया तो क्या अधिकारियों को दंडित किया जाएगा ? अधिकारी आज यहां हैं कल कहीं और होंगे ? लेकिन असली नुकसान को शहरवासियों का होगा । जिसने सपने संजोए थे कि उनका शहर स्मार्ट बनेगा, स्मार्ट दिखेगा । छोटे से शहर में महानगरों जैसे सुविधा होगी ? ऐसे में जरुरत है कि जनता भी जागरुक बने। जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछे कि उनका शहर कब तक स्मार्ट बन जाएगा ? ताकि जनप्रतिनिधियों के जरिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके । साथ ही शहरवासियों से भी अपेक्षा है कि वो अधिकारियों और कर्मचारियों को काम करने में साथ दें.. ना कि बार बार अड़ंगा लगाएं।

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  • बिहारशरीफ में चलेगा बुलडोजर.. जानिए कहां से कहां तक होगा सड़क का चौड़ीकरण

    बिहारशरीफ में अतिक्रमण के खिलाफ बड़े एक्शन प्लान की तैयारी है । बिहारशरीफ नगर निगम ने इसके लिए तैयारी कर ली है । बिहारशरीफ नगर निगम ने इसके लिए अवैध निर्माण करने वालों की सूची तैयार कर ली गई है । अब उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी माना जा रहा है कि अगले एक-दो महीने में बुलडोजर दहाड़ने लगेगा ।

    क्यों चलेगा बुलडोजर
    दरअसल, बिहारशरीफ के अतिव्यस्तम माने जाने वाली सड़क का चौड़ीकरण होना है । इसका ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है । बिहारशरफी नगर निगम स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस मुद्दे चर्चा कर चुकी है । जिसमें लोगों की सलाह के बाद नया रोड मैप तैयार कर लिया गया है । चौड़ीकरण में बाधा बनने वाली अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर चलाने का फैसला लिया गया है।

    कहां से कहां तक चौड़ीकरण होगा
    बिहारशरीफ के पुलपर चौराह से लहेरी चौराहा तक सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है । हालांकि रोड निर्माण का काम सीवरेज नेटवर्क और नाला निर्माण के बाद होगा।

    सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू
    लहेरी मोड़ से पुलपर चौराहा की ओर सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू कर दिया गया है ।बताया जा रहा है कि सीवरेज नेटवर्क और नाला निर्माण के बाद सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाएगा।

    नगर आयुक्त का क्या है कहना
    बिहारशरीफ के नगर आयुक्त तरनजोत सिंह का कहना है कि स्मार्ट सिटी द्वारा सीवरेज नेटवर्क पर काम किया जा रहा है । पाइप बिछाया जा चुका है। नालंदा लाइव को उन्होंने बताया कि सीवरेज का काम पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों को नाला के ऊपर से अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया जाएगा। खुद से अतिक्रमण नहीं हटाने पर नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाकर नाला का निर्माण किया जाएगा और उसके बाद सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी ।

  • महिला समेत 5 लोगों ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की.. जानिए क्यों ?

    नालंदा में महिला समेत पांच लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की । जिससे कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल हो गया । साथ ही पुलिस प्रशासन के हाथ पांव भी फूल गए । हालांकि वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने मामले को संभाल लिया ।

    मामला नालंदा जिला परवलपुर प्रखंड का है। परवलपुर प्रखंड कार्यालय के सामने समाजसेवी रामकली देवी के नेतृत्व में 5 लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। सभी ने भारी भीड़ के बीच में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कर आग लगाने की कोशिश की। जिससे कुछ देर के लिए अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया । हालांकि वहां से तैनात पुलिसकर्मियों ने किसी तरह माचिस के डिब्बे छीन लिए।

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    दरअसल,परवलपुर प्रखंड मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर सोनचरी गांव में 7 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। जिसे लेकर विवाद हो रहा है। सोनचरी गांव के लोग चाहते हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण यहीं हो। जबकि दूसरे पक्ष का मानना है कि अस्पताल का निर्माण सोनचरी गांव में नहीं प्रखंड मुख्यालय में हो। इसे लेकर ही पूरा बखेड़ा खड़ा हो गया है ।

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    गांव वालों का आरोप है कि जब 75 डिसमिल जमीन अस्पताल के लिए उपलब्ध करा दिया गया और किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होने पर जिलाधिकारी ने इसके निर्माण की स्वीकृति दी। इसके बावजूद कुछ लोग जबरन अब प्रखंड मुख्यालय के समीप अस्पताल बनाने की मांग कर रहे हैं । जो कि सरासर गलत है । अगर प्रखंड मुख्यालय के लोग आंदोलन के मूड में है तो हम लोग भी आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं ।

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    आत्मदाह करने वाले लोग सोनचरी गांव के बजाय प्रखंड मुख्यालय में अस्पताल बनाने की मांग कर रहे हैं । आत्मदाह की कोशिश के वहां मौजूद आलाधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया कि अस्पताल परवलपुर प्रखंड मुख्यालय में ही बनेगा । जिसके बाद आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन वापस लिया।