Category: Anand Mohan

  • बिहार में कोई जंगल राज नहीं, आनंद मोहन की बात करते हैं,अटल-आडवाणी उनके घर जाते थे, पप्पू यादव के बेबाक बोल

    लाइव सिटीज पटना: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने शुक्रवार को बीजेपी पर जमकर हमला बोला और एनडीए की सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि आनंद मोहन पेशी के लिए पटना आए थे. अगर अपने घर चले गए और सहरसा जेल लौटते समय खगड़िया सर्किट हाउस में रुके तो इसमें कौन सी बड़ी बात है?. इतना ही नहीं जाप सुप्रीमो ने 90 के दशक का जिक्र करते कहा कि अटल, आडवाणी आनंद मोहन के पास गए थे और उनकी पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी के साथ गठबंधन किया था. उस समय आनंद मोहन बीजेपी के लिए बुरे नहीं थे. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में जब तक नीतीश और बीजेपी की सरकार थी तब तक अनंत सिंह, मुन्ना शुक्ला, सुनील पांडेय रात में जेल से घर आ जाते थे और जेल चले जाते थे. उस समय तो बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं होती थी.

    नीतीश-तेजस्वी सरकार का बचाव करते हुए जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है तो बीजेपी जानबूझकर महागठबंधन सरकार और उसके मंत्रियों की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है. पप्पू यादव ने कहा कि अमित शाह को कोर्ट ने तड़ीपार किया था. योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चल रहा. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर कई मामले हैं. आडवाणी पर बाबरी मस्जिद तुड़वाने का आरोप है. अटल जी ने मोदी को कहा था कि राजधर्म का पालन करिए. यह सब बीजेपी को नहीं दिख रहा है?

    बीजेपी के जंगल राज के आरोप पर पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में पहले भी हत्या और अपहरण होता था, लेकिन अब बीजेपी जानबूझकर माहौल बना रही है कि बिहार में जंगलराज आ गया है. नीतीश से ईमानदार इस देश में कोई नहीं है. साथ ही उन्होंने सीएम से अपील करते हुए आग्रह किया कि दागी मंत्रियों को हटाएं. उन्होंने कहा कि बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए. वो कानून मंत्री बनने के लायक नहीं हैं. तेजस्वी-तेज प्रताप पर उठ रहे सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि तेज प्रताप अपने जीजा शैलेश और तेजस्वी अपने सलाहकार संजय यादव को मंत्रालय की बैठक में ले जा रहे हैं, यह गलत है. लालू परिवार को इन सब से बचना चाहिए. यह लोग ऐसा कोई काम न करें जिससे आम लोग यादव समाज को गाली दे. यादव, भूमिहार समाज के कई अच्छे लोग महागठबंधन में हैं.

    महागठबंधन सरकार में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर बीजेपी चावल घोटाले में शामिल होने का आरोप लग रही है. इस मामले में जाप सुप्रीमो ने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चावल घोटाले में जब सुधाकर सिंह शामिल थे तब बिहार में बीजेपी-जेडीयू की सरकार थी और सुशील मोदी सुधाकर सिंह से जेल में मिलने गए थे. सुशील मोदी बताएं कि क्यों मिलने गए थे? अब सुशील मोदी महागठबंधन पर हमला बोल रहे हैं. दरअसल सुशील मोदी महागठबंधन सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाया है और नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.

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  • बिहार: जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन को पटना की सैर कराने वाले दारोगा सहित 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को पटना की सैर कराना पुलिसवालों के लिए खासा महंगा साबित हुआ है. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में सजा काट रहे आनंद मोहन को उनके निजी आवास सहित अन्य जगहों पर ले जाने के मामले में सहरसा पुलिस के छह जवान सस्पेंड कर दिए गए हैं. सहरसा की एसपी लिपि सिंह ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सहरसा पुलिस के 6 जवानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. दरअसल ये सभी पुलिसकर्मी आनंद मोहन को सहरसा से कोर्ट में पेशी के लिए पटना लेकर पहुंचे थे. लेकिन पूर्व सांसद लाव-लश्कर के साथ पटना वाले अपने आवास पहुंच गए और वहां अपना दरबार सजा लिया.

    एसपी लिपि सिंह ने जांच में प्रथम दृष्ट्या मामले को सत्य पाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. दरअसल आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को बीते 12 अगस्त को पेशी के लिए पटना लाया गया था. जहां पेशी के बाद सहरसा मंडल कारा जाने की बजाय वो अपने पटना स्थित निजी आवास पहुंच गए और पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद, बेटे शिवहर से राजद विधायक चेतन आनंद और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया था. जिसके बाद सहरसा एसपी लिपि सिंह ने मुख्यालय डीएसपी को जांच का आदेश दिया था.

    मुख्यलय डीएसपी की जांच रिपोर्ट में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. डीएसपी मुख्यालय की अनुशंसा पर एसपी लिपि सिंह ने दोषी पाए गए सभी 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. मामले में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों में दारोगा संतोष कुमार, कांस्टेबल राजू कुमार गुप्ता, कांस्टेबल शिव प्रकाश कुमार, सिपाही दिनेश कुमार, सिपाही राजू कुमार और सैप ड्राइवर रविंद्र सिंह का नाम शामिल हैं. दरअसल रक्षाबंधन के दिन यानी 12 अगस्त को आनंद मोहन को पुलिस अभिरक्षा में सिविल कोर्ट में एक मामले में पेशी के लिए लाया गया था. इसी बीच आनंद मोहन पुलिस सुरक्षा में ही अपने परिवार के लोगों से मिलने पहुंच गए. अपने पाटलीपुत्र स्थित आवास पहुंचने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपने समर्थकों के साथ बैठक भी की. आनंद मोहन के साथ उनकी पत्नी और उनके राजद से विधायक बेटे चेतन आनंद भी मौजूद रहे.

    बता दें कि आनंद मोहन के अपने पटना स्थित आवास पहुंचने के लेकर पुलिस पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जब पुलिस अभिरक्षा में पूर्व सांसद को पेशी के लिए लाया गया था, तो वे अपने निजी आवास पर कैसे पहुंच गए. जानकार की माने तो जेल मैन्यु्अल के मुताबिक किसी कैदी को अपने वर्तमान जेल से बाहर के जिलों के कोर्ट में सीधे पेशी के लिए लाया जाता है. यदि किसी वजह से देर हुई या अगले दिन बहस होने की नौबत आती है तो कैदी को उसी स्थानीय कोर्ट के अंदर पड़ने वाले जेल में ले जाना होता है. वहीं इस मामले पर बीजेपी का कहना है कि महागठबंधन सरकार बनते ही जंगलराज वापस आ गया है.

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  • जेल में बंद आनंद मोहन की तस्वीर वायरल होते ही महागठबंधन की सरकार पर उठने लगे सवाल, BJP बोली-जंगल राज आ गया

    लाइव सिटीज पटना: आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन की एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसको लेकर महागठबंधन की नई सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. बीजेपी का कहना है कि बिहार में फिर भी जंगल राज वापस आ गया है. दरअसल गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी हालांकि ऊपरी अदालत ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. तब से वे जेल में बंद हैं. बताया जा रहा है कि बीते दिनों आनंद मोहन को पुलिस अभिरक्षा में पेशी के लिए पटना लाया गया था. लेकिन पूर्व सांसद लाव-लश्कर के साथ पटना वाले अपने आवास पहुंच गए और वहां अपना दरबार सजा लिया.

    मिली जानकारी के अनुसार यह घटना रक्षाबंधन के दिन यानी 12 अगस्त की बताई जा रही है. उस दिन आनंद मोहन को पुलिस अभिरक्षा में सिविल कोर्ट में एक मामले में पेशी के लिए लाया गया था. इसी बीच आनंद मोहन ने पुलिस सुरक्षा में ही अपने परिवार के लोगों से मिलने पहुंच गए. अपने पाटलीपुत्र स्थित आवास पहुंचने के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपने समर्थकों के साथ बैठक भी की. आनंद मोहन के साथ उनकी पत्नी और उनके राजद से विधायक बेटे चेतन आनंद भी मौजूद रहे. ऐसे में इस तस्वीर के सामने आने पर लोह कह रहे हैं कि जेल में रहते हुए भी उनके क्या जलवे हैं. वहीं पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि जब पेशी के लिए लाया गया था तो आनंद मोहन अपने निजी आवास पर कैसे पहुंच गए?

    आनंद मोहन के अपने पटना स्थित आवास पहुंचने के लेकर पुलिस पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जब पुलिस अभिरक्षा में पूर्व सांसद को पेशी के लिए लाया गया था, तो वे अपने निजी आवास पर कैसे पहुंच गए. जानकार की माने तो जेल मैन्यु्अल के मुताबिक किसी कैदी को अपने वर्तमान जेल से बाहर के जिलों के कोर्ट में सीधे पेशी के लिए लाया जाता है. यदि किसी वजह से देर हुई या अगले दिन बहस होने की नौबत आती है तो कैदी को उसी स्थानीय कोर्ट के अंदर पड़ने वाले जेल में ले जाना होता है.

    आनंद मोहन मामले पर आरजेडी उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता तनवीर हसन ने कहा कि आनंद मोहन की तस्वीर परिवार व समर्थकों के साथ जो आई है वह 12 तारीख की है या उसके पहले की इसकी जांच होनी चाहिए. महागठबंधन सरकार को बीजेपी बेवजह बदनाम कर रही है. सत्ता से बाहर होने के बाद से बीजेपी बौखलाई हुई है. वहीं बिहार बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनते ही जंगलराज वापस आ गया है. आनंद मोहन का इस तरह खुलेआम घूमना उसका ताजा उदाहरण है. उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. अन्य अपराधी भी अब इसी तरह खुलेआम घूमेंगे. आम जनता डरी हुई है.

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