Category: Amit Shah

  • Amit Shah का बड़ा ऐलान – अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी हिंदी में.


    डेस्क : देश में पहली बार मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस कोर्स शुरू किया गया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को इसका शुभारंभ किया और चिकित्सा प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया। भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा समेत अन्य मंत्री व नेता मौजूद रहे।

    इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। गृह मंत्री ने कहा,’भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए आज का दिन बेहद अहम है। यह दिन इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में अंकित हो जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए पीएम मोदी ने छात्रों की मातृभाषा पर ज्यादा जोर दिया है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। मुझे गर्व है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश में सबसे पहले हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा शुरू कर प्रधानमंत्री मोदी के सपने को पूरा करने का काम किया है।

    गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,’आज का दिन उन लोगों के लिए गर्व का दिन है जो मातृभाषा के समर्थक हैं। भाजपा सरकार ने तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम शुरू कर इतिहास रच दिया है। सरकार के इस प्रयास ने उन लोगों को भी जवाब दे दिया है जो इस कदम को असंभव बता रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया उसकी मातृभाषा में ही होती है।

    नेल्सन मंडेला ने कहा था कि अगर आप किसी व्यक्ति से उसकी मातृभाषा में बात करते हैं, तो वह बात उसके दिल तक पहुंच जाती है। दुनिया भर के शिक्षाविदों ने मातृभाषा में शिक्षा को महत्व दिया है। भारत में भी हिंदी के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों की मातृभाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और लॉ की पढ़ाई होगी। विश्वास सारंग ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव हो रहा है। मध्य प्रदेश हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा शुरू करने वाला देश का पहला राज्य है।

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  • Amit Shah ने कहा – नीतीश बाबू.. मैं 1.35 लाख करोड़ का हिसाब लेकर आया हूं-अब आप अपने काम गिनाओ


    डेस्क : बिहार के पूर्णिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कार्यक्रम के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने 1.25 लाख करोड़ के पैकेज देने के वादे की याद भी दिलाई और कहा कि, नीतीश बाबू, मैं अपने किए गये वादों का हिसाब लेकर आया हूं.

    ‘मैं 1.35 लाख करोड़ रुपये का हिसाब लेकर आया हूं’ : गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, मुझे पता है कि नीतीश कुमार जी मेरा भाषण सुन रहे होंगे. मैं यहां किए गये वादों का हिसाब लेकर आया हूं. ये कहना चाहूंगा कि नीतीश जी, आप कलम लेकर बैठ जाइये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था. एयरपोर्ट, पर्यटन, पेट्रोलियम और गैस, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल, बिजली आदि क्षेत्रों में भी केंद्र सरकार ने घोषणा से ज्यादा खर्च किया.

    ‘पैसा अब डायरेक्ट account में आता है’ :

    ‘पैसा अब डायरेक्ट account में आता है’ : गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों की सरकार है. हर घर में शौचालय पहुंचाने का कार्य किया. कोरोना टीके लगाने के बाद 2 साल तक प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन मुफ्त देने का काम किया. सरकारी योजना का पैसा अब डायरेक्ट लोगों के एकाउंट में आता है. घरों में भी बिजली पहुंचाई है. गैस सिलेंडर देने का कार्य किया गया.

    चारा घोटाला करने वाले लोगों मंत्रालय मिला :

    चारा घोटाला करने वाले लोगों मंत्रालय मिला : गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब चारा घोटाला करने वाले लोगों को मंत्री बना दिया गया है. नीतीश कुमार CBI को बैन करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ये भूल गए कि इन्होंने ही CBI को आवेदन दिया था.पूरे बिहार में जंगलराज है. अब लालू और नीतीश कुमार की जोड़ी एक्सपोज हो चुकी है. ये लोग बिहार को आगे नहीं ले जाने वाले।

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  • अमित शाह आ रहे बिहार, तेजस्वी यादव के बाद मंत्री लेसी सिंह ने भी कह दिया-गृह मंत्री को ये सब थोड़े करने दिया जाएगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में लग गई है. वहीं भाजपा भी तैयारी में जुट गई है. इसी सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अमित शाह 23 सितंबर को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. अमित शाह के दौरे को लेकर आरजेडी-जदयू हमलावर है. तेजस्वी यादव और ललन सिंह कह चुके हैं अमित शाह बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए आ रहे हैं. लेकिन यहां के लोग सतर्क हैं. अब बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने भी कह दिया कि अमित शाह को बिहार के सौहार्द को बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा.

    अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर जदयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि गृह मंत्री के सीमांचल दौरे पर नजर रहेगी. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार बिहार के सौहार्द को बिगड़ने नहीं देंगे. वहीं लेसी सिंह ने कहा कि सीमांचल के लिए कई घोषणाएं जो बाकी है, अमित शाह उसको पूरा करें. पीएम मोदी ने पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने की बात कही थी. गृह मंत्री पूर्णिया में एयरपोर्ट की घोषणा पूरी करें. मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां कोई भी आ सकते हैं और कहीं जा सकते हैं. इसमें हमारी पार्टी की तरफ से कभी नहीं कहा गया है कि कोई क्यों आ रहे हैं नहीं रहे हैं. लेकिन आ रहे हैं तो जो वादा किए थे प्रधानमंत्री उसको पूरा करके जाएं. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जो हमारी पार्टी और सभी पार्टी के लोग वर्षों से मांग रहे हैं वो तो देते जाएं.

    इससे पहले तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि लोकतंत्र है कोई भी आ सकता है. उन्होंने कहा कि अमित शाह के आने पर लोग यह जानने चाहेंगे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादे का क्या हुआ, दो करोड़ रोजगार के वादे को लेकर भी सवाल होंगे. इसके साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि लोगों को खाते में 15 लाख आए या नहीं. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोग पूरी तरह सचेत हैं. महागठबंधन की सरकार उन्माद फैलाने की किसी तरह की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी.

    वहीं बिहार दौरे को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अमित शाह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अमित शाह बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए बिहार आ रहे हैं. बिहार के लोग सतर्क हैं. उनके आने से यहां के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें कि 23 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. वो 23 सितंबर को पूर्णिया में बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा और 24 सितंबर को अमित शाह किशनगंज जायेंगे. वो वहां भी एक जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह के दौरे को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी की शुरुआत माना जा रहा है.

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  • बिहार में नहीं चलेगा अमित शाह का दांव, पप्पू यादव खुलकर बोले-यहां बैठे-बैठे सरकार बदल जाती है

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार आने वाले हैं. राजनीतिक गलियारों के जानकार इस दौरे को बिहार मिशन के रूप में देख रहे हैं. वहीं अमित शाह के दौरे से पहले ही बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. इस बीच जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने अमित शाह के दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अमित शाह का जादू बिहार में चलने वाला नहीं है. क्योंकि सीमांचल और कोसी में कंप्लीट रूप से ओबीसी दलित माइनॉरिटी कमजोर तबके ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है. जो उनकी आइडियोलॉजी की राजनीति से मेल नहीं खाता है.

    पप्पू यादव ने कहा कि जो अत्यंत पिछड़ा का वोट है, वह कंप्लीट आपके आइडियोलॉजी से मेल नहीं खाता है. जो माइनॉरिटी, दलित, यादव या अन्य लोग आपके विचारधारा से मेल नहीं खाता है. आप सीमांचल के दौरे पर वही अपनी पुरानी राग को अपनाएंगे. कहेंगे बांग्लादेशी, घुसपैठ व सीमांचल लगातार देश के लिए खतरा बनता जा रहा है. आप हमेशा मुद्दे से क्यों भटक जाते हैं. पप्पू यादव ने कहा कि ये सीमांचल और बिहार में अमित शाह एक बात आपको बता दूं कि बिहार में ना तो कोई रिसोर्ट गया, ना किसी प्रकार का कोई अन्य खर्च हुआ. फिर भी बैठे-बैठे सरकार बदल गई.

    पप्पू यादव ने अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि देश के कई राज्य जैसे कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र के विधायक व नेताओं को ले गए. अब झारखंड पर वार कर रहे हैं. इस तरह की राजनीति बिहार में नही चलने वाला है. बिहार का जीन हिंदू मुसलमान जाति से थोड़ा हटकर है. इसीलिए नीतीश कुमार बीजेपी के साथ रहकर भी सेकुलर वाला अपना इमेज बनाए रखा और उनके एजेंडे को कभी लागू नहीं होने दिया. वहीं उन्होंने कहा कि अमित शाह जी आप कितना भी चाह ले बिहार में आप जहर पैदा नहीं कर सकते हैं.

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  • बिहार में सरकार गिरने के बाद दिल्ली में BJP का मंथन, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेता मौजूद

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार के कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार भी हो गया. उधर बिहार के सियासी हालात को लेकर दिल्ली में बिहार बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हो रही है. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रास्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद हैं. बीजेपी मुख्यालय में हो रही इस बैठक में बिहार में बीजेपी की विपक्ष की भूमिका और उनके द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही बिहार बीजेपी के नए प्रमुख के चयन, विधानसभा और विधान परिषद में एलओपी के चुनाव पर चर्चा की उम्मीद बैठक में जताई जा रही है. बैठक में जेपी नड्डा, तार किशोर प्रसाद, गिरिराज सिंह, शाहनवाज हुसैन, सुशील मोदी और अश्विनी चौबे समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं.

    दरअसल बिहार में सरकार से बाहर होने के बाद भाजपा की चुनौती फिलहाल नेता प्रतिपक्ष चुनने की है. जिसको लेकर दिल्ली में बैठक बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि कोर कमेटी में नामों पर मंथन के बाद केन्द्रीय नेतृत्व इसपर फैसला करेगा. 2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद तारकिशोर प्रसाद को पार्टी ने उप मुख्यमंत्री बनाया, साथ ही विधानसभा में पार्टी नेता का जिम्मा भी मिला, वहीं विधान परिषद में नवल किशोर यादव उप नेता बनाए गए थे. विधान सभा और विधान परिषद में दोनों सदनों में बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, भाजपा को फिलहाल इस चुनौती से पार पाना होगा. नेता विपक्ष का जिम्मा तारकिशोर प्रसाद ही संभालेंगे या किसी और को यह दायित्व मिलेगा. माना जा रहा है कि इस बैठक में फैसला हो जाएगा.

    बता दें कि वर्ष 2013 में जब जदयू ने भाजपा से किनारा किया था तब तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भाजपा विधानमंडल दल तथा विप में नेता का दायित्व संभाला था. वहीं विधानसभा में वरिष्ठ विधायक नंदकिशोर यादव ने बतौर नेता विपक्ष मोर्चा संभाला था. वहीं 2015 के चुनाव के बाद एकबार फिर जब भाजपा विपक्ष में रही तो सुशील मोदी का जिम्मा पूर्ववत रह गया जबकि नंदकिशोर यादव की जगह डॉ. प्रेम कुमार विस में नेता विपक्ष बने. तारकिशोर प्रसाद विधानसभा में भाजपा के नेता हैं, लेकिन कई और नाम इस पद की होड़ में चल रहे हैं. नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार व अमरेन्द्र प्रताप सिंह से लेकर नितिन नवीन व विजय सिन्हा तक का नाम चल रहा है.

    बतातें चलें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है. मंगलवार को पटना स्थित राजभवन में नीतीश कैबिनेट के 31 नए मंत्रियों ने शपथ ली. जिसमें सबसे अधिक 16 मंत्री आरजेडी से हैं जबकि जेडीयू कोटे से 11, कांग्रेस से दो और एक निर्दलीय तथा हम पार्टी से एक विधायक शामिल हैं. नीतीश मंत्रिमंडल में यादव-मुस्लिम का दबदबा है. नीतीश सरकार को अगर जाति के आधार पर देखा जाए तो सबसे अधिक 8 संख्या यादवों की है. राजद ने 7 जबकि जदयू ने 1 यादव को मंत्री बनाया है. इसके बाद दूसरे स्थान पर मुस्लिम आबादी है. इस समुदाय से 5 लोग नीतीश सरकार में मंत्री बने हैं.

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