बेन (नालंदा दर्पण)।बेन थाना क्षेत्र के बेन बाजार में मामूली विवाद में एक पक्ष ने दूसरे के घर धावा बोलकर मारपीट की और फायरिंग कर सनसनी फैला दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बेन बाजार निवासी सुधा देवी पति सुधीर प्रसाद ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शुक्रवार की शाम मामूली सी बात को लेकर बेन निवासी राजीव कुमार उर्फ गांधी पिता रघुनी प्रसाद से कहासुनी हुई।
कुछ समय बाद राजीव कुमार उर्फ गांधी दो अन्य बदमाशों लल्लू कुमार पिता अणु प्रसाद एवं गणेश कुमार पिता अरविन्द प्रसाद के साथ आए और मारपीट करने लगे।
विरोध करने पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग भी की। अच्छा रहा कि गोली घर के दरवाजे में लगी। फायरिंग की आवाज सुनकर मोहल्ले वासियों में हड़कंप मच गया।
घटना की सूचना पर बेन पुलिस पहुंची और छानबीन करने लगी। इस दरम्यान पुलिस को एक कारतूत की खोखा मिली।
थानाध्यक्ष जयकिशन कुमार ने बताया कि मामले में तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट, बलवा करने, जानलेवा हमला समेत अन्य गंभीर धाराओं जैसे 307, 323, 341, 325, 427, 504, 506 एवं 34 में केस दर्ज किया गया है।
नालंदा दर्पण डेस्क। जब भी दुनिया के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों की बात आती है तो “नालंदा विश्वविद्यालय” का नाम सबसे ऊपर आता है। बिहार की राजधानी पटना से लगभग 120 किमी दक्षिण-उत्तर में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। इतिहासकारों के अनुसार, यह भारत में उच्च शिक्षा का सबसे […]
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नालंदा दर्पण डेस्क। जब भी दुनिया के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों की बात आती है तो “नालंदा विश्वविद्यालय” का नाम सबसे ऊपर आता है।
बिहार की राजधानी पटना से लगभग 120 किमी दक्षिण-उत्तर में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं।
इतिहासकारों के अनुसार, यह भारत में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और विश्व प्रसिद्ध केंद्र था। बिहार के नालंदा जिला में स्थित इस विश्वविद्यालय में आठवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के बीच दुनिया के कई देशों के छात्र इस विश्वविद्यालय में पढ़ने आते थे।
इस विश्वविद्यालय में कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, फ्रांस और तुर्की से छात्र आते थे।
आज वह विश्वविद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है। अगर एक नजर इतिहास पर डाल दूं तो 1199 में, तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को जलाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया था।
कुछ इतिहासकार बताते हैं कि, इस विश्वविद्यालय में इतनी किताबें थीं कि पूरे तीन महीने तक आग जलती रही। नालंदा विश्वविद्यालय के अतीत और उसके गौरवशाली इतिहास को सभी को जानना चाहिए। नालंदा प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध केंद्र था।
बौद्ध काल में भारत शिक्षा का केंद्र था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम (450-470) ने की थी। नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक, इस विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की।
यहां इतनी सारी किताबें रखी हुई थीं कि उन्हें गिनना आसान नहीं था। इस विश्वविद्यालय में हर विषय की पुस्तकें मौजूद थीं।
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए तीन सौ कमरे, सात बड़े कमरे और नौ मंजिला पुस्तकालय था, जिसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें थीं।
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था, जिसमें एक मुख्य प्रवेश द्वार था।
नालंदा विश्वविद्यालय बहुत प्राचीन है ओर उस समय की पढाई ओर आज की पढाई में ज़मीन आसमान का अंतर है। नालंदा से निकलने वाले एक-एक अभ्यात्री कुशल होते थे। मगर अब यह सिर्फ़ एक धरोहर मात्र हैं।
राजगीर (नालंदा दर्पण)। महावीर और गौतम बुद्ध की धरती नालंदा के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक दिन रहा। नालंदा के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगातार प्रयास से पतित पावनी गंगा का जल आखिरकार अपने मूल मार्ग से सौ किलोमीटर दूर और लगातार ऊंचाई पर चढ़ते हुए राजगीर तक आ पहुंचा है। इससे नालंदा जिले के लोगों को सालों भर पीने के लिए पर्याप्त जल मिल सकेगा। आज रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना का लोकार्पण किया।
नालंदा के अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हर घर में गंगा अवतरित हो गई।सीएम नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर गंगाजल का उद्घाटन किया।लगभग 4475 करोड़ की लागत से हर घर गंगाजल आपूर्ति योजना का शुभारंभ हो गया।
सीएम नीतीश कुमार ने अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनका प्रयास था कि हर घर को गंगा जी का पानी पर्याप्त रूप से मिलें इस पर वे वर्षों से सोच रहे थे, जो आज धरातल पर पहुंच गया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर के लिए बहुत से काम किए हैं। गंगा की धारा यहां आने से लोगों को काफी सुविधा होगी। हर तरह की जरूरतों के लिए जल घर तक उपलब्ध होगा। एक व्यक्ति को 135 लीटर पानी घर पर ही मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर कन्वेशन सेंटर पूरा बिहार में पहली बार राजगीर में बना। देश में इसकी चर्चा हुई। नेचर सफारी, जू सफारी घोड़ा कटोरा से लेकर कई काम राजगीर के लिए किए। किसी को जाने-आने में समस्या न हो इसके लिए भी सुविधा दी गई।
उन्होंने कहा कि राजगीर बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है। यहां भगवान बुद्ध का आगमन हुआ। उनकी धरती रही है। साथ ही यह ज्ञान की धरती भी रही है।
नीतीश कुमार ने कहा कि अब एक ही काम बचा है। जरासंध के अखाड़े के पास जरासंध स्मारक बनवाया जाएगा। इससे पर्यटकों का ज्ञानवर्धन होगा। नीतीश ने कहा कि अब कोई चीज नहीं बची है।
बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इस योजना को पूरा करने का सारा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। मुख्यमंत्री बोलने में नहीं, बल्कि काम करने में विश्वास करते हैं। महागठबंधन की सरकार आम लोगों की जरूरत के हर मसले पर काम कर रही है। हर घर गंगाजल से राजगीर के लोगों को भरपूर फायदा मिलेगा।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इंजीनियर होने का फायदा बिहार को मिल रहा है। बिल गेट्स का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के जल जीवन अभियान की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है।
उन्होंने कहा कि तीन साल से कम समय में राजगीर की यह योजना पूरी हुई है। एक बोतल गंगा जल लेने के लिए लोग सौ-दो सौ किलोमीटर तक जाते हैं। अब नीतीश कुमार की कोशिश से लोगों को 100 किलोमीटर दूर नहाने के लिए भी गंगा का जल मिलेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी संबोधित किया किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को पूरा देश पुकार रहा है। इतना सुनते ही हॉल में मौजूद महागठबंधन कार्यकर्ता नीतीश ने जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
श्रवण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने न केवल राजगीर गंगा जल आपूर्ति योजना, बल्कि शराबबंदी, बालिका साइकिल योजना जैसी न जाने कितनी ऐसी पहल की, जिनका अनुकरण करना पूरा देश चाहता है।
कार्यक्रम में बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, नेलंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार अग्रवाल के साथ ही जेडीयू और आरजेडी के कई नेता मौजूद थे।
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राजगीर (नालंदा दर्पण)। रविवार को नालंदा एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘गंगाजल आपूर्ति योजना का राजगीर से रविवार दोपहर बाद लोकार्पण करेंगे।साथ ही वे ‘हर घर गंगाजल’ योजना का भी शुभारंभ करेंगें।
बताते चलें कि गंगा नदी के बाढ़ का पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर,उसे शोधित कर पेयजल के लिए हर घर गंगाजल पहुंचाने का काम राजगीर से शुरू होना है ।
रविवार को गंगाजल आपूर्ति योजना लोकार्पण के मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव,वित वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा के अलावा सासंद तथा नालंदा के कई विधायक भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री सोमवार को गया एवं बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे। जबकि दूसरे चरण में जून में नवादा में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
जल जीवन हरियाली मिशन के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने इस अनूठी परिकल्पना की नींव रखी थी। 2019 में गया में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘गंगा जल आपूर्ति योजना ‘पर मुहर लगाई गई थी।
गंगाजल पाइपलाइन के जरिए 151किमी सफल तय करके राजगीर, गया एवं बोधगया के जलाशयों तक पहुंचाया गया है। जहां से शोधित कर शुद्ध पेयजल के जरिए रोज लाखों घरों तक पहुंचाया जाएगा।
सीएम नीतीश कुमार रविवार को राजगीर में कुछ चिह्नित घरों में भी जाएंगे तथा गंगाजल का सेवन कर इस योजना का शुभारंभ करेंगे। राजगीर के आठ हजार घरों में गंगाजल का पानी पहुंचाने का दावा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कर रहा है।
राजगीर डिटेंशन टैंक से पानी को शुद्ध कर प्रतिदिन पांच लाख मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है।फेज वन में राजगीर के 8031 घरों में पानी पहुंच चुका है।
सीएम नीतीश के राजगीर आगमन को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। खबर है कि मोतनाजे में उद्घाटन समारोह के पहले गंगा आरती होगी। उसके बाद सीएम नीतीश कुमार वार्ड 19 में जाकर इस ऐतिहासिक योजना का लोकार्पण करेंगे।
बेन (रामावतार कुमार)।नालंदा जिले के बेन प्रखंड में दर्जनों ऐसे व्यक्ति हैं जो फर्जी सर्टिफिकेट पर सरकारी शिक्षक बने हैं। जिसमे कई पकड़े गए हैं और उनपर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। फर्जी सर्टिफिकेट धारियों को नौकरी दिलाने के पीछे जिस मास्टर माइंड का हाथ रहा वो कोई और नहीं एक शिक्षक हीं है।
★ क्या है मामला:
फर्जी शिक्षक बहाली मामले में मनीष कुमार, उ० मध्य विद्यालय रामगंज, निरंजन कुमार, मध्य विद्यालय एकसारा, रीना कुमारी, प्रा० विद्यालय रसुल्ला, सत्या कुमारी, प्राथमिक विद्यालय लालगंज की गिरफ्तारी के बाद अन्य फर्जी शिक्षकों में खलबली मच गई थी।
बीआरसी से लेकर प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। चर्चा यह भी होने लगा कि फर्जी बहाली में बीआरसी का एक शिक्षक हीं मुख्य सरगना है। जो दर्जनों फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना दिया और अकूत संपत्ति बना ली।
इतना हीं नहीं प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक बहाली मामले में भारी गड़बड़ी की शिकायत है। सूत्रों की मानें तो अभी भी मनीष कुमार जैसे दर्जनों से अधिक फर्जी शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं।
★ क्या है पूरा मामला:
पंचायती राज व्यवस्था में सरकार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली करने का जिम्मा पंचायत सचिव, बीडीओ, बीईओ, प्रमुख एवं मुखिया को दिया गया था। लेकिन प्रखंड के पदाधिकारियों, नियोजन इकाईयों एवं सरगना शिक्षक के इशारे पर शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंक अयोग्य अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक बना दिया और मोटी रकम लेकर फर्जी सर्टिफिकेट धारी को गुरुजी बना दिया।
बीडीओ, बीईओ, प्रमुख, पंचायत सचिव एवं अन्य समिति में शामिल लोगों ने मनीष कुमार समेत दर्जनों की बहाली कर दी। जब वर्ष 2019 में फर्जी सर्टिफिकेट धारियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रमण्डलीय आयुक्त पटना को दी गई तो जांच में पाया गया कि मनीष कुमार एवं अन्य का प्रमाणपत्र किसी दूसरे व्यक्ति का है।
तत्पश्चात पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने मनीष कुमार, सत्या कुमारी, निरंजन कुमार एवं रीना कुमारी के विरुद्ध बेन थानें में कई सुसंगत धाराओं 420, 467, 468, 471, 477A, 193, 120 बी के तहत 134/19 प्राथमिकी दर्ज कराई गई। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।लेकिन आज के दिनों में पुनः फर्जी प्रमाण पत्र धारी मनीष कुमार सरकारी शिक्षक बन बैठा है।
★ इन शिक्षकों पर हुआ मामला दर्ज:
1.मनीष कुमार, प्रखंड शिक्षक उ० म० विद्यालय, रामगंज, बेन थाना।
2.निरंजन कुमार, प्रखंड शिक्षक मध्य विद्यालय एकसारा, बेन थाना।
3.सत्या कुमारी, पंचायत शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय लालगंज, बेन थाना।
4.रीना कुमारी, पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय, रसुल्ला, बेन थाना।
इस संबंध में जब बीडीओ अजमल परवेज से बात की गई तो कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/2022 के आदेशानुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजा गया।
वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किरण ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/22 के आलोक में ज्ञापांक 359 दिनांक 8/8/22 निर्गत कर प्रधानाध्यापक को योगदान लेने का निर्देश दिया गया है।
बेन (रामावतार कुमार)। बेन अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के संरक्षण में अनाधिकृत व्यक्ति (दलाल) कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन करते नजर आते हैं। मजबूरी में लोगों को अपने कार्य के लिए इन दलालों का हीं सहारा लेते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि हरेक कर्मचारी एक-एक दलाल रखते हैं। यह सब कार्य अंचलाधिकारी के अधिनस्थ कर्मचारी के रूप में होता है। जाहिर है कि इन्हें वेतन तो सरकार देती नहीं, भ्रष्टाचार कर ये लोग मोटी रकम वसूलते और आम आदमी का काम बिना पैसे का नहीं होता।
हद तो यह है कि राजस्व कर्मचारी भी सरकारी दस्तावेजों को दलालों को सौंप देते हैं। जिसके कारण अनाधिकृत व्यक्ति, गैर जिम्मेदार लोग सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करते हैं।
दलालों को सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने का हक देना कैसे न्याय संगत है। इन सारे सवाल पर अंचलाधिकारी कुछ नहीं बता पाते तो दूसरी ओर जिले एवं अनुमंडल के पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता।
बहरहाल आप भी देख सकते हैं कि संध्या काल में नाजीर संतोष कुमार के कक्ष में एवं अंचल कार्यालय में किस प्रकार दलाल पप्पू कुमार नामक व्यक्ति रजिस्टर टू एवं अन्य दस्तावेजों को उलटफेर करते हैं।
इस बाबत एकसारा पंचायत के खेदुविगहा निवासी सतेन्द्र सिंह, खैरा पंचायत के विवेक कुमार व अन्य ने कहा कि अंचल में ज्यादातर कार्य दलालों के माध्यम से हीं होता है।
उन्होंने अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा सरकारी कार्य किए जानें पर भी आपत्ति जताई और कहा कि अवैध तरीके से इन लोगों द्वारा कार्य किया जाना रजिस्टर से छेड़छाड़ किया जाना कतई उचित नहीं है।
नालंदा दर्पण डेस्क।24 नवम्बर 2022 स्वयं सेवी संस्था वीरायतन राजगीर के द्वारा लगातार सरकारी भूमि को अतिक्रमण करने एवं दुकानदारों को उजाड़ने के मामला को लेकर नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के राज्य समन्वयक सह केकेसी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान के नेतृत्व में वीरायतन राजगीर के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया।
मौके पर डॉ पासवान ने कहा कि पथ विक्रेता कानून अधिनियम 2014 का वीरायतन के द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इनके द्वारा लगातार सरकारी जमीन को कब्जा किया जा रहा है और दुकानदारों को उनके रोजगार से बेदखल किया जा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था भी वीरायतन को ही सहयोग करने में जुटी है, जिसके कारण आज गुरुवार को दुकानदारों का गुस्सा फूटा है।
फुटपाथ दुकानदार जो लगातार 40 से 50 वर्षों से एक ही स्थान पर अपनी रोजी-रोटी का व्यवस्था कर रहे दुकानदारों को हटाने का साजिश रची जा रही है, इसे संगठन कतई बर्दास्त नहीं करेगा।
आज एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया है तथा अपनी मांग को कार्यपालक पदाधिकारी के पास सौंपा जाएगा। वीरायतन के द्वारा इस तरह के रवैया रहा तो आने वाले दिनों में नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के तमाम दुकानदार राजगीर शहर में अपने-अपने दुकानों को बंद कर वीरायतन के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।
डॉ पासवान ने कहा कि वर्ष 2012 में भी नगर परिषद राजगीर के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर निवेशन प्राधिकार के द्वारा अर्जित 00.61 एकड़ भूमि को जैन धर्म की सबसे बड़ी संस्था वीरायतन राजगीर नालन्दा के द्वारा कब्जा कर लिया गया। जिसे अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए नगर पंचायत राजगीर के पत्रांक – 631 दिनांक-21.12.2012 के द्वारा नोटिस कर खानापूर्ति तो की गई लेकिन आज तक कोई भी पदाधिकारी उक्त जमीन को वीरायतन से अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाया।
वीरायतन सेवा के नाम पर खानापूर्ति के लिए शुल्क राशि को डोनेशन दिखाकर बिहार सरकार/भारत सरकार, इंडियन जैन डोनर, विदेशी जैन डोनर, एवं आम जन मानस को ठग रहा है तथा सरकार के टैक्स को भी चूना लगा रहा है। इस तरह से व्यापार का सिलसिला जारी है ।
इस अवसर पर जन कल्याण मंच एक आवाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान, भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष रजनीश पासवान, अधिवक्ता आलोक कुमार, रंजीत चौधरी, नरेश प्रसाद, राकेश पासवान, रवि कुमार, उपेंद्र कुमार, अजय यादव, राघो देवी, भूषण राजवंशी, इंदल राजवंशी, नगर विक्रय समिति के सदस्य रेखा देवी सहित सैकड़ों की संख्या में फुटपाथ दुकानदार उपस्थित थे।
नालंदा दर्पण डेस्क। दिल्ली पुलिस ने नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र से ओला कंपनी की एजेंसी देने के नाम पर करोड़ों की ठगी के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
उसके साथ एक अन्य सहयोगी को भी शेखपुरा जिला से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दोनों को अपने साथ ले गई। दोनों को दिल्ली में करीब 55 करोड़ की ठगी के मामले में पकड़ा गया है।
कतरीसराय थानाध्यक्ष शरद कुमार रंजन ने बताया कि कतरीसराय थाना पुलिस के सहयोग से दिल्ली साइबर सेल की टीम ने कार्रवाई करते हुए करोड़ों की ठगी में संलिप्त एक फ्रॉड को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित लक्ष्मीनारायण प्रसाद का पुत्र मनीष कुमार बताया गया है।
दिल्ली पुलिस आरोपित को ट्रांजिट रिमांड पर कोर्ट में पेशी के बाद अपने साथ ले गई। उसके साथ एक अन्य सहयोगी को शेखपुरा जिला से गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर जगदीप प्रसाद ने बताया कि फ्रॉड्स ने दिल्ली में ओला कंपनी की एजेंसी देने का झांसा देकर करीब 55 करोड़ की ठगी की है। जांच में 125 फ्रॉड्स की संलिप्ता सामने आई है। जिनमें बिहार के दो युवक भी शामिल हैं।
नालंदा दर्पण डेस्क।करीब साढ़े चार हजार लोग, पर भूगर्भीय जल की एक बूंद भी प्रयोग नहीं। इतना ही नहीं, डेढ़ वर्ष तक बारिश न हो, फिर भी यहां जल का कोई संकट नहीं होगा। यह नालंदा विश्वविद्यालय के जल प्रबंधन का चमत्कार है।
पटना से लगभग सौ किलोमीटर दूर 456 एकड़ में बन रहे नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के सौ एकड़ क्षेत्र में सिर्फ तालाब और वाटर स्टारेज प्लांट है। इनकी गहराई पांच मीटर तक है। इनमें 8.5 करोड़ लीटर पानी संरक्षित है। सौ एकड़ में 12 तालाब हैं।
यहां भूगर्भ से एक बूंद जल नहीं लिया जाता है। विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में इस समय यहां करीब साढ़े तीन हजार श्रमिक आदि रह रहे हैं। छात्र-शिक्षकों की संख्या भी करीब एक हजार है। इस समय यहां 32 देशों के छात्र अध्ययन कर रहे हैं। पानी की सारी आपूर्ति तालाबों से होती है।
यहां 20 लाख लीटर क्षमता का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। परिसर में एक भी बोरिंग नहीं है। नहाने से लेकर भोजन पकाने व पीने तक में इसी पानी का प्रयोग किया जाता है।
यहाँ एक व्यक्ति प्रतिदिन औसत 235 लीटर पानी खर्च करता है। विश्वविद्यालय में पानी को रिडायरेक्ट, रियूज, रिसाइकिल, रिनेटवर्किंग, इंटरकनेक्ट व लो फ्लो फिक्शर के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के अनुपात में 100 लीटर तक की बचत कर ली जाती है। आवश्यकताओं को कम नहीं किया जाता है, बल्कि उसी पानी को पुन: व्यवहार में लाया जाता है।
बेसिन व नहाने वाले पानी का प्रयोग फ्लश में किया जाता है। पानी में थोड़ी एयर मिक्स करके फ्लशिंग में भी पानी का खर्च कम करते हैं। एयर मिक्स करने से आधा लीटर पानी करीब एक लीटर पानी के बराबर काम करता है। प्रेशर के साथ पानी फैल जाता है, जिससे पानी व्यर्थ नहीं जाता।
पानी को शुद्ध करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट और चैंबर के किनारे पौधे भी लगाए गए हैं। केला समेत अन्य 27 तरह के पौधे पानी को साफ करने में मदद करते हैं। पौधों की जड़ें पानी में घुले नाइट्रेट व फास्फेट को खींच लेती हैं।
वाटर ट्रीटमेंट मशीन में भेजे जाने से पहले अधिक गंदे पानी को इन पौधों से गुजारा जाता है। इस तरीके से साफ हुए पानी का प्रयोग पौधों को सिंचित करने, परिसर में छिड़काव व फ्लश में किया जाता है। जहां तेजी से वाटर ट्रीटमेंट करना है, उसे मशीन में भेज दिया जाता है।